सौजन्य- मनोहर कहानियां
कुल मिला कर गीता निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की थी. परिवार उन दिनों गीता की शादी को ले कर चिंतित था. गीता तीखे नाकनक्श वाली बेहद खूबसूरत थी.
परिवार चाहता था कि गीता की शादी बिरादरी में ही किसी अच्छे परिवार के ठीकठाक कमाई करने वाले लड़के से हो. लेकिन जहां भी पसंद का लड़का मिलता तो दहेज की ऐसी मांग होती कि गीता के परिवार के लिए दहेज की मांग पूरी करना मुश्किल हो जाता. इसीलिए गीता की उम्र तेजी से बढ़ रही थी और गीता के परिवार की चिंताएं भी.
पहली मुलाकात में हो गया था दीवाना
लेकिन जब मनोरंजन ने गीता को देखा तो उसे पहली ही नजर में उस से प्यार हो गया. कुछ समय पहले तक वह नहीं मानता था कि किसी लड़की को देख कर उस के मन में ऐसा मीठामीठा अहसास जगेगा.
जब उस ने गीता को देखा था, तब उस से कुछ पल की मुलाकात हुई थी. लेकिन तभी से न जाने कब उस का दिल खो सा गया. हालांकि मनोरंजन ने गीता से भी ज्यादा हसीन लड़कियां देखी थीं. लेकिन गीता की हसीन मुसकराहट और खिलखिलाहट भरी खनखनाती मीठी आवाज ने उस पर अजीब सा जादू कर दिया था.
पहली बार किसी लड़की की याद में उस ने एक शेर लिख डाला ‘न तीर न तलवार से, उन की नजर के वार से, हम तो घायल हो गए, उन की भोली सी मुसकान पे.’
उस दिन रात भर नींद की तलाश में मनोरजन करवटें बदलता रहा. लेकिन आंखें बंद करते ही कानों में उस की मीठी आवाज गूंजने लगती थी. इस अहसास के बाद उसे लगने लगा कि सालों बाद हो रहा ये अहसास प्यार है.
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