15 वर्ष की उम्र से अभिनय के क्षेत्र में उतरने वाली हंसमुख, विनम्र स्वभाव की अभिनेत्री अदा शर्मा ने विक्रम भट्ट की हौरर फिल्म ‘1920’ से अभिनय की शुरुआत की. उन्हें अभिनय से लगाव था. किसी भी रूप में उन्हें अभिनेत्री ही बनना था, जिस में साथ दिया उन के मातापिता ने, जिन्होंने हमेशा हर काम करने की आजादी दी. हिंदी के अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. मुंबई की अदा शर्मा के पिता मर्चेंट नेवी में थे और उन की मां एक क्लासिकल डांसर हैं.

बचपन से ही उन्हें कला का माहौल मिला है. अदा एक जिमनास्ट हैं. उन्होंने 3 साल की उम्र से डांस सीखना शुरू किया था. उन्होंने मुंबई के ‘नटराज गोपी किशन कथक डांस एकैडमी’ से कथक में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने सालसा व जैज नृत्य भी सीखा है और वे एक अच्छी बैले डांसर भी हैं. उन्हें हर तरह की फिल्में करने का शौक है और किसी भी प्रकार के दृश्य अगर कहानी में जरूरत है, तो उन्हें करने से हिचकिचाती नहीं हैं. इन दिनों वे अपनी फिल्म ‘कमांडो 2’ को ले कर व्यस्त हैं, उन से मिल कर बात करना रोचक था. पेश हैं उन से हुई बातचीत के अंश.

इस फिल्म का मिलना कैसे संभव हुआ?

मैं 2 बड़ी फिल्में साउथ में तेलुगू में कर रही थी. एक कमर्शियल फिल्म ‘गरम’ और दूसरी ‘शनम’ जो रियलिस्टिक लव स्टोरी है. मैं ‘कमांडो 2’ का औडिशन दे कर हैदराबाद शूट के लिए चली गई थी. मुझे कोई फोन नहीं आया. ‘शनम’ फिल्म के रिलीज होने के बाद मैं साउथ में थी. वहां मुझे फोन आया कि मैं इस फिल्म में हूं और पूछा गया कि मैं कब मुंबई आ रही हूं. बस, यहीं से इस फिल्म से जुड़ गई.

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