पल्लवी गजानन कोली का बचपन बहुत ही जद्दोजेहद और दुख से भरा रहा था. जब वे 10वीं जमात में थीं, तब एक हादसे में उन के मातापिता की मौत हो गई थी. इस के बाद उन का पढ़ाई में मन नहीं लगता था. वे हमेशा अपने मातापिता के दुख में डूबी रहती थीं. ऐसा लग रहा था, जैसे उन की जिंदगी खत्म सी हो गई हो.
हर मिडिल क्लास परिवार की तरह पल्लवी के नाना और मामा ने भी यह सोचा कि अगर उन की शादी करा दी जाए, तो वे मातापिता के दुख से बाहर निकल सकती हैं.
लिहाजा, 18 साल की उम्र में पल्लवी की शादी हो गई. इस के बाद उन का पूरा नाम पल्लवी गजानन कोली हो गया. गजानन उन के पति का नाम है.
पल्लवी मुंबई के पनवेल इलाके में रहती हैं. शादी के बाद उन के 2 बच्चे हो गए. सास और पति ने ऐक्टिंग करने के लिए उन का हौसला बढ़ाया. इस के बाद उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के साथसाथ हिंदी फिल्में और सीरियल करने शुरू किए. टैलीविजन के कौमेडी शो ‘भाभीजी घर पर हैं’ में वे अलगअलग तरह के किरदार निभा कर चर्चा में रही हैं.
पेश हैं, पल्लवी गजानन कोली के साथ हुई बातचीत के खास अंश:
बचपन में माता पिता वाले हादसे से आप की जिंदगी पर क्या असर पड़ा था?
माता पिता के न रहने पर मेरी जिंदगी रुक सी गई थी. मेरा पढ़ने में मन नहीं लगता था और मैं हमेशा रोती रहती थी.
मैं अपने मातापिता की एकलौती बेटी थी. उन के बिना मैं जिंदगी जीने की कल्पना भी नहीं कर सकी थी.