कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सौजन्य- मनोहर कहानियां

लेखक- शैलेंद्र कुमार ‘शैल’ 

अनरजीत और उस की दूसरी पत्नी रीमा की हत्या पुलिस के लिए एक पहेली बन गई थी. 2 महीने तक पुलिस ने सभी पहलुओं पर जांच की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बाद में हत्याकांड का परदाफाश हुआ तो ऐसी वजह सामने आई, जिस की किसी ने...

रीमा गौड़ गोरखपुर जिले के गुलरिहा क्षेत्र के शंकर टोला गांव में पति अनरजीत गुप्ता के साथ रहती थी.

रीमा का मायका इसी गांव में था, लेकिन वह अपने मांबाप के घर से दूर गांव के बाहर बने टिनशेड वाले मकान में रहती थी. यह मकान उस के पति अनरजीत ने बनवाया था. बात 6 अगस्त, 2020 की है. सुबहसुबह रीमा के चाचा बैजनाथ गौड़ घूमते हुए उस के घर पहुंचे तो उन्हें रीमा के घर का मुख्य दरवाजा  खुला मिला.

बैजनाथ ने दरवाजे से ही 2 बार ‘रीमा...रीमा...’ नाम से आवाज लगाई. आवाज देने के बावजूद अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो बैजनाथ खुद अंदर कमरे में दाखिल हो गए.

जैसे ही वह कमरे में पहुंचे, तो वहां की दिल दहला देने वाला हाल देख कर उलटे पांव लौट आए. कमरे के अंदर तख्त पर रीमा और जमीन पर औंधे मुंह उस के पति अनरजीत की रक्तरंजित लाश पड़ी थीं. अनरजीत के सिर पर और रीमा की गरदन पर फावड़े से वार किए गए थे. बगल में खून से सना फावड़ा भी पड़ा था.

बेटी और दामाद की खून में डूबी लाशें देख बैजनाथ के हाथपांव फूल गए और वह घबराहट में वहां से वापस लौट आए.

रीमा पति अनरजीत के साथ गांव में रहती थी. उस की अपनी कोई औलाद नहीं थी. अनरजीत रीमा का तीसरा पति था, जबकि रीमा, अनरजीत की दूसरी पत्नी थी. अनरजीत की पहली पत्नी संगीता से 14 और 10 साल के 2 बेटे थे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...