हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में श्याम बेनेगल, गोविंद निहलानी, पंकज पाराशर, केतन मेहता और गुलजार ऐसी 5 नामचीन हस्तियां हैं, जिन के साथ काम करने की तमन्ना हर कलाकार को होती है. और अगर कोई अपने फिल्मी सफर के पहले 5 साल में ही इन दिग्गजों की रचनाओं का हिस्सा बन जाए, तो उसे रवि गोसाईं कहते हैं.

अरे, वही रवि गोसाईं, जिन्होंने टैलीविजन सीरियल ‘अमानत’ में ‘निगोड़े’ का किरदार निभा कर इतना ज्यादा नाम कमाया था कि नकारा यानी निगोड़े शब्द का मतलब ही बदल दिया था.

पर दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में जनमे और वहीं के एक सरकारी स्कूल से पढ़े रवि गोसाईं का यह सफर इतना आसान भी नहीं रहा. हां, इतना तो तय था कि वे कैमरे का सामना करने से कभी घबराए नहीं, वह भी अपने डांस की वजह से.

दरअसल, रवि गोसाईं को डांस करने का इतना ज्यादा शौक था कि कहने ही क्या. वे डांस करते भी अच्छा थे, नहीं तो डांस की आल इंडिया चैंपियनशिप के 3 बार विजेता न बनते, अपने ‘मिथुन दा’ का डिस्को डांस स्टाइल अपना कर.

रवि गोसाईं का कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है, फिर भी उन्होंने मायानगरी मुंबई में अपने थिरकते पैर कैसे जमाए?

इस सवाल पर रवि गोसाईं ने बताया, ‘‘दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान राजनीतिक विज्ञान के हमारे टीचर इसलाम सर के साथ मैं ने कई नुक्कड़ नाटक किए थे. मैं जब मुंबई गया, तो वहां अपनी पहचान बनाना आसान काम नहीं था.

‘‘वैसे, मैं ने ऐक्टिंग सीखी है और मेरा मानना है कि अगर आप ऐक्टिंग जैसे प्रोफैशन में जाते हैं, तो आप को उस की पढ़ाई भी करनी चाहिए और तकनीकी जानकारी भी होनी चाहिए. लिहाजा, मुंबई में मैं ने सत्यदेव दुबे, गोविंद नामदेव, नसीरुद्दीन शाह, रजत कपूर, पेंटलजी की खूब सारी थिएटर वर्कशौप की थीं. संजना कपूर के ‘पृथ्वी थिएटर’ में भी मैं ने काफी सारी ‘प्लेटफार्म’ पेशकश दी थीं.

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