तन्नू जब तेरह साल की थीं तब उन्हें एहसास हुआ कि उनका शरीर तो लड़के का है, लेकिन उसके अंदर कुछ-कुछ लड़की जैसा होता है.

अपने परिवार को ये सब बताना उनके लिए बहुत ही मुश्किल रहा. सोलह साल की उम्र तक उनको विश्वास हो गया था कि वो एक गलत शरीर में कैद होकर रह गई हैं.

असल में वो लड़की की तरह ही हैं. बस वहां से खुद को बदलने की तन्नू की शुरुआत हो गई.

दूसरी तरफ निताशा को सिर्फ तीन साल की उम्र में पता चल गया कि अंदर से वो एक लड़की हैं. शरीर लड़के का और आत्मा लड़की की, लेकिन इसके साथ ही शुरू हुआ एक नया चैलेंज जो तन्नू और निताशा दोनों ने महसूस किया.

बिना मां-बाप से पूछे लड़की बनने के बाद घर वालों को मनाने मे काफी परेशानी हुई. आज भी दोनों के परिवार वालों ने इनको पूरी तरह से अपनाया नहीं है. निताशा के पिताजी को समझने में काफी समय लगा कि जो लोग इनको हंसी का पात्र समझते हैं, उनके लिए ये मॉडल तैयार है.

अगस्त महीने में भारत में मिस ट्रांस क्वीन इंडिया कॉन्टेस्ट है और इसकी तैयारियां चल रही हैं. तन्नू सिंह इस इवेंट की पोस्टर मॉडल हैं. मीडिया से बात करते हुए कुछ सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई बातों पर लोगों का ध्यान खींचा.

अगर कोई प्यार का इजहार करे तब क्या होता है?

इस सवाल पर तन्नू कहती हैं कि जिदगी भर कोई प्यार दे, ऐसा नहीं हुआ है.

'कोई काम नहीं देता, कहता है छक्कवा काम करेगा!'

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