बलात्कार के मुद्दे पर कई फिल्में लगातार बन रही हैं. कुछ माह पहले बलात्कार के मुद्दे पर ही प्रदर्शित फिल्म ‘‘मातृ’’ और श्रीदेवी के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘मॉम’’की कहानी में अंतर नही है. गैंगरेप और फिर बदला लेने की दास्तान है. ‘मॉम’ में मां के किरदार को बहुत ही सशक्त रूप में पेश किया गया है. मगर फिल्म ‘मॉम’का प्रस्तुतिकरण काफी बेहतर है.
इस रोमांचक कहानी के केंद्र में दिल्ली विश्वविद्यालय में बायोलॉजी (जीवविज्ञान) की प्रोफेसर देवकी (श्रीदेवी) और उनकी सौतेली बेटी आर्या (सजल अली) और अपनी बेटी प्रिया है. देवकी अपनी दोनों बेटियों व पति आनंद (अदनान सिद्दिकी) के साथ, खुशहाल जिंदगी जी रही है. देवकी जिस स्कूल में शिक्षक है, उसी स्कूल में प्रिया व आर्या दोनों पढ़ते हैं. मोहित एक लड़की को अश्लील संदेश भेजता है, जिसकी वजह से देवकी, मोहित को सजा देती है. आर्या अपनी सौतेली मां देवकी से प्यार नहीं करती, बल्कि ‘मैडम’ कह कर बुलाती है. जबकि देवकी उसे बहुत प्यार करती है.
देवकी व आनंद की मर्जी के विपरीत आर्या उन्हें मजबूर करती है कि वह उन्हें वेलेनटाइन डे की पार्टी में जाने की इजाजत दे. वेलेनटाइन डे की पार्टी में मोहित, उसका चचेरा भाई, जगन (अभिमन्यू सिंह) व एक अन्य दोस्त मिलकर गाड़ी के अंदर आर्या के साथ बलात्कार कर उसे सड़क किनारे एक गटर में फेंक देते हैं. बहुत बुरी हालत में आर्या अस्पताल पहुंचायी जाती है. एक कड़क मिजाज पुलिस ऑफिसर फ्रांसिस (अक्षय खन्ना) अपने काम को ईमानदारी के साथ अंजाम देने में जुटा हुआ है. मामला अदालत में पहुंचता है, मगर सभी आरोपी बरी हो जाते हैं.