प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं काफी सतर्क हो जाती हैं. कहीं गर्भस्थ शिशु को कोई हानि न पहुंचे, इस कारण वे पति से शारीरिक तौर पर भी हर संभव दूरी बनाए रखने की कोशिश करती हैं, मगर डाक्टरों के अनुसार गर्भावस्था में सेक्स किया जा सकता है.
हां, अगर प्रेगनेंट महिला की हालत नाजुक हो या फिर कोई कौंप्लिकेशन हो, तो शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए. लेकिन पत्नी से ज्यादा दिनों तक दूर रहना पति के लिए नामुमकिन हो जाता है, जिस के चलते रिश्तों में अलगाव होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में इस स्थिति को रोकने के लिए आइए जानते हैं कि गर्भावस्था में कैसे करें सेक्स:
गर्भावस्था के दौरान सेक्स के समय इन पोजीशंस के माध्यम से सुरक्षित सेक्स का आनंद भी लिया जा सकता है और इस से होने वाले बच्चे और मां को भी कोई तकलीफ न होगी.
पहली पोजीशन: पति और पत्नी एकदूसरे के सामने लेट जाएं. पत्नी अपना बायां पैर पति के शरीर पर रख दे. इस पोजीशन में सेक्स करने से गर्भ को झटके नहीं लगते.
दूसरी पोजीशन: पत्नी पीठ के बल टखने मोड़ कर अपनी टांगें पति के कंधों पर रखे, फिर सेक्स करें. इस से पेट पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा.
तीसरी पोजीशन: पति कुरसी पर बैठे और पत्नी उस के ऊपर बैठ जाए. यह भी सेफ सेक्स में आता है.
कुछ व्यायामों के माध्यम से भी सेक्स किया जा सकता है, लेकिन इस के पहले डाक्टर से सलाह जरूर ले लें.
सावधानियां
- गर्भावस्था में सेक्स के दौरान पति को पत्नी का खास ध्यान रखना चाहिए. पति ज्यादा उत्तेजना में न आए और न ही पत्नी पर ज्यादा दबाव पड़े.
- गर्भावस्था में सेक्स करें, लेकिन किसी प्रकार का नया प्रयोग करने से बचें.
- सेक्स करते हुए ध्यान रहे कि पत्नी पर ज्यादा दबाव न पड़े.
- गर्भावस्था में प्रसव पीड़ा से पहले तक सेक्स किया जा सकता है, पर गर्भवती को इस से कोई तकलीफ न हो तब.
गर्भावस्था में सेक्स के फायदे
प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है, आइए जानते हैं कैसे:
- गर्भावस्था में सेक्स करने से आप की पैल्विक मांसपेशियों में सिकुड़न बढ़ जाती है, जिस से वे प्रसव के लिए और मजबूत बनती हैं.
- प्रेगनेंसी के दौरान जल्दी पेशाब आना, हंसने या छींकने पर पानी निकलने आदि की समस्या आप के बच्चे के बड़े होने के कारण मूत्राशय पर पड़ने वाले दबाव की वजह से होती है. यह थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन इस से आप की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जो प्रसव के समय लाभ पहुंचाती हैं.
- सेक्स करने से महिला ज्यादा फिट रहती है. इस दौरान वह सिर्फ 30 मिनट में 50 कैलोरी कम कर सकती है जोकि उस की हैल्थ के लिए अच्छा है.
- गर्भावस्था में सेक्स करने से महिला की सहनशक्ति 78% बढ़ जाती है, जिस से प्रसव के समय उसे थोड़ा आराम महसूस होता है.
- सेक्स के बाद रक्तचाप कम हो जाता है. अधिक रक्तचाप मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है, इसलिए बेहतर है कि ऐसी स्थिति में डाक्टर से सलाह लें.
- औक्सीटोसिन हारमोन संभोग के समय शरीर से मुक्त होता है, जो तनाव को कम करने में उपयोगी होता है, जिस कारण अच्छी नींद आती है.
- शोधकर्ताओं का मानना है कि गर्भावस्था में सेक्स प्रीक्लेंपसिया से बचाता है. यह ऐसी स्थिति है, जिस में अचानक रक्तचाप बढ़ जाता है. ऐसा शुक्राणु में पाए जाने वाले प्रोटीन के कारण होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है.
जब डाक्टर को कुछ जटिलताएं नजर आती हैं, तब वे सेक्स न करने की सलाह देते हैं. जटिलताएं कई प्रकार की हो सकती हैं, जैसे:
- अगर पहले कभी गर्भपात हुआ हो तो.
- पहले कभी समय से पूर्व बच्चा जन्मा हो तो.
- किसी प्रकार का गर्भपात का जोखिम होने पर.
- योनि से अधिक रक्तस्राव होने या तरल पदार्थ बहने की स्थिति में.
- एक से अधिक बच्चे होने पर.
अगर आप चाहती हैं कि आप की प्रैगनैंसी खुशहाल और सुरक्षित हो तो टोनेटोटकों जैसे गर्भ रक्षा कवच, गर्भ रक्षा हेतु चमत्कारी टोटके, पुत्र प्राप्ति के नुसखे आदि के चक्करों में उलझने से बचें, क्योंकि इस दौरान टोनेटोटके नहीं, बल्कि पतिपत्नी के बीच प्यार और अच्छे संबंध ज्यादा जरूरी हैं. इस दौरान अपने और अपने होने वाले बच्चे का पूरा ध्यान रखें. डाक्टर की सलाह पर चलें और संपूर्ण आहार लें, ताकि आप के शरीर को सभी पोषक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में मिल सकें, जो आप के होने वाले बच्चे के विकास के लिए जरूरी हैं.