सिर्फ पत्नियों के लिए ही नहीं पतियों के लिए भी जरूरी है पार्लर जाना

सपना अपनी सहेली ज्योति की शादी में अपने पति के साथ गई. वहां ज्योति ने अपनी छोटी बहन आरती से सपना कोे मिलवाया तो वह बोली, ‘‘हैलो सपना दी, हैलो अंकल. सपना दी, क्या जीजाजी को साथ नहीं लाईं?’’

‘‘आरती, यही तो हैं सपना के पति. ये अंकल नहीं तुम्हारे जीजाजी हैं,’’ ज्योति ने बताया.

यह सुन कर आरती बोली, ‘‘सौरी सपना दी, मैं ने पहचाना नहीं.’’

फिर तो मियांबीवी दोनों ने बेमन से शादी अटैंड की और घर लौट आए. सपना को रहरह कर आरती की कही बात याद आती रही. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लापरवाही की वजह से पुरुष अकसर उपहास का पात्र बन जाते हैं. ऐसा अकसर देखा जाता है कि फैस्टिवल हो या शादीब्याह का सीजन, महिलाएं तो निकल पड़ती हैं सुंदर दिखने की चाहत में, जबकि पति महोदय ‘हम ठीक लग रहे हैं’ की तख्ती गले में लटकाए फिरते हैं. और ऐसे में कहीं कोई और आरती जैसी उन्हें अंकल कह देती है तो मियांबीवी दोनों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच जाती है और फंक्शन का सारा मजा किरकिरा हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि उपहास का पात्र बनने से पहले ही ऐसी स्थिति न आए इस के लिए जागरूक रहा जाए.

आकर्षण दोनों के लिए जरूरी

सौंदर्य एवं आकर्षण को हमेशा से ही स्त्री से जोड़ कर देखा गया है. जबकि हकीकत तो यह है कि जिस तरह से पुरुष सुंदर स्त्री चाहता है, उसी तरह स्त्री भी यही चाहती है कि उस का साथी किसी भी माने में उस से या किसी और से कम न हो. इसीलिए मौजूदा समय में हर छोटेबड़े शहर में खुलने वाले यूनीसैक्स सैलून ऐसे हैं, जहां एक ही छत के नीचे पुरुष व महिला दोनों सुंदर दिखने की चाह को पूरा करते हैं. लेकिन बदलती तसवीर के बावजूद भी कई कपल ऐसे हैं, जो लकीर के फकीर बन कर बैठे हैं या तो अज्ञानता के कारण या फिर लोग क्या कहेंगे इस डर से और फिर गाहेबगाहे वे अपना मजाक बनवा लेते हैं.

सकरात्मक सोच अपनाएं

पति को सौंदर्य के प्रति जागरूक करने के लिए सकारात्मक सोच अपनाएं. उन्हें समझाएं कि जैसे वे आप को सजासंवरा देखना चाहते हैं, वैसे ही आप भी उन्हें स्मार्ट और हैंडसम देखना चाहती हैं. उन के ‘ना’ को ‘हां’ में बदलने के लिए प्यारभरी बातों का सहारा लें.

रिलैक्स थेरैपी

काम की आपाधापी, टैंशन आदि के कारण शरीर व दिमाग थकने लगता है, जिस के कारण उत्सव चाहे जो भी हो भारी लगने लगता है. इसीलिए बौडी व माइंड को रिलैक्स देने के लिए किसी अच्छे स्पा सैंटर में जा कर आप दोनों बौडी स्पा, सोना, पूल, स्टीम रूम और वर्लपूल जैसी सुविधाओं का लाभ उठाएं. इन से उन की बौडी रिलैक्स तो फील करेगी ही, उन में नई स्फूर्ति व ताजगी का संचार भी होगा. इस पौजिटिव चेंज के बाद वे अपने कायाकल्प के लिए आगे भी झिझकेंगे नहीं.

खुद करें पहल

पति की कायापलट करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि आप को क्याक्या तैयारी करनी है. मसलन, अगर उन के ड्रैसिंग स्टाइल में चेंज लाना है, तो उन की पसंद को ध्यान में रखते हुए ही आप कदम उठाएं. इस के लिए आप ड्रैस डिजाइनर कीहैल्प भी ले सकती हैं.

बौडी ऐक्सफोलिएशन

प्रदूषण के कारण पुरुषों में टैनिंग व डैड स्किन की समस्या बेहद कौमन होती है. त्वचा से डैड सैल्स की परत को हटाने के लिए ऐक्सफोलिएशन बेहद कारगर उपाय है. वैसे तो ऐक्सफोलिएशन ट्रीटमैंट सैलून में उपलब्ध है, लेकिन अगर आप चाहें तो घर पर भी अपने पतिदेव की नियमित रूप से स्क्रबिंग कर सकती हैं. मार्केट में कई ब्रैंड के बौडी स्क्रब उपलब्ध हैं, आप अपनी पसंद का उन में से कोई ले सकती हैं.

फेशियल

महिलाओं की तुलना में पुरुषों की त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है. उन की त्वचा ज्यादा ही रूखीसूखी होने के अलावा ब्लैक पोर्स, ब्लैक हैड्स और टैनिंग आदि से घिरी होती है. इसलिए उन की त्वचा के अनुरूप प्रोडक्ट व सर्विसेज मार्केट में उपलब्ध हैं. फेशियल द्वारा पुरुषों की स्किन को हैल्दी व ग्लोइंग इफैक्ट दिया जा सकता है.

पुरुषों की स्किन के अनुरूप कुछ खास फेशियल ये हैं:

बूस्ट फेशियल: इस को मिनी फेशियल भी कहा जाता है. अगर आप के पास बिजी शैडयूल के चलते समय की कमी है, तो रेडियंस बूस्ट फेशियल बेहतर औप्शन है. इस में क्लींजिंग, एक्फोलिएशन स्टीम, बूस्टिंग मास्क, टोनिंग, मौइश्चराइजिंग और शोल्डर मसाज की जाती है. इसे करवाने में तकरीबन 30-35 मिनट लगते हैं.

रिजेनिरेटिंग फेशियल: यह फेशियल हर प्रकार की स्किन के अनुकूल है. अगर आप पैचेज को लाइट करवाने के इच्छुक हैं तो यह फेशियल इस्तेमाल करें. यह सनडैमेज व पिग्मैंटेशन पैचेज के लिए भी बेहद कारगर है. इस में ड्यूल क्लींजिंग, स्टीम ऐक्सफोलिएशन, प्रैशर पौइंट मसाज, टैन रिमूविंग पैक, शोल्डर मसाज व सनप्रोटैक्शन वाला मौइश्चराइजर इस्तेमाल किया जाता है. इस में लगने वाला समय तकरीबन 1 घंटे का होता है. सूरज के हानिकारक प्रभाव से झुलसी त्वचा के लिए यह बेहद कारगर स्किन ट्रीटमैंट फेशियल है.

डर्मालौजिकल फेशियल: रूखीसूखी डिहाइड्रेट त्वचा के लिए डर्मालौजिकल फेशियल एकदम उपयुक्त फेशियल है. इस में सी माइल्ड क्लींजिंग, स्ट्रीम ऐक्सफोलिएशन, शोल्डर मसाज, फेशियल प्रैशर पौइंट मसाज, हाइड्रेटिंग मास्क, सीरम व स्कैल्प मसाज आती है. इस फेशियल का समय 1 घंटा रहता है.

ऐंटी ऐजिंग ट्रीटमैंट

ऐंटी ऐजिंग ट्रीटमैंट की बात करें तो स्किनपील, लेजर स्किन रिसर्फेसिंग, बोटोक्स ट्रीटमैंट, डर्माबे्रजन, कोलाजन ट्रीटमैंट व कौस्मैटिक सर्जरी पुरुषों के लिए समान रूप से कारगर है. लेकिन ये ट्रीटमैंट महंगे व कुशल डाक्टर की देखरेख में हीप्रभावशाली परिणाम देने वाले होते हैं.

हेयरकट व हेयरस्टाइलिंग

पिछले कुछ सालों से पुरुषों में हेयरकट व हेयरस्टाइलिंग को ले कर काफी क्रेज व बदलाव देखा जा रहा है. इस की शुरुआत आमिर खान की फिल्म ‘तारे जमीं पर’ की हेयरस्टाइल से हुई. फिर इन्हीं की फिल्म ‘गजनी’ के इन के लुक, सलमान के फिल्म ‘वीर’ के लुक, रितिक रोशन के फिल्म ‘जोधा अकबर’ के बैंगबैंग लुक व योयो हनी सिंह आदि के स्टाइलिश लुक का क्रेज सिर चढ़ कर बोला. इसी में बाउंस हेयर, ऐंगुलर फ्रिंज व डीप हेयरकट प्रमुख हैं.

प्रोडक्ट्स

बालों को वाल्यूम व मनपसंद स्टाइल देने के लिए मार्केट में कई हेयरस्टाइलिंग प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. इन का इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के हिसाब से आराम से कर सकते हैं: पौलिश स्पे्र: बालों में चमक बढ़ाने के लिए इस का प्रयोग किया जाता है.

जैल व क्रीम: बालों में वेट लुक के लिए जैल व बालों को घना दिखाने के लिए क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है.

ऐरोसोल स्प्रे: बालों को परफैक्ट बाउंस देने के लिए ऐरोसोल हेयर स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है.

मूस: बालों को ब्लो ड्राइंग व स्कं्रच करने के लिए मूस का इस्तेमाल किया जाता है. मार्केट में अलगअलग कंपनी के स्टाइलिंग प्रोडक्ट उपलब्ध हैं.

मैनिक्योर पैडिक्योर

ज्यदातर पुरुषों के हाथपैर रूखे, बेजान व भद्दे से दिखाई देते हैं. फिर वे चाहे कितने ही अच्छे कपड़े क्यों न पहने, उन के हाथपैर उन के आलसी व बेढंगेपन का भंडा फोड़ देते हैं. इसलिए किसी नेल सैलून में जा कर क्यूटिकल को रिमूव करवाएं व नेल्स को ट्रिम करवा कर अपने हाथपैरों की खूबसूरती बढ़ाएं. कई पुरुषों के नाखून बहुत हार्ड होते हैं, जो अंदर ही अंदर धंस कर दर्द पैदा कर देते हैं. इसलिए नेल सौफ्टनर का इस्तेमाल कर के नाखूनों को नरम बना कर काट लें. इस के अलावा जैल, औयल, स्पा व वैक्स मैनिक्योर पैडिक्योर करवाएं.

हेयर रिमूवल

हेयर रिमूवल से मतलब बिकनी, आर्म्स व लैग्स वैक्सिंग से नहीं है. बल्कि कितनी ऐसी जगहें होती हैं जहां पर आप का ध्यान नहीं जाता, लेकिन देखने वाले उन्हें नोटिस जरूर कर लेते हैं. जैसे कानों के ऊपर, नाक के किनारों पर व हेयरकट के बाद गले के आसपास बेतरतीब छोटेछोटे बाल और अंडरआर्म्स के बाल जिन के कारण बदबूदार पसीने और संक्रमण के कारण भी पुरुष बेढंगे व बैरोनक नजर आते हैं. इन्हें आसानी से ट्रिम व रिमूव करवाया जा सकता है, जिस से आप दोनों की जोड़ी भी हिट नजर आए.

रखें उन की पसंद का खयाल

माना कि आप उन की पर्सनैलिटी को निखारने की कोशिश कर रही हैं, मगर इस बात का ध्यान रखें कि उन की पसंद को अनजाने में ही आप नजरअंदाज न कर दें. हम बात कर रहे हैं ड्रैसिंग सैंस की. महिलाओं और पुरुषों के डै्रसिंग सैंस बिलकुल अलगअलग होता है, इसलिए अपनी पसंद उन पर थोपने से अच्छा है कि आप काउंटर बौय या गर्ल की मदद लें. ऐसा करने से आप के पतिदेव को अपने ऊपर कुछ थोपा हुआ महसूस नहीं होगा. इस फैस्टिवल सीजन में अपने साथसाथ अपने पतिदेव का भी रूप निखार के आप पा सकती हैं लोगों की तारीफ का अवार्ड, जो फैस्टिवल सीजन में आप की खुशियों में चार चांद लगा देगा.

Cosmetic Treatment से 40 की उम्र के बाद भी दिखें जवान

बोटोक्स: बोटोक्स का इंजैक्शन मसल्स यानी  मांसपेशियों में लगाया जाता है. इस से उम्र कम लगने लगती है, क्योंकि यह त्वचा पर उभरी लकीरों व झुर्रियों को मिटाने का काम करता है. इस का असर स्थायी नहीं रहता. समयसमय पर इंजैक्शन लगवाते रहना पड़ता है. 28 से ले कर 65 साल तक के लोग इस का इस्तेमाल कर सकते हैं.

फिलर्स: यह भी एक तरह का इंजैक्शन ही है, जिस का प्रयोग त्वचा में कसाव लाने व झुर्रियां मिटाने के लिए किया जाता है. ये इंजैक्शन त्वचा की केवल ऊपरी सतह को छूते हैं. ये बोटोक्स की तरह त्वचा के अंदर तक नहीं जाते.

लाइपोसक्शन: यह ट्रीटमैंट चरबी की परेशानी से मुक्ति दिलाता है. मोटापे से परेशान लोग इस तकनीक का सहारा लेते है. इस के तहत एक छोटी सी सर्जरी के जरीए पेट या शरीर के दूसरे हिस्से के फैट को गलाया जाता है.

लेजर थेरैपी: यह ट्रीटमैंट त्वचा के दागधब्बों व गड्ढों को मिटाने में कारगर है. चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के लिए भी इस थेरैपी का प्रयोग किया जाता है.

तेजी से बढ़ता प्रसार

डा. सुनील चौधरी कहते हैं कि खूबसूरती की ये मैडिकल तकनीकें पहले भी थीं, लेकिन तब इन का इस्तेमाल मौडल, ऐक्टर या अन्य हाई प्रोफाइल लोग ही करते थे या फिर केवल महिलाएं. मगर आज इन तकनीकों द्वारा सुंदर बनने की दौड़ में सब से ज्यादा 40 पार के पुरुष शामिल हैं.

सही सैंटर का चुनाव

सौंदर्य के प्रति बढ़ती पुरुष वर्ग की चाहत अच्छी है, मगर कहीं से भी ट्रीटमैंट लेने की जल्दबाजी बुरी है. खूबसूरती की ललक में ऐसी गलतियां न करें जो सेहत पर भारी पड़ जाएं. कई लोग विज्ञापन पढ़ कर ऐसे ब्यूटी सैंटर में चले जाते हैं, जहां कोई कौस्मैटिक सर्जन या डर्मैटोलौजिस्ट ही नहीं होता. ब्यूटी ऐक्सपर्ट खुद ये सेवाएं देते हैं, जो खतरनाक साबित होती हैं.

केवल कौस्मैटिक सर्जन या डर्मैटोलौजिस्ट को ही अधिकार है कि ये ट्रीटमैंट्स दे. इन ट्रीटमैंट्स में कई तरह की बारीकियों का ध्यान रखना पड़ता है.

साइड इफैक्ट: ये ब्यूटी ट्रीटमैंट्स पूरी तरह नुकसानरहित नहीं हैं. इन के साइड इफैक्ट होते हैं. जो लोग ढलती उम्र में कभीकभार अर्थात 2-3 बार ही ये उपचार लेते हैं वे खतरे से बचे रहते हैं, पर जो लोग कम उम्र अर्थात 18 से 20 साल से इस का सहारा लेने लगते हैं उन्हें कई तरह के साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. कई बार जिस हिस्से पर ट्रीटमैंट दिया जाता है उस के आसपास की त्वचा संक्रमित हो जाती है. त्वचा पर लाली आ जाती है, वह रूखीसूखी हो जाती है, उस पर छोटेछोटे दाने उभर आते हैं.

सावधानी: किसी कौस्मैटिक सर्जन की सलाह से ही ऐसा कोई ब्यूटी ट्रीटमैंट लें. सस्ते के चक्कर में न पड़ें और जानीपहचानी जगह से ही ट्रीटमैंट लें. डाक्टर को अपनी मैडिकल हिस्ट्री जरूर बताएं, कार्डियोवैस्क्यूलर और न्यूरोमस्क्यूलर सरीखी बीमारियों की गिरफ्त में हों तो किसी भी ट्रीटमैंट से परहेज करें. इन के इस्तेमाल के बाद भी कई तरह की सजगता की दरकार होती है. ऐक्सपर्ट डाइट में जो बदलाव सुझाएं, उन का पालन करें.

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