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सौजन्य- सत्यकथा

खुशबू विक्रम के प्यार में ऐसी पड़ी कि हमेशा के लिए उस के साथ रहने के बारे में सोचने लगी. उस ने विक्रम से बात की, ‘‘विक्रम, मैं अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकती. हमें अब हमेशा के लिए एक हो जाना चाहिए. साथ रहेंगे तो और भी प्यार बढ़ेगा.’’

विक्रम यह सुन कर सन्न रह गया, ‘‘बोलने से पहले आप एक बार सोच लेती कि क्या कहने जा रही हो. तुम शादीशुदा हो और 2 बच्चों की मां हो और एक प्रतिष्ठित परिवार से हो. ऐसा करने पर तुम्हारा परिवार तो बरबाद होगा ही, मैं भी कहीं का नहीं रहूंगा. राजीव सर भी मुझे नहीं छोड़ेगे, जान से मार देंगे.’’

‘‘मैं ने सब सोच लिया है, अब मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी. चाहे कुछ हो जाए. तुम को मेरी बात माननी ही पड़ेगी. एक बात ध्यान रखो कि मैं जो चाहती हूं, वह पा कर रहती हूं, नहीं तो मैं सामने वाले को बरबाद कर देती हूं. अब तुम सोच लो, क्या करना है.’’ कह कर खुशबू वहां से चली गई.

खुशबू हमेशा के लिए अपना बनाना चाहती थी जिम ट्रेनर को

विक्रम तो सिर्फ खुशबू से संबंध बनाने के लिए जुड़ा था, लेकिन अब वह उस के लिए गले की हड्डी बन रही थी. ऐसे में विक्रम ने उस से दूरी बनानी शुरू कर दी. खुशबू को यह बात समझते देर नहीं लगी.

वह विक्रम के जिम जाने लगी, वहां रोज वह घंटों बैठी रहती. वह विक्रम का पीछा छोड़ने को बिलकुल तैयार ही नहीं थी. दोनों में अब प्यार के बजाय झगड़े होने लगे.

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