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सौजन्य- मनोहर कहानियां

एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया. इस बार जब दोबारा जांच शुरू हुई तो एसआईटी को हरन व जश्न के अपहरण व हत्याकांड की जांच में एक के बाद एक कई ऐसे क्लू मिलने शुरू हो गए, जिस से इस बहुचर्चित केस की कडि़यां एक साथ जुड़ती चली गईं. आखिर 4 मार्च, 2021 को पुलिस ने जांच का पटाक्षेप करते हुए दीदार सिंह की पत्नी व हरन व जश्न की मां मंजीत कौर तथा दीदार सिंह के मौसेरे भाई बलजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया.

दोनों से पूछताछ के बाद 2 मासूम बच्चों के बहुचर्चित व सनसनीखेज हत्याकांड की ऐसी हैरतअंगेज कहानी सामने आई, जिसे सुन कर हर किसी ने दांतों तले अंगुली दबा ली और लोग कहने को मजबूर हो गए कि ऐसी मां किसी को न दे.

घटनास्थल से पलटी हत्याकांड की थ्यौरी

दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान लौकडाउन लगने के बाद जब पुलिस की जांचपड़ताल और गतिविधियां धीमी पड़ गईं तो दीदार सिंह की पत्नी मंजीत कौर अचानक अपने पति का घर छोड़ कर शहर में अपनी बहन के पास रहने के लिए पटियाला चली गई थी. इस के बाद एक के बाद एक ऐसे घटनाक्रम हुए, जिस ने दोनों बच्चों के अपहरण व हत्याकांड की थ्यौरी ही पलट दी.

हुआ यूं कि कई महीने गुजर जाने के बाद भी जब पुलिस और परिवार वालों को दोनों बच्चों के कातिल का कोई सुराग नहीं मिला तो दीदार सिंह ने गंभीरता से सोचना शुरू किया कि ऐसा कौन शख्स हो सकता है जो बिना किसी लाभ के दोनों बच्चों को अगवा कर के उन की हत्या कर सकता है.

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