फैशन में पीछे नहीं देसी छोरे

कई साल पुरानी बात है. जब हिंदी फिल्मों में गोविंदा का जलवा था. डेविड धवन की फिल्मों में तो वे एक अलग ही अंदाज में नजर आते थे. उन की अदाकारी और नाच के साथसाथ एक और चीज जो उन्हें दूसरे हीरो से अलग करती थी, वह था उन के हर रंग के कपड़े पहनने का स्टाइल. जो रंग लड़कों के लिए बेकार माने जाते थे, गोविंदा उन्हीं रंगों के कपड़ों जैसे पीली कमीज के नीचे बैंगनी रंग की पैंट या गुलाबी रंग का सूट बड़े परदे पर बड़ी शान से पहनते थे.

स्टाइल आइकन थे गोविंदा

गोविंदा की इस अजीबोगरीब ड्रेसिंग सेंस पर खूब चुटकियां ली जाती थीं. उसी दौर में किसी उभरते सिख फैशन डिजाइनर से जब बोल्ड ड्रेसिंग सेंस वाले फिल्म हीरो का नाम बताने के लिए कहा गया था तब उन्होंने बेझिझक गोविंदा का नाम लिया था. इस की वजह बताते हुए उन्होंने कहा था कि गोविंदा ने उन रंगों के कपड़ों का बाजार भी गरमा दिया है जो दुकानों पर धूल खाता था, लेकिन अब छोटे शहरों या गांवकस्बों के नौजवान धड़ल्ले से उन रंगों के कपड़ों से कमीज या पैंट बनवाते हैं.

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होता क्या है कि जब भी फैशन के बारे में बात की जाती है तो पढ़ेलिखे शहरी नौजवानों की पसंद या नापसंद को ही ध्यान में रखा जाता है जबकि आज भी भारत की ज्यादातर आबादी गांवों में रहती है और वह फैशन के मामले में किसी से कम नहीं है.

गांव में भी छाया शहरी फैशन

हरियाणा के जींद जिले के रत्ता खेड़ा गांव के शक्ति वशिष्ठ का आज के फैशन को ले कर मानना है, “अब गांवदेहात में भी शहरी फैशन घुस चुका है. नई उम्र के लड़के जींस और टीशर्ट पहनते हैं. खेतों में भी अब लड़के काम करते हैं तो वे कुरतापाजामा के अलावा जींस के साथ टीशर्ट या कमीज पहन लेते हैं.
”किसी खास मौके के लिए थोड़ा महंगा कपड़ा खरीदा जाता है. चूंकि फिल्मों का असर फैशन पर सब से ज्यादा रहता है इसलिए गांव के पास के कस्बों या थोड़े बड़े शहरों में कपड़ों की खूब दुकानें खुलने लगी हैं. एक्सपोर्ट के कपड़े भी खूब बिकते हैं.
”चूंकि गांव में अब पढाई का जोर बहुत ज्यादा हो गया इसलिए खुद को फैशन के मुताबिक रखने में अब नौजवान झिझकते नहीं हैं. कपड़ों के अलावा वे अपने जूतेचप्पलों को भी नए चलन के हिसाब से खरीदते हैं.”

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बात भी सही है क्योंकि हमारे देश में हर तरह का फैशन फिल्मी दुनिया से होता हुआ देशभर में अपना सिक्का जमाता है इसलिए ऐसे तबके की अनदेखी नहीं करनी चाहिए जो शहरों में नहीं रहता है या जो खुद के बनाव सिंगार पर ज्यादा पैसे नहीं खर्च कर सकता है.

 देशी छोरों हेयर स्टाइल

2 फिल्मों के हीरो से इस बात को जोड़ते हैं. यहां कपडे की नहीं हेयर स्टाइल की बात हो रही है. हिंदी फिल्म ‘आशिकी’ और ‘तेरे नाम’ में राहुल रॉय और सलमान खान के कपड़ों को तो पसंद किया ही गया था, उन के हेयर स्टाइल ने तो कहर मचा दिया था. हर तीसरा लड़का उस हेयर स्टाइल को अपना चुका था.
आज ही देख लो. रणवीर सिंह के कपड़े और उन का स्टाइल भी बहुत बोल्ड है जिसे हर नौजवान अपनाने की कोशिश करता है फिर वह चाहे सोशल मीडिया पर ट्रोल ही क्यों न हो जाए. वैसे भी अब लड़का देहाती हो या शहरी, फैशन को ले कर सब एकसुर में यह कहने की हिम्मत तो रखते ही हैं कि अपना टाइम आएगा…

Edited By – Neelesh Singh Sisodia 

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