उत्तर प्रदेश का रायबरेली जिला राजनीति के लिए पूरे भारत में जाना जाता है. यहां की लड़कियां अब ऐक्टिंग की दुनिया में भी अपना नाम रोशन कर रही हैं. रायबरेली की रहने वाली नीलू शंकर सिंह की पढ़ाई रायबरेली और मुंबई में हुई. वे पुलिस अफसर बन कर जनता की सेवा करना चाहती थीं,
पर बाद में मौडलिंग करने लगीं. मौडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया. 2 साल के अपने फिल्मी कैरियर में नीलू शंकर सिंह ने भोजपुरी सिनेमा की 9 फिल्में की हैं. इन सभी फिल्मों में उन का लीड रोल ही रहा है. वे अपनी कामयाबी में मातापिता और दर्शकों को सब से अहम मानती हैं. नीलू शंकर सिंह की फिल्मों में ‘बेटवा बाहुबली’, ‘लाज्जो’, ‘लव के लिए कुछ भी करेगा’ खास हैं. उन की आने वाली फिल्मों में ‘हाफ मैंटल’, ‘प्रेम युद्ध’, ‘दिल दीवाना प्यार में’, ‘बलवान’, ‘शक्ति’ और ‘छोरा छिछोरा बा’ अहम हैं. नीलू शंकर सिंह ने अपने कैरियर और भोजपुरी फिल्मों पर लंबी बातचीत की. पेश हैं, उसी बातचीत के खास अंश: फिल्म ‘छोरा छिछोरा बा’ में आप का किरदार क्या है? ‘छोरा छिछोरा बा’ एक रोमांटिक फिल्म है. इस फिल्म में प्रेम बबुआ बतौर हीरो मेरे साथ काम कर रहे हैं. मेरा मस्ती भरा चुलबुला रोल है. इस में मधुर संगीत और डांस है. कुछ जगहों पर कौमेडी के भी सीन हैं. नेपाल की खूबसूरत वादियों में इस फिल्म की शूटिंग हो रही है.
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एक सामान्य परिवार की लड़की का फिल्मों में काम करना कितना मुश्किल होता है? यह बात तो सही है कि फिल्मों में लड़कियों के कैरियर को ले कर मातापिता के मन में तमाम तरह के सवाल उठते हैं. पर पहले के मुकाबले अब हालात काफी बदल चुके हैं. अब लड़कियां अपने मातापिता से खुल कर बात करती हैं. मातापिता भी सपोर्ट करते हैं. मेरे मातापिता को भी फिल्म लाइन में जाने पर कोई एतराज नहीं था. दरअसल, उन्हें मेरी ईमानदारी और मेहनत पर पूरा यकीन था. मुझे उन का सहयोग ही मिला है. भोजपुरी फिल्मों में काम करने का आप का तजरबा कैसा रहा? मुझे तो पहली फिल्म से ले कर अब तक हर फिल्म में काम का तजरबा अच्छा रहा. सभी का सहयोग मिलता रहा है. मुझे जो भी रोल दिए गए, मैं पूरी मेहनत से काम करती रही.