अंग प्रदर्शन को लेकर भोजपुरी एक्ट्रेस पूजा ने किया ये खुलासा

भोजपुरी फिल्मों में गैरभोजपुरी बोली वाले कलाकारों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. छोटेछोटे शहरों की लड़कियां भोजपुरी सिनेमा, म्यूजिक अलबम के जरीए ऐक्टिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए आगे बढ़ रही हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर की रहने वाली पूजा सिंह राजपूत के पिता आर्मी में रहे थे. वे चाहते थे कि पूजा भी आर्मी जौइन करे. पर अच्छी लंबाई और खूबसूरत चेहरामोहरा होने के चलते उसे मौडलिंग के औफर मिलने लगे थे. पूजा सिंह राजपूत ने 14 साल की उम्र में ही कथक डांस सीखा और ऐक्टिंग व डांस के क्षेत्र में स्कूलकालेज में खूब नाम कमाया.

कालेज में मिली कामयाबी के बाद उस ने ऐक्टिंग के क्षेत्र में जाने का फैसला किया. आज वह कई टैलीविजन सीरियल और हिंदी, भोजपुरी व गुजराती फिल्में कर रही है. पेश हैं, उस से की गई बातचीत के खास अंश:

ऐक्टिंग में कैरियर बनाने की वजह क्या रही?

मुझे बचपन से ही डांस और ऐक्टिंग का शौक था. मैं ने बौलीवुड स्टाइल में कथक सीखा. मैं जिस माहौल और समाज में पलीबढ़ी, वहां पर मेरे घर वालों ने पुरानी दकियानूसी सोच को छोड़ कर आगे बढ़ने में मेरा साथ दिया. पिता चाहते थे कि मैं आर्मी में जाऊं, पर जब उन को पता चला कि मैं ऐक्टिंग में जाना चाहती हूं तो उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया. मुंबई यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मुझे काम मिलने लगा था.

अब तक आप को किस तरह के काम करने का मौका मिला है?

गुजराती और भोजपुरी फिल्मों के साथसाथ दूरदर्शन के लिए डौक्यूमैंट्री फिल्म की है. इप्टा के लिए नाटक किया है. सब टीवी पर अधिकारी ब्रदर्स के लिए काम किया है. मौडलिंग में साड़ी, टौनिक सिरप, बैंकिंग और हेयर रिमूवल क्रीम के लिए फोटो शूट किया है.कैरियर के शुरुआती एक साल में मेरे लिए ये उपलब्धियां संतोषजनक हैं.

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फिल्म और टैलीविजन में काम का अनुभव कैसा रहा?

मुझे यहां पर काम करने में कोई दिक्कत नहीं हुई. मेरे साथ सब से खास बात यह होती है कि मैं कोई भी सीन एक बार में ही शूट कर लेती हूं, बारबार रीटेक करने की नौबत नहीं आती है. इस से लोग भी खुश रहते हैं और मुझे भी परेशानी नहीं होती है.

जिस शूट में आपको खुद लगता है कि यह परफैक्ट नहीं हुआ?

है तो उसे ही मैं दोबारा शूट करती हूं. फिल्मों में अंग प्रदर्शन को ले कर बहुत होहल्ला होता है. इस बारे में आप क्या सोचती हैं? अंग प्रदर्शन यानी ऐक्सपोजर में कोई बुराई नहीं है, बशर्ते वह बेवजह न किया गया हो. अगर किरदार की डिमांड है, कहानी के हिसाब से सही है तो कोई बुराई नहीं. बिना वजह केवल नंगापन दिखाना तो ठीक नहीं है. फिल्म, टैलीविजन, मौडलिंग हर क्षेत्र में लोग मनोरंजन चाहते हैं. ऐसे में ग्लैमर और अंग दिखाने से बचना मुमकिन नहीं है. एक कलाकार के रूप में आप किस तरह के काम करना चाहती हैं? ऐक्टर हमेशा ऐक्टर होता है.

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हर कलाकार के मन में रहता है कि वह लीड रोल करे. कहानी उस के किरदार के चारों तरफ ही घूमे. इस के साथ अगर किरदार छोटा हो, पर अहम हो तो भी करना चाहिए. कई बार छोटेछोटे रोल भी बड़ा असर डाल देते हैं.

आप के पसंदीदा कलाकार कौनकौन से हैं?

मुझे माधुरी दीक्षित, मधुबाला, श्रीदेवी, उर्मिला मातोंडकर, करिश्मा कपूर और दीपिका पादुकोण के साथ शाहरुख खान, सलमान खान, गोविंदा, अजय देवगन और रणबीर कपूर पसंद हैं. जो कलाकार डांस को प्रमुखता से रखते हैं, वे सब मुझे पसंद हैं.

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