स्वप्नदोष बीमारी या समस्या…जानें यहां

युवाओं में  होने वाली कई शारीरिक बीमरियां हैं इसे होने पर या तो शर्म के मारे या हिचकिचाहट के मारे लड़के इसे छुपा कर रखते है जिससे ये परेशानी और बड़ जाती हैं. वो ये नही सोचते की इससे खतरा बड़ सकता हैं. किशोर या युवावस्‍था में आम तौर पर देखी जाने वाली समस्या है स्‍वप्‍नदोष (Night fall) की. रात को सोते समय लड़कों का स्‍वत: स्‍खलित हो जाना. यह चिपचिपा पदार्थ वीर्य (Pre sperm) के तौर पर जाना जाता है. इसे स्‍वप्‍नदोष इसलिए कहा जाता है क्‍योंकि यह सपने देखते हुए  उत्‍सर्जित होता है. हालांकि यह एक नेचुरल प्रक्रिया है. लेकिन, यदि यह बार-बार होता है तो इसमें एक्‍सपर्ट से सलाह लेनी जरूरी है. तो यदि आप भी इस समस्या से परेशान है तो घबराने की जरुरत नहीं हैं क्योंकि ये एक आम समस्या हैं जिसके बारे में आपको अच्छे से जानकारी के साथ- साथ इससे जुड़ी बाते भी पता होनी चाहिए.

तो क्या होता है स्वप्नदोष (Night fall) ?

किशोरावस्था से युवावस्था की और बढ़ते हुए नवयुवक अनेक कारणों से स्वप्नदोष की समस्या के शिकार हो जाते है. स्वप्नदोष से परेशान युवको की यौन रूचि, अश्लील विचार, अश्लील किताबो के पढ़ने से या ऐसी कोई फिल्म देखने से उत्तेजित हो जाते हैं और ऐसे में दिन या रात में सोते समय स्वप्नदोष हो जाता है.  इसकी सबसे बड़ा कारण है युवाओं में बढ़ता पौर्नोग्राफी का क्रेज. जिसे लेकर हमें जागरुक होने की जरुरत हैं क्योंकि अति किसी की  अच्छी नही होती.

तो क्या स्वप्नदोष (Night fall) को बीमारी के रुप में देखा जा सकता है? 

स्वप्नदोष कोई बीमारी नही बल्कि संकेत है की आप अब बड़े हो रहे हैं. स्वप्नदोष आज के समय में अब आम बात हो गई है. पर 10 में से 6 को ये परेशानी होना आम है. इसमें नींद की अवस्था में ही वीर्य स्त्राव हो जाता है. स्वप्नदोष होने में कोई खराबी नहीं है. यह बड़े होने का स्वाभाविक हिस्सा है. अगर आपको बहुत ज्यादा स्वप्नदोष भी होता है, इसका मतलब यह नहीं की आपके शरीर में कोई खराबी है और इस से आपके शरीर और सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता. कुछ लोगों को हफ्ते में कई बार स्वप्नदोष होता है. स्वप्नदोष 16 साल से लेकर 30 साल तक ज्यादा होता है. जैसे-जैसे आप उम्र में बड़े होते हैं, स्वप्नदोष होने की संभावना उतनी ही घट जाती है.

स्वप्नदोष (Night fall) के कारण

स्वप्नदोष हर किसी को होता है. बल्कि जो लोग हमेश सेक्स के बारे में सोचते रहते हैं उन्हीं को अधिक होने की संभावना रहती है. जैसा की हमने बताया की पोर्नोग्राफी का बढ़ता प्रचलन और अब तो सोशल मीडिया पर भी ऐसे तमाम वीडियों आसानी से मिल जाना अब काफी आम है जिसे देख लड़के सेक्स के बारे में जादा सोचते हैं इसी के चलते लड़कों के मन में अश्लील विचार आते हैं . या अश्लील किताबों को पढ़ते है तो आपको स्वप्नदोष की समस्‍या से सामना करना पड़ सकता है.

स्वप्नदोष (Night fall) होने पर क्या करना चाहिए? 

एक्सपर्टस का कहना है कि स्वप्नदोष एक मानसिक बीमारी है. इससे बचने के लिए यह बहुत जरूरी है कि अपने विचारों को सही रखें. जब भी नहाना हो तो अत्याधिक गर्म पानी का प्रयोग ना करें, संभव हो तो ठंडे पानी से ही नहाएं. अपने मन में हमेशा अच्छे ख्याल रखें. मन में अश्लील विचार को त्याग दे और जितना हो सके तो ऐसे दोस्त बनाए जो आपसे अच्छे विचार वाली बाते करें. किसी भी प्रकार का खेल भी एक अच्छा तरीका है खुद को स्वप्नदोष से बचाने के लिए.

यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसको लेकर बहुत ज्‍यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. ध्‍यान रखने की बात यह है कि, आप अपने मन में उठने वाले अश्‍लील विचारों को नियंत्रित करें और अश्‍लील किताबों और पौर्न फिल्‍मों से दूर रहें. अगर इससे आपको ज्‍यादा परेशानी है तो आप किसी एक्‍सपर्ट की सलाह जरूर ले सकते हैं.

खाने की इन 4 चीजों से बढ़ सकता है स्पर्म काउंट, पढ़ें खबर

बिजी लाइफ और जिंदगी की भागदौर में खानपान में गड़बड़ी, अकसर हम लाइफ में स्वास्थ संबंधी समस्या से दो चार करा ही देती हैं. कुछ समस्या ऐसी भी होती है जो सेहत के साथ साथ आपको मानसिक रूप भी काफी कमजोर कर देती है. प्रजनन क्षमता प्रभावित होना इन्ही कुछ समस्याओं में से एक है. इसलिए आपका अपने खान-पान पर विशेष ध्‍यान रखना बहुत जरूरी है जिससे आपके स्‍पर्म काउंट बेहतर हो. स्‍वस्‍थ बच्‍चे के लिए महिला और पुरूष दोनों को अपनी डाइट में कुछ जरूरी कुछ ऐसे खाने को शामिल करने की आवश्‍यकता है. इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए है खाने के कुछ टिप्स जिसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते है.

संतरा और टमाटर

विटामिन सी आपके अच्‍छे स्‍पर्म बनाने में मदद करता है. संतरा ऐसा फल है, जिसमें कि विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है इसलिए यदि आप बच्‍चे की प्‍लानिंग कर रहे हों, तो संतरे और अन्‍य खट्टे फलों का सेवन करें. इससे स्‍पर्म कांउट बढ़ाने में मदद मिलती है. इसके अलाव, आप टमाटर का सेवन भी कर सकते हैं, इसमें लाइकोपीन नामक एंजाइम मौजूद होता है. लाइकोपीन स्‍पर्म बढ़ाने और फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक होता है. अध्‍ययनों के मुताबिक, टमाटर के रस का नियमित सेवन करने से पुरुषों में बांझपन की समस्‍या को दूर करने के साथ स्‍पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद मिलती है.

ब्रौकली

अधिकतर डाइटिंग और वजन कम करने का प्रयास करने वाले लोग ब्रौकली का सेवन करते हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं ब्रौकली का सेवन कई बीमारियों को दूर करने में मदद करने के साथ गर्भवती महिलाओं और बच्‍चे की प्‍लानिंग कर रहे महिला व पुरूषों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. ब्रौकली में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6, विटामिन सी, विटामिन के, आयरन, मैग्‍नीशियम, जिंक जैसे कई पोषक तत्‍व पाये जाते हैं, जो त्‍वचा को स्‍वस्‍थ और इम्‍युनिटी पावर बढ़ाने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद विटामिन सी और जिंक महिलाओं की प्रजनन क्षमता और पुरूषों में स्‍पर्म काउंट बढ़ाने में मददगार होते हैं.

कद्दू के बीज

जानकर हैरानी होगी लेकिन कद्दू के बीज प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके लिए आप कद्दू के बीजों को कच्‍चा या फिर खाने के साथ मिलाकर खा सकते हैं. कद्दू के बीजों में  अमीनो एसिड और फाइटोस्‍टेरौल होता है, जो कि महिला और पुरूषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक है. अध्‍ययनों से पता चलता है कद्दू के बीजों का सेवन से शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरोन, शुक्राणुओं की संख्‍या को बढ़ाया जा सकता है.

केला

केले स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी हेल्‍दी माना जाता है. इसलिए बहुत से लोग रोलाना बनाना शेक बनाकर पीते हैं. यह आपके वजन को कम करने के साथ पाचन को बेहतर और भूख को शांत करने में मददगार है. इसमें ऐसे पोषक तत्‍व पाये जाते हैं, जो कि आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक हैं. जी हां केले विटामिन बी6 की कमी को दूर कर स्‍पर्म बनाने में मददगार है. क्‍योंकि इस विटामिन की कमी से स्‍पर्म बनने में रूकावट आती है. इसके अलावा, इसमें ब्रोमिलेन एंजाइम भी स्‍पर्म बढ़ाने में मदद करता है. ऐसे में आप रोजाना बनाना शेक बनाकर या 1 या 2 केले का सेवन कर सकते हैं.

खान पान की ये चार चीजें आपके लिए फायदेमंद तो है लेकिन इसको इस्तेमाल करने से पहले अगर आप डाक्टर से सलाह लेंगे तो अच्छा होगा.

क्या मोटापा हो सकता है, बच्चे ना होने की वजह ?

खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण कई बीमारी आज हमारे शरीर को कमजोर करने में लगी हैं. बीमारी के साथ – साथ पनप रही है कुछ परेशानियां जिसे समय रहते ठीक करना जरुरी हैं. इन परेशानियों में सबसे ज्यादा देखें जाने वाली समस्या हैं  प्रजनन क्षमता  की.

कहते हैं मोटापा बीमारियों का घर होता हैं. लोगो में जैसे जैसे मोटापा बढ़ता हैं वैसे वैसे हम बीमारी और परेशानी से खिर जाते है. डायबिटीज और कैंसर उन कुछ बीमारियो में से एक हैं. पर मोटापा के कारण प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती हैं. आजकल बहुत सारे कपल्स ऐसे मिलते हैं, जिनको तमाम प्रयास के बाद भी बच्चा नहीं होता है. इनमें से ज्यादातर कपल्स वो हैं, जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक या दोनों मोटापे का शिकार हैं. आज हम आपको बताएंगे की कैसे मोटाप प्रजनन क्षमता प्रभावित करता है…

हार्मोन्स का असंतुलन

मोटापा महिलाओं और पुरुषों में हार्मनल असंतुलन का एक बड़ा कारण है. हार्मोनल असंतुलन के कारण पुरुषों में शुक्राणु प्रभावित होते हैं. जिससे अनेक प्रयास के बाद भी प्रजनन करने मां परेशानी पेदा होती हैं.

इंसुलिन की कमी

मोटापे के कारण शरीर में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया धीरे हो जाती है, जिससे व्यक्ति को डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है.यह देखा जाता है की असंतुलित दिनचर्या इसका मुख्य कारण हैं.

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शिकार पुरुष

मोटापे के कारण शरीर में कई तरह के रोग जैसे- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रौल और किडनी की समस्याएं हो जाती हैं, जिससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है. लिंग में ठीक से ब्लड सर्कुलेशन न हो पाने के कारण कड़ापन नहीं बना रह पाता है, जिससे संबंध बनाने में परेशानी आती है. इससे भी पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है.

तो यदि आप भी मोटापे के  शिकार हैं और प्रजन्न में परेशानी पैदा होती हैं तो आप समय रहते आपनी सेहत का ध्यान दे. क्योंकि स्वस्थ शरीर होना ना सिर्फ आपके लिए बल्कि परिवार के लिए भी जरुरी हैं.

जानें क्यों आता है लड़कों के यूरीन में खून

पुरुषों से जुड़ी कुछ बीमारीयां ऐसी भी होती हैं जिसे लेकर ना तो आप जानकारी रखते हैं और इसके होने पर डर के साए में खो जाते है. इन्हीं में से एक हैं पुरुषों की यूरीन में आने वाला खून. यूरीन में खून आने को डौक्टर हेमाट्यूरिया की स्थिति बताते हैं. ये किसी उम्र में हो सकता है और किसी को भी. यह स्थिति अचानक ही आपके सामने आती है शायद यही कारण हैं की पुरुष इस स्थिति को देखकर डर जाते हैं. सोचिए अगर आप सुबह सोकर उठते हैं और अचानक वौशरूम में जाते हैं तो देखते हैं कि आपके यूरीन का रंग लाल हो गया है, जिसे देखकर मन में भय होना स्वभाविक है. इस स्थिति के कारणों का पता लगा पाना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि हम खुद इसके कारणों को नहीं पहचान पाते हैं. इसलिए आज हम आपको इस स्थिति से जुड़े कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आप इस बचाव कर सकते हैं.

यूरीन में होने वाला इंफेक्शन  

इस स्थिति को यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन यानी की यूटीआई भी कहते हैं. यूटीआई यूरीन में खून आने का एक आम कारण है. हालांकि यह महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन पुरुष भी स्थिति का शिकार होते हैं. पुरुषों में यूटीआई के जोखिम कारकों में प्रोस्टेट समस्याएं और हालिया कैथीटेराइजेशन शामिल है. यूटीआई तब होता है जब बैक्टीरिया  मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाता है. यह वह ट्यूब है, जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालती है. अगर यूटीआई किडनी को प्रभावित करता है तो इससे कमर और पीठ में दर्द होता है.

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किडनी और मूत्राशय की पथरी (Bladder stones)…

अगर खून में तरलता बहुत कम और वेस्ट बहुत ज्यादा हो तो वेस्ट यूरीन में कैमिकल के साथ बंध सकता है, जिससे किडनी या मूत्राशय में पथरी हो सकती है. अक्सर, पथरी यूरीन के रास्ते गुजरने में काफी छोटी होती है. बड़ी पथरी किडनी या मूत्राशय में रह जाती है, जो मूत्रमार्ग में कहीं भी अटक सकती है. बड़ी पथरी के आमतौर पर दिखाई देने वाले लक्षण होते हैं.

क्या हे इसके कारण…

  • खून में यूरीन आना
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
  • पेट में बार-बार दर्द होना
  • उल्टी आना
  • यूरीन से जोरदार बदबू आना
  • प्रोस्टेट का बढ़ जाना

प्रोस्टेट किसे कहते है?

प्रोस्टेट एक ग्रंथि है, जो कि पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा होती है और वीर्य (Sperm)के उत्पादन में मदद करती है. यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने होती है. प्रोस्टेट बढ़ जाने से मूत्रमार्ग पर दबाव बनता है, जिससे यूरीन करने में दिक्कत होती है. यूरीन करने में ज्यादा दम लगाने से नुकसान पहुंचता है, जिससे रक्तस्राव हो सकता है. इस स्थिति से 51 से 60 साल की उम्र के 50 फीसदी पुरुष परेशान होते हैं.

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किडनी में चोट के कारण

ग्लोमेरुली, किडनी के भीतर की छोटी संरचनाएं हैं, जो रक्त को छानने और साफ करने में मदद करती हैं. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (जीएन) उन रोगों के समूह के लिए एक शब्द है, जो इन संरचनाओं को नुकसान पहुंचाती है. जीएन से पीड़ित लोगों में घायल गुर्दे शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को नहीं निकाल पाते. बिना उपचार के जीएन किडनी फेलियर का कारण बन सकता है. युवाओं में लंबे समय तक जीएन रहने से सुनने और देखने की शक्ति प्रभावित होती है और वह दोनों शक्तियां खो भी सकते हैं.

तो ये है वो कारण जिसके चलते यूरीन में खून आमे की समस्या पेदा होती हैं.

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