‘‘पद्मावती’’ को लेकर उठे विवाद के साथ ही इस फिल्म को सेंसर प्रमाणपत्र देने के लिए ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ के अध्यक्ष प्रसून जोशी जिस तरह से ‘सिनेमैटोग्राफिक एक्ट 1952’ को कड़ाई से लागू करने का ऐलान करते हुए आदेश सुनाया है कि जिस दिन निर्माता की तरफ से सही ढंग से कागजातों को जमाकर सेंसर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जाएगा, उसके बाद 68 दिन में प्रमाण पत्र मिलेगा.

‘सिनैमैटोग्राफी एक्ट 1952’ के तहत यह नियम है कि सेंसर प्रमाण पत्र का आवेदन किए जाने के 68 दिन बाद ही फिल्म को प्रमाणपत्र मिलेगा. ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस नियम का अब तक कभी पालन नहीं किया गया. अब तक निर्माता एक सप्ताह के अंदर सेंसर प्रमाण पत्र लेकर अपनी फिल्में प्रदर्शित करते रहे हैं.

मगर इस नियम के लागू होते ही कई तरह के विवाद को झेल रही ‘‘पद्मावती’’ की निर्माण कंपनी से इसका प्रदर्शन स्थगित किया है. पर ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ की तरफ से यदि 68 दिन वाला नियम लागू किया गया है, तो इसका खामियाजा सलमान खान की ‘यशराज फिल्मस’ निर्मित फिल्म ‘‘टाइगर जिंदा है’’ सहित कई दूसरी फिल्मों को भी झेलना पड़ेगा.

सूत्रों की मानें तो अब फिल्म ‘‘टाइगर जिंदा है’’ का 22 दिसंबर को प्रदर्शित होना नामुमकीन है. सूत्रों के अनुसार फिल्म ‘‘टाइगर जिंदा है’’ के निर्माताओें की तरफ से अभी तक फिल्म के सेंसर प्रमाणपत्र के लिए आवेदन ही नहीं किया गया है.

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