कंगना राणावत का जन्म 23 मार्च, 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हुआ था. साल 2014 में आई पहली हिंदी फिल्म ‘गैंगस्टर’ में अपनी जबरदस्त ऐक्टिंग के चलते उन्हें दर्शकों ने रातोंरात स्टार बना दिया और देखते ही देखते वे बौलीवुड की ‘क्वीन’ कही जाने लगीं.
कंगना राणावत ने कम उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था और दिल्ली में अस्मिता थिएटर ग्रुप के साथ उन्होंने अपने ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत की थी. रंगमंच डायरैक्टर अरविंद गौड़ के साथ उन्होंने कई नाटकों में काम किया और अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया. वैसे, अरविंद गौड़ के साथ उन का पहला नाटक गिरीश कर्नाड का ‘रक्त कल्याण’ था.
बौलीवुड में कंगना राणावत ने थ्रिलर फिल्म ‘गैंगस्टर’ से कदम रखा था. उस के बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. ‘क्वीन’, ‘फैशन’, ‘कृष 3’, ‘तनु वैड्स मनु’, ‘रिवौल्वर रानी’, ‘मणिकर्णिका-द क्वीन औफ झांसी’, ‘जजमैंटल है क्या’ जैसी तमाम फिल्मों में काम करने के बाद वे आज की टौप हीरोइनों में गिनी जाती हैं.
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एक तरफ कंगना राणावत की फिल्में हिट हो रही थीं, तो वहीं उन का दिमाग बदगुमानी पर था. वे फिल्मों में नाम कमा ही रही थीं कि फिल्म ‘जजमैंटल है क्या’ के एक गीत ‘द वखरा…’ के प्रमोशन के दौरान उन का पीटीआई के एक पत्रकार जस्टिन राव से पंगा लेना भारी पड़ गया. वजह थी, फिल्म ‘मणिकर्णिका – द क्वीन औफ झांसी’ को ले कर घटिया बातें लिखने की.
कंगना राणावत के मुताबिक, पत्रकार जस्टिन राव ने घटिया बातें लिख कर उन की इमेज खराब की है. एक प्रैस कांफ्रैंस में कंगना राणावत पत्रकार का नाम सुनते ही भड़क उठीं, ‘‘जस्टिन, तुम तो हमारे दुश्मन बन गए हो यार. बड़ी घटिया बातें लिख रहे हो. कितनी ज्यादा गंदीगंदी बातें लिख रहे हो. इतना गंदा सोचते कैसे हो?’’
जब पत्रकार ने टोकते हुए कहा कि इस तरह का आरोप लगाना उचित नहीं है, तो कंगना ने कहा, ‘‘लेकिन, तुम्हारे लिए ऐसा करना उचित है?’’
कंगना ने आगे कहा, ‘‘मैं जिंगोस्टिक महिला हूं, जिस ने ‘मणिकर्णिका’ बनाई है. क्या राष्ट्रवाद पर फिल्म बना कर कोई गलती कर दी?’’
झगडे़ के तूल पकड़ने के बाद फिल्म ‘जजमैंटल है क्या’ बनाने वाली एकता कपूर ने कंगना राणावत से किनारा करना ही बेहतर समझा, वहीं पत्रकारों के संगठन ने अपनी त्योरियां चढ़ा लीं.
फिल्म ‘जजमैंटल है क्या’ के प्रमोशन इवैंट में एक पत्रकार जस्टिन राव के साथ फिल्म ‘मणिकर्णिका – द क्वीन औफ झांसी’ को ले कर तूतूमैंमैं होने के बाद से कंगना राणावत लोगों और मीडिया के निशाने पर हैं.
पहले तो कुछ मीडिया वालों ने कंगना राणावत की खबरों पर बैन लगाया, फिर देश की सब से बड़ी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने भी उन का बहिष्कार कर दिया. बदले में कंगना राणावत ने जर्नलिस्ट एसोसिएशन और प्रैस क्लब औफ इंडिया को लीगल नोटिस भेजे.
उस पत्रकार से कंगना राणावत ने पंगा ले लिया और अपनी बात पर वे डटी रहीं, जबकि फिल्म की प्रोड्यूसर एकता कपूर ने लिखित में माफी मांग ली.
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कंगना राणावत ने वरुण धवन, तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप, आलिया भट्ट, करण जौहर के अलावा कई फिल्मी सितारों से भी समयसमय पर पंगा लिया है. इस पंगेबाजी में उन की बहन रंगोली चंदेल ने उन का भरपूर साथ दिया है.
वहीं दूसरी ओर, कंगना राणावत का प्रेमप्रसंग या कहें कि उन पर किए गए जुल्मोसितम जगजाहिर हैं. कंगना को अपने घर में तथाकथित रूप से कैद कर के रखने वाले आदित्य पंचोली आज बौलीवुड से कोसों दूर हैं. वे कंगना के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा चुके हैं.
आदित्य पंचोली का कंगना के बारे में कहना है कि वह उन्हें धमकी देती है. आदित्य ने यहां तक कह दिया कि वह सिरफिरी है.
शेखर सुमन का बेटा अध्ययन सुमन भी कंगना की दीवानगी का शिकार रह चुका है. अध्ययन सुमन ने भी कंगना के साथ बिताए वे बुरे पल ताजा किए जिन के बारे में सुन कर कंगना कुछ न बोलीं, वहीं दूसरी ओर रितिक रोशन का कंगना राणावत के साथ हुआ झगड़ा कोर्ट तक पहुंच गया. उधर, करण जौहर भी कंगना के गुस्से का शिकार बने और सैफ अली खान भी इस से अछूते नहीं रहे.
साल 2009 में कंगना राणावत और रितिक रोशन की लवस्टोरी भी किसी से छिपी नहीं रही जो लंबे समय तक सुर्खियों में बनी रही थी. जहां एक तरफ रितिक रोशन कंगना राणावत से इश्क फरमा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ वे अपनी पत्नी सुजैन से तलाक ले रहे थे, जिस के चलते इन दोनों के बीच भी झगड़ा शुरू हो गया.
इसी झगड़े के चलते कंगना भी आएदिन रितिक रोशन के खिलाफ नए बयान देती रहती थीं. बात इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि रितिक और उन के पिता राकेश रोशन ने कंगना के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराना ही बेहतर समझा.
‘राज 2’ की शूटिंग के दौरान कंगना राणावत का अगला शिकार अध्ययन सुमन बना था. उस का कंगना के बारे में कहना है कि कंगना उसे गंदीगंदी गालियां दे कर जलील करती थी, मारती थी और काला जादू भी करती थी.
फिल्म ‘मणिकर्णिका-द क्वीन औफ झांसी’ को ले कर कंगना राणावत ने बयान दिया था कि करणी सेना ने अगर उन की इस फिल्म का विरोध किया तो वे भी राजपूत हैं, सेना के लोगों को बरबाद कर देंगी. इस पर करणी सेना ने विरोध न करने का फैसला किया था.
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एक इंटरव्यू में कंगना राणावत ने खुद माना है कि वे इस बात को मना तो नहीं करेंगी कि वे जरा सी सनकी तो हैं. सनक नहीं होती तो 15 साल की उम्र में वे घर से भाग कर यहां नहीं आतीं. उन्हें जो लोग समझ में आते हैं, उन के पैरों में बिछ जाती हैं. पर जो समझ नहीं आते, उन से वे हाथ तक नहीं मिला सकतीं. यह जिद्दीपन उन में बचपन से ही है.
हालांकि, अपनी इस पसंद और नापसंद को कंगना अपने ऊपर हावी नहीं होने देतीं. तभी तो वे यहां सर्वाइव कर रही हैं, वरना इंडस्ट्री में न तो वे किसी कैंप में हैं और न किसी गैंग में.
कंगना राणावत ने अपनी बातें लोगों के सामने रखीं और झुकी नहीं, भले ही उन के कहने का तरीका सही न हो. यही वजह है कि बौलीवुड उन से कन्नी काटता नजर आता है. लोग भी उन्हें जिद्दी, अडियल, झगड़ालू मानते हैं. लेकिन, सच यही है कि वे बचपन से ही अपने हक के लिए लड़ाई लड़ती दिखी हैं.
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