सौजन्य- सत्यकथा
तकरीबन 26-27 साल की उस युवती ने अपना नाम प्रियंका बताया था. हलका सा घूंघट होने के बावजूद उस का आंसुओं से भीगा चेहरा साफ नजर आ रहा था. उस का रंग गेहुंआ था. बड़ीबड़ी आंखें और सुतवां नाक घूंघट की ओट से साफ नजर आ रही थी. थानाप्रभारी बदन सिंह के सामने आते ही वह फफक पड़ी, ‘‘साब मेरा तो सुहाग ही उजड़ गया. बच्चों को भी अनाथ कर गया.’’
फिर चेहरा हाथों में छिपा कर रोने लगी, ‘‘साहब, एक तो मेरा मरद खुदकुशी कर मुझे बेसहारा छोड़ गया. अब घरपरिवार वाले कह रहे हैं कि उस की हत्या हो गई. कोई क्यों करेगा उस की हत्या? हमारा तो किसी से बैर भी नहीं था.’’
इतना कहतेकहते उस ने हिचकियां लेनी शुरू कर दीं. थानाप्रभारी बदन सिंह ने उसे शांत रहने का संकेत करते हुए कहा, ‘‘आप रोएं नहीं. हम हकीकत का खुलासा कर के रहेंगे. आप पूरी बात को सिलसिलेवार बताइए ताकि हमें अपराधी को गिरफ्तार करने में मदद मिल सके.’’
ये भी पढ़ें- Crime Story: माता बनी कुमाता- भाग 1
कुछ पलों के लिए गला भर आने के कारण प्रियंका चुप हो गई. फिर उस ने कहना शुरू किया, ‘‘सच्ची बात तो यह है साब कि हमारा मर्द कुछ दिनों से पैसों की देनदारी और तगादों से परेशान था. उधारी चुकाने की कोई सूरत कहीं से नजर नहीं आ रही थी. दिनरात शराब में डूबा रहता था. कल तो सुबह से ही शराब पी रहा था. शायद दारू के नशे की झोंक में ही जान दे बैठा…’’ प्रियंका की रुलाई फिर फूट पड़ी, ‘‘तगादों से परेशान हो कर जान देने की क्या जरूरत थी?’’
थानाप्रभारी बदन सिंह ने उसे ढांढस बंधाते हुए कहा, ‘‘आप को किसी पर शक है? मेरा मतलब है, जिस के तगादे से परेशान हो कर आप के पति ने आत्महत्या की या उस की हत्या हो गई?’’
‘‘हत्या की बात कौन कह रहा है साब!’’ प्रियंका ने प्रतिवाद करते हुए कहा.
तभी वहां खड़े कुछ लोगों में से एक युवक बोल पड़ा, ‘‘हम कहते हैं साब.’’
इस के साथ ही वह शख्स बुरी तरह उबल पड़ा, ‘‘हमें तो इस कुलच्छिनी पर ही शक है. साहब, इस ने ही मरवाया है अपने पति को… यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है.’’
ये भी पढ़ें- Crime Story: मधु के मन का जहर
इस से पहले कि थानाप्रभारी बदन सिंह उस युवक को तवज्जो देते, प्रियंका चिल्ला पड़ी, ‘‘नहीं… यह झूठ है, हम से दुश्मनी निकालने के लिए यह झूठे इलजाम लगा रहा है.’’
थानाप्रभारी बदन सिंह ने युवक की तरफ देखा, ‘‘कौन हो तुम? तुम कैसे कह सकते हो कि इस की हत्या हुई है और इस के पीछे प्रियंका का हाथ है?’’
‘‘मेरा नाम रामदीन है साहब, रिश्ते में मृतक बुद्धि प्रकाश मेरा चचेरा भाई था.’’ उस के चेहरे की तमतमाहट कम नहीं हुई थी. वह बुरी तरह फट पड़ा, ‘‘साहब बुद्धि प्रकाश का किसी से कोई लेनदेन था ही नहीं. फिर तगादे की बात कहां से आ गई? मेरा भाई मजबूत दिल गुर्दे वाला आदमी था, कायर नहीं था कि आत्महत्या कर लेता. जरूर उस की हत्या हुई है.’’
‘‘तो इस में प्रियंका कहां से आ गई?’’ थानाप्रभारी बदन सिंह ने सवाल दागा.
‘‘आप पूरी जांच कर लो साहब. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.’’ वहीं मौजूद परिजनों और बस्ती के लोगों ने एक स्वर में कहा, ‘‘साहब, घर में प्रियंका के अलावा और कौन रहता है? बुद्धि प्रकाश ने जिंदगी में कभी शराब नहीं पी, लेकिन पिछले 2 सालों से तो जैसे दारू में डुबकी मार रहा था. अगर उस ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है तो हमारी समझ से बाहर है.’’
इस बीच पड़ोस के कुछ लोग भी बोल पड़े, ‘‘पतिपत्नी के संबंध भी अच्छे नहीं थे. दिनरात झगड़े की आवाज सुनाई देती थी. पड़ोस के नाते हम ने प्रियंका से पूछा भी, लेकिन इस ने मुंह बिचका दिया. कहती थी, नशेड़ी को न घर की चिंता होती है और न ही घरवाली की. दारू पी कर खेतखलिहान में पड़ा रहेगा तो घर में झगड़े ही होंगे.’’
थानाप्रभारी बदन सिंह ने गहरी नजरों से मृतक के परिजनों और पड़ोसियों की तरफ देखा फिर कहा, ‘‘दिनरात दारू में डुबकी मारने की नौबत तो तब आती है जब कोई गहरे तनाव में हो? पतिपत्नी के बीच रोज की खटपट भी इस की वजह हो सकती है? लेकिन आत्महत्या तो बहुत बड़ा कदम होता है.’’
लेकिन इस सवाल पर परिजनों की खामोशी ने रहस्य का कुहासा और गहरा कर दिया. थानाप्रभारी बदन सिंह के दिमाग में एक सवाल हथौड़े की तरह टकरा रहा था, आखिर मृतक की पत्नी प्रियंका क्यों इस बात पर अड़ी हुई है कि यह आत्महत्या का मामला है.
उन्होंने थोड़े सख्त स्वर मे प्रियंका से पूछा, ‘‘तुम्हें कब और कैसे पता चला कि तुम्हारे पति ने आत्महत्या कर ली है?’’
प्रियंका की रुलाई फिर फूट पड़ी, ‘‘साहब हम तो रोज की तरह तड़के दिशामैदान के लिए चले गए थे. तब भी हमारा मरद ऐसे ही सो रहा था. लौट कर आए तब भी ऐसे ही सोता मिला. हमें बड़ा अटपटा लगा. ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ. हम ने हिलायाडुलाया, कोई हरकत नहीं हुई. दिल की धड़कनें भी गायब थीं. हमारा दिल धक से रह गया. लगा जरूर कुछ गड़बड़ है… हम ने फौरन पड़ोसियों को पुकार लगाई.’’
अगले भाग में पढ़ें- प्रियंका का राज खुल गया