क्रिकेट: वनडे को ले कर चिंता में सचिन

पाकिस्तान के दिग्गज स्पिन गेंदबाज रह चुके सकलैन मुश्ताक ने अपने एक हालिया इंटरव्यू में कहा था कि विराट कोहली किसी भी लिहाज से सचिन तेंदुलकर के बराबर नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने वसीम अकरम और शेन वार्न जैसे चालाक गेंदबाजों का कभी सामना नहीं किया है.अब सकलैन मुश्ताक के वही चहेते बल्लेबाज ‘मास्टरब्लास्टर’ सचिन तेंदुलकर, जो क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद इस खेल से उचित दूरी बना कर ही रखते हैं, ने वनडे क्रिकेट के भविष्य पर खुल कर अपनी राय दी.

सचिन तेंदुलकर ने वनडे मैचों के वजूद पर चिंता जताई और कहा कि 2 नई गेंदों का इस्तेमाल और फील्डिंग प्रतिबंध वनडे क्रिकेट को मुश्किल बना रहे हैं और इस तरह बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बिगड़ रहा है. दिल्ली में ‘इंडिया टुडे कौन्क्लेव’ के एक सैशन के दौरान दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘यह (वनडे) बिना किसी शक के बोरिंग हो रहा है. इस के 2 पार्ट हैं. एक मौजूदा फौर्मेट है और दूसरा वह है, जो मुझे लगता है कि इसे अपनाना चाहिए. ‘50 ओवरों के खेल में 2 नई गेंदें होती हैं.

जब आप के पास 2 नई गेंदें होती हैं, तो यह बात रिवर्स स्विंग को खत्म कर देती है. भले ही हम खेल के 40वें ओवर में हों, लेकिन यह असल में उस गेंद से 20वां ओवर होता है.’सचिन तेंदुलकर ने फील्डिंग प्रतिबंध के सिलसिले में भी बताया, ‘मैं ने कुछ स्पिनरों से बात की है. मैं घेरे में 5 फील्डरों के रहने को ले कर उन की मानसिकता को समझने की कोशिश कर रहा था. गेंदबाज कह रहे हैं कि उन्हें अपनी लैंथ और लाइन बदलने की आजादी नहीं है. बल्लेबाज के गलती करने की उम्मीद रहती है, लेकिन वे अपनी लाइन में बदलाव करते हैं, तो भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

मौजूदा फौर्मेट में उन के पास अभी सुरक्षा नहीं है. मौजूदा फौर्मेट गेंदबाजों पर भारी है. घेरे के अंदर 5 फील्डर और 2 नई गेंदों के साथ यह चुनौती से भरा है.’सचिन तेंदुलकर की यह चिंता जायज है, क्योंकि पिछले कई सालों में क्रिकेट में सिर्फ बल्लेबाज ही हावी दिखाई देते हैं. ट्वैंटी20 फौर्मेट के कामयाब हो जाने के बाद से अब वनडे भी बड़ा और उबाऊ लगने लगा है, क्योंकि वहां गेंदबाज पर सीमित दायरों में रह कर गेंदबाजी करने का प्रैशर होता है.

चूंकि दिनरात वाले मैचों में मैदान पर ओस पड़ने का भी चक्कर रहता है, तो गेंदबाजों को गेंद फेंकने, ग्रिप बनाने में दिक्कतें आती हैं और वे अपनी कला को पूरी तरह से दर्शकों को नहीं दिखा पाते हैं.इस समस्या का हल निकालने के लिए सचिन तेंदुलकर का कहना है कि आप 50 ओवर की पारी को 2 भागों में बांट दीजिए यानी जो टीम पहले बल्लेबाजी करती है, वह 25 ओवर तक बल्लेबाजी करेगी. फिर दूसरी टीम की बैटिंग आएगी और वह अपने हिस्से के 25 ओवर खेलेगी.

यहां टैस्ट क्रिकेट की तरह ही लीड लेने और पारी में पीछे रहने वाला गेम होगा. फिर पहली टीम की दूसरी पारी होगी और आखिर में टीम को लक्ष्य का पीछा करना होगा.सुनने में तो यह आइडिया रोमांचक लगता है, पर क्या क्रिकेट के नियमकानून बनाने वाले सचिन तेंदुलकर की इस सलाह पर गौर करेंगे?

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