कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सौजन्य- सत्यकथा

विवाह के बाद मानो देवेंद्र सोनी का असली रूप धीरेधीरे सामने आता चला गया. देवेंद्र चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की तैयारी कर रहा था, मगर परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पा रहा था. इधर उस की आकांक्षाएं बहुत ऊंची थीं. अपनी ऊंची उड़ान के कारण ऐसीऐसी बातें कहता और नित्य नईनई लड़कियों से दोस्ती की बातें दीप्ति को बताता.

शुरू में तो वह नजरअंदाज करती रही, परंतु पैसों की कमी होने के बावजूद वह हमेशा अच्छेअच्छे कपड़े पहनता और नईनई लड़कियों से संबंध बनाता रहता था.

यह बात जब दीप्ति को पता चलने लगी तो दोनों में अकसर विवाद गहराने लगा. इस बीच दोनों की एक बेटी सोनिया का जन्म हुआ, जो लगभग 7 साल की हो गई थी. और बिलासपुर के एक अच्छे कौन्वेंट स्कूल में पढ़ रही थी.

रात के लगभग साढ़े 11 बज रहे थे. जिला चांपा जांजगीर के पंतोरा थाने के अपने कक्ष में थानाप्रभारी अविनाश कुमार श्रीवास बैठे अपने स्टाफ से कुछ चर्चा कर रहे थे कि उसी समय घबराए हुए 2 लोग भीतर आए.

ये भी पढ़ें- Manohar Kahaniya: पत्नी की मौत की सुपारी

एक के चेहरे पर मानो हवाइयां उड़ रही थीं. उन्हें इस हालत में देख अविनाश कुमार को यह समझते देर नहीं लगी कि कोई बड़ी घटना घटित हो गई है. उन्होंने कहा, ‘‘हांहां बताओ, क्या बात है, क्यों इतना घबराए हुए हो?’’

दोनों व्यक्तियों, जिन की उम्र लगभग 30-35 वर्ष के लपेटे में थी, में से एक ने खड़ेखड़े ही लगभग कांपती हुई आवाज में बोला, ‘‘सर, मैं देवेंद्र सोनी 2-3 जिलों में कई प्रतिष्ठित लोगों के लिए अकाउंटेंट का काम करता हूं. मैं अपनी पत्नी दीप्ति के साथ कोरबा से बिलासपुर जा रहा था कि कुछ लोगों ने हम से लूटपाट की और मेरी पत्नी को...’’ ऐसा कह कर वह इधरउधर देखने लगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...