सौजन्य-मनोहर कहानियां
शुभम को शिवांगी का यह रवैया पसंद नहीं आया. जून 2019 में शशांक और शुभम ने फैसला किया कि शिवांगी की हत्या कर दी जाए. लेकिन हत्या घर में करने से घर वालों पर हत्या का शक आएगा. इसलिए हत्या ऐसे की जाए कि हत्या न लग कर हादसा लगे. कई बार प्रयास किए लेकिन रास्ता नहीं बना.
इसी बीच शुभम शिवांगी और बेटे युवराज को ले कर नैनीताल के थाना भवाली अंतर्गत गांव नगारी में अपने पिता के मकान में जा कर रहने लगा. वहां वह एक होटल लीज पर ले कर चलाना चाहता था. होटल को लीज पर लेने को ले कर बात चल रही थी कि लौकडाउन लग गया. इस वजह से उसे वापस अपने घर लौटना पड़ा.
शिवांगी की हत्या की बनी योजना
लौकडाउन के दौरान शशांक और शुभम ने आराम से शिवांगी की हत्या को हादसा कैसे बनाना है, इस पर पूरी योजना बनाई. उन की इस योजना में शुभम का जिगरी दोस्त प्रशांत राजपूत भी शामिल था.
प्रशांत गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के पसौड़ा का रहने वाला था. शुभम और प्रशांत रोज बैठ कर साथ शराब पीते थे. पीने के बाद लांग ड्राइव पर जाते थे. वे दोस्ती में एकदूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे.
योजनानुसार शुभम ने शिवांगी से कहा कि वह कुछ दिन अपने मातापिता से मिल आए. उस का तो मन हो ही रहा होगा, उस के मातापिता को भी उसे देखने का मन होगा. शिवांगी खुश हो गई. वैसे भी वह एक बार फिर से गर्भवती हो गई थी.
लौकडाउन खुल चुका था. लौकडाउन की सारी बंदिशें हटीं तो शुभम उसे कार में बैठा कर मायके जा कर छोड़ने को तैयार हो गया. शिवांगी से उस ने पूरी ज्वैलरी पहनने को कहा कि घर जा रही हो तो घर के आसपास के लोग देखेंगे तो बिना ज्वैलरी के अच्छा नहीं लगेगा. शिवांगी ने पूरी ज्वैलरी पहन ली.