कोरोना विषाणु महामारी से दुनिया के 112 देश  त्राहिमाम कर रहे हैं. कोरोना के दंश से आम जनता कितनी पीड़ित है यह  बार-बार  उजागर हो रहा है. इस दरमियान जहां संवेदनशीलता की कई खबरें आ आ रही है वहीं कुछ  घटनाएं झकझोर देने वाली भी हो रही है.  इस दरमियान छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर एक ऐसी घटना घटी है जो शायद दो देशों के बीच ही घटित हो सकती है.छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राज्य  कोरोना महामारी के कारण ऐसा व्यवहार कर रहे हैं मानो यह अपने आप में अलग अलग हों. और दूसरे प्रदेश के नागरिकों से उसका कोई सरोकार ना हो. छत्तीसगढ़ सरकार की हठधर्मिता के कारण कहें या अधिकारियों की नासमझी कि एक बुजुर्ग की मौत बॉर्डर पर  इसलिए हो गई क्योंकि अधिकारियों ने उन्हें रोक इलाज के लिए हॉस्पिटल नहीं जाने दिया दिया. जबकि परिजन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में निवास करते हैं उनके पास विधिवत ई- पास भी था. बुजुर्ग इलाज के अभाव में बॉर्डर पर ही मौत का ग्रास बन गया.

कोरोना का भय!

मध्य प्रदेश में कोरोना  महामारी के कारण हाहाकार मचा हुआ है. मगर छत्तीसगढ़ इससे एक तरह से बहुत कुछ  सुरक्षित  है. आंकड़ों के मुताबिक अभी तक छत्तीसगढ़ में एक भी कोरोना पॉजिटिव की मृत्यु नहीं हुई है.

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ऐसे में छत्तीसगढ़ का सत्ता प्रतिष्ठान कुछ ज्यादा ही कड़ाई करने पर उतारू हो गया है. छत्तीसगढ़ की सीमाओं को सील कर दिया गया है. परिणाम स्वरूप दूसरे  पड़ोसी प्रदेश के लोग यहां नहीं आ पा रहे उनमें ऐसे लोग भी हैं जो छत्तीसगढ़ के ही रहवासी हैं. मगर नियम कायदों का हवाला देकर रोका जा रहा है परिणाम स्वरूप एक बुजुर्ग केशव मिश्रा  की बॉर्डर पर इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई. दरअसल यह घटना

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