सौजन्य- मनोहर कहानियां
Writer- शाहनवाज
इस बात की जानकारी अनीश को लग चुकी थी कि दीप्ति को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन के बीच बातचीत अचानक से खत्म हो गई थी. दीप्ति जब अपने कौड़ीराम ब्लौक औफिस पहुंचती तो वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों के फोन से अनीश को फोन करती और उसे अपने साथ हो रहे जुल्मोसितम के बारे में बताती.
शुरुआत में तो अनीश ने दीप्ति को धैर्य रख कर काम करने के लिए कहा, लेकिन कुछ दिनों के बाद जब दीप्ति को अनीश से दूरी बरदाश्त नहीं हुई तो उस ने अनीश को उस से शादी कर लेने के लिए कहा.
घर वालों की मरजी के बिना कर ली शादी
एक दिन फोन पर बात करते हुए दीप्ति ने अनीश से कहा, ‘‘देखो अनीश, मुझे पता है कि मेरे घरवाले हम दोनों के इस रिश्ते से खुश नहीं हैं, लेकिन मुझे यह जरूर पता है कि वह अपनी मुझ से बहुत प्यार करते हैं. हो सकता है कि ये कुछ समय की नाराजगी हो लेकिन ये नाराजगी जल्द ही खत्म हो जाएगी.’’
अनीश ने दीप्ति की बातों को बड़े ध्यान से सुना और कहा, ‘‘तुम कह तो ठीक रही हो लेकिन अगर तुम्हारे घरवालों ने हमारी शादी के बाद हमारे रिश्ते को नहीं माना तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी.’’
‘‘नहीं ऐसा नहीं होगा. एक बार हम ने शादी कर ली तो थोड़ी देर ही सही लेकिन वो हमारे इस रिश्ते को मंजूरी दे ही देंगे. और इस के अलावा हमारी शादी हो गई तो कानूनी तरीके से मेरे घरवाले मेरी कहीं और शादी नहीं कर सकते.’’ दीप्ति ने जवाब दिया.