दोस्त कौन अच्छे कौन सच्चे

सही कहा है अच्छा दोस्त वह नहीं होता जो मुसीबत के समय उपदेश देने लगे वरन अच्छा दोस्त वह होता है, जो अपने दोस्त के दर्द को खुद महसूस करे और बड़े हलके तरीके से दोस्त के गम को कम करने का प्रयास करे. यह एहसास दिलाए जैसे यह गम तो कुछ है ही नहीं. लोग तो इस से ज्यादा गम हंसतेहंसते सह लेते हैं.

वैसे भी सही रास्ता दिखाने के लिए किताबें हैं, उपदेश देने के लिए घर के बड़े लोग हैं और उलाहने दे कर दर्द बढ़ाने के लिए नातेरिश्तेदार हैं. ये सब आप को आप की गलतियां बताएंगे, उपदेश देंगे पर जो दोस्त होता है वह गलतियां नहीं बताता, बल्कि जो गलती हुई है उसे कुछ समय को भुला कर दिमाग शांत करने का रास्ता बताता है. आप के सारे तनाव को बड़ी सहजता से दूर करता है.

तभी तो कहा जाता है कि पुराना दोस्त वह नहीं होता जिस से आप तमीज से बात करते हैं वरन पुराना दोस्त तो वह होता है, जिस के साथ आप बदतमीज हो सकें. दोस्ती का यही उसूल होता है कि अपने दोस्त के गमों को आधा कर दे और खुशियों को दोगुना. केवल पुराने दोस्त ही ऐसे होते हैं, जो हमें और हमारे एहसासों को गहराई से सम झने और महसूस करने में सक्षम होते हैं.

सच है कि दोस्ती का रिश्ता बहुत ही प्यारा और खूबसूरत होता है. सच्चे दोस्त आप को भीड़ में अकेला नहीं छोड़ते, बल्कि आप की दुनिया बन जाते हैं. वे हमेशा आप के साथ होते हैं भले ही परिस्थितियां आप को दूर कर दें. वे आप से जुड़े रहने का कोई न कोई तरीका खोज निकालते हैं. वे आप का हौसला बनते हैं. एक समय आ सकता है जब आप के घर वाले आप को छोड़ दें, एक समय वह भी आ सकता है जब आप का बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड या आप का जीवनसाथी भी आप की सोच को गलत ठहराने लगे, आप से दूरी बढ़ा ले? पर आप के सच्चे दोस्त ऐसा कभी नहीं करते. अगर दोस्तों को आप अपने मन की उल झन बताते हैं तो वे उन्हें सम झते हैं क्योंकि वे आप को गहराई से सम झते हैं, वे आप के अंदर  झांक सकते हैं.

किसी ने कितने पते की बात कही है: बैठ के जिन के साथ हम अपना दर्द भूल जाते हैं, ऐसे दोस्त सिर्फ खुश नसीबों को ही मिल पाते हैं…

आज वयस्कों को दोस्तों की और ज्यादा जरूरत है, क्योंकि रिश्तेदार तो कई शहरों में बिखरे रहते हैं. मौके पर वे कभी चाह कर भी काम नहीं आ पाते तो कभी मदद करने की उन की मंशा ही नहीं होती. वे बहाने बनाने में देर नहीं लगाते. मगर सच्चे दोस्त किसी भी तरह आप की मदद करने पहुंच ही जाते हैं. इसीलिए तो कहा जाता है कि दोस्ती का धन अमूल्य होता है. यही नहीं बातचीत करने और दिल का हाल बता कर मन हलका करने के लिए भी एक साथी यानी दोस्त की जरूरत सब को होती है.

क्यों जरूरी हैं दोस्त

दोस्त कुछ नया सीखने का अवसर देते हैं. नई भाषा, नई सोच, नई कला और नई सम झ ले कर आते हैं. हमें कुछ नया करने और सीखने का मौका और हौसला देते हैं. हमारे डर को भगाते हैं और सोच का दायरा बढ़ाते हैं. मान लीजिए आप का दोस्त एक कलाकार या लेखक है तो उस के साथसाथ आप भी अपनी कला निखारने का प्रयास कर सकते हैं. कुछ आप उसे सिखाएंगे तो कुछ उस से सीखेंगे भी. दोस्त आप को कठिनाइयों का सामना करने में मदद करते हैं, सही सलाह देते हैं, आप की भावनाओं को सम झते हैं, अवसाद से बचाते हैं. दोस्तों के साथ आप घरपरिवार के साथसाथ कार्यालय की समस्याओं पर भी चर्चा कर सकते हैं.

दोस्त कहां और कैसे खोजें

आप उन स्थानों पर दोस्तों की तलाश करें जहां आप की रुचियां आप को ले जाती हैं. मसलन, प्रदर्शनी, फिटनैस क्लब, संग्रहालय, क्लब, साहित्यिक मंच या फिर कला से जुड़ी दूसरी संस्थाएं. आप डांस अकादमी या स्विमिंग सेंटर भी जा सकते हैं और वहां अच्छे दोस्त पा सकते हैं. ऐसी जगहों पर आप को अपने जैसी सोच वाले लोग मिलेंगे. आप सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लौग्स पर भी अपनी अभिरुचि से जुड़े दोस्तों की तलाश कर सकते हैं.

पड़ोसी हो सकते हैं अच्छे दोस्त

अकसर हम अपनी सोसाइटी या अपार्टमैंट के लोगों को भी नहीं पहचानते. आसपास रहने वाले लोगों के साथ भी हैलोहाय से ज्यादा संबंध नहीं रखेते. कभी गौर करें कि आप अपने पास रहने वाले लोगों के साथ कितनी बार संवाद करते हैं? क्या त्योहारों के मौकों पर उन्हें तोहफे देने, खुशियां बांटने या कुशलमंगल जानने जाते हैं? सच तो यह है कि हम उन्हें इग्नोर करते हैं पर वास्तव में एक पड़ोसी अच्छा दोस्त बन सकता है और आप इस दोस्त से रोजना मिल सकते हैं, साथ घूमने जा सकते हैं, बातें कर सकते हैं, कठिन समय में ये तुरंत आप की मदद को हाजिर हो सकते हैं.

औफिस में ढूंढें दोस्त

औफिस में हम अपनी जिंदगी का सब से लंबा वक्त बिताते हैं. यहां आप को समान सामाजिकमानसिक स्तर के लोगों की कमी नहीं होगी. बहुत से औप्शंस मिलेंगे. कई बार हम औफिस के लोगों से केवल काम से जुड़ी बातें ही करते हैं और औपचारिक रिश्ता ही रखते हैं पर जरा इस से आगे बढ़ कर देखें. कुछ ऐसे दोस्त ढूंढें जिन के साथ काम के सिलसिले में आप की प्रतिस्पर्धा नहीं या फिर जो आप के साथ चलना जानते हैं. ऐसे दोस्त न केवल आप के मनोबल को बढ़ाएंगे, बल्कि दिनभर के काम के बीच आप को थोड़ा रिलैक्स होने का मौका भी देंगे. यदि आप अपने औफिस के दोस्तों के प्रति ईमानदार रहते हैं और उन के सुखदुख में काम आते हैं, तो यकीन मानिए वे भी हमेशा आप का साथ देंगे.

इंटरनैट

इंटरनैट के माध्यम से आप अच्छे दोस्त ढूंढ़ सकते हैं. यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन के साथ सालों की घनिष्ठ मित्रता के बंधन में बंधे रहना चाहते हैं या सिर्फ चैट कर मजे करना चाहते हैं खासकर विपरीतलिंगी व्यक्ति के साथ अकसर दोस्ती आकर्षणवश हो जाती है. लोग जिंदगी का मजा लेना चाहते हैं, पर इस सोच से अलग दोस्ती में घनिष्ठता और ईमानदारी रखना आप की जिम्मेदारी है.

अब सवाल उठता है कि औनलाइन दोस्त कैसे ढूंढें़? आज के समय में आप के पास इंटरनैट पर बहुत से औप्शंस हैं. आप स्काइप, फेसबुक, ट्विटर, डेटिंग साइट््स आदि पर दोस्त खोज सकते हैं. इस के लिए सोशल नैटवर्क पर अपने पेज को ठीक से डिजाइन करने की आवश्यकता है. इस के अलावा आप अपने कुछ विचार या मैसेज भी पोस्ट कर सकते हैं. सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों पर अपनी बात रख सकते हैं. दूसरों के पोस्ट पर अपने कमैंट्स दे कर समान सोच वाले लोगों से संपर्क बढ़ा सकते हैं.

पुराने दोस्त हैं कीमती

यदि आप बचपन में कुछ ऐसे दोस्त बनाने में कामयाब रहे जो अब भी आप के साथ हैं तो इस से अच्छा आप के लिए और कुछ नहीं हो सकता. यदि आप के अपने पूर्व सहपाठियों के साथ संबंध नहीं हैं तो उन्हें खोजने का प्रयास करें. आज सोशल नैटवर्क का उपयोग कर यह काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है. कौन जानता है शायद आप भी आपसी विश्वास और स्नेह पर बने अपने पिछले दोस्ती के रिश्तों को पुनर्जीवित करने में सक्षम हो जाएं.

सब से विश्वसनीय दोस्त बचपन के दोस्त ही होते हैं. इन के साथ आप बिना किसी हिचकिचाहट अपने दुखदर्द, अपनी तकलीफें और सीक्रेट शेयर कर सकते हैं. लंगोटिया यार साधारणतया कभी धोखा नहीं देते, क्योंकि वे आप को सम झते हैं. वे परिस्थितियों को देख कर नहीं, बल्कि आप के दिल की सुन कर सलाह देते हैं.

दोस्त बनाने के लिए क्या है जरूरी

आप को अजनबियों के साथ भी एक आम भाषा में अपनी भावनाएं व्यक्त करना और दूसरों का ध्यान आकर्षित करना आना चाहिए. कुछ लोग जन्म से ही इस कला में निपुण होते हैं. सब से जरूरी है कि दूसरों में रुचि लीजिए. दूसरों के हक के लिए आवाज उठाएं. अपनी भावनाएं शेयर कीजिए तभी सामने वाला आप के आगे खुलेगा और आप को दोस्त बनाने के लिए उत्सुक होगा.

सलीकेदार कपड़े पहनें

अपने कपड़ों के प्रति सतर्क रहें. कपड़े ऐसे हों जो आप के आकर्षण को बढ़ाएं और व्यक्तित्व को उभारें. कपड़ों के साथ ही अपने अंदर से आ रही गंध के प्रति भी सचेत रहें. मुंह से बदबू या कपड़ों से पसीने की गंध न आ रही हो. हलकी खुशबू का इस्तेमाल करें. बालों को सही से संवारें. इंसान दोस्त उसे ही बनाना चाहता है जो साफसुथरा और सलीकेदार हो.

जानबूझ कर शेखी न बघारें

अकसर लोग शेखी बघारने के क्रम में  झूठ का ऐसा जाल बुनते हैं कि फिर खुद ही उस में उल झ कर रह जाते हैं. इसी तरह दूसरों की नजरों में आने के लिए कुछ ऐसा न बोल जाएं जो मूर्खतापूर्ण लगे.

 झगड़ा जल्दी सुल झाएं

दोस्त के साथ आप का  झगड़ा हो गया है तो यह जानने की कोशिश में न उल झें कि आप में से कौन सही है और कौन दोषी है, बल्कि सुलह करने वाले पहले व्यक्ति बनें. दोस्ती को खत्म करना बहुत सरल है पर इसे बनाए रखना बहुत कठिन. लंबे और विश्वसनीय रिश्ते के लिए एक मजबूत नींव बनाना कठिन काम है, पर वह नींव आप को ही तैयार करनी है.

याद रखिए 2 लोग जिन के शौक और दृष्टिकोण विपरीत हैं कभी दोस्त नहीं बन सकते. इसलिए समान हित और सोच वालों को अपना दोस्त बनाएं और जीवन के एकाकीपन को दूर करें.

गहरी दोस्ती के राज

अपने दोस्त के लिए हमेशा खड़े रहें. यदि धन से उस की मदद नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं, मन से उस का साथ दें. उस को मानसिक सपोर्ट दें. उस की परेशानियों को बांटें और समस्याओं को सुल झाने का प्रयास करें. जब भी उसे आप की सहायता की जरूरत पड़े तो तुरंत आगे आएं. हमेशा कोशिश करें कि सामने वाले ने आप के लिए जितना किया जरूरत पड़ने पर आप उस से बढ़ कर उस के लिए करें. इस से आप को भी संतुष्टि मिलेगी और उस के दिल में भी आप के लिए सम्मान और प्यार बढ़ेगा. तभी तो आप की दोस्ती ज्यादा गहरी और लंबी चल सकेगी.

पैसे के मामलों में थोड़ी तटस्थता रखें

पैसों के मामले में थोड़े तटस्थ रहें. जब भी आप साथ कहीं घूमने जाते हैं, कोई चीज खरीदते हैं या दोस्त आप के लिए कुछ ले कर आता है तो पैसों का हिसाबकिताब बराबर रखने का प्रयास करें. जब भी आप दोनों मिल कर कुछ खर्च कर रहे हों तो किसी एक पर अधिक भार न पड़ने दें. भले ही छोटेमोटे खर्च ही क्यों न हुए हों, कोशिश करें कि खर्च आधाआधा बांट लें. अगर आप 4-5 दोस्त हैं तो सब मिल कर रुपए खर्च करने की कोशिश करें.

जहां तक बात कुछ बड़ी परेशानियों के समय खर्च करने की आती है जैसे घर में बीमारीहारी हो जाए या आप का दोस्त किसी क्रिमिनल केस में फंस जाए और उसे आप की मदद की जरूरत हो जैसे बेल देनी हो या उस के लिए कोई काबिल वकील तलाश करना हो अथवा मैडिकल ट्रीटमैंट के लिए तुरंत पैसों की जरूरत हो तो इस तरह के मामलों में कभी भी रुपए खर्च करने में आनाकानी न करें. यानी जब बात जान पर आ जाए तो बिना कुछ सोचे दिल खोल कर खर्च करें, क्योंकि यह बात आप का दोस्त जिंदगीभर नहीं भूल सकेगा और समय आने पर आप के लिए वह भी जान की बाजी लगा देगा. इसलिए अपने दोस्त होने की जिम्मेदारी को ऐसे समय जरूर निभाएं.

घबराएं नहीं भरोसेमंद बनें

यदि आप दोनों की जीवनस्तर में काफी असमानताएं हैं यानी कोई अमीर है और दूसरा गरीब तो ऐसी स्थिति में भी आप की दोस्ती पर कोई फर्क न पड़े. दोस्ती के लिए सिर्फ एक भरोसा, एक विश्वास और एक अपनापन ही सब से अहम होता है. यदि आप सामने वाले के लिए भरोसेमंद साबित होते हैं, जरूरत के वक्त उस के साथ खड़े रहते हैं, उस के सीक्रेट्स किसी से शेयर नहीं करते और उसे भरपूर मानसिक सपोर्ट देते हैं तो यकीन मानिए आप दोनों की दोस्ती की नींव बहुत मजबूत और गहरी रहने वाली है. आर्थिक स्तर का कोई असर आप की दोस्ती पर नहीं पड़ेगा.

विवाहितों में दोस्ती

दोस्ती का एक खूबसूरत पहलू यह भी हो सकता है कि आप दोनों पतिपत्नी की दोस्ती किसी ऐसे कपल से हो जो बिलकुल आप के जैसे हों. ऐसी दोस्ती का अलग ही आनंद होता है. इस में ध्यान देने की बात यह है कि आप दोनों समान रूप से उस कपल के साथ जुड़े हों यानी आप की जीवनसाथी भी उस कपल के साथ दोस्ती ऐंजौय कर रही हो और किसी तरह की मिसअंडरस्टैंडिंग क्रिएट न हो रही हो. इस तरह 2 कपल्स की दोस्ती 2 परिवारों की दोस्ती जैसी हो जाती है. आप चारों मिल कर एक खूबसूरत परिवार जैसा रिश्ता बना लेते हैं. आप चारों मिलबैठ कर बातें करें. ऐसी दोस्ती महानगरों में बहुत उपयोगी है. इस से अकेलापन तो दूर होगा ही विश्वसनीय रिश्ते भी मिल जाते हैं.

इसी तरह पतिपत्नी आपस में भी एकदूसरे के दोस्त बने रहने चाहिए. जब तक जीवनसाथी को आप दोस्त नहीं मानते तब तक सही अर्थों में आप जीवन के सुखदुख में एकदूसरे का साथ नहीं दे पाएंगे. इसलिए हमेशा एकदूसरे को अपना दोस्त मानें. इस से रिश्ते में गहराई आती है.

रहस्य छिपा कर रखने की आदत डालें

दोस्ती का एक बहुत बड़ा उसूल होता है कि अपने दोस्त के राज कभी न खोलें. उन्हें किसी से शेयर न करें, क्योंकि सामने वाला आप को बहुत विश्वास के साथ अपना मान कर अपने सीक्रेट्स, फीलिंग्स या वीकनैस शेयर करता है. उन बातों को यदि आप किसी से कह देंगे तो फिर दोस्ती टूटने में एक पल का समय नहीं लगेगा. इसलिए सामने वाले को यह भरोसा दिलाएं कि आप किसी भी परिस्थिति में उस के राज किसी से नहीं कहेंगे. ऐसी दोस्ती में ही व्यक्ति दोस्त को अपना सबकुछ बता सकता है और अपना मन हलका कर सकता है.

बड़ी उम्र के पुरुषों से क्यों आकर्षित होती हैं लड़कियां

कार्यालय में चर्चा का बाजार कुछ ज्यादा ही गरम था. पता चला कि नेहा ने अपने से उम्र में 15 साल बड़े अधिकारी प्रतीक से विवाह रचा लिया है. एक हफ्ते बाद जब नेहा से मुलाकात हुई तो वह बेहद खुश नजर आ रही थी. अपने से ज्यादा उम्र के व्यक्ति से विवाह करने की कोई लाचारी या बेचारगी का भाव उस के चेहरे पर नहीं था.

चूंकि उन के बीच चल रहे संबंधों की चर्चा पहले से होती थी, सो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ. ऐसे एक नहीं अनेक किस्सों को हम हकीकत में बदलते देखते हैं. विशेषकर कार्यक्षेत्र में तो यह स्थिति अधिक देखने को मिलती है कि लड़कियां अपने से बड़ी उम्र के पुरुषों के प्रति अधिक आकर्षित हो रही हैं. आजकल यह आश्चर्यजनक नहीं, बल्कि सामान्य बात हो गई है.

अकसर नौकरीपेशा लड़कियां या महिलाएं अपने दफ्तर के वरिष्ठ अधिकारी के प्रेमजाल में फंस जाती हैं और जरूरी नहीं कि वे उन के साथ कोई लंबा या स्थायी रिश्ता ही बनाना चाहें, लेकिन कई बार लड़कियां इस चक्कर में अपना जीवन बरबाद भी कर लेती हैं. ऐसे रिश्ते रेत के महल की तरह जल्द ही ढह जाते हैं.

बात जब विवाह की हो तो ऐसे रिश्तों की बुनियाद कमजोर होती है. पर मन की गति ही कुछ ऐसी है, जिस किसी पर यह मन आ गया, तो बस आ गया. फिर उम्र की सीमा और जन्म का बंधन कोई माने नहीं रखता. हालांकि यह स्थिति बहुत अच्छी तो नहीं है, फिर भी कई बार कुछ परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि मन बस वहीं ठहर जाता है.

सुरक्षा का भाव

कई बार कम उम्र की लड़कियां अपने से काफी अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ अपनेआप को सुरक्षित महसूस करती हैं. ऐसा अकसर तब होता है जब कोई लड़की बचपन से अकेली रही हो. परिवार में पिता या भाई जैसे किसी पुरुष का संरक्षण न मिलने के कारण उसे अपमान या छेड़खानी का सामना करना पड़ा हो तो ऐसी लड़कियां सहज ही अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ अपनेआप को सुरक्षित महसूस करती हैं. कई बार लड़कियों के इस रुझान का फायदा पुरुष भी उठाते दिख जाते हैं.

परिस्थितियां

कार्यक्षेत्र की परिस्थितियां कई बार ऐसा संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं. कई दफ्तरों में फील्डवर्क होता है. काम सीखनेसमझने के मद्देनजर लड़कियों को सीनियर्स के साथ दफ्तर से बाहर जाना पड़ता है. गैरअनुभवी लड़कियों को इस का फायदा मिलता है. धीरेधीरे लड़कियां पुरुष सहयोगियों के करीब आ जाती हैं. काम के सिलसिले में लगातार साथ रहतेरहते कई बार दिल भी मिल जाते हैं.

स्वार्थी वृत्ति

पुरुषों की स्वार्थी वृत्ति भी कई बार कम उम्र की लड़कियों को अपने मोहजाल में फंसा लेती है. लड़कियां यदि केवल सहकर्मी होने के नाते पुरुषों के साथ वार्त्तालाप कर लेती हैं, काम में कुछ मदद मांग लेती हैं तो स्वार्थी प्रवृत्ति के पुरुष इस का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और लड़कियां उन के झांसे में आ जाती हैं.

मजबूरियां

कई बार मजबूरियां साथ काम करने वाले अधिक उम्र के सहकर्मी के करीब ले आती हैं. तब मुख्य वजह मजबूरी होती है, संबंधित पुरुष की उम्र नहीं. आजकल कार्यस्थलों पर काम की अधिकता हो गई है, जबकि समय कम होता है. कम समय में अधिक कार्य का लक्ष्य पूरा करने के लिए लड़कियां अपने सहकर्मी पुरुषों का सहयोग लेने में नहीं हिचकतीं, यह जरूरी भी है. किंतु मन का क्या? सहयोग लेतेदेते मन भी जब एकदूसरे के करीब आ जाता है तब उम्र का बंधन कोई माने नहीं रखता.

प्रलोभन

प्रलोभन या लालचवश भी कमसिन लड़कियां उम्रदराज पुरुषों के चंगुल में फंस जाती हैं. कई लड़कियां बहुत शौकीन और फैशनेबल होती हैं. उन की जरूरतें बहुत ज्यादा होती हैं, पर जरूरतों को पूरा करने के साधन उन के पास सीमित होते हैं. ऐसी स्थिति में यदि कोई अधिक उम्र का व्यक्ति, जो साधनसंपन्न है, पैसों की कोई कमी नहीं है, समाज में रुतबा है तो लड़कियां उस की ओर आकर्षित हो जाती हैं. उस समय उन्हें दूरगामी परिणाम नहीं दिखते, तात्कालिक लाभ ही उन के लिए सर्पोपरि होता है. कई लड़कियां कैरियर के मामले में शौर्टकट अपनाना चाहती हैं और ऊंची छलांग लगा कर पदोन्नति प्राप्त कर लेना चाहती हैं. यह लालच अधिकारी की अधिक उम्र को नजरअंदाज कर देता है.

किसी भी अधिक उम्र के व्यक्ति का अपना प्रभाव, व्यक्तित्व, रुतबा या रहनसहन भी लड़कियों को प्रभावित करने का माद्दा रखता है. राजनीति और कारोबार जगत से जुड़ी कई हस्तियों के साथ कम उम्र की लड़कियों को उन के मोहपाश में बंधते देखा गया है. बहरहाल, जरूरी नहीं कि ऐसे संबंध हमेशा बरबाद ही करते हों. कई बार ऐसे संबंध सफल होते भी देखे गए हैं. बात आपसी संबंध और परिपक्वता की है जहां सूझबूझ, विवेक और धैर्य की आवश्यकता होती है. फिर असंभव तो कुछ भी नहीं होता.

यह भी एक तथ्य है कि आकर्षण तो महज आकर्षण ही होते हैं और ज्यादातर आकर्षण क्षणिक भी होते हैं. दूर से तो हर वस्तु आकर्षक दिख सकती है. उस की सचाई तो करीब आने पर ही पता चलती है, कई बार यही आर्कषण आसमान से सीधे धरातल पर ले आता है. आकर्षण, प्यार, चाहत और जीवनभर का साथ ये सब अलगअलग तथ्य होते हैं. इन्हें एक ही समझना गलत है. किसी अच्छी वस्तु को देख कर आकर्षित हो जाना एक सामान्य बात है. पर इस आकर्षण को जीवनभर का बोझ बनाना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा हो सकता है, क्योंकि हर चमकती चीज सोना नहीं होती. फिर भी बदलते वक्त की जरूरत कहें या बढ़ती हुई जरूरतों को जल्दी से जल्दी बिना मेहनत किए पूरा करने की होड़, अधिक उम्र के पुरुषों की तरफ लड़कियों का आकर्षित होना एक अच्छी शुरुआत तो नहीं कही जा सकती. इस नादानी में उन का भविष्य जरूर दावं पर लग सकता है.

रात में परफ्यूम लगाने के हो सकते है कई नुकसान, हो जाइए सावधान

परफ्यूम का इस्तेमाल हम सभी करते हैं, लेकिन हम इस बात से अंजान होते हैं कि हमें इसे इस्तेमाल कब करना चाहिए और कब नहीं करना चाहिए. क्योकि ऐसा करने से आपके कई काम बिगड़ सकते है और सवर सकते है तो ऐसे में परफ्यूम को लेकर आपको सावधान होना पडेगा. खासतौर पर जब आप रात में परफ्यूम का इस्तेमाल करते हो.

आजकल परफ्यूम लगाना बहुत ही आम बात है. लोग बाहर आने-जाने में अक्सर परफ्यूम का प्रयोग करते हैं. लेकिन परफ्यूम का इस्तेमाल अगर आप दिन के समय करते हैं तो आपको इससे कोई हानि नहीं होती.वहीं रात में सोने से पहले अगर आप पर परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके लिए हानिकारक हो सकता है.

रात के समय परफ्यूम लगाना अच्छा नहीं माना जाता. शास्त्रों में रात के समय किसी भी तरह की खुशबू वाली चीज का लगाना सही नहीं माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि रात के समय नकारात्मक शक्तियां हमारे आस-पास सक्रिय होती है और रात के समय किसो को भी अपने वश में कर लेती है. इसीलिए रात के समय परफ्यूम लगाने को मना किया जाता है.

ऐसा भी माना जाता है की रात के समय खुशबूदार चीजों का इस्तेमाल करने से भूत-प्रेत उसकी ओर आकर्षित होने लगते है ये नाकारात्मक शक्तियां हमारी शरीर की पॉजीटिव एनर्जी को खत्म कर देती है.

शरीर में नेगेटिव एनर्जी के आने से आप परेशान रहने लगेंगे. इसीलिए रात के समय परफ्यूम ना लगाएं और ना ही खुशबूदार चीजों का इस्तेमाल करें.

प्याज खाने का कौन सा तरीका है सबसे बेहतर, पका या कच्चा?

प्याज के इस्तेमाल के बिना भारतीय खाना लगभग अधूरा हैं. चाहे वो सब्जी हो या मसालेदार गोश्त. ये न हो तो काफी लोगों का जायका बिगड़ जाता है. आप इसे सलाद के तौर पर भी खाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्याज को पकाकर खाना ज्यादा फायदेमंद है या कच्चा सेवन करना.

प्याज का सेवन करने के दो मुख्य तरीके हैं. आप इसे पकाकर या कच्चा खा सकते हैं. हालांकि इसका चुनाव पूरी तरह से व्यक्ति के स्वाद और पसंद पर निर्भर करता है. प्याज के जरिए ज्यादा से ज्यादा सल्फर कंपाउड हासिल करने के लिए प्याज को पकाने के बजाय कच्चा खाना बेहतर है. इसके अलावा कच्चे प्याज में कई पोषक तत्व होते हैं, जो कुकिंग प्रॉसेस के दौरान नष्ट हो जाते हैं.

जब आप प्याज काटते हैं, चॉप करते हैं या क्रश करते हैं, तो ये एक एंजाइमेटिक रिस्पॉन्स से गुजरता है जिससे सल्फर कंपाउंड का निर्माण होता है. ये वही यौगिक हैं जो आपकी आंखों में पानी लाते हैं और कई फायदे भी पहुंचाते हैं, जैसे खून के थक्कों को तोड़ना, स्ट्रोक या हार्ट डिजी के जोखिम को कम करना, कैंसर से बचाव करना और ब्लड शुगर लेव को कंट्रोल करना वगैरह.

कच्चे प्याज खाने के नुकसान

इस बात में कोई शक नहीं है कि पके हुए प्याज के मुकाबले कच्चा प्याज सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है, लेकिन कुछ ऐसे नुकसान भी हैं जिनको लेकर सतर्क रहना चाहिए. जो लोग हद से ज्यादा रॉ अनियन खाते उनको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे मुंह की बदबू, हर्ट बर्न, एसिडिटी और इरिटिबल बाउल सिंड्रोम. बेहतर है कि अपने डाइटीशियन की सलाह के बाद ही प्याज की मात्रा तय करें.

संतरा खाने से भी हो सकती है कई बीमारियां, जानिए इसके नुकसान

संतरा का स्वाद भला किसी अपनी तरफ आकर्षित नहीं करता, इसमें एस्कॉर्बिक एसिड यानी विटामिन सी की भरपूर होता है, जिसके जरिए इम्यूनिटी बूस्ट की जा सकती है. जिसके बाद वायरल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है. ऐसे में सर्दी, खांसी, जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां ज्यादा परेशान नहीं करतीं. भले ही संतरे में फायदों की भरमार है, लेकिन कई मामलों में इसके नुकसान भी सामने आ सकते हैं.

1. एलर्जी

संतरा खाने एक गंभीर खतरा हो सकता है, वो है एलर्जी. ये खतरनाक स्थिति उन लोगों को प्रभावित कर सकती है जिन्होंने संतरे को कभी भी पहले नहीं खाया है. संतरे के कारण स्किन में जलन और खुजली हो सकती है, इसके साथ कुछ लोगों की त्वचा लाल हो जाती है.इसके अलावा, संतरे के सेवन से इंसान को गले में सूजन, फेफड़ों में समस्या, और आंखों में एलर्जी की शिकायत हो सकती है.

2. फोटोटॉक्सिसिटी

संतरे के बीजों में खास तौर से लिमोनिन पाया जाता है. ये एक उच्च प्रकार की फाइटोकेमिकल होते है जिसे सीमित मात्रा में खआना चाहिए. इसमें त्वचा में सूजन होने लगती है और सूरज की किरणों का असर स्किन पर होने लगता है. संतरे के कारण आप फोटोटॉक्सिसिटी  के शिकार बन सकते हैं.

3. साइट्रस सेंसिटिविटी

कई लोग खट्टे फल और सब्जियों के प्रति संवेदनशीद होते हैं, इस परेशानी को साइट्रस सेंसिटिविटी कहा जाता है, इससे बचने के लिए लिए आपको संतरे और नींबू का सेवन बेहद कम कर देना चाहिए वरना होंठ, जुबान और गले में चुभन या खुजली पैदा हो सकती है.

क्या आप जानते है इस 5 रुपए के पान के पत्ते के अनेकों फायदे

खाने के बाद कई लोगों का मन करता है कि वह कुछ मीठा खाएं तो भारत में ज्यादातर लोग पान, मीठा पान, सादा पान और मसालेदार पान खाना पसंद करते है लेकिन, हम इस एक पत्ते को चबाने की एक नियमित आदत डाल ले तो यह हमारे लिए फायदेमंद होगा. पान के हरे पत्ते में अनेकों गुण छिपे होते हैं. हमें बस इसे किसी चूने, कत्थे या स्वाद के बिना खाने की आदत डालनी होगी. पान में मौजूद तत्व पाचन तंत्र, दिल के स्वास्थ्य और तनाव से राहत देने में मदद करते हैं.  अगर आप पान के शौकीन हैं तो जानिए इसके फायदें.

1. पाचन में सुधार

पान में मौजूद गुण पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं और कब्ज दूर करने में मदद करते हैं. नियमित रूप से पान चबाने से पाचन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं.

2. दांतों के लिए फायदेमंद

पान खाने से दांतों और मसूड़ों को लाभ पहुंचता है और मुंह की बदबू दूर होती है. यह दांतों को मजबूत बनाता है और दांतों की सफाई में मदद करता है.

3. तनाव कम करता है

पान में मौजूद इंग्रेडिएंट्स तनाव कम करने में मदद करते हैं. पान चबाने से मानसिक शांति मिलती है.पान में मौजूद एरोमाथेरेपी गुण सकारात्मक भावनाएं पैदा करता है जो तनाव को कम करता है.

4. दिल के लिए फायदेमंद

पान खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है. यह हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.

5. वजन घटाने में मदद

पान में कैलोरी कम और पानी ज्यादा होता है जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है. पान चबाने से भूख कम लगती है जिससे वजन कम होने में सहायता मिलती है. पान में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल चयापचय को बढ़ावा देते हैं जिससे वजन कम होता है.

 

कैंसर के खिलाफ रक्षा

कुछ अध्ययनों के अनुसार, पान के पत्तों में मौजूद एंटीकैंसर प्रॉपर्टीज भी हो सकती हैं, जो कैंसर के खिलाफ रक्षा कर सकती हैं. पान में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स को रोकते हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं. पान में मौजूद पॉलीफेनॉल और फ्लेवोनॉयड्स ट्यूमर के विकास को रोकते हैं

High BP में क्या है फायदेमंद, Coffee या green tea, जानें यहां

कॉफी और ग्रीन टी का सेवन हर उम्र के लोग करते हैं. इन दोनों में से अक्सर ग्रीन टी को ज्यादा हेल्दी माना जाता है, वजन घटाने की ख्वाहिश रखने वाले लोग अक्सर इस चाय का सेवन करना पसंद करते हैं. आपने सुना होगा कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए कैफीन का सेवन अच्छा नहीं होता, क्योंकि इससे बीपी और ज्यादा बढ़ जाता है. अब कॉफी और ग्रीन टी दोनों में ही ये कंपाउंड पाया जाता है, तो क्या बीपी के मरीजों के लिए दोनों ही बुरे हैं?

कॉफी बेहतर है या ग्रीन टी?

रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में ये पाया कि जिन लोगों ने एक दिन में एक बार कॉफी पी और डेली ग्रीन टी का सेवन किया, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा नहीं पाया गया, भले ही वो बीपी के मरीज थे. 19 साल तक चली इस स्टडी के शुरुआती वक्त में 40 से 79 साल की उम्र के 6570 से ज्यादा पुरुषों और 12,000 महिलाओं को शामिल किया गया था, जिन्हें कैंसर के खतरे के इवेलुएशन के लिए जापान कोलैबोरेटिव कोहोर्ट स्टडी से चुना गया था.

कॉफी न पिएं हाई बीपी के पेशेंट

एक कप कॉफी पीने से तकरीबन 80 से 90 मिलीग्राम कैफीन मिलता है, ये हाई ब्लड प्रेशर के कंडीशन में अच्छा नहीं है. बेहतर है कि हाई बीपी के मरीज कॉफी न पिएं क्योंकि लॉन्ग टर्म में इससे दिल की बीमारियों का खतरा पैदा हो जाएगा.

क्या ग्रीन टी पी सकते हैं बीपी के मरीज?

ग्रीन टी में कैफीन जरूर पाया जाता है, लेकिन इसमें इस कंपाउंड की मात्रा काफी कम होती है, जो हार्ट रेट और मेटाबॉलिज्म को खतरनाक लेवल तक नहीं बढ़ाती, फिर भी ग्रीन टी पीने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

ये 5 रुटीन आपकी स्किन को बनाएंगे बेहद ही खूबसूरत, चेहरा करेगा ग्लो

लड़कियां अपनी स्किन को लेकर काफी परेशान रहती है किसी स्किन ड्राई होती है, किसी की बेजान नजर आती है और ऐसे में आप परेशान हो जाती है कि अपनी स्किन को कैसे ठीक करें. किस तरह चहरे पर चमक पाई जाएं, तो इसके लिए आज हम कुछ ऐसे ही तरीके लेकर आएं है जिससे आप अपनी स्किन को ग्लोईंग बना सकती है. साथ ही स्पॉट लेस बना सकती है. इशके साथ ही कुछ नुस्खों से आपकी स्किन डिहाईड्रेट भी होगी. जिससे आपका चेहरा चमक उठेगा और बेहद खूबसूरत नजर आएंगी.

रोज आप एक खट्टा फल जरूर खाएं, जैसे-सेब, संतरा, अनार, अंगूर, आम, कीवी आदि. इसमें मौजूद विटामिन सी आपकी स्किन को ग्लोइंग बनाने का काम करता है.

आप दिन की शुरूआत एक गिलास गुनगुने पानी के साथ करें. इससे आपके शरीर में जमा टॉक्सिन्स मल मूत्र के सहारे बाहर आ जाते हैं, जिससे चेहरे पर निखार आता है.

अपने चेहरे को बेसन से धोएं. इससे स्किन में जमी डेड स्किन बाहर आ जाएगी. वहीं, आप रोज रात में सोने से पहले अपने चेहरे को कच्चे दूध से मसाज दीजिए. यह भी स्किन की सेहत के लिए अच्छा होता है. आप शरीर में कोलेजन की भरपाई के लिए हड्डी का शोरबा, चिकन, मछली, अंडे का सफेद भाग खा सकते हैं.

एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं जो त्वचा हाइड्रेट करने में मदद कर सकते हैं. एलोवेरा जेल को सीधे त्वचा पर लगाएं, 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर गरम पानी से धो लीजिए. इस रेमेडी को हफ्ते में 2-3 बार करिए.

नारियल का तेल त्वचा को मॉइस्चराइज़ और पोषण देने के लिए जाना जाता है. सोने से पहले थोड़ी मात्रा में नारियल तेल लीजिए फिर इससे मालिश करिए चेहरे को. इसे रात भर लगा रहने दें और सुबह गरम पानी से धो लें.

घर की खूबसूरती के लिए लगाएं ये पौधे, वातावरण भी कर देंगे शुद्ध

सभी चाहते है कि आपका घर खूबसूरत दिखें, इसके लिए ना जानें कितनी डेकोरेशन की चीजे हम लगाते है ऐसे में सबसे खूबसूरत चीज है घरों में लगाएं जाने वाले पौधे. जिनसे घर की खूबसूरती में चार चांद लग जाते है इतना ही नहीं, घर में शुद्ध वातावरण भी हो जाता है तो अगर आप भी घर की खूबसूरती के लिए पेड़-पौधे लगाना चाहते है तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है, क्योकि इसमें हम आज ये बताएंगे की आप कौन से और किस प्रकार के पौधे लगाएं, जो आपके घर को शुद्ध और खूबसूरत बना दें. साथ ही घर में साकारत्मक ऊर्जा लाने का काम करें है.

फिकस बेंजामिन (Ficus Benjamina)

फिकस बेंजामिन के पत्ते हमेशा हरे रहते हैं और इनकी डिजाइन बहुत ही अनोखी और आकर्षक होती है. ये पौधे घर के किसी भी कोने में लगाए जाते है. चाहे वो लिविंग रूम हो, डाइनिंग एरिया हो या फिर बेडरूम.फिकस बेंजामिन को कम पानी की ज़रूरत होती है और ये धूप भी बहुत अच्छे से सहन कर लेता है. इसलिए इसकी देखभाल आसान होती है.

अंथूरियम (Anthurium)

अंथूरियम के फूल बेहद कलात्मक और अनोखे होते हैं. इनके लाल, गुलाबी, सफेद या क्रीम रंग के फूल घर में रंग भर देते हैं.  यह आसानी से लग जाने वाला पौधा है और इसे घर के किसी भी कोने में चाहे लिविंग रूम हो या फिर डाइनिंग टेबल पर रखा जा सकता है.

कैलेडियम (Caladium)

कैलेडियम के पत्ते बहुत ही आकर्षक और अनोखे पैटर्न वाले होते हैं. इनके पत्तों पर हल्के गुलाबी, सफ़ेद और हरे रंग के डिजाइन होते हैं.यह एक आसानी से लग जाने वाला पौधा है और इसे घर के किसी भी भाग में रखा जा सकता है.

ऑर्किड (Orchids)

ओर्किड अपनी सुंदरता और महक के लिए प्रसिद्ध हैं. ऑर्किड के बहुत से रंग-बिरंगे और सुंदर फूल आते हैं जो घर को सजाने में मदद करते है.

नीम के फूलों से होगी पेट की चर्बी कम, होंगे अनेक फायदे

आज की दौड़ भाग जिंदगी में कोई भी काम करना आसान नहीं होता चाहे बात आपकी हेल्थ की क्यो ना हो, उसके लिए भी टाइम निकालना मुश्किल हो जाता है. आजकल लोग बैली फैट की समस्या से ज्यादा परेशान है वो चाहते है कि उनकी पीठ की और पेट की चर्बी कम हो जाएं ताकि वह देखने में फिट लगे और खूबसूरत शरीर पा सकें, लेकिन इसके लिए आपको सही डाइट और हैवी एक्सरसाइज की ज़रुरी पड़ती है और भाग-दौड़ की जिंदगी में ये करना मुश्किल हो जाता है तो ऐसे में हम आपके लिए एक ऐसा नुस्खा लाए है जो आपके पेट की चर्बी को कम करने में फायदेमंद होगा. आज हम आपके लिए नीम के फूल के फायदे लेकर आए हैं, वजन घटाने में ये आपकी मदद कर सकते हैं. कई आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नीम में छिपे औषधीय गुणों की चर्चा जितनी की जाए, उतना ही कम है. इसकी जड़ से लेकर पत्तियों तक हर एक हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है.

आपको बता दें कि मेटाबॉलिज्म बूस्ट खाना पचाने में आसानी होती है, साथ ही इससे खाना तेजी से पचता है.ये बॉडी से कैलोरी को तेजी से बर्न करता है. इस तरह नीम की सेवन वजन कम करने और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है. खासकर नीम के फूल स्किन से लेकर शरीर की कई परेशानियों को दूर करने में प्रभावी होते हैं. नीम एक ऐसा पौधा है जो आपके हंगर क्रेविंग पर रोक लगता है जिससे आप अपनी अगली मील देर से खाते हैं, नीम में फाइबर  की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो डाइजेशन  को स्लो कर देता है जिससे आपका पेट लंबे वक्त तक भरा होता है.

नीम के फूल से ऐसे घटाएं तेजी से वजन

1. पहला तरीका

आप सुबह उठकर ताजे-ताजे नीम के फूल तोड़कर खाली पेट उनका सेवन करें. इसके अलावा आप इसकी कोमल पत्तियों का भी खा सकते हैं. ये वजन घटाने में आपकी मदद करेंगे.

2. दूसरा तरीका

वजन घटाने के लिए आप नीम फूल और शहद का सेवन कर सकते हैं. सबसे पहले नीम के फूलों को अच्छे से सिलबट्टे या फिर ओखली की मदद से क्रश कर लें. फिर उसमें 1 चम्मच शहद मिक्स करें. साथ ही आधा चम्मच नींबू का रस भी मिक्स कर सकते हैं. फिर सुबह खाली पेट इस मिश्रण का सेवन करें.

3. तीसरा तरीका

वजन घटाने में नीम के फूलों की चाय भी आपकी मदद कर सकती है.  चाय को तैयार करने के लिए 1 कप पानी में नीम के ताजे फूलों को उबाल लें. फिर उसमें थोड़ा सा अदरक का रस मिक्स करके पी जाएं. बस ध्यान रखें कि पूरे दिन में सिर्फ 1 कप ही चाय का सेवन करना है.

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