धोनी मामले में बड़ा खुलासा, पीठ दर्द की समस्या के कारण नहीं हैं टीम का हिस्सा

धोनी इस वक्त टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उनकी खबरें हमेशा से ही सुर्खियों में बनी रहती हैं. हाल ही में हुए हुई दो महत्वपूर्ण सीरीज पहली वेस्टइंडीज और दूसरी साउथ अफ्रीका के साथ खेली गई लेकिन इसमें धोनी टीम का हिस्सा नहीं थे. विश्व कप के बाद से ही टीम का हिस्सा नहीं है. हर बार चयनकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने अपने आपको अनुपलब्ध बताया है. विश्व कप के बाद धोनी ने परिवार संग कुछ वक्त बिताया और फिर वो सेना के साथ पैरा कमांडोंज की ट्रेनिंग करने लगे थे. इस दौरान भारत ने वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका के साथ सीरीज खेली थी लेकिन इस वक्त धोनी टीम का हिस्सा नहीं थे. अब खबर आ रही है कि धोनी के पीठ में दर्द की शिकायत है जिसकी वजह से वो टीम से बाहर चल रहे हैं.

धोनी के टीम से बाहर होने पर तरह-तरह की बातें की जा रहीं थी. कोई कह रहा था कि धोनी की खराब प्रदर्शन के कारण उनको टीम में जगह नहीं मिली कोई कह रहा था कि वो सीधे अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप में दिखेंगे लेकिन अब जो खुलासा हो हुआ है वो वाकई चौंकाने वाला है. रिपोर्ट्स की मानें, तो बीसीसीआई सूत्रों ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा है कि धोनी के नवंबर तक फिट हो जाने की उम्मीद है. धोनी की उम्र 38 साल की है और वो हमेशा से ही उनकी गिनती फिट खिलाड़ियों में की जाती है लेकिन इस वक्त धोनी पीठ दर्द की समस्या से गुजर रहे हैं इस वजह से धोनी टीम का हिस्सा नहीं है.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी पीठ में दर्द की शिकायत के साथ वर्ल्ड कप खेलने गए थे. और उनके पीठ का दर्द वर्ल्ड कप के दौरान और बढ़ गया. इसके अलावा विश्व कप के दौरान उन्हें कलाई में भी चोट लगी थी. टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर हो जाने के बाद धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ब्रेक ले लिया. धोनी वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारत के सीमित ओवरों के स्क्वॉड से बाहर रहे. उन्होंने इस दौरान टेरिटोरियल आर्मी यूनिट के साथ कश्मीर में 15 दिन बिताए. वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में संपन्न तीन मैचों की घरेलू टी-20 इंटरनेशनल सीरीज में भी नहीं खेले.

धोनी पीठ की चोट से पिछले सीजन में भी परेशान रहे थे. पिछले साल मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आईपीएल मैच में उन्होंने नाबाद 79 रन बनाए थे. मैच के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान धोनी ने अपनी चोट के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था, ‘यह बुरा है. यह कितना बुरा है, मैं नहीं जानता.’ इस साल (2019) आईपीएल के दौरान भी धोनी ने अपनी चोट का जिक्र किया था और माना था कि वर्ल्ड कप आ रहा है और यह उनके लिए बेहद अहम है.

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इस बीच भारतीय टीम प्रबंधन ने संकेत दिया कि पूर्व कप्तान को ‘बाहर’ मानकर नहीं चला जा सकता. धर्मशाला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 मैच से पहले विराट कोहली ने कहा था, ‘उनके (धोनी) बारे में एक बड़ी बात यह है कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए सोचते हैं. और जो भी हम (टीम प्रबंधन) सोचते हैं, वह भी वही सोचते हैं. ‘ कोहली ने कहा था कि युवा खिलाड़ियों को तैयार करने और उन्हें अवसर देने के बारे में उनकी जिस तरह की मानसिकता थी, वह आज भी है.

टीम की चिंता या फिर तेंदुलकर जैसी विदाई की चाहत रखते हैं धोनी

लंबे बालों के साथ जब वो पहली बार क्रीज पर आया तो सभी ने उस खिलाड़ी की हेयर स्टाइल की तारीफ की लेकिन उसके बाद केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ही उनकी मुरीद हो गई. शायद आप समझ गए होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी की. वो धोनी जितने भारत को क्रिकेट विश्व कप भी जिताया, टी-20 विश्व कप भी जिताया, एशिया कप भी जिताया और चैंपियन ट्रॉफी भी हम जीतकर आए. लेकिन समय के साथ सबके खेल में बदलाव आता है. ये हमने पहले भी कई खिलाड़ियों के साथ देखा है. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी आखिरी समय स्ट्रगल कर रहे थे. उनके भी संन्यास की बातें उठने लगीं थीं. लेकिन उस खिलाड़ी के जैसे हर किसी के नसीब पर वैसी विदाई नसीब नहीं होती.

विश्व कप 2019 में लोगों ने अनुमान लगाया था कि लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर टीम इंडिया विश्व कप उठाएगी और एम एस धोनी की विदाई भी उसी तरह होगी जैसे 2011 में मुंबई के वानखेड़े मैदान पर सचिन तेंदुलकर की हुई थी. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. भारत की आकांक्षाओं को न्यूजीलैंड से मुकम्मल नहीं होने दिया और भारत को सेमीफाइनल में ही हार कर टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता देखना पड़ा. विश्व कप के दौरान पूरी टीम अस्त-व्यस्त दिखी. धोनी को लेकर सवाल उठते रहे. कहा जाने लगा कि धोनी को अब मैनेजमेंट ढो रहा है, सच यो ये था कि धोनी को टीम में जगह उनके खेल को लेकर नहीं था बल्कि मैदान में उनके अनुभवों को लेकर था. इंग्लैंड के साथ मैच हारने के बाद भी धोनी के ऊपर सवाल उठे. सवाल तभी भी उठे जब न्यूजीलैंड के खिलाफ धोनी का रन बनाने के औसत 50 से भी कम का होने लगा. ऐसा लगने लगा था कि हेलीकॉप्टर शॉट्स खेलने वाला ये बल्लेबाज आज एक-एक रन में स्ट्रगल कर रहा है. धोनी क्रीज पर जम तो जाते थे लेकिन वो बड़े शॉट्स नहीं खेल पा रहे थे. सेमीफाइऩल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में रवींद्र जडेजा की पारी जब तक चल रही थी जब तक धोनी की बल्लेबाजी पर कोई ज्यादा गौर नहीं कर रहा था लेकिन उसके बाद धोनी का खेल वाकई जीत वाला नहीं था.

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धोनी को संन्यास लेना चाहिए या नहीं ये उऩका निजी फैसला है लेकिन टीम मैनेंजमेंट को ये सोचना चाहिए कि धोनी से रिटायरमेंट की बात करें और उनसे पूछें कि उनका क्या प्लान है. भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी खुलासा किया था कि चयनकर्ताओं ने उनसे कोई भी बात नहीं कि और सीधे टीम से निकाल दिया गया. ऐसा ही गौतम गंभीर के साथ भी हुआ.

भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर है जहां पर टीम दो टेस्ट, दो टी20 और तीन वनडे खेलने है. दौरा पूरा भी हो गया है. केवल एक टेस्ट मैच खेला जा रहा है. यहां पर भी धोनी का चयन नहीं किया गया. बाद में चयनकर्ताओं की तरफ से ये कहा गया कि धोनी ने इस दौरे के लिए अपने आपको अनुप्लब्ध बताया था. लेकिन सच्चाई यही है कि धोनी को टीम मे जगह ही नहीं दी गई थी. धोनी पैरा-कमांडो की ट्रेनिंग के लिए कश्मीर चले गए. वहां वो आर्मी के साथ ट्रेनिंग करते रहे और सोशल मीडिया में कई वीडियो उनके आते रहे जिसमें वो वॉलीबॉल खेलते दिखे कहीं पर वो एक्सरसाइज करते दिखे.

वेस्टइंडीज दौरे के बाद भारतीय क्रिकेट टीम का चयन दक्षित अफ्रीका के खिलाफ होने वाले टी-20 के लिए किया गया. उसमे भी धोनी का चयन नहीं किया गया. यहां भी चयनकर्ताओं का वहीं घिसा पिटा बयान आया कि धोनी उपलब्ध नहीं है. जबकि यहां भी सच्चाई छिपाई गई. अब धोनी को लेकर कहा जा रहा है कि उनको टीम की चिंता है इसलिए वो संन्यास नहीं ले रहे. मतलब कि धोनी को लगता है कि अभी तक उनके जगह पर कोई परफेक्ट खिलाड़ी नहीं आया इसलिए वो संन्यास नहीं आया. लेकिन धोनी को और टीम दोनों को एक दूसरे के बगैर रहने की आदत डालती होगी. इस बात में कोई शक नहीं है कि धोनी महान खिलाड़ी है लेकिन मुझे याद सुनील गावस्कर की एक बात याद आती है उन्होंने कहा था कि आपको तब संन्यास ले लेना चाहिए जब लोग ये कहने लगें कि ये संन्यास कब लेगा. मसलन की धोनी को अब खुद संन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए.

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धोनी के मन में क्या है ये तो महज धोनी ही जानते हैं लेकिन मेरे अनुसार धोनी टी-20 विश्व कप के बाद संन्यास की घोषणा जरुर करेंगे. धोनी हमेशा से चौंकाने वाले फैसले लेते रहे हैं. जब उन्होंने कप्तानी छोड़ी थी तभी भी चौंका दिया था उसके बाद क्रिकेट के मैदान पर भी उनके कई निर्णय चौंकाने वाले होते हैं. फिलहाल वक्त यही कह रहा है कि धोनी को संन्यास ने लेना चाहिए.

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