समस्या: औनलाइन ज्ञान से जिंदगी के साथ खिलवाड़

आजकल यूट्यूब पर वीडियो देख कर घर पर ही कुछ भी करने का चलन बढ़ा है, लेकिन यह खतरनाक भी हो सकता है.

हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर शहर में 25 साल की एक लड़की ने यूट्यूब पर एक वीडियो देख कर घर पर ही अपना भ्रूण (पेट का बच्चा) निकालने की कोशिश की. नतीजतन, उस की हालत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उस लड़की को ऐसी सलाह उस के प्रेमी ने दी थी.

उस लड़की ने पुलिस को बताया कि उस का प्रेमी साल 2016 से उस के साथ रेप कर रहा था और शादी का ?ांसा दे रहा था. अब जब वह पेट से हुई, तब उस के प्रेमी ने सलाह दी कि वह यूट्यूब से वीडियो देख कर बच्चा गिरा ले और उस की बताई हुई दवाएं खा ले.

जब लड़की ने ऐसा करने की कोशिश की, तब उस की हालत बिगड़ गई और उस के बाद उसे अस्पताल में भरती कराया गया.

यूट्यूब वीडियो देख कर खुद पर तजरबा करने का एक ऐसा ही मामला केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के वेंगानूर इलाके में भी देखने को मिला.

7वीं जमात का एक छात्र शिवनारायण सोशल मीडिया या यूट्यूब वीडियो देखने का आदी था. यूट्यूब पर बालों को स्ट्रेट यानी सीधा करने का वीडियो देख कर उस ने खुद पर उस तरीके को आजमाने की कोशिश की.

जब घर में कोई नहीं था, तब उस छात्र ने अपने बालों में मिट्टी का तेल लगा दिया और जलती हुई माचिस की तीली से बालों को सीधा करने की कोशिश करने लगा. इस दौरान वह आग की चपेट में आ गया.

तब वह छात्र अपने घर के बाथरूम में था और घर में सिर्फ उस की दादी थीं. आग की चपेट में आने के बाद वह रोनेचिल्लाने लगा. दादी ने आसपास के लोगों को बुलाया. लोगों ने जैसेतैसे आग बु?ाई और उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन वह छात्र बच नहीं सका.

हम ने देखा है कि आजकल अगर कोई कुछ नया करना चाहता है या कुछ नया सीखना चाहता है, तो यूट्यूब पर उस के बारे में जरूर खोजबीन करता है. यूट्यूब पर कई लोग अलगअलग मुद्दों पर अपने खुद के वीडियो या ट्यूटोरियल पोस्ट करते रहते हैं.

यह सच है कि यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म आज हमारी जिंदगी में काफी मददगार साबित हो रहे हैं. उन के कई अच्छे नतीजे भी हम सब के सामने आते रहते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम औनलाइन वीडियो से लिए गए उपायों को इतना जीने लगे हैं कि हम अपनी जान तक जोखिम में डाल रहे हैं?

यह सच है कि दुनिया पूरी तरह से डिजिटल हो रही है और यकीनी तौर पर लोगों को इस से काफी फायदा हो रहा है. औनलाइन साधनों के सही इस्तेमाल का हमें तब पता चला, जब दुनिया कोरोना के चलते लगे लौकडाउन में फंस गई थी, लेकिन औनलाइन काम की सहूलियत होने के चलते न केवल लोगों का कारोबार चलता रहा, बल्कि बच्चों की पढ़ाईलिखाई में कोई बड़ी दिक्कत नहीं आई.

पर इस का मतलब यह नहीं है कि हमें हर उस काम के लिए औनलाइन जरीए का सहारा लेना चाहिए, जिस के लिए फिजिकल होना जरूरी है.

दरअसल, इंटरनैट या यूट्यूब पर दी गई जानकारी के कई मकसद हो सकते हैं. मसलन, मशहूर होना, कारोबार करना, चैनल चलाना, सब्सक्राइबर बढ़ाना या किसी सब्जैक्ट पर थोड़ी जानकारी देना.

ध्यान रहे कि कोई भी चैनल पूरी जानकारी देने को तैयार नहीं है और न ही सारी जानकारी दी जा सकती है.

आमतौर पर यूट्यूब के वीडियो लोगों को जागरूक करने के लिए होते हैं. वे हमें देश और दुनिया की जानकारी देने के लिए होते हैं, लेकिन इस का यह कतई मतलब नहीं है कि हम इन वीडियो को देख कर खुद को किसी खास फील्ड का मास्टर मान बैठें.

बच्चा गिराने से जुड़ा जो काम एक माहिर डाक्टर का है, वह कैसे यूट्यूब के जरीए खुद घर पर हो सकता है? अगर ऐसा ही होता तो सालों तक पढ़ने और रिसर्च करने वाले डाक्टरों की जरूरत ही क्या है?

अगर आधीअधूरी जानकारी के साथ खुद पर तजरबा करेंगे तो इस से आप का नुकसान ही होगा. क्या यूट्यूब वीडियो देख कर हम किसी भी सब्जैक्ट के माहिर बन सकते हैं?

कतई नहीं, क्योंकि किसी सब्जैक्ट को सीखना केवल उसे जानना नहीं होता है, बल्कि उसे होते हुए देखना और खुद करना भी पड़ता है.

आप किसी डाक्टर या माहिर की बराबरी नहीं कर सकते हैं. किसी भी काम में ज्ञान के साथसाथ माहिर के सधे हाथ और तजरबे बेहद खास होते हैं. उन्हें सब्जैक्ट के हर पहलू का बारीकी से पता होता है.

अगर हालात बिगड़ें या कोई मुश्किल आ जाए, तो उन के पास इस से निबटने के तरीके और साधन होते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि सेहत से जुड़े हर मामले में यूट्यूब वीडियो पर भरोसा न करें और डाक्टर या माहिर की सलाह लें.

हमें न केवल इसे सम?ाना है, बल्कि अपनी नई पीढ़ी को यह भी सम?ाना है कि यूट्यूब या सोशल साइटों पर मौजूद सामग्री की संजीदगी को सम?ों और यह तय करना भी सीखें कि जिंदगी में उस की कहां और कितनी अहमियत है.   द्य

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