मासूम बच्ची के पिता को उधारी में 50,000 रुपए मिल तो गए, पर हर रोज तकादा करना. रोजरोज तकादा करने पर किसी तरह से जाहिद को 40,000 रुपए लौटा दिए गए और बाकी की रकम 10,000 रुपए भी जल्दी ही लौटाने की बात की तो मामला तूल पकड़ गया. तय रकम समय पर न देने पर उन्हें देख लेने की धमकी देना इस कदर भारी पड़ गया कि पिता को अपनी मासूम बच्ची खोनी पड़ी.
यह वारदात तालानगरी अलीगढ़ के टप्पल गांव की है. 28 मई को पैसे न देने पर जाहिद की मासूम बच्ची के पिता से कहासुनी हुई. इस के बाद 30 मई को जाहिद ने ढाई साल की बच्ची को अगवा किया और उस की हत्या कर साथी असलम की मदद से शव को ठिकाने लगाया.
बच्ची का शव परिवार को 2 जून को घर से महज 100 मीटर की दूरी पर कूड़े के ढेर में मिला. शव को कपड़े की पोटली में लपेट कर फेंका गया था, जो गल गया था. उस का हाथ अलग मिला. उस की आंखें बाहर निकली हुई थीं.

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पुलिस ने बच्ची की मौत की वजह गला घोंटना बताया है, वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल दहला देने वाली है. बच्ची की एक किडनी नहीं मिली. एक हाथ शरीर से अलग था. बच्ची की सारी पसलियां टूटी हुई थीं, बाएं पैर में फ्रैक्चर था, आंखों में जख्म थे और सिर पर चोट के गहरे निशान थे. मासूम को इस कदर मारा गया था कि उस की नोजल ब्रिज (नाक और माथे को जोड़ने वाली हड्डी) टूट गई थी. डाक्टरों का कहना है कि शव इस लायक नहीं था कि रेप की जांच हो सके.
ढाई साला बच्ची की जघन्य हत्या को सुन कर हर किसी का दिल दहल गया. लखनऊ में एडीजी (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि मामले के दोनों आरोपियों जाहिद और मोहम्मद असलम ने जुर्म कबूल कर लिया है. इन दोनों पर एनएसए और पाक्सो एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं. मामला फास्टट्रैक कोर्ट में चलेगा.
वारदात को अंजाम देने वाले तीसरे आरोपी मेहंदी हसन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वह आरोपी जाहिद का भाई है. जिस दिन मासूम बच्ची का शव मिला, उसी दिन लोगों ने मेहंदी की जम कर पिटाई की थी. इस के बाद से ही वह फरार हो गया था. वहीं दूसरी ओर आरोपी मेहंदी हसन के बाद महिला आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपी मोहम्मद असलम साल 2014 में एक रिश्तेदार की बच्ची से यौनशोषण में गिरफ्तार हुआ था. वहीं साल 2017 में उस पर दिल्ली के गोकलपुरी में छेड़छाड़ और अपहरण का मामला दर्ज है. असलम के खिलाफ पहले से ही अपहरण, दुष्कर्म और गुंडा एक्ट सहित 5 मुकदमे दर्ज हैं.
इस बर्बरता की लोगों ने सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना की और इंसाफ की आवाज बुलंद की. जब मामला ज्यादा ही तूल पकड़ गया तो 5 पुलिस वाले सस्पैंड कर दिए गए. वजह, बच्ची जब गायब हुई थी तो इन्होंने रिपोर्ट नहीं लिखी थी. पीडि़त परिवार ने जब प्रदर्शन किया, तब पुलिस जागी और 2 लोगों की गिरफ्तारी की गई.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट से मामले ने तूल पकड़ा. उन्होंने लिखा कि बच्ची की भयावह हत्या से वे सदमे में हैं. कोई इनसान एक बच्ची से ऐसी बर्बरता कैसे कर सकता है. उत्तर प्रदेश पुलिस को हत्यारों को सजा दिलाने के लिए तेजी से कार्यवाही करनी चाहिए. वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि इस घटना ने उन्हें हिला कर रख दिया है.

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