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सौजन्य- सत्यकथा

लेखक- शाहनवाज

इस दोहरे हत्याकांड की जांच की शुरुआत थानाप्रभारी ने रवि को थाने बुला कर की. उन्होंने उस से घर में चोरी हुए सामान के बारे में पूछा. लेकिन रवि बता नहीं सका कि घर में क्याक्या सामान चोरी हुआ है.

इस के बाद उन्होंने उस से उस की दिनचर्या के बारे में पूछा. तब रवि ने बताया, ‘‘सर, मैं एक कंपनी के लिए कलेक्शन एजेंट का काम करता हूं और साथ में हमारी परचून की दुकान भी है. मैं रोजाना सुबह 6 बजे से 9 बजे तक पहले अपनी दुकान खोलता हूं. उस के बाद वहीं से औफिस के लिए निकल जाता हूं.

‘‘दोपहर को एकदो घंटों के लिए मैं घर आता हूं. फिर शाम को कुछ देर दुकान खोले रखने के बाद रात को वापस घर आ जाता हूं.’’

कुछ देर बाद वह फिर बोला, ‘‘सर, मैं आज दोपहर को घर वापस नहीं आया था बल्कि औफिस से अपनी दुकान चला गया था. कुछ देर दुकान में बैठने के बाद मैं अपनी दुकान के ऊपर बने कमरे में चला गया, जहां मैं ने अपने दोस्तों के साथ ताश खेला और जब शाम को

6 बज गए तो मैं वहां से घर के लिए निकल गया.’’

थानाप्रभारी मदनपाल सिंह ने इस केस से जुड़े कुछ और सवाल रवि से पूछे फिर उसे थाने से घर भेज दिया. एक तरफ पुलिस की एक टीम रवि से पूछताछ कर रही थी तो वहीं दूसरी टीम रवि के घर के आसपास के लोगों से इस मामले में पता कर रही थी.

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