इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ रचनात्मक काम करने की मंशा के साथ बौलीवुड से जुड़ने के लिए जब विक्की कौशल फिल्म ‘‘गैंग्स आफ वासेपुर’’ में निर्देशक अनुराग कष्यप के सहायक के रूप में काम कर रहे थे,तब किसी को अनुमान नहीं था कि एक दिन वह अपनी अभिनय प्रतिभा के बल पर बहुत ही कम समय में एक नैशनल व दो फिल्मफेअर सहित कई अवार्ड अपनी झोली में डालने के साथ ही फोब्र्स पत्रिका में भी अपना नाम दर्ज कराने में सफल हो जाएंगे.फिल्म ‘मसान’ से शुरू हुई विक्की कौशल की अभिनय यात्रा ‘जुबान’,‘रामन राघव 2’,‘राजी’, ‘संजू’,‘उरीः द सर्जिकल स्ट्ाइक’, ‘सरदार उधम’ से होते हुए ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’ तक पहंुच गयी है.इस अभिनय यात्रा के दौरान उनकी अभिनय क्षमता के नित नए आयाम सामने आते रहे हैं.उनका यह सफर आगे अभिनय के किन आयामों को छूने वाला है,यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.इन दिनों वह सोलह दिसंबर से ‘डिज्नी प्लस हाॅटस्टार’ पर स्ट्ीम होने वाली शश्ंााक खेतान निर्देशित फिल्म ‘‘गोविंदा नाम मेरा’’ को लेकर चर्चा में हैं.जिसमें उन्होेने अब तक निभाए गए किरदारों से काफी अलग किरदार निभाया है.

प्रस्तुत है ‘धर्मा प्रोडक्शंस’ के आफिस में विक्की कौशल से हुई

बातचीत के अंश...

सवाल- ‘मसान’ से ‘गोविंदा नाम मेरा’ तक की अपनी अभिनय यात्रा को आप किस तरह से देखते हैं?

जवाब -बहुत ही ग्रेटीट्यूड के साथ देखता हॅूं.मेरा हमेशा से मानना रहा कि इस इंडस्ट्ी में मुझसे भी ज्यादा प्रतिभा शाली लोग रहे हैं और आगे भी आते रहेंगें.मुझसे काफी मेहनती लोग भी रहे हैं और हैं भी.लेकिन उपर वाला मुझ पर मेहरबान था.वह सही समय पर सही लोगांे से मुझे मिलवाता रहा.लोगों को मेरे काम के जरिए मेरी प्रतिभा पर भरोसा होता गया.मुझे कुछ अच्छी फिल्में मिलती गयी और मैं भी अपनी तरफ से मेहनत कर अच्छा काम करता गया.और लोगों से जुड़ पाया.दर्शकांे का प्रेम बटोर पाया.यह सब कई बार सपने जैसा लगता है.सब कुछ अपने आप हो रहा है,कई बार मानना मुश्किल हो जाता है कि यह सब हो रहा है.जब नई फिल्म मिलती है,तो लगता है कि ऐसा भी हो रहा है.जो मैं सोचता था कि वह हो रहा है.मैं उपर वाले के साथ ही उनका शुक्रगुजार हॅूं,जो मुझे मौका दे रहे हैं.जितने भी मशहूर निर्देशक हैं,जिन्होने मुझ पर भरोसा करके मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने के अवसर दिए,उन सभी का मैं शुक्रगुजार हॅूं.सही मायनों में सबसे बड़ा मैनेजर उपर बैठा है,जो करिश्मे दिखाए जा रहा है और मैं सिर्फ उसका हिस्सा बन पा रहा हॅूं. एक किरदार को निभाते समय दो चीजें महत्वपूर्ण होती हैं.

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