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16 फरवरी, 2022 की रात साढ़े 9 बजे नीरज घर पर खाना खा कर मोबाइल देख रहा था, तभी राजू की फोन काल देख कर उस का चेहरा खुशी से खिल उठा. राजू ने उसे खुला आमंत्रण देते हुए कहा, ‘‘आज मेरा मन तुम्हारे साथ कुछ करने का हो रहा है. जल्दी से आ जाओ.’’अंधा क्या चाहे 2 आंखें. नीरज ने हामी भरते हुए कहा, ‘‘मैं आता हूं तू चौक पर मिलना.’’

इतना कहते ही फोन डिसकनेक्ट कर उस ने घर से जूट के 2 बोरे स्कूटी की डिक्की में रखे और पत्नी से कुछ देर में आने की बोल कर घर से निकल पड़ा. करीब पौने 10 बजे राजू उसे चौक पर ही मिल गया.
नीरज उसे स्कूटी पर बिठा कर शगुन वाटिका मैरिज गार्डन के पीछे रेलवे स्टेशन के नजदीक सुनसान जगह पर ले गया. स्कूटी खड़ी कर अंधेरे का फायदा उठा कर झाडि़यों के बीच घुस कर अपने साथ लाए जूट के बोरे बिछा कर दोनों पास में बैठ गए.

अमावस्या की रात के स्याह अंधेरे का पूरा लुत्फ नीरज उठाना चाहता था, इसलिए अपने कपड़े घुटने के नीचे सरका कर वह राजू के साथ प्रेमालाप करने लगा. मगर उसे पता नहीं था कि आज वह राजू को नहीं, अपनी मौत को सुनसान जगह ले कर आया है.नीरज और राजू का सैक्स गेम चल ही रहा था कि मनोज उन का पीछा करते हुए दबेपांव वहां पहुंच गया. मनोज ने देखा कि नीरज राजू के ऊपर था, तभी उस ने पीछे से नीरज का गला पकड़ लिया.

नीरज कुछ समझ पाता, इस के पहले राजू भी मनोज का साथ देने लगा. दोनों पूरी ताकत से नीरज का गला दबाने लगे. कुछ ही देर में नीरज छटपटा कर ढेर हो गया. इस के बाद दोनों ने उस के हाथ की नस काट कर और गले को चाकूनुमा कटर से गोद कर इस बात की पूरी तसदीक कर ली कि नीरज जिंदा तो नहीं है.नीरज की हत्या करने के बाद मनोज और राजू ने उस के शव को उठा कर घनी झाडि़यों के बीच फेंक दिया और नीरज का मोबाइल ले कर उसी की स्कूटी पर सवार हो कर दोनों भाग खड़े हुए.
रात में ही दोनों होशंगाबाद पहुंचे, जहां वे मनोज की बहनबहनोई के घर पर रुके. सुबह होते ही मनोज अपनी बहन से बोला, ‘‘दीदी, हम लोग जरूरी काम से भोपाल जा रहे हैं.’’

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