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सौजन्य- सत्यकथा

26वर्षीय विक्रम सिंह राजपूत बिहार की राजधानी पटना के लोहानीपुर गौरेया इलाके में रहता था. उस के घर में मातापिता के अलावा एक भाई सचिन था. विक्रम पटना मार्केट में स्थित एक जिम में बतौर ट्रेनर काम करता था. इस के अलावा वह मौडलिंग और भोजपुरी फिल्मों में भी काम करता था. 2015 में एक कांटेस्ट ‘देव एंड दिवा’ का विनर भी रहा था. इस के साथ ही उस के गानों के कई अलबम भी आए थे.

18 सितंबर को सुबह 6 बजे का समय था. पटना की सड़कों पर चहलपहल शुरू हो गई थी. कोई मौर्निंग वाक के लिए निकला था तो कोई काम पर जाने के लिए.

विक्रम का भी रोज यही समय होता था, जिम जाने का. वह अपनी स्कूटी से जिम जाने के लिए निकला. वह लोहा मंडी गली तक पहुंचा ही था कि वहां खड़े 2 बदमाशों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी, जिस से वह गंभीर रूप से घायल हो गया.

विक्रम को गोलियां मारने के बाद वे दोनों बदमाश वहां से निकल गए. विक्रम को 5 गोलियां लगीं. उस ने मदद के लिए आसपास मौजूद लोगों को आवाज दी, लेकिन किसी ने उस की मदद नहीं की.

विक्रम ने हिम्मत नहीं हारी. वह खुद स्कूटी चला कर एक निजी अस्पताल पहुंचा. लेकिन पुलिस केस होने की वजह से वहां के डाक्टरों ने उसे भरती करने से मना कर दिया गया.

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इस के बाद वह घटनास्थल से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीएमसीएच पहुंच गया. वहां उसे डाक्टरों ने भरती कर लिया और औपरेशन कर के उस के शरीर से पांचों गोलियां निकाल दीं. जिस से उस की जान को कोई खतरा नहीं रहा.

पुलिस को सूचना दी जा चुकी थी. पुलिस अधिकारी घटनास्थल गए, वहां का निरीक्षण किया. आसपास के लोेगों से पूछताछ की, उस के बाद पीएमसीएच पहुंच गए. डाक्टरों ने जब घायल विक्रम को खतरे से बाहर बताया तो पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली.

पुलिस अधिकारियों ने विक्रम के बयान लिए. विक्रम ने अपने बयान में  पटना शहर के मशहूर फिजियोथैरेपिस्ट और जेडीयू नेता राजीव सिंह और उन की पत्नी खुशबू सिंह पर आरोप लगाया कि उन दोनों ने ही बदमाशों के जरिए उस पर जानलेवा हमला करवाया है.

वजह यह बताई कि उस का खुशबू सिंह से पैसों के लेनदेन का विवाद था. जो पैसे उस ने खुशबू सिंह से उधार लिए थे, वह सब उन को वापस कर चुका था. उस के बावजूद खुशबू उस की जान लेने पर आमादा थी. इस से पहले भी खुशबू ने उस पर ब्लेड से हमला किया था, जिस के कारण उसे 14 टांके लगे थे. चूंकि मामला हाईप्रोफाइल था. इसलिए पुलिस अधिकारियों ने उस के बयान का वीडियो बना लिया.

इसी बयान के आधार पर कदमकुआं थाने में डा. राजीव सिंह, उस की पत्नी खुशबू सिंह और अज्ञात के विरुद्ध भादंवि की धारा 307, 120बी, 34 और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

डाक्टर दंपति से हुई पूछताछ

देर शाम पुलिस ने डाक्टर दंपति को पूछताछ के लिए थाने बुलाया. थाने आ कर डा. राजीव सिंह बड़ी ठसक के साथ कुरसी पर बैठ कर मोबाइल पर अपनी पार्टी के करीबी नेताओं से बात करते रहे और अपनी पैरवी करने के लिए कहते रहे. कुछ नेताओं ने उन की इस मामले में पैरवी भी की, लेकिन वह पैरवी किसी काम न आई.

पुलिस अधिकारियों ने डा. राजीव और खुशबू से पूछताछ की. राजीव सिंह ने बताया कि फरवरी 2020 में विक्रम उन के संपर्क में आया था. उन्होंने विक्रम को बच्चों को डांस की टे्रनिंग देने के लिए रख लिया. लौकडाउन में वह घर पर आ कर बच्चों को टे्रनिंग देने लगा.

समय के साथ उस से रिश्ता सा जुड़ गया था. उस ने खुशबू से कुछ पैसे उधार लिए थे. उन पैसों को ले कर उन के बीच विवाद तो था, लेकिन उन्होंने विक्रम को जान से मारने की कोशिश नहीं की. चूंकि पुलिस के पास उस समय उन के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे, इसलिए पूछताछ के बाद उन दोनों को घर भेज दिया.

अगले दिन 19 सितंबर को पुलिस की 2 टीमें बनाई गईं. एक तो डाक्टर दंपति से संबंधित जानकारियां जुटाने में लगाई गई तो दूसरी टीम शूटर्स तक पहुंचने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लगाई गई.

डा. राजीव की पत्नी खुशबू की काल डिटेल्स में विक्रम से घटना से पहले 120 दिनों तक 1100 बार बात करने का पता चला. पिछले साल एक सितंबर से मई 2021 तक दोनों के बीच 1875 बार बात हुई. इन काल्स की कुल अवधि 5.50 लाख सैकेंड थी.

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इसी बीच सोशल मीडिया पर विक्रम और खुशबू के एक साथ घूमने और प्रेम दर्शाते फोटो वायरल हो गए. इस से काल डिटेल्स और दोनों के एक साथ फोटो देखने के बाद इस बात की पुष्टि हो गई कि मामला पैसों के लेनदेन का न हो कर प्रेम प्रसंग का है.

एक औडियो भी वायरल हुआ, जिस में एक महिला विक्रम की मां को विक्रम को जान से मारने की धमकी दे रही थी. जो महिला धमकी दे रही थी, वह डा. राजीव सिंह की पत्नी खुशबू बताई जा रही थी.

पुलिस की दूसरी टीम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही थी. घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज में बदमाशों के फोटो देखने के बाद इलाके के सभी कैमरों की सीसीटीवी फुटेज की जांच करते हुए पुलिस अगमकुआं थाना क्षेत्र के भागवत नगर इलाके तक पहुंच गई.

 अगले भाग में पढ़ें- सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग

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