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सौजन्य- सत्यकथा

Writer- शाहनवाज

इस हत्या के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन से पूछताछ के दौरान इस पूरे हत्याकांड की वजह सामने आई. दरअसल, नीरज और उस की पत्नी आयशा के जीवन में सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन नीरज के मन में आयशा को ले कर उसे शक होता था.

आयशा अकसर अपने बचपन के दोस्तों के साथ फोन पर बातचीत किया करती थी. कई बार वह बातों में इतनी मशगूल हो जाती थी कि आयशा का ध्यान नीरज पर होता ही नहीं था.

इस के अलावा आयशा खुले दिमाग वाली युवती थी. दोस्तों के संग बातचीत, हंसीमजाक करना उसे बेहद पसंद था. लेकिन कहीं न कहीं आयशा का इस तरह का बर्ताव करना नीरज को पसंद नहीं आता था. इसी को ले कर अकसर नीरज और आयशा के बीच झगड़े होते रहते थे.

दोनों के बीच झगड़े इतने बढ़ जाते थे कि उन के बीच सुलह के लिए आयशा के मायके वालों को आना पड़ता था.

इसी बीच पिछले साल, नीरज ने आयशा के भाई यानी अपने साले गगन से 10 लाख रुपए उधार भी मांगे थे. एनआईटी फरीदाबाद का रहने वाला नीरज अपने इलाके में एक टेलर मैटेरियल की दुकान खोलना चाहता था, जिस के लिए उसे पैसों की जरूरत थी.

उस ने गगन से पैसे ले कर साल भर में वापस करने की बात भी कही थी. लेकिन जब एक साल से ज्यादा का समय हो गया तो गगन नीरज को पैसे लौटाने के लिए कहने लगा.

कोरोना की वजह से धंधा नहीं चलने के कारण नीरज के पास गगन को लौटाने के लिए पैसा इकट्ठे नहीं हो सके. वह गगन को आज कल कह कर हर दिन पैसे लौटाने की बात किया करता, लेकिन वह पैसों का जुगाड़ नहीं कर पा रहा था. ये बात कहीं न कहीं गगन को भी समझ आ गई थी कि उस के जीजा के पास पैसे नहीं है.

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