पहला प्रसंग-

लोकल ट्रेन का सफर करते हुए रजनी अपने पति के साथ बिलासपुर जा रही थी की अचानक एक शख्स ने झपट्टा मार उसका पर्स लेकर देखते ही देखते गायब हो गया. रजनी देखती रह गई, रिपोर्ट करने के बाद भी पर्स  कभी नहीं मिला.

दूसरा प्रसंग-

राजू नवरात्रि के समय अपने मित्रों के साथ मां बमलेश्वरी डोंगरगढ़ की ओर सफर कर रहा था कि अचानक ट्रेन में बैठे बैठे उसकी मोबाइल चोरी हो गई. रेल्वे  पुलिस में रिपोर्ट करने के बाद भी मोबाइल नहीं मिली.

तीसरा प्रसंग-

जानकी मसंद इलाहाबाद  से रायपुर की ओर रेलवे में सफर कर रही थी की आधी रात को एक शख्स ने उनके गले में रखे सोने के जेवर पर हाथ साफ करने की कोशिश की. महिला जाग गई चिल्लाने पर, लूटेरा भाग खड़ा हुआ.

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रेलवे के यह कुछ प्रसंग हैं, प्रतिदिन रेलवे में करोड़ों  लोग सफर करते हैं और बहुतेरे लोग दुर्भाग्य के मारे अपने सफ़र में लूट जाते हैं. आइए, देखें इस रिपोर्ट में, हम कैसे रेलवे में सफर करते हुए अपने आप को सेफ रखें.

रेलवे का सफर आपके लिए अनिवार्य है. और जब सफर करना है तो साथ में सामान भी होगा रूपए,पैसे भी होंगे, जेवर जेवरात भी होंगे और जब यह सब होगा तो चोरी भी होगी चोर भी होंगे. ऐसे में आवश्यकता है आंख खुली रखने की, रेलवे के सफर में जैसे ही आपकी आंख चुकी कि आपका बेशकीमती माल चोरी चोरा जाता है . ऐसी हजारों घटनाएं आम है, यह भी सच है कि रेलवे की अपनी एक पुलिस होती है अपना कानून होता है नियम कानून बेहद सख्त होते हैं. मगर इसके बावजूद चोर तो चोर है वह कब आपका सामान चोरी करके ले जाएगा और कैसे ले जाएगा यह अंदाज लगा पाना बेहद मुश्किल होता है.  रेलवे में सफर करने से पूर्व सावधानी की समझ भी, अख्तियार कर लेनी चाहिए.

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