अपने समय के मशहूर रोमांटिक अभिनेता शशि कपूर का 79 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद सोमवार 4 दिसंबर को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में शाम पांच बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया. शशि कपूर पिछले कई वर्षों से व्हील चेअर पर थे. किडनी की बीमारी के चलते रविवार की शाम को उन्हे मुंबई के अंधेरी स्थित कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जब शशि कपूर ने अंतिम सांसे लीं, उस वक्त उनके पास उनके बड़े बेटे कुणाल कपूर मौजूद थे. जबकि उनकी बेटी संजना कपूर और छोटा बेटा करण कपूर मुंबई से बाहर थे, पर देर रात तक यह दोनों मुंबई पहुंच गए. मंगलवार, 5 दिसंबर को दोपहर 12 बजे मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
शशि कपूर के निधन के साथ ही कपूर खानदान यानी कि स्व. पृथ्वीराज कपूर की दूसरी पीढ़ी का अंत हो गया, जबकि उनकी तीसरी व चौथी पीढ़ी बौलीवुड में अभिनय के क्षेत्र में कार्यरत है. स्व. पृथ्वीराज कपूर के सबसे बड़े बेटे राज कपूर, मंझले बेटे शम्मी कपूर और शशि कपूर सबसे छोटे बेटे थे. नियति का खेल भी निराला रहा. पृथ्वीराज कपूर के बाद उनके बड़े बेटे राज कपूर, फिर मंझले बेटे शम्मी कपूर और अब सबसे छोटे बेटे शशि कपूर का देहांत हुआ है.
अब कौन कहेगा ‘‘मेरे पास मां है’
शशि कपूर के देहांत की खबर से सिर्फ बौलीवुड ही नहीं, बल्कि शशि कपूर के लाखों प्रशंसक भी गम में डूब गए. हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक सवाल है कि, अब कौन कहेगा कि ‘मेरे पास मां है.’ यूं तो हर कलाकार के उनकी सफलतम फिल्मों के कुछ संवाद उनके प्रशंसकों को हमेशायाद रहते हैं, मगर शशि कपूर के अनेक संवाद ऐसे हैं, जो कि उनके हर प्रशंसक की जुबान पर हैं. मगर उन संवादों में से फिल्म ‘दीवार’ में दो सगे भाईयों में से एक माफिया डान बने विजय वर्मा का किरदार निभाते हुए अमिताभ बच्चन अपने छोटे भाई व पुलिस इंस्पेक्टर रवि वर्मा का किरदार निभा रहे शशि कपूर से एक मोड़ पर कहते हैं कि उनके पास ‘बंगला,गाड़ी...वगैरह है..’’ तब रवि वर्मा यानी शशि कपूर उनसे कहते हैं-‘‘मेरे पास मां है.’’ जिसे सुनकर विजय वर्मा निरुत्तर हो जाते हैं. फिल्म ‘‘दीवार’’ का शशि कपूर का यह संवाद हर भारतीय के दिल में समा गया था. तब से मौके बेमौके लोग इस संवाद को अपनी निजी जिंदगी में दोहराते रहते हैं. यही वजह है कि आज शशि कपूर के इस संसार से विदा लेते ही लोगों के जेहन में पहला सवाल यही उठा कि अब कौन कहेगा ‘मेरे पास मां है’.