सेक्स में गर्भधारण का डर सबसे अधिक होता है. इस डर की वजह से बहुत सारे लोग सेक्स से बचने की कोशिश करते है. इस डर से ही सेक्स का इंजौय भी नहीं कर सकते है. कई लोग गर्भधारण से बचने के लिये ‘ओरल सेक्स’ और ‘अननैचुरल सैक्स’ भी करते है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह होती है कि उनको गर्भ को रोकने के तरीको का पता नहीं होता. इसका प्रयोग उनको असहज लगता है. उनको लगता है कि गर्भधारण से रोकने वाले तरीको के प्रयोग से सेक्स में जो इंजौय होता है वह नहीं मिलता.

एक धारणा यह भी होती है कि औरत के माहवारी चक्र में कुछ ऐसे दिन होते है. उस दिनों में गर्भधारण रोकने वाले साधन के बिना भी सेक्स कर सकते है. इन दिनों में सैक्स करने से गर्भधारण का खतरा नहीं रहता है. इन दिनों को ही सेक्स के लिये ‘सुरक्षित दिन’ माना जाता है. माहवारी आने के तुरंत बाद एक सप्ताह का समय और माहवारी आने के पहले का एक सप्ताह सेक्स के लिये सुरक्षित माना जाता है. आमधरणा यह है कि इस दौरान सेक्स करने से गर्भ ठहरने का खतरा नही रहता है.

इन सुरक्षित दिनों की गणना माहवारी आने के दिनो से की जाती है. अगर माहवारी नियमित समय से न हो तो यह गणना गडबडा भी सकती है. जिस वजह से सेक्स के सुरक्षित माने जाने वाले यह दिन सुरक्षित नहीं रहते है. इसी वजह से कहा जाता है कि इन सुरक्षित दिनो को उतना भी सुरक्षित ना माना जाये. इसलिये इस पर बहुत भरोसा करने वाला नही होता है. डाक्टरों का मानना है कि माहवारी आने के तुरंत बाद एक सप्ताह कासमय और माहवारी आने के पहले का एक सप्ताह सेक्स के लिये सुरक्षित माना जाता है. इस समय पर औरत के अंडाणू नहीं बनते ऐसे में सेक्स करने से बच्चे के ठहरने का खतरा कम होता है. डरने वाली बात यह है कि अगर माहवारी सही समय पर ना हो रही हो और उसके दिनों की गणना में कोई दिक्कत हो जाये तो यह सुरक्षित दिनों का फामूर्ला फेल हो सकता है.

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