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सौजन्य- मनोहर कहानियां

यह सुनीता ठाकुर के साथ मिला हुआ था. जय कुमार ने कोतवाली के 4 पुलिसकर्मियों के साथ मिल कर एक गैंग तैयार कर लिया था. इस गैंग का काम वसूली करना ही था. भोलेभाले लोगों को डराधमका कर ये रुपयों की वसूली करते थे.

होशंगाबाद थाने के एसआई जयकुमार नलवाया का भ्रष्टाचार व अन्य विवादित मामलों से पुराना नाता रहा है.

करीब एक साल पहले रेत की अवैध वसूली के आरोप भी उन पर आरोप लगे थे. तब इटारसी के रामपुर थाने से एसआई नलवाया को हटाया गया था.

अवैध वसूली को ले कर लोकायुक्त पुलिस ने रामपुर थाने के कुछ स्टाफ को रिश्वत लेते पकड़ा था. इस में जय नलवाया का नाम ले कर कुछ पुलिसकर्मी ढाबे वाले से रुपए वसूल रहे थे.

इस घटनाक्रम का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इस आधार पर जय कुमार नलवाया को रामपुर से हटा कर पुलिस लाइन में अटैच कर दिया था.

बाद में वह होशंगाबाद के सिटी थाने में तैनात किया गया. अभी भी लोकायुक्त भोपाल में केस का फैसला नहीं हुआ है.

बहनभाई दोनों पुलिसकर्मी थे इस गैंग में थाने की महिला हैडकांस्टेबल ज्योति मांझी और कांस्टेबल मनोज वर्मा (मांझी) दोनों रिश्ते में भाईबहन हैं. लंबे समय से दोनों होशंगाबाद जिला मुख्यालय पर ही तैनात हैं.

ज्योति मांझी का पति अशोक मांझी भी पुलिस में है. हनीट्रैप गैंग में हैडकांस्टेबल ज्योति मांझी आरोपी सुनीता ठाकुर के साथ मिली हुई थी. वह भी सुनीता की हर गतिविधि पर नजर रखती थी.

ज्योति की छवि होशंगाबाद में एक दबंग पुलिसकर्मी की बनी हुई थी. जब भी हनीट्रैप मामले में लोग फंसते दिखते थे, उन पर ज्योति दबाव बनाती थी. महिला पुलिसकर्मी देख कर हनीट्रैप के शिकार युवक डर जाते और मनमाने रुपए दे देते.

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