Crime News in Hindi: शनिवार, 5 मई, 2019 की रात. जश्न का माहौल. तेज म्यूजिक पर नाचते लड़केलड़कियां. रात जैसेजैसे गहराती जा रही थी, डीजे पर म्यूजिक तेज होता जा रहा था. थिरकते कदम रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. नोएडा में हो रही एक रेव पार्टी (Rave Party) में यह सब चल रहा था. अमीर घरों के बच्चे, कारोबारी घराने के लोग, नेता वगैरह इस पार्टी की शान थे. उन के साथ आई हुईं लड़कियां भी किसी से पीछे नहीं थीं. इस पार्टी में क्या नहीं था, हुक्का (Hookah), बीयर (Beer), ड्रग्स(Drugs), तंबाकू का नशा, शराब (Hard Drinks), कबाब, शबाब. लड़केलड़कियां नशे की हालत में डीजे की धुनों पर मस्त हो कर थिरक रहे थे. तेज रोशनी उन की आंखों को चौंधिया रही थीं. बाहरी दुनिया से अलगथलग थी यह रंगीन दुनिया.
इतनी बड़ी रेव पार्टी हो रही थी और पुलिस को पता न हो, ऐसा कैसे हो सकता है. पुलिस को पता था, पर उसे मोटा चढ़ावा पहले ही चढ़ाया जा चुका था. फिर भी छापामारी हो गई. बाहरी पुलिस ही इलाके की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई. इसलिए अब तो पुलिस की मिलीभगत भी चर्चा का विषय हो गई है. जांच चल रही है. इस पार्टी में एक-दो पुलिस वाले भी थे.
वे अपना चेहरा छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहे थे. अमीर घरों के तमाम बच्चे, कारोबारी, राजनीतिक लोग जो इस पार्टी में मौजूद थे, धरे गए और न्यायिक हिरासत में हैं.
यह मामला नोएडा के यमुना किनारे बसे सैक्टर-135 का है. यहां इको फार्महाउस पर हर वीकेंड पर महफिलें सजती थीं. इन पार्टियों के लिए खासमखास लोगों को बुलाया जाता था. बुलाने का तरीका व्हाट्सएप और फेसबुक पर बने क्लोज्ड ग्रुप को हिंट के जरीए होता था. इस महफिल में शरीक होने वाले इस हिंट को आसानी से समझ जाते थे. लड़केलड़कियों को पूरी रात डांस, म्यूजिक, ड्रग्स और सैक्स का कौकटेल मिलता. रातभर लुत्फ उठाने के बाद वे अपनी गाड़ियों से अगले दिन घर लौट जाते.
रेव यानी पैशन, एक्साइटमैंट और पागलपन. यह सैक्स, म्यूजिक और ड्रग्स का कौकटेल है. पार्टी शुरू हो चुकी थी. बड़े से ओपेन स्पेस में बजता तेज म्यूजिक और इलैक्ट्रौनिक लाइटिंग का फ्यूजन और ड्रग्स का असर. वहां मौजूद लड़केलड़कियों को पागल करने के लिए काफी था.
‘फुल सैटरडे नाइट विद डीजे ईशू एंड आशू’ के नाम से चल रही इस पार्टी में तमाम लड़केलड़कियों का हुजूम था. ज्यादातर लड़के दिल्ली, हरियाणा के अलावा नोएडा के थे. पार्टी में लड़कियों की मौजूदगी ठीकठाक रहे, इसलिए उन की एंट्री फ्री थी जबकि लड़कों से 10,000 रुपए एंट्री फीस वसूली गई थी.
लड़कों का भरपूर मनोरंजन करने के लिए ऐस्कौर्ट सर्विस की लड़कियां बुलाई गई थीं. ऐस्कौर्ट लड़कियों को प्रति इवैंट 1,000 रुपए की फीस पर लाया गया था. भड़कीले कपड़े पहने इन लड़कियों का काम अपनी सैक्सी अदाओं से इन लड़कों का मनोरंजन करना और उन्हें वहां जुए व दूसरी नशीली चीजों की खरीदारी के लिए तैयार करना था. पर्सनल एंजौयमैंट के लिए फार्महाउस में 3 कमरे भी थे.
ऐस्कौर्ट लड़कियों की अमीर घरों के लड़कों के साथ टेबल पर बैठने के साथ शराब पिलाने तक की कीमत तय थी. टेबल पर बैठने, गिलास देने, शराब देने, खाना परोसने, साथ में शराब पीने समेत दूसरी चीजों का ऐस्कौर्ट लड़कियां अलग से चार्ज लेती थीं. टेबल पर बैठा युवक जितना पैसा खर्च करता था, उस का 10 फीसदी कमीशन इन लड़कियों को मिलता था. बाकी लड़कियां अपने बौयफ्रैंड के साथ पार्टी में आई थीं. ज्यादातर सभी लड़कियां हाईप्रोफाइल घरों की थीं.
आयोजकों ने रेव पार्टी का प्रचारप्रसार फेसबुक, व्हाट्सएप समेत अन्य सोशल मीडिया के जरीए किया था. प्रवेश शुल्क को आयोजक नकद के साथ पेटीएम वालेट या दूसरे साधनों से लेते हैं. मौके से एक रजिस्टर बरामद हुआ, जिस में पूरा हिसाब लिखा हुआ था.
पुलिस को किसी ने सूचना दी. उसी को आधार मानते हुए पुलिस ने पहले घेरा बनाया गया, तब दबिश दी. जब पुलिस अंदर घुसी तो वहां तमाम लड़केलड़कियां नशे में डीजे पर झूम रहे थे. कई लड़के टेबल और पूल में घुस कर हुक्के का कश लगा रहे थे. पुलिस ने मौके से पार्टी के आयोजक व फार्महाउस मालिक अमित त्यागी को उस के साथियों कपिल सिंह भाटी, पंकज शर्मा, अदनान और बालेश कोहली के साथ पकड़ा है.
आरोप है कि अमित त्यागी वहां पर पहले भी 40- 50 ऐसी पार्टियों को करवा चुका है. हर पार्टी से पहले वह इलाके की पुलिस को मोटा चढ़ावा देता था. फार्महाउस पर अवैध रूप से चल रही रेव पार्टी पर छापेमारी कर 192 लड़केलड़कियोंको गिरफ्तार किया. इस में आयोजक व मनोरंजन के लिए लाई गई लड़कियां भी शामिल थीं या यों कहें कि पार्टी में 161 लड़के और 31 लड़कियां पकड़ी गई थीं. इन में से 8 ऐस्कौर्ट से बुलाई गई लड़कियां शामिल थीं जबकि बाकी अपने बौयफ्रैंड के साथ आईं थीं.
दूसरी ओर फार्महाउस में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ और आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया. इस के अलावा पुलिस ने फार्महाउस से 39 कारों के अलावा 9 महंगी मोटर बाइकों को भी अपने कब्जे में लिया. इन में कई लग्जरी कारें भी थीं. ज्यादातर लड़केलड़कियां 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स थे. वे सभी कारोबारी, नौकरशाहों, बड़े घरानों, प्रभावशाली परिवारों से ताल्लुक रखते थे. ज्यादातर घर से झूठ बोल कर पार्टी में शरीक होने आए थे.
रेव पार्टी में बड़ी तादाद में लड़केलड़कियों के पकड़े जाने के बाद पूरी रात पुलिस अफसरों के फोन घनघनाते रहे. अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य का हवाला दे कर उन्हें माफ कर छोड़ देने की गुहार करते रहे. बाद में पुलिस ने छात्रछात्राओं के भविष्य को देखते हुए उन के नामपते बताने से इनकार कर दिया. रविवार, 5 मई की सुबह 6 बजे पुलिस की बसें मंगवा कर सभी को फार्महाउस से पुलिस लाइन भेजा गया. वहीं से पुलिस ने आरोपितों को जिला न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
जांच में यह भी सामने आया है कि एक सप्ताह तक चलने वाली रेव पार्टी की एंट्री फीस एक से डेढ़ लाख रुपए, वहीं 2 दिनों के लिए 20,000-22,000 रुपए थी. वीकेंड पर एक पार्टी कर के आयोजक 15 से 20 लाख रुपए कमा लेते थे. इन में से 2-3 लाख रुपए लोकल पुलिस को जाते थे और बाकी पार्टनर आपस में बांट लेते थे. रेव पार्टी में आने के लिए इन बच्चों ने झूठ का सहारा लिया. क्यों? क्योंकि मांबाप सच से वाकिफ नहीं होना चाहते. अगर हो गए तो मनमानी करने नहीं देंगे.
अमीरजादों को अपने बच्चों को सुधारना जरूरी है, डांटफटकार से बात नहीं बनने वाली. पैसे दे देना किसी समस्या का हल नहीं, उन पैसों का हिसाबकिताब भी पूछना चाहिए. बच्चों के साथ बैठें, बात करें, उन की परेशानी को बढ़ाने के बजाय दूर करने की कोशिश करें. तभी सही माने में आपका बच्चा ठीक दिशा में चल सकता है अन्यथा बच्चों के बिगड़ते देर नहीं लगती, इसलिए जरूरी है बच्चों पर नजर रखना, ताकि बाद में पछताना न पड़े.