रेटिंग: एक स्टार

निर्माता: तिग्मांशु धूलिया और अजुरे इंटरटेनमेंट

निर्देशक: तिगमांशु धुलिया

 कलाकार: विद्युत जामवाल, श्रुति हासन, अमित साध, विजय वर्मा‌, केनी

ओटीटी प्लेटफॉर्म: Zee5

अवधि: 2 घंटे 10 मिनट

2011 की फ्रेंच फिल्म 'ए गैंग स्टोरी' (A Gang Story) का हिंदी रीमेक है 'यारा' (Yaara). इस फिल्म को रीमेक करने की तिग्मांशु धुलिया (Tigmanshu Dhulia) को जरूरत क्यों पड़ी, यह समझ से परे है? 'यारा' एक अपराध प्रधान नाटकीय फिल्म है, जिसकी कहानी भारत व नेपाल सीमा पर कार्यरत चार दोस्तों यानी  कि चौकड़ी गैंग के उतार-चढ़ाव की अति घटिया कहानी है.

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कहानी:

फ्रेंच फिल्म 'द गैंग स्टोरी' की रीमेक फिल्म 'यारा' की कहानी के केंद्र में 4 दोस्त हैं .बचपन में फागुन और मितवा राजस्थान से भागते हैं .चमन (संजय मिश्रा)  उन्हें भारत नेपाल सीमा पर तस्कर गिरोह से जोड़ देते हैं.जहां बचपन में ही फागुन, मितवा ,रिजवान और बहादुर स्मगलिंग करना शुरू करते हैं. बड़े होने पर फागुन (विद्युत जामवाल), मितवा (अमित साध), रिजवान (विजय वर्मा) और बहादुर (केनी सुमंतरी )पटना बैंक लूटने जाते हैं. कार चमन चला रहे थे. पुलिस मुठभेड़ में चमन मारे जाते है. पर यह चारों दोस्त बैंक से लूटी रकम लेकर वहां से भागने में सफल हो जाते हैं. अब स्मगलिंग के साथ साथ नक्सलियों को हथियार बेचने लगते हैं. नक्सली सुकन्या (श्रुति हासन) को फागुन दिल दे बैठा है. एक रात जब यह चारों सुकन्या के साथियों के साथ गांव में थे, तभी पुलिस आ जाती है. कई लोग मारे जाते हैं. फागुन, मितवा, रिजवान और बहादुर गिरफ्तार हो जाते हैं. सभी को अलग-अलग जेल में रखा जाता है. सबसे पहले मितवा जेल से छूटता है और वह भारत से बाहर जाकर शकील के लिए काम करने लगता है. शकील, फकीरा के लिए काम कर रहा है, जो कभी फागुन की चौकड़ी गैंग के साथ था.जेल से निकलने के बाद रिजवान, फागुन, बहादुर नई पहचान के साथ उद्योगपति बन गए हैं. 20 वर्ष गुजर जाते हैं.

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