मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में क्षेत्र में लौकडाऊन का असर साफतौर पर देखने को मिल रहा है. यहां में देशभर से आए लोग अपने परिवार सहित छतरपुर में फंस गए हैं. गाड़ियां न चलने की वजह से अपने बीबी-बच्चों के साथ छतरपुर के श्यामाप्रसाद मुखर्जी अन्तर्राजीय बस स्टैंड पर खुले में डेरा डाले हैं.

भूखे-प्यासे बच्चे, महिलायें, युवा, वृद्धजनों का बुरा हाल है यहां जनता कर्फ़्यू में बंद की वजह से लोगों को पानी, चाय, दूध, बिस्किट, फल, अन्य खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है जिससे बच्चों का भूख से बुरा हाल है.

बस स्टैंड पर यात्री बच्चों की माँ रामकली और जानकी की मानें यहां तक तो तड़के सुबह आ गए पर अब गाड़ियां ने चलने की वजह से वह गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. और पिछले 12 घंटों से भूखे प्यासे हैं यहां पीने तक का पानी भी उपलब्ध नहीं है. जिससे इनके अबोध 2 दर्जन बच्चों का बुरा हाल है वह भूख से व्याकुल रो रहे हैं. कई बच्चे तो भूख से तड़फ रहे हैं जिससे उनकी माँओं की आंखों से आंसू निकल पड़े हैं.

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वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाओं (पार्वती आटा मढ़ती खानां बनाने वाली) महिलाओं से बात की तो उन्होंने बताया कि अपने साथ लिये आटे को गूंथकर बस स्टैंड पर ही ईंटों का चूल्हा बना फलों की पेटियों की लकड़ियां जलाकर रोटी बनाई और नमक रोटी खाई.

भूख से तड़फती और मानवता को झकझोर देने वाली इन तस्वीरों से वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं. तो वहीं कुछ लोगों/बच्चों के बीमार होने पर उन्हें अस्पताल भी ले जाया गया.

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