‘रोजा’,‘दिलसे’,‘‘कल हो ना हो’’ और दिल बेचारा’ सहित तकरीबन बीस फिल्मों में बांसुरी बजा चुके तथा ‘नवीन बांसुरी’ सहित कई बांसुरी का इजाद करने वाले बांसुरी वादक व बौलीवुड के मषहूर संगीत ज्ञनवीन कुमार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी ख्याति अर्जित कर चुके हैं.उन्हे कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. हाल ही में नवीन कुमार को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए अमरीकी राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन ने ‘प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुरस्कार’ से सम्मानित किया.नवीन कुमार पहले भारतीय हैं,जिन्हे उनके कलात्मक व रचनात्मक योगदान द्वाराअमरीकीराष्ट्पति द्वारासम्मानितकियागया.इतनाही नही नवीन कुमार को मैरी लैंड,यूएसए में मॉन्ट गोमरी काउंटी स्थानीय सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.

अपनी मनमोहक संगीत की धुनों के लिए मशहूर नवीन कुमार पिछले चालिस वर्षा से संगीत जगत व बांसुरी वादन के क्षेत्र में लगातार काम करते आ रहे हैं.1984 में महान संगीत कार इलियारा जाने सबसे पहले नवीन कुमार को अपनी कला का प्रदर्षन करने  का अवसर दिया था.उसके बाद उन्होंने ए.आर. रहमान, प्रीतम, शंकर-एहसान-लॉय, साजिद-वाजिद, सलीमसुलेमान,शिवमणि, लुइसबैंक्स, मैंडो लिन श्री निवास और जॉन मैकलॉघलिन जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया है..

1992 में सबसे पहले उन्हे फिल्म ‘‘रोजा’’ के लिए बांसुरी बजायी थी. इसके बाद 1995 में ए आर रहमान के निर्देषन में फिल्म ‘बांबे’ के लिए ऑक्रेस्ट्ागीत ‘‘बॉम्बेथीम‘‘ से उन्हे पहचान मिली थी.इसके बाद उन्होने ‘दिलसे’ और ‘ताल’ में भी अपनी बांसुरी का कमाल दिखाया था.लेकिन 2001 में प्रदर्षित फिल्म ‘‘रहना है तेरे दिल में’’ के गीत ‘‘जराजरा..’ में उनके बांसुरीवादन ने तहलका मचा दिया था इसके बाद फिल्म ‘‘ कलहोनाहो’’ का शीर्षक गीत गाया था.फिर ‘दिलबेचारा‘, ‘कभी अलविदा ना कहना‘, ‘रावण‘, ‘जब वी मेट‘ और ‘किसना‘ जैसी कई बड़ी बौलीवुड फिल्मों में वह अपनी कला का जादू विखेर चुके हैं.उन्होंने ए.आर. रहमान के केसाथ 7 अप्रैल 2010 कोलंदन के साउथ बैंक सेंटर में बांसुरी बजायी थी.

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