रेटिंग: तीन स्टार
निर्माता:एसोर्टेड मोशन पिक्चर्स, जीडी
प्रोडक्शन और वहाइट एप्पल
निर्देशक: राम कमल मुखर्जी
कलाकार: गुरमीत चैधरी, देबिना बनर्जी, खुशबू कारवा व अन्य
अवधि: 52 मिनट
ओटीटी प्लेटफार्म: बिग बैंग
पत्रकार से निर्देशक बने राम कमल मुखर्जी ने पहले रितुपर्णो घो-ुनवजय को श्रृद्धांजली देेते हुए फिल्म ‘‘सिटिजंस ग्रीटिंग्स’’ बनायी थी और अब ओ हेनरी की सबसे चर्चित लघु कहानी ‘गिफ्ट ऑफ मैगी’ को एक काव्यात्मक श्रद्धांजलि देनेके लिए फिल्म ‘‘षुभो बिजया’’ लेकर आए हैं. जो कि ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘बिग बैंग’’ पर स्ट्रीम हो रही है.
कहानी:
यह कहानी मशहूर फैशन फोटोग्राफर शुभो(गुरमीत चैधरी) और मशहूर फैशन मॉडल विजया (देबिना बनर्जी ) के इर्द गिर्द घूमती है. कहानी शुरू होती है कलकत्ता में अंधे शुभो के आरती(खुश्बू कारवा )के कैफे हाउस में पहुंचने से. जहां कैफे हाउस में आरती, शुभो को काफी पिलाते हुए उससे बिजया को लेकर सवाल करती है, तब शुभो को अपना अतीत याद आता है.
फैशन फोटोग्राफर के रूप में शुभो की तूती बोलती है.तमाम मॉडल, लड़कियां उसकी दीवानी हैं.मगर शुभो तो मशहूर फैशन मॉडल बिजया का दीवाना है. धीरे धीरे दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं और फिर शादी कर लेते हैं. जीवन खुशहाल जा रहा था कि अचानक पता चलता है कि बिजया को चौथे स्टेज का त्वचा कैंसर/स्क्रीन कैंसर है. विजय डॉ. रश्मी गुप्ता से कहती है कि यह सच शुभो को नहीं पता चलना चाहिए. पर एक दिन जब शुभो कार चला रहा था, तब डा. रश्मी गुप्ता फोन करके शुभो को सच बताती है, इस सच को सुनकर शुभो की कार का एक्सीडेंट हो जाता है.
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और शुभो की आंखो की रोशनी चली जाती है. उसके बाद वह अंधा बनकर चलने वगैरह की ट्रेनिंग लेता है. पर एक दिन बिजय, शुभो को छोड़कर चली जाती है. कुछ समय बाद शुभो वह घर और उस शहर को छोड़ने का फैसला कर लेता, जिस घर व शहर से बिजया की यादें जुड़ी हुई हैं. इस बीच शुभो की काफी खत्म हो चुकी है. आरती उससे कहती है कि कुछ लोग उसे मिस करेंगं.
शुभों काफी हाउस से निकलकर अपने घर पहुंचता है, जहां उसका सारा सामान पैक हो चुका है. फिर एक ऐसा सच सामने आता है,जो प्यार के नए चरमोत्क-नवजर्या को दिखाता है.
लेखन व निर्देशनः
ई-रु39या देओल के साथ ‘केकवॉक’,सेलिना जेटली के साथ ‘सीजन्स ग्रीटिंग्स’ और अविना-रु39या द्विवेदी के साथ ‘‘रिक्-रु39याावाला’की अपार सफलता व कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके राम कमल मुखर्जी ने फिल्म ‘‘शुभो बिजया’’ भी अपनी निर्देशकीय प्रतिभा को उजागर किया है.
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वह बहुत स्प-नवजयटता के साथ युगल के बीच के रि-रु39यते में कड़वे मधुर क्षणों को उजागर करते हैं. मगर बीच में पटकथा शिथिल पड़ जाती है. निर्देशक राम कमल मुखर्जी मूलतः बंगाली हैं, तो उम्मीद थी कि वह इस फिल्म में बंगाली विवाह को विस्तार से दिखाएंगे,मगर उन्होंने बहुत ही लघु रास्ता अपनाया.
अभिनयः
मशहूर युवा फै-रु39यान फोटोग्राफर की भूमिका में गुरमीत चैधरी ने उत्कृनवजयट अभिनय किया है. अंधे इंसान की भूमिका में वह अपनी अभिनय प्रतिभा से द-रु39र्याकों को आ-रु39यचर्य चकित करते हैं. वहीं मशहूर फैशन मॉडल बिजया के जटिल किरदार को देबिना बनर्जी ने जीवंतता प्रदान की है. खुश्बू कारवा के हिस्से करने को कुछ खास आया ही नही.