क्या आपका पति कर रहा है आपसे बेवफाई? जानें 5 Tricks

सभी को सच्चा प्यार मिले मुमकिन नहीं है. हसबैंड का प्यार किसी को मिलता है तो किसी नहीं मिल पाता है. लेकिन पार्टनर आपके साथ कितना वफादार है ये जानना भी जरूरी है. ये कुछ ट्रिक्‍स की मदद से वुमन यह जान सकती है कि पति कितना लॉयल है. इनसे पता चलाना आसान होगा कि पति‍ आपसे बेवफाई तो नहीं कर रहा है साथ ही रिश्‍ते में बेवफाई की वजह क्‍या है, दिन का चैन और रातों की नींद छिनने वाली इस प्रौब्‍लम को कैसे दूर किया जा सकता है.

 

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-अगर हमेशा आपके आसपास घूमने वाला पति दूर-दूर रहा रहा है. आपके बीच फिजिकल रिलेशनशिप ना के बराबर अचानक से हो गया है. तो समझ जाएं ये एक बड़ा लक्षण है कि वो किसी और के प्यार में हो सकता है. ध्यान दें कि रात के समय आपका पार्टनर किसके साथ बातचीत कर रहा है, ये बातचीत फोन के अलावा लैपटॉप पर भी चिट चैट के जरिए हो सकती है.

-अगर अपना पानी का गिलास तक मांगने वाला पति अचानक मददगार हो जाए. आपको घर से बाहर जाने या दोस्तों के साथ वक्त बिताने के लिए कहें. तो भी सतर्क रहें. ये बदला हुआ बर्ताव आपकी सुविधा के लिए नहीं बल्कि उसकी खुद की सुविधा के लिए है.

-पहले काम के बाद फोन या लैपटॉप को हाथ ना लगाने वाला पति अगर अचानक लैपटॉप या फोन से ज्यादा प्यार दिखाने लगे. तो आपके लिए ये परेशानी हो सकता है और अगर पासवर्ड भी बदल जाए तो भी आपको सर्तक रहने की जरूरत है.

-अगर पति घर से या फिर आप से दूर रहने के बहाने बनाने लगा है. या घर से बाहर ज्यादा समय बिताने लगा है तो इसका मतलब है कि वो आपको धोखा दे रहा है. बहाने भी ऐसे होंगे की आपको पहली बार में ही शक हो जाएगा.

-अगर पहले पड़ोस के सैलून में जाने वाला पति दूर के सैलून में जाने लगे. अपनी मोटी तोंद और थुलथुल शरीर को जिम में संवारने लगे. खुद पर कॉस्मेटिक का यूज और मंहगे परफ्यूम छिड़कने लगें. हमेशा क्लीन शेव या लेटेस्ट हेयरस्टाल में रहना पसंद करने लगे. तो ये खतरे की घंटी है.

पति कर रहा है बेवफाई तो क्या करें

– कुछ लोग ये सोचने लगते हैं कि कहीं उनकी किसी गलती के कारण तो नहीं पार्टनर ने धोखा दिया है या छोड़ने का फैसला लिया है. इस तरह के विचार मन में आना बेहद स्वाभाविक होता है, लेकिन यह आपकी गलती नहीं है, इसलिए ऐसा बिल्कुल भी ना सोचें.

– कभी कभी आप पति के साथ रह कर अपने मायका का जिक्र ज्यादा करती है ये भी एक कारण आपके पति को आपसे दूर करता है.

– कई बार आप फैमिली में इतना बीजी हो जाती है कि अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाती है जिस वजह से भी आपके पति का ध्यान किसी ओर की तरफ आकर्षित होता है. तो इसलिए ज्यादा से ज्यादा समय अपने ऊपर दें.

– आमने सामने बिठा कर बात करें. अगर ये स्थिति भी नहीं रहती है तो फिर पीछा करना भी अच्छा विकल्प हो सकता है. देंखे की वो कहां जा रहा है और क्या कर रहा है. बेवफाई का सबूत मिलते ही या तो पति को प्यार से समझाएं. वरना सख्त रवैय्या आपके लिए आखिरी तरीका है. ये सब आपके लिए मुश्किल भरा हो सकता है. लेकिन झूठ के साथ जीनें से अच्छा है, सच्च के साथ जिया जाएं और बात को सुलझाया भी जाएं.

प्यार या क्रश में क्या है अंतर, जानें यहां इस सवाल का जवाब

यंग जनरेशन हो या ओल्ड इस बात को लेकर हमेशा कन्फयूज रहते है कि प्यार क्या है और क्रश क्या है. दोनों एक ही चीज है या अलग अलग है. लेकिन, बात करें प्यार की तो शुरुआत क्रश से ही होती है. क्योकि पहले आप किसी के लिए फील करते है तो वो आपकी क्रश बन जाती है धीरे-धीरे वही क्रश प्यार में बदल जाता है.

क्रश आमतौर पर उन रोमांटिक फीलिंग को माना जाता है जो आप कभी कह ही नहीं पाते हैं. लेकिन ऐसा है नहीं. जी हां, आप प्यार भारी फीलिंग को ही तो क्रश कहते थे अब तक है न. अब मत कहिएगा क्योंकि क्रश के मायने तो कुछ और ही हैं.

एक्सपर्ट मानते हैं कि क्रश के लिए हमेशा रोमांटिक फीलिंग नहीं आती है. लेकिन, क्रश के साथ जुड़े नहीं होते हैं और आप गहराई में जाकर उनसे जुड़ना जरूर चाहते हैं. हम किसी भी तरह जुड़ना चाहते हैं ताकि उनको और जान सकें पहचान सकें. उनसे रिश्ता बढ़ा सकें. इन सबके बीच में रोमांस भी हो सकता है.

क्या होता है क्रश

क्रश आमतौर पर उन रोमांटिक फीलिंग को माना जाता है जो आप कभी कह ही नहीं पाते हैं. लेकिन ऐसा है नहीं. जी हां, आप प्यार भारी फीलिंग को ही तो क्रश कहते थे अब तक, है न. अब मत कहिएगा क्योंकि क्रश के मायने तो कुछ और ही हैं.

विशेषज्ञ मानते हैं कि क्रश के लिए हमेशा रोमांटिक फीलिंग नहीं आती है. लेकिन क्रश के साथ जुड़े नहीं होते हैं और आप गहराई में जाकर उनसे जुड़ना जरूर चाहते हैं. हम किसी भी तरह जुड़ना चाहते हैं ताकि उनको और जान सकें पहचान सकें. उनसे रिश्ता बढ़ा सकें. इन सबके बीच में रोमांस भी हो सकता है.

प्यार क्या होता है?

क्रश के बारे में सबकुछ जानने के बाद आपको ये भी पता होना चाहिए कि प्यार क्या होता है? दरअसल जब प्यार को पहचानेंगे तब ही तो क्रश और प्यार में अंतर आसानी से कर पाएंगे. जब आपको किसी से प्यार होगा तो उसके लुक पर ध्यान दिए बिना ही उसके अच्छे बुरे के बारे में सोचेंगे.

उसकी परेशानियों को अपनी परेशानी बना लेंगे और उन्हें हल करने के बारे में भी सोचेंगे. आप उसको खुश करने के बारे में भी वो सबकुछ करेंगे जो कर सकेंगे. उसके साथ आपको हमेशा सेफ महसूस होगा.

 प्यार और क्रश में अंतर

-कभी भी प्यार और क्रश को एक मान लेने की गलती नहीं करनी चाहिए. ये दोनों अलग-अलग एहसास हैं. इन दोनों में बड़ा अंतर तो आकर्षण और गहरे प्यार का ही है. इन दोनों अहसासों के बीच में अंतर करना काफी कठिन होता है.

-क्रश के लिए आप कई बार फिजिकल आकर्षण महसूस कर सकते हैं. लेकिन जब प्यार होगा तो आप एक गहरी फीलिंग महसूस करेंगे.

-उसके साथ सपने तक देखने लगेंगे. लेकिन प्यार के साथ आप प्रैक्टिकल बातें सोचेंगे.

-जब प्यार होता है तो आपको वो पूरा इंसान अच्छा लगता है. लेकिन क्रश की आपको कोई एक खासियत अच्छी लगेगी, जैसे उसका हंसना, कोई बॉडी पार्ट या फिर कपड़े पहनने का तरीका.

-ज्यादातर बार क्रश थोड़े समय के लिए ही होता है.

-क्रश तुरंत हो जाता है जबकि प्यार धीरे-धीरे होता है.

-क्रश होगा तो उस इंसान में कोई कमी दिखेगी ही नहीं, प्यार में कमी दिखेगी लेकिन आप उसे सुधारना चाहेंगे. ताकि वो इंसान परफेक्ट बन सके.

Diabetes: शरीर में नजर आए ये लक्षण, तो जरूर कराएं ब्लड शुगर की जांच

डायबिटीज (Diabetes) जिसे शुगर कहा जाता है आज एक समान्य बिमारी हो गई है जो हर तरफ देखने को मिल रही है. बच्चा बच्चा इसकी चपेट में नजर आ रहा है. शुगर एक सामान्‍य मेडिकल कंडीशन है जिसे ब्‍लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को मैनेज कर और रेग्‍युलर मॉनिटर कर कंट्रोल में किया जा सकता है. ये बिमारी एक खराब लाइफस्‍टाइल (Lifestyle) और खराब खानपान की वजह से होती है. ये तब होता है जब शरीर में इंसुलिन का पर्याप्‍त उत्‍पादन नहीं हो पाता. हालांकि इसके लक्षण (Diabetes Symptoms) काफी सामान्‍य से होते हैं और इस वजह से इसे शुरुआती दौर में पहचान पाना काफी मुश्किल होता है. तो आइए आज जानते है कि इसके लक्षण क्या है. कैसे रात में होने वाली परेशानियां आपको डायबिटीस के लक्षण बताती है.

मिनटों में पेशाब आने की दिक्कत

आपको बता दें कि डायबिटीज में सबसे ज्यादा पेशाब आता है, आपको हर मिनटों मे पेशाब जाना पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है और इस वजह से किडनी इसे पेशाब की मदद से बार बार फ्लश करने लगती है. यह लक्षण बताता है कि आपके ब्‍लड में ग्‍लूकोज लेवल कंट्रोल में नहीं है.

ज्यादा पसीना आना

कई बार रात में सोते वक्‍त पंखा चलाने के बावजूद भी पसीना आने लगता है और ऐसी परेशानी लगभग रोज होने लगती है. अगर कुछ दिनों से आप भी ऐसी समस्‍या से दो-चार हो रहे हैं तो एक बार आप अपने ग्‍लूकोज लेवल का जरूर टेस्‍ट कराएं. यह भी डायबिटीज का एक लक्षण है.

रात रात भर बेचैन होना

अगर आप रात में सोते वक्‍त एकाएक बैचैनी महसूस करते हैं या लेटने में परेशानी महसूस होती है या एकाएक धड़कन तेज हो जाती है तो यह आपके ब्‍लड शुगर लेवल के बढ़ने या घटने का लक्षण हो सकता है. ऐसे में इस लक्षण को नजर अंदाज ना करें और तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं. क्योकि ये लक्षण डायबिटीज के है.

पैर में दर्द या शरीर सुन्‍न हो जाना

अगर रात के वक्‍त आपके पैरों में दर्द होता है या हाथ-पैर सुन्‍न हो जाते हैं तो इसे सामान्‍य बात समझकर नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. यह लक्षण ब्‍लड शुगर लेवल अनियंत्रित होने पर भी दिखता है.

बार बार मुंह सूखना

अगर आपको रात के वक्‍त ड्राई माउथ की समस्‍या हो रही है, ज्यादा प्‍यास लगती है, तो डिहाइड्रेशन महसूस होता है और पानी पीने के लिए आप बार बार रात के वक्‍त उठते हैं तो यह भी शुगर का लक्षण हो सकता है.

गूगल वौइस एक आवाज पर सारी जानकारी सामने

गूगल वौइस गूगल की एक ऐसी टैलिकम्यूनिकेशन सेवा है, जिस की हैल्प से यूजर महज अपनी आवाज के माध्यम से इंटरनैट सर्चिंग कर सकता है और सारी जानकारी सामने आ जाती है. ‘बो लने से सब होता है’ इस टाइटल के नाम से गूगल ने अपने गूगल वौइस एप्लीकेशन का एक एड बनाया था, जो अच्छा खासा पौपुलर हुआ था. इस एड में यह दिखाया गया है कि गूगल वौइस एप्लीकेशन एक ऐसी एप्लीकेशन है जिस के जरिये देश, दुनिया किसी प्रौडक्ट या किसी जगह की जानकारी आप के बोलनेभर से आप के मोबाइल फोन पर आसानी से मिल जाती है.

जिस समय यह एड आया था उस समय लोग गूगल वौइस के बारे में जानते नहीं थे लेकिन इस एड के बाद लोगों में गूगल वौइस के प्रति जागरूकता फैली और वे इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल अपने कामों के लिए करने लगे. इस में रोजमर्रा के काम भी शामिल थे. बात करें अगर एड की तो इन एड में समाज की रूढि़वादी सोच से लड़ती हुई महिलाओं की स्थिति को दिखाया गया था.

जिस में किरण डेंबला, जिन्होंने हाउसवाइफ होते हुए वर्ल्ड बौक्सिंग चैंपियनशिप में छठा स्थान प्राप्त किया था. किरण इस वक्त तक 2 बच्चों की मां थी. अब किरण एक सफल सैलिब्रिटी फिटनैस एक्सपर्ट बन चुकी हैं. दूसरे एड में निखत जरीन के संघर्ष को दिखाया है. जिन्होंने वर्ल्ड बौक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता.

यह खिताब पाने वाली वह इंडिया की पांचवीं महिला है. जरीन वर्ल्ड चैंपियन मैरीकोम से भी मिल चुकी है. साथ ही तीसरे एड में ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों को उठाती और ‘कूल द ग्लोब’ ऐप की संस्थापक प्राची शेवगांवकर के संघर्ष को दर्शाया गया है. इन तीनों ही एड में इन महिलाओं की कहानी को दर्शाते हुए यह दिखाया गया है कि इन्होंने गूगल वौइस ऐप्लिकेशन की हैल्प से अपनी मंजिल पाई है.

आप भी इन की तरह गूगल वौइस ऐप्लिकेशन की हैल्प से अपने जरूरत की जानकारी पा सकते हैं और फिर अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं. क्या है गूगल वौइस गूगल वौइस टैक्नोलौजी की एक नायाब देन है. गूगल वौइस एक ऐसी टैलिकम्यूनिकेशन सेवा है, जो गूगल से प्रदान की जाती है.

जिस की हैल्प से यूजर इंटरनैट सर्चिग, कौल, मौसम की जानकारी, ताजा समाचार, वौइसमेल भेजना और सुनना अपने बिस्तर पर लेटेलेटे कर सकते हैं. इतना ही नहीं आप गूगल वौइस से किसी भी सवाल का जवाब पा सकते हैं. गूगल वौइस को कमांड दे कर आप गाने भी सुन सकते हैं. यहीं नहीं अगर आप ने गूगल वौइस को बताया है कि आप ने अपने घर की चाबी कहां रखी है तो गूगल वौइस आप के भूलने पर भी आप को इस की जानकारी दे देगा.

आप गूगल वौइस का इस्तेमाल मैप के लिए भी कर सकते हैं, जैसे आप को किसी ऐसी जगह जाना है जहां की जानकारी आप को नहीं है तो आप गूगल मैप पर जा कर उस जगह का नाम कहिए. फिर डायरैक्शन में जाएं, उस के बाद अपनी करैंट लोकेशन कहिए या औन कीजिए. इस के बाद गूगल आप को उस जगह की जानकारी दे देगा.

आप चाहें तो इसे सुन भी सकते हैं. इसे आसान भाषा में इस तरह समझा जा सकता है कि आप को जो भी जानकारी चाहिए उसे बस कहिए. आप के द्वारा मांगी गई जानकारी आप को तुरंत मिल जाएगी. यह समझिए कि गूगल वौइस आप का वह साथी है जो आप की एक आवाज पर दौड़ा चला आएगा. गूगल वौइस मोबाइल और टैबलेट दोनों में आसानी से यूज किया जा सकता है.

एंड्रौइड मोबाइल में गूगल वौइस पहले से ही इंस्टौल आता है, लेकिन अगर आप के मोबाइल में यह नहीं है तो आप इसे गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं. यह एकदम फ्री है.

आइए जानते हैं कि अपने मोबाइल फोन में गूगल वौइस की सेटिंग कैसे करें :

स्टेप 1: सब से पहले गूगल में साइन इन करें.

स्टेप 2: साइन इन करने के बाद राइट साइड में सब से ऊपर बनी अपनी प्रोफाइल में जाएं.

स्टेप 3: अब प्रोफाइल को ओपन करें.

स्टेप 4: इस के बाद सेटिंग पर क्लिक करें.

स्टेप 5: अब गूगल असिस्टेंड पर क्लिक करें.

स्टेप 6: इस के बाद ‘हे गूगल वौइस मैच’ पर क्लिक करें.

स्टेप 7: अब ‘हे गूगल’ को औन करें.

स्टेप 8: इस के बाद दो औपशन आएंगे. जिस में से आप ‘वौइस मौडल’ पर क्लिक करें.

स्टेप 9: अब रिट्राई ‘वौइस मौडल’ पर क्लिक करें.

स्टेप 10: इस के बाद 2 बार ‘ओके गूगल’ और 2 बार ‘हे गूगल’ बोल कर फिनिश पर क्लिक करें.

आप का गूगल वौइस स्टार्ट हो गया. शोर्टकट में इस तरह करें मोबाइल में गूगल वौइस की सैंटिग:

स्टेप 1: मोबाइल में गूगल वौइस सर्च यूज करने के लिए हैंडसेट के होम में जाएं.

स्टेप 2: अब होम बटन पर प्रैस करें और कहें ‘ओके गूगल’. अब एक नया पेज ओपन होगा.

स्टेप 3: नए ओपन हुए पेज में ऊपर की ओर सैटिंग के औप्शन पर क्लिक करें.

स्टेप 4: अब आप के सामने डिवाइस का औप्शन आएगा. उस पर क्लिक करें.

स्टेप 5: अब गूगल एसिस्टैंट को औन करें.

स्टेप 6: इस के बाद ‘ओके गूगल’ कह कर गूगल वौइस को औन कर लें.

अब गूगल आप की हैल्प करने के लिए तैयार है. इस तरह से आप वौइस से कमांड दे कर किसी भी तरह की जानकारी अपने डैस्क पर पा सकते हैं. गूगल वौइस से जानकारी कैसे लें गूगल में जा कर माइक पर क्लिक कर के आप को जो भी जानकारी चाहिए उस के बारे में कहें, जैसे आप को जानना है कि ताजमहल कहां है, किस ने बनवाया था? गूगल वौइस आप की आवाज सुन कर आप को उस संबंध में जानकारी देगा.

इस जानकरी को आप पढ़ और सुन दोनों सकते हैं. किस के लिए फायदेमंद बढ़ते कंपीटीशन के बीच वे बच्चे पीछे रह जाते हैं जिन्हें कम जानकारी होती है. ऐसे में कुछ लोगों के पास समय की कमी भी होती है. लेकिन मोबाइल एक ऐसी चीज है जो लगभग हर किसी के पास होता है. ऐसे में वे स्टूडैंट जो कोई जौब करते हैं वे स्टूडैंट अपने वर्क प्लेस पर या आते जाते गूगल वौइस का इस्तेमाल कर के अपनी नौलेज बढ़ा सकते हैं. इसी तरह यह बाहर काम कर रही या कालेज में पढ़ रही लड़कियों के लिए फायदेमंद है. हाउसवाइफ के लिए भी फायदेमंद साबित होता है.

ऐसे में वर्किंग गर्ल अपना समय बचाने के लिए गूगल वौइस का इस्तेमाल कर सकती है. हाउसवाइफ किचन में काम करते हुए कोई भी जानकारी सिर्फ बोल कर गूगल वौइस से पा सकती है. फिर चाहे वह क्लाउड किचन ही क्यों न स्टार्ट करना चाहती हो. इसी तरह अनपढ़ लोग भी गूगल वौइस का इस्तेमाल कर के इस से पढ़ेलिखे समाज से जुड़ सकते हैं. देखा जाए तो गूगल वौइस हर किसी के लिए फायदेमंद है. फिर चाहे वह स्टूडैंट हो, हाउसवाइफ हो या घरेलू नौकरानी ही क्यों न हो.

40 की उम्र के बाद पुरुष रहना चाहते हैं फिट, तो अपनी डाइट का ऐसे रखें ख्याल

आज के समय में खुद को फिट रखने के लिए लोगों के पास समय नहीं है, खासतौर पर पुरुषों के पास. वो अपनी हेल्थ पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं, लेकिन ये ज़रुरी है कि एक उम्र में आते आते आपको अपनी सेहत का काफी ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में ये ज़रूरी है कि 40 की उम्र में पुरुष कैसे फिट रहें. इसके लिए ज़रुरी है कि वो अपनी डाइट में क्या शामिल करें और क्या न करें. क्योकि इस उम्र के बाद आदमी के शरीर में न जाने कितनी बीमारियां घर बना लेती हैं. डायबिटीज, मोटापा, मेटाबॉलिज्म का धीमा होना साथ ही इम्यूनिटी का कमजोर होना. इस तरह की बीमारियां इस उम्र में ज्यादा पकड़ लेती हैं. इसके अलावा हृदय से जुड़ी बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं. ऐसे में अगर आप अपनी जीवन शैली और अपनी थाली को कुछ हेल्दी चीजों से भरेंगे तो आप पूरी तरह फिट रहेंगे. तो आइए जानते हैं कि क्या बदलाव 40 की उम्र में करना जरूरी है. जो आपके शरीर को फिट बनाएं.

बौड़ी को करें हाइड्रेटेड

सबसे पहले ज़रुरी है कि आप अपने शरीर को हाइड्रेट करें. जिससे आपका शरीर फीट बनेंगा, साथ ही किडनी भी सही रुप से कार्य करेंगी. इसके लिए ज़रुरी है, कि एक दिन में कम से कम 2.5 लीटर से लेकर 3 लीटर पानी पिया जाएं. वहीं अगर आप नॉर्मल पानी पीकर बोर हो गए हैं तो आप नारियल पानी, जूस, और हर्बल टी का सेवन शुरू कर सकते हैं. इससे आपकी सेहत को बहुत ज्यादा फायदा होगा और आप 40 की उम्र में भी 20 की तरह फिट रहेंगे.

​फाइबर क्यों जरूरी और कहां से ले

फाइबर हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है. यह आपको न केवल कब्ज जैसी समस्या से बचाता है. बल्कि इससे आपका वजन भी संतुलित बना रहता है. ऐसे में आपको अपनी डाइट में ऐसी सब्जी और फलों को शामिल करना होगा जिनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर से भरपूर है. फाइबर के जरिए ही आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है. आप फाइबर के लिए ब्रोकली, कैबेज, अखरोट, स्प्राउट, ग्रीन टी, बैरीज आदि का खा सकते हैं. इन सभी तत्वों में ओमेगा 3 भी होता है जो आपको कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाता है.

​गुड फैट जरूरी

हमेशा याद रखें की खाने वो खाएं जिसमें गुड फैट हो. क्योकि रोजाना जो हम खाना खाते है उनमे बैड फैट ज्यादा होता है. इसलिए अपनी डाइट में गुड फैट शामिल करना बेहद जरुरी है. इसके लिए आप एवोकाडो, ओलिव्स, नट्स, सीड्स, और कोल्ड प्रेस्ड ऑयल जैसी चीजे ज्यादा खाएं. इन सभी खाद्य सामग्रियों में गुड फैट पाया जाता है. यह आपको सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है.

साबुत अनाज को दें जगह

साबुत अनाज आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें आप ओट्स, दलिया, लाल चावल आदि का सेवन कर सकते हैं. इस तरह का भोजन आपको दिनभर ऊर्जात्मक रखेगा. इसके अलावा इन फूड आइटम्स में आपको विटामिन बी भी मिलती है जो आपको सेहत के लिए जरुरी है.

​प्रोटीन है जरुरी

प्रोटीन भी आपकी डाइट में बेहद जरुरी है. आपकी पहली प्राथमिकता प्लांट बेस्ड प्रोटीन की होनी चाहिए, जैसे सोया मिल्क, टोफू, आदि. इसके अलावा आप मीट, चिकन, अंडे, फिश और सूखे मेवे का सेवन भी कर सकते हैं. ध्यान रहे कि आपका वजन जितना है आपको कम से कम उतना ग्राम प्रोटीन जरूर खाना चाहिए.

​इन चीजों से रहे दूर

ऐसा हो सकता है कि आप फ्राइड या पैकेज्ड फूड का सेवन करना बेहद पसंद करते हों। लेकिन अब आपको इनसे दूरी बनाकर रखनी होगी। फ्राइड और पैकेज्ड फूड आपके कोलेस्ट्रॉल और बीपी को बढ़ाता है इसके अलावा अगर आप धूम्रपान या शराब पीते हैं तो इसका सेवन भी पूरी तरह बंद कर दें इससे आप कैंसर और लिवर से जुड़ी हुई समस्याओं से बच पाएंगे.

अगर ठंडी ड्रिंक्स पीने का मन ललचाए, तो इस के नुकसान भी जान लें

गर्मियों का मौसम आने में बस कुछ समय बचा है, लेकिन एडवरटाइजिंग की दुनिया में इसके स्वागत की तैयारी जोरों पर है. ठंडी ठंडी ड्रिंक्स के एड हमारी तलब को बढ़ाने में लगे हैं. गर्मियों में एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए कई लोग एनर्जी ड्रिंक पीना पसंद करते हैं, तो कई बच्चे फैशनेबल बनने के चक्कर में भी ऐसे सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन करते हैं. ये हमारी बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करते हैं, लेकिन कभी सोचा है कि ऐसे ड्रिंक्स आपके शरीर को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं? नहीं सोचा तो आपके लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है.

अनिद्रा की समस्या

एक शोध में पाया गया है कि एनर्जी ड्रिंक पीने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है. इन ड्रिंक्स में कैफीन और शुगर की ज्यादा मात्रा होती है, जो हमें शारीरिक व मानसिक रूप से बीमार कर सकती हैं. कैफीन बॉडी में मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित कर देता है, जिससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है.

दिल की परेशानी

एनर्जी ड्रिंक्स में कई ऐसे घातक पदार्थ होते हैं, जो हमें गंभीर बीमारियों का मरीज बना सकते हैं लेकिन इसमें मौजूद कैफीन की मात्रा हमें दिल का रोगी बना सकती है. इसके अधिक सेवन या रोज पीने की लत के कारण आप सामान्य एरिथमिया (दिल की धड़कन बढ़ना या कम होना), हृदय नली में सिकुड़न, हृदय की मांसपेशियों का कमजोर होना और खून के थक्के जमने जैसी घातक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं.

इम्यून सिस्टम को नुकसान

इन एनर्जी ड्रिंक्स में मिठास के लिए सुक्रालोज स्वीटनर का प्रयोग किया जाता है जो एक आर्टिफिशियल स्वीटनर है. यह चीनी से 600 गुना ज्यादा मीठा होता है और इसका इस्तेमाल कई तरह की डिशेज और ड्रिंक्स में किया जाता है. ज्यादा मात्रा में सुक्रालोज का सेवन करने के बाद व्हाइट ब्लड सेल्स की एक्टिवनेस कम हो सकती है जो कैंसर का खतरा अधिक पैदा कर देता है और यह हमें डायबिटीज का रोगी भी बना सकता है.

अन्य समस्याएं

इन ड्रिंक्स के सेवन से मोटापे, पाचन से संबंधित समस्या व एन्जायटी की परेशानी भी हो सकती है. साथ ही इस में मौजूद शुगर कंटेंट आपके टूथ इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है व यह बॉडी को डिहाइड्रेट भी करता है.

कुत्ते-बिल्लियों को चुमते है तो हो जाइए सावधान, जा सकती है जान

आज कल के दौर में कुत्ते और बिल्लियों को पालने को चलन काफी बढ़ रहा है लोग घर में पालतू जानवर रखना बेहद पसंद करते है लेकिन कई जानवरों से इतना घुल-मिल जाते है कि उन्हे चुमने तक लग जाते है लेकिन ऐसा करना कितना ठीक है या नहीं, ये आज हम आपको बताएंगे क्योकि ऐसा करना आपको बीमार कर सकता है. शरीर में कई तरह के रोग पैदा कर सकता है लेकिन ये सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है या कोई महिला प्रेग्नेंट है तो वो अपने पालतू जानकर को किस ना करें.

क्योकि माना जाता है कि कुत्ते के मुंह और लार में कैप्नोसाइटोफागा बैक्टीरिया रहते हैं, जो करीबी संपर्क या काटने से लोगों में फैल सकता है. अधिकांश लोग बीमार नहीं पड़ेंगे, लेकिन ये बैक्टीरिया कभी-कभी कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिसके कारण गंभीर बीमारी हो सकती है और किसी किसी स्थिति में मौत भी हो सकती है.

बिल्लियां कभी-कभी काटने और खरोंच से भी संक्रमण फैला सकती हैं. कुत्ते और बिल्लियां दोनों मेथिसिलिन-प्रतिरोधी जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) के भंडार हैं, पालतू जानवरों के साथ करीबी संपर्क को जूनोटिक संचरण के लिए एक अहम जोखिम कारक के रूप में पहचाना जाता है.

पालतू जानवरों से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?

जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले संक्रामक रोगों को जूनोटिक रोग या जूनोज कहा जाता है. साथ रहने वाले जानवरों के 70 से ज्यादा कीटाणु लोगों में फैल सकते हैं.

  • कभी-कभी, पालतू जानवर जिसमें जूनोटिक कीटाणु होता है वह बीमार लग सकता है. लेकिन अक्सर कोई दिखाई देने वाला लक्षण नहीं होता, जिससे आपके लिए संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि आपको अपने पालतू जानवर में कीटाणु के होने का शक नहीं होता.
  • जूनोज सीधे पालतू जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है, जैसे लार, शारीरिक तरल पदार्थ और मल के संपर्क के जरिए, या अप्रत्यक्ष रूप से, जैसे दूषित बिस्तर, मिट्टी, भोजन या पानी के संपर्क के जरिए.
  • स्टडी से पता चलता है कि पालतू जानवरों से जुड़े जूनोज का प्रसार कम है. हालांकि, संक्रमणों की असल संख्या को कम करके आंका गया है क्योंकि कई जूनोज सूचित करने योग्य नहीं हैं, या उनके कई एक्सपोजर रास्ते या सामान्य लक्षण हो सकते हैं.
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