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सौजन्य-मनोहर कहानियां

अपने घर वालों को बिना बताए शुभम ने शिवांगी से लवमैरिज कर ली थी. एक बेटे के जन्म के बाद शुभम ने घर वालों को शादी की बात बताई. इस के बाद ऐसा क्या हुआ कि शुभम को अपने भाई के साथ मिल कर पत्नी शिवांगी को कार में जिंदा जलाने के लिए मजबूर होना पड़ा...

शिवांगी और शुभम ने उस छोटे से कमरे में प्रवेश किया तो हैरानी से उन की आंखें फैल गईं. कमरे को रंगीन गुब्बारों और चमकीली पन्नी की झालरों से अच्छी

तरह सजाया हुआ था. कमरे में बैड के पास एक मेज पर दिल के आकार का केक रखा हुआ था, जिस के पास कुछ मोमबत्तियां और माचिस रखी हुई थी.

शिवांगी ने चौंक कर शुभम की ओर देखा, ‘‘आज तुम्हारा जन्मदिन है शुभम और तुम ने मुझे बताया भी नहीं.’’

‘‘जन्मदिन मेरा नहीं तुम्हारा है जान.’’ शुभम उस का गाल थपथपा कर बोला तो शिवांगी ने सिर पकड़ लिया, ‘‘ओह! आज मेरा जन्मदिन है और मुझे ही याद नहीं है.’’

‘‘लेकिन मैं ने याद रखा है माई लव, चलो अब फटाफट केक काटो.’’

शिवांगी शुभम की ओर प्यार भरी नजरों से देखने लगी. शुभम ने केक पर मोमबत्तियां लगा कर जला दीं. शुभम ने इशारा किया तो शिवांगी ने जलती मोमबत्तियों को फूंक मार कर बुझा दिया. शुभम उसे तेज आवाज में बारबार बर्थडे विश करने लगा.

शिवांगी ने चाकू से केक काटा और केक का टुकड़ा उठा कर शुभम के मुंह में रखा तो थोड़ा सा केक खा कर उस ने बाकी केक शिवांगी को खिला दिया.

केक खाती हुई शिवांगी बोली, ‘‘तुम ने मेरे जन्मदिन की इतनी अच्छी तैयारी की है. बोलो, जन्मदिन पर तुम्हें क्या तोहफा दूं?’’

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