सौजन्य- मनोहर कहानियां
रात एक बजे बलि देने से पहले तांत्रिक के बताए अनुसार पूजा करने के बाद सभी को दूधदही मिश्रित प्रसाद खिलाया गया, जिसे पहले से ही तैयार कर सब के सामने रख दिया गया था. आरती के सामने रखे प्रसाद में नशीला पदार्थ मिला दिया गया था. प्रसाद का सेवन पहले ममता और बेटू ने किया था, उस के कुछ समय बाद आरती ने प्रसाद खाया.
पूजा का आयोजन करीबकरीब खत्म होने को था. मीरा और नीरज सभी के लिए खाना परोसने की तैयारी करने लगे.
आरती बाथरूम के लिए उठने लगी, लेकिन उस ने सिर चकराने की शिकायत की. मीरा तुरंत बोली, ‘‘अधिक समय तक भूखे बैठने से ऐसा हुआ होगा. अभी ठीक हो जाएगा.’’
उस के बाद आरती खड़ी होते ही धड़ाम से गिर गई. सभी पहले से उस के बेहोश होने के इंतजार में थे. उन्होंने समय गंवाए बगैर उसी के दुपट्टे से उस का गला घोंट डाला.
उधर तांत्रिक का मंत्रजाप मोबाइल पर जारी था, इधर आरती के प्राण निकल रहे थे. उस की छटपटाने की आवाज मंत्रजाप के साथ मिल गई थी.
तांत्रिक ने मोबाइल पर विधिवत मंत्र पढ़ने के बाद भरोसा दिलाया कि बलि देने से हत्या के जुर्म में नहीं पकडे़ जाएंगे. क्योंकि उस के मंत्र की शक्तियां बलि देने के बाद जागृत हो जाएंगी. उन से ही उन की रक्षा मिलेगी.
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बाइक से सड़क पर गिर गई लाश
आरती की बलि का कार्य संपन्न होने के बाद अब उस के शव को ठिकाने लगाने की थी. इस के लिए बेटू और नीरज आरती की लाश को बीच में बिठा कर तांत्रिक के पास ले जाने के लिए घर से निकले. दुर्भाग्य से ट्रिपल आईटीएम कालेज के निकट बाइक फिसल गई और आरती की लाश सड़क किनारे गिर गई.