Winter Romance Special: सैक्स के भरोसे नहीं चलती रिलेशनशिप

जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप चलती है असल में वे गलत सोच से प्रभावित होते हैं. सैक्स एक फन ऐलिमैंट है. लेकिन अंडरस्टैंडिंग रिलेशनशिप का बेस है. सैक्स जवानी में आप को भरपूर सुख देगा लेकिन जवानी के ढलते ही यह आप को असलियत दिखा देगा. उम्र के बढ़ने के साथ व्यक्ति में सैक्स कर ने का स्टैमिना कम होता जाता है.

इस का मतलब यह हुआ कि जो लोग समझते हैं कि सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप चलती है उन के हिसाब से तो बढ़ती उम्र के बाद रिलेशनशिप खत्म हो जानी चाहिए क्योंकि एक उम्र के बाद सैक्स करना मुश्किल हो जाता है. असल में बढ़ती उम्र के साथ रिलेशनशिप स्ट्रौंग होती है न कि खत्म. रिलेशनशिप स्ट्रौंग होने का कारण है अंडरस्टैंडिंग न कि सैक्स…

58 साल की उम्र पार कर चुके दिलीप साहू कहते हैं, ‘‘जवानी के दिनों में सैक्स लाइफ उन की रिलेशन का महत्त्वपूर्ण पार्ट थी, लेकिन अब इस उम्र में ऐसा पौसिबल नहीं है. यह भी सच है कि हमारी रिलेशन पर इस का असर बिलकुल नहीं पड़ा है. सैक्स के बिना भी हम बहुत हैप्पी है. सैक्स लाइफ हमेशा नहीं टिकती पर प्यार बना रहता है.

उम्र कोई भी हो कपल के बीच रिश्ता सिर्फ सैक्स तक ही सीमित हो तो ऐसी रिलेशनशिप का कोई मतलब नहीं है. सैक्स में भले ही कपल  कंपैटबल हों, लेकिन अगर बैडरूम के बाहर उन के बीच बौंडिंग नहीं है तो संबंध ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगा. किसी भी रिलेशन को स्ट्रौंग करने के लिए फिजिकल अट्रैक्शन की जितनी इंपौर्टैंट्स होती है, उस से कहीं ज्यादा उन के बीच इमोशनल बौंडिंग की इंपौर्टैंट्स होती है.

20-22 की उम्र के युवाओं को खासतौर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि शादी हो या शादी से पहले सिर्फ सैक्स के बलबूते रिलेशन न चलाएं क्योंकि इस उम्र में तो बच्चे भी बौडिंग करने को नहीं होते.

रिलेशनशिप का हिस्सा

भव्या सहाय 26 साल की है. वह पेशे से रिपोर्टर है. इस विषय पर वह  कहती है, ‘‘सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप नहीं चलती. सैक्स पूरे रिश्ते का आधार नहीं होता, यह रिलेशनशिप का सिर्फ एक हिस्सा होता है. रिलेशनशिप की शुरुआत में भले ही सैक्सुअल अट्रैक्शन आप की रिलेशन पर भारी पड़ता दिखाई दे, लेकिन अंत में आप के बीच की अंडरस्टैंडिंग और बौंडिंग ही रिलेशनशिप को संभालने में काम आती है.’’

हर व्यक्ति के अपने कुछ ड्रीम होते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए वह दिनरात मेहनत करता है. अगर आप का पार्टनर आप के ड्रीम को चेस करने के लिए आप की हैल्प कर रहा है तो सम?ा जाएं कि आप बहुत खुश हैं, जो आप को ऐसा पार्टनर मिला. लेकिन अगर आप का पार्टनर ऐसा नहीं करता तो हो सकता है कि आप गलत इनसान के साथ रिलेशनशिप में हैं.

अगर आप ऐसे व्यक्ति के साथ रिलेशन में हैं जो आप की फीलिंग्स की रिस्पैक्ट नहीं करता है तो आप अकसर तरहतरह की प्रौब्लम्स से घिरे रहेंगे. लेकिन एक अच्छे पार्टनर का साथ न सिर्फ आप को हिम्मत देगा बल्कि वह आप को स्ट्रौंग और हैप्पी भी बनाएगा.

इमोशनल रिलेशन और सैक्स

श्रुति यादव 2 साल से विवान गौड़ के साथ रिलेशनशिप में है. वह कहती है, ‘‘विवान मेरी इमोशनली सपोर्ट नहीं करता है. वह मुझे कैरियर के लिए भी कोई ऐडवाइज नहीं देता है. कई बार मुझे ऐसा फील होता है कि मानो विवान मेरे साथ सिर्फ सैक्स के लिए ही है. मैं जब भी विवान से इस बारे में बात करती हूं तो वह इग्नोर कर देता है. उस का कहना है कि मैं ओवरथिंक कर रही हूं. लेकिन यह मु?ो ओवरथिंकिंग नहीं लगता.

‘‘मुझे लगता है कि अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं तो जितना जरूरी फिजिकल रिलेशन है उतना ही जरूरी इमोशनल रिलेशन भी है. रिलेशनशिप को चलाने के लिए इन दोनों का ही होना बहुत जरूरी है. किसी एक की भी कमी होने पर रिलेशनशिप वर्क नहीं कर पाएगी.

कनक शर्मा का कहना है, ‘‘सैक्स के बिना कोई भी रिलेशनशिप नहीं चल सकती, ऐसा सोचने वाले लोग गलत सोचते हैं. ऐसा नहीं है कि कोई संबंध सैक्स के बिना चल नहीं सकता. कुछ लोग सैक्स के बिना भी हैल्दी रिलेशनशिप में रहते हैं और लाइफ के हर मूवमैंट को ऐंजौय करते हैं.’’

‘डिपार्टमैंट औफ हैल्थ ऐंड ह्यूमन सर्विस’ द्वारा 2007 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्यार और इस से बने रिलेशन हमारी हैल्थ पर पौजिटिव इफैक्ट डालते हैं. एक हैल्दी रिलेशनशिप और लव ऐंड अफैक्शन की फील दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम कर देती है और इस से हाई ब्लड प्रैशर कंट्रोल रहता है.

अमेरिकन साइकोलौजिकल ऐसोसिएशन द्वारा 2012 में कोरोनरी आर्टरी बायपास से गुजरे युवाओं पर एक सर्वे किया गया. सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार एक अनहैल्दी रिलेशनशिप की तुलना में लविंग और हैप्पी रिलेशनशिप वाले लोग 15 साल ज्यादा जी सकते हैं. इस के साथ ही सर्जरी के बाद रिकवरी की उम्मीद भी 2.5 टाइंस ज्यादा होती है.

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिन के जरीए आप बिना सैक्स किए अपना प्यार अपने पार्टनर तक पहुंचा सकते हैं. आइए, उन तरीकों को जानते हैं:

मिल कर कुकिंग करना

अगर आप कुछ अलग और नया ट्राई करना चाहते हैं तो अपने पार्टनर के साथ मिल कर कुकिंग करें. ऐसा करना आप के लिए फन के साथसाथ रोमांटिक भी होगा. जैसे केक बनाते समय चौकलेट को ब्रैड पर लगाने के साथसाथ आप अपने पार्टनर के फेस पर भी लगा सकते हैं. ऐसा करते हुए आप उस के साथ रोमांटिक पल सा?ा कर सकते हैं.

हग करना

हग करना अपने प्यार को ऐक्सप्रैस करने का बेहतरीन तरीका है. हग करने से आप हैप्पी फील करते हैं. अपने पार्टनर को हग कर के आप उसे यह एहसास दिला सकते हैं कि वह आप के लिए कितना खास है. पीछे से आ कर हग करना फीमेल पार्टनर को बहुत पसंद आता है. आप के ऐसा करने से वह आप को अपनी बांहों में भर लेगी.

साथ शौपिंग करना

शौपिंग करना तो हर किसी को पसंद होता है. यह तब और खास हो जाता है जब आप इसे अपने पार्टनर के साथ ऐंजौय करते हैं. इसलिए कभीकभी अपने दोस्तों का साथ छोड़ कर अपने पार्टनर के साथ भी शौपिंग पर जाएं.

ब्रेकफास्ट होपिंग

सोचो कैसा हो जब आप अपनी सुबह की शुरुआत अपने पार्टनर से करो. बार और क्लब होपिंग तो हरकोई करता है आप ब्रेकफास्ट होपिंग करें. सुबहसुबह अपने पार्टनर के साथ अपने शहर की अलगअलग जगहों पर जाएं और वहां का खाना ट्राई करें. ऐसा करने से आप फूड और पार्टनर दोनों की कंपनी ऐंजौय करेंगे.

नाइट वाक 

चांदनी रात, आसमान में तारे और जमीन पर आप का पार्टनर, रोमांटिक नाइट वाक के लिए इतना काफी है. अपने पार्टनर के हाथों में हाथ डाल कर आप नाइट वाक पर जा सकते हैं. ये पल आप दोनों के लिए रोमांटिक होंगे. वाक करतेकरते आप बीचबीच में रुक कर कुछ खापी सकते हैं जैसे आइसकीम, मोमोस, पानीपूरी, जूस आदि.

मैसेज भेज कर स्पैशल फील कराएं

अगर आप अपने पार्टनर को अपने प्यार का एहसास कराना चाहते हैं तो काम के बीच में से टाइम निकाल कर आप उसे प्यार भरे मैसेज भेजें. आप के इन मैसेज को वह जबजब पढ़ेगी मुसकराए बिना नहीं रह पाएगी.

ट्रैकिंग

अगर आप को और आप के पार्टनर को रोमांच पसंद है तो आप ट्रैकिंग पर जा सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी मुश्किल भरे ट्रैक पर न जाए वरना आप की ट्रैकिंग रोमांचक से ज्यादा थकावट भरी हो जाएगी. ट्रैकिंग आप को नेचर से जोड़ेगी. जहां आप अपने पार्टनर के साथ किसी पहाड़ की चोटी पर बैठ कर उस के हाथों में हाथ डाल रोमांटिक बातें कर सकते हैं.

नोटी चैट

पार्टनर से नोटी चैट करना अपने प्यार को जताने का एक रोमांटिक तरीका है. लेट नाइट नोटी चैट करना आप को और आप के पार्टनर को रोमांस की दुनिया में ले जाता है. नोटी चैट कर के आप अपनी रिलेशनशिप को एक कदम आगे बढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से आप की रिलेशनशिप में स्पार्क आएगा.

कंधे पर सिर रखना

अकसर औफिस की थकावट और घर की भागदौड़ में लाइफ स्ट्रैसफुल हो जाती है. ऐसे में पार्टनर के कंधे पर सिर रखना आप को सुकून दे सकता है. यह आप को कुछ देर के लिए स्ट्रैसफुल लाइफ से दूर ले जा सकता है.

डेट पर जाना

अपने प्यार को ऐक्सप्रैस करने के लिए आप अपने पार्टनर के साथ डेट पर जा सकते हैं. इस के लिए आप मूवी, ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर को चुन सकते हैं. कभीकभी आप ‘फू्रट डेट’ पर भी जा सकते हैं. आजकल इस का बहुत क्रेज है.

स्टैंडअप कौमेडी शो को करें ऐंजौय

मूवी और पिकनिक पर जाना कपल के लिए अब बोरिंग हो गया है. कुछ नया ट्राई करने के लिए आप अपने पार्टनर के साथ ‘स्टैंडअप कौमेडी शो’ पर जाएं और कुछ देर के लिए स्ट्रैसफुल लाइफ से दूर रह कर अपने पार्टनर के साथ हंसी के ठहाके लगाएं. इस के अलावा आप ‘लाइव म्यूजिक कंसल्ट’ और ‘ओपन माइक’ जैसे शौज देखने भी जा सकते हैं.

बारिश में भीगना

पार्टनर के साथ बारिश में भीगने का अपना अलग ही मजा है. आप चाहें तो अपने पार्टनर के साथ एक छतरी में आधेआधे भीग सकते हैं. ये पल आप के लिए मैमोरीबल साबित होंगे.

बारिश मूड को रोमांटिक बना देती है इसलिए कपल को यह पसंद आती है. बारिश में आप अपने पार्टनर के साथ ‘रेन डांस’ ऐंजौय कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ भीगना भी आप के लिए एक रोमांटिक मूमैंट होगा. थोड़ा नोटी हो कर आप अपने पार्टनर के साथ बारिश का लुत्फ उठा सकते हैं. इस के अलावा पार्टनर के साथ बालकनी में बैठ कर चाय और स्नैक्स का मजा भी ले सकते हैं.

लौंग ड्राइव

कार में रोमांटिक म्यूजिक बज रहा हो, बगल में आप का पार्टनर बैठा हो तो न चाहते हुए भी आप 2-4 अंतरा गा ही देंगे. यह सब सुन आप का साथी पार्टनर भी खुश हो जाएगा. इस का मजा तब और बढ़ जाएगा जब हलकीहलकी बारिश हो रही हो.

रिम?िम फुहारों में अनजानी राह पर आप का पार्टनर आप का हमसफर होगा, इस से बढि़या और क्या होगा. गाड़ी को साइड में लगा कर कुछ देर अपने पार्टनर के हाथों में हाथ डाल कर सड़क पर नंगे पैर चलना आप का दिन बना देगा. इस के बाद सफर के बीच में कहीं रुक कर आप चाय या कौफी का मजा भी उठा सकते हैं.

गेम खेलना

गेम खेलना कपल के लिए एकसाथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करना है. एकसाथ गेम खेलने से कपल में अपने रिलेशन को ले कर पौजिटिव फील आती है. इसलिए अगर आप अपनी बोरिंग लाइफ में कुछ फन लाना चाहते हैं तो अपने पार्टनर के साथ गेम खेलें. ऐसी बहुत सी गेम्स हैं जिन में थोड़े से चेंजिस कर के आप उन्हें रोमांटिक गेम बना सकते हैं जैसे स्क्रैबल.

इस गेम का एक रूल बना लें कि वर्ड रोमांटिक होने चाहिए. इस के अलावा आप आंखोंआंखों में देखने वाले गेम भी खेल सकते हैं. इस में आप को अपने पार्टनर के साथ आमनेसामने बैठ कर जितनी देर हो सके बिना पलकें ?ापकाए उस की आंखों में देखना होगा. जो अधिक समय तक देखेगा, वह जीत जाएगा. अकसर इस गेम के अंत तक कपल ‘किस’ तक पहुंच जाते हैं.

इन के अलावा और भी बहुत तरीके हैं जिन के जरीए आप अपने प्यार को अपने पार्टनर तक पहुंचा सकते हैं जैसे गाने सुनाना, कविता सुनाना, औफिस से पिक करना, कभी पार्टनर के लिए टीकौफी और ब्रैकफास्ट बनाना, बालों में हाथ फेरना, पसंदीदा बुक गिफ्ट करना, पार्लर ले जाना आदि.

प्यार है या सिर्फ लस्ट

क्या सैक्स के बिना भी रिलेशनशिप चल सकती है या रिलेशनशिप पूरी तरह से सैक्स से ही चलती है? इस बारे में मानवी दीक्षित (बदला हुआ नाम) कहती है, ‘‘हमारे रिलेशन की शुरुआत सैक्स से हुई थी. मैं अपने बौयफ्रैंड से सैक्सुअल अट्रैक्टेड थी. मु?ो शक था कि हमारे रिलेशन में प्यार है या यह सिर्फ लस्ट है. जब यह बात मैं ने अपने बौयफ्रैंड से शेयर की तो उस ने मु?ो एक सु?ाव दिया. उस के बाद हम ने सैक्स को काफी समय तक अवौइड किया. हम ने देखा कि इस से हमारे बीच कोई प्रौब्लम नहीं आई. इस के बाद मैं क्लीयर हो गई कि मु?ो अपने बौयफ्रैंड से प्यार है और फिर हम ने शादी कर ली.’’

सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप नहीं चलती. इस विषय पर लौंग डिसटैंस रिलेशनशिप में रहने वाली 25 वर्षीय ग्रेटर नोएडा निवासी दीप्ति सिंह कहती है, ‘‘मेरे 27 साल के लौंग डिसटैंस बौयफ्रैंड राहुल आनंद बैंगलुरु में रहते हैं. हम दोनों 2 सालों से लौंग डिसटैंस रिलेशनशिप में है. राहुल कहते हैं कि अगर आप और आप के पार्टनर के बीच प्यार है तो लौंग डिसटैंस रिलेशनशिप भी अच्छे से निभाई जा सकती है. वे अपनी रिलेशनशिप के बारे में बताते हुए कहते हैं कि हम ने एक टाइम फिक्स कर रखा है जिस में हम बात करते हैं.’’

दीप्ति आगे कहती है, ‘‘रिलेशनशिप में सैक्स महत्त्वपूर्ण रोल अदा करता है, लेकिन सैक्स के अलावा भी रिलेशनशिप में बहुत कुछ होता है. आप का पार्टनर आप की केयर करता है, आप का खयाल रखता है तो यह भी प्यार ही है. फिर रिलेशनशिप को हमेशा सैक्स के साथ ही क्यों जोड़ कर देखा जाता है, जबकि रिलेशनशिप सिर्फ सैक्स के भरोसे नहीं चलती है.’’

सैक्सुअली कितनी तैयार हैं आप

शादी के लिए तो युवतियां सहज तैयार हो जाती हैं, लेकिन सैक्स के लिए खुद को तैयार करने में उन्हें खासी मशक्कत करना पड़ती है. ऐसा इसलिए कि उन्हें सैक्स की बहुत ज्यादा वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी नहीं होती. यह बात और है कि युवतियां शिक्षित और आधुनिक होने के नाते यह मान बैठती हैं कि वे सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानती हैं और इस का आधार सैक्स ऐजुकेशन के वीडियो, इंटरनैट की चुनिंदा साइट और एक हद तक पोर्न फिल्में होती हैं.

सैक्स की जानकारी के ये सोर्स फौरी तौर पर उत्तेजना तो देते हैं पर कोई शिक्षा नहीं देते और न ही सैक्स के लिए बेफिक्री की हद की गारंटी होते. सैक्स को पूरी तरह सम?ाने का दावा अकसर भ्रम ही साबित होता है जिस की तुलना ऐग्रीकल्चर से की जा सकती है जो साइंस भी है और आर्ट भी. खेत को कितनी गहराई तक जोतना है, सिंचाई कब और कितनी करनी है, खाद कितनी देनी है, कटाई कब करनी है जैसी बातें कहेसुने की बीना पर हर किसी को किसान नहीं बना देतीं. ठीक इसी तरह पेपर वर्क में सैक्स साइंस होता है लेकिन करते वक्त आर्ट हो जाता है.

जिंदगी के आनंद में खलल

जिंदगी पहले के मुकाबले अब और ज्यादा कठिन होती जा रही है खासतौर से सैक्स के मामले में जटिलताएं अकसर मुंह बाए खड़ी रहती हैं चूंकि यह नितांत व्यक्तिगत मसला होता है इसलिए बात या परेशानी उजागर नहीं होती लेकिन इस का यह मतलब नहीं कि वह हल हो गई. युवतियों को सैक्स संबंधी जानकारी जिन स्रोतों से मिल रही है वह वैज्ञानिक नहीं है इसलिए युवतियां सैक्सुअली जरूरत के मुताबिक तैयार नहीं हो पातीं जिस से दांपत्य के आनंद में खलल पड़ता है.

किसी युवती से यह पूछा जाए कि क्या वह सैक्सुला तैयार है तो शायद ही वह ईमानदारी से इस का जवाव हां में दे पाए. इस की बड़ी वजह सैक्स की बुनियादी जानकारी का न होना है और अधिकतर युवतियां इसे शादी के बाद का विषय मानते हुए कहेंगी कि देखेंगे वह तो अपनेआप हो जाता है.

अपनेआप के नुकसान

अपनेआप तो खेती भी होती है लेकिन वह जंगल और खरपतवार टाइप होती है जिस से किसी को फायदा नहीं होता. यही बात अपनेआप होने वाले सैक्स की मानसिकता को ले कर है कि इस की सारी जिम्मेदारी पुरुष की है. बिलाशक सैक्स अपनेआप हो सकता है लेकिन इस से मैरिड लाइफ का एक बड़ा सुख खुशी या उपलब्धि छिनती है. हमारे समाज में कभी भी किसी स्तर पर लड़कियों को सैक्सुअली तैयार या मैच्योर होने देने का माहौल कभी नहीं बनने दिया गया. उलटे उन्हें डराने और रोकने छत्तीसों लोग खड़े रहते हैं.

अब इस के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. नई पीढ़ी स्मार्ट है, ऊर्जावान है, कमाऊ है और महत्त्वाकांक्षी भी है. वह जिंदगी को जितना हो जिंदादिली से जी लेने में यकीन करती है. यह सब रहने, पहनने और खानपान के मामलों में तो बिंदास लागू होता है क्योंकि ये चीजें पैसे से खरीदीं लेकिन सैक्स के मामले में नहीं. निश्चित रूप से यह वर्जनाओं की वजह से है.

शादी की तैयारियों में किसी भी लड़की का सारा उत्साह फोटोग्राफी, ज्वैलरी, कपड़ों और दूसरी शौपिंग में देखते बनता है लेकिन सैक्स को ले कर उस की क्या तैयारियां हैं यह बात बहुत छोटे में सिमट कर रह जाती है. इस बात को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत हर युवती को है कि वह शादीशुदा जिंदगी के मद्देनजर सैक्स की अहमियत को शिद्दत से सम?ो और इस मानसिकता से बाहर आए कि सहवास ही सैक्स होता है.

बदल रही सोच

ऐसा गलत नहीं कहा जाता कि शादी के बाद शुरुआती दिनों का सैक्स अच्छी और सुखी जिंदगी की नींव रखता है. पहले युवतियां सोचती थीं कि अगर वे पति से सैक्स पर खुल कर बात करेंगी तो वह उसे अन्यथा लेगा और चरित्र पर भी शक करेगा. क्या आज भी ऐसा है इस बारे में लोगों की राय अलगअलग हो सकती है पर शादी के पहले मौडर्न युवा सैक्स पर चर्चा करने से कतराते नहीं. लेकिन एक बड़ा फर्क है.

भोपाल के एक बैंककर्मी सारांश का कहना है कि लड़कालड़की शादी के पहले एकदूसरे को सम?ाने के लिए मिलते हैं तो तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हैं मसलन फाइनैंशियल, पारिवारिक, कैरियर और सामाजिक. वे धीरेधीरे रोमांटिक भी होते जाते हैं लेकिन सैक्स पर खुल कर बात नहीं कर पाते. मु?ो लगता है कि फ्लैट कब लेंगे, कार कब खरीदेंगे जैसी प्लानिंग के साथसाथ सैक्स प्लानिंग भी जरूरी है. सारांश बताते हैं कि लड़के भी इस चर्चा में ?ि?ाकते हैं.

उन्हें लगता है कि सैक्स की बात करने पर होने वाली पत्नी की राय और इमेज उन के बारे में अच्छी स्थापित नहीं होगी. वह उन्हें लंपट सम?ा सकती है.

बकौल सारांश आप यह न सम?ों कि लड़के सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानते हैं. हां वे बहुत कुछ जानने का दिखावा जरूर करते हैं लेकिन यदि पत्नी मैच्योर और सम?ादार हो तो बहुत सी उल?ानें और परेशानियां पैदा होने के पहले ही खत्म हो जाती हैं और रिश्ते की शुरुआत बेहद खुशनुमा होती है. ऐसे में युवती का रोल और ज्यादा अहम हो जाता है बशर्ते वह खुद को सैक्स के लिए तन और मन दोनों से तैयार कर ले.

इस के लिए जरूरी है-

आप को सैक्स के बारे में अधिकतम जानकारी हो और उस के सोर्स शैक्षणिक होने चाहिए. तभी आप खुद को सैक्सुअली फिट मान सकती हैं. इसे कुछ उदाहरणों से सम?ा जा सकता है. मसलन, पहली बार सैक्स के बाद ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं लेकिन हां दर्द जरूर होता है. मगर यह कोई डरावनी या घबराने वाली बात नहीं है. यह बहुत कुदरती बात है और कुछ दिनों तक ही ऐसा होता है.

सैक्स के पहले फोर प्ले ज्यादा माने रखता है. यह असल में कला है इस के लिए खुद को तैयार रखें और पार्टनर को उत्साहित करती रहें. सिर्फ सहवास ही मकसद नहीं होना चाहिए. बेहतर तो यह भी होता है कि अच्छी सैक्स लाइफ और ऐंजौयमैंट के लिए शुरूआती दिनों में ज्यादातर ध्यान और कोशिश फोर प्ले की हो.

पुरुष जल्दी उत्तेजित होते हैं और कुछ ही देर में स्खलित होने की कोशिश करने लगते हैं. ऐसे में सब्र से पार्टनर को संभालें और सैक्स को लंबा से लंबा खींचने की कोशिश करें. अगर वह जल्दी डिस्चार्ज होने लगे तो अपनी तरफ से कुछ जाहिर न होने दें. इस से उस की परफौर्मैंस पर असर पड़ता है. इस से बचने के लिए बीच में ब्रैक ले सकती हैं.

मुमकिन है आप अपने ही प्राइवेट पार्ट्स की बनाबट के बारे में ज्यादा नहीं जानती हों लेकिन यह आप को मालूम होना चाहिए कि पेनिट्रेशन कहां से और कैसे होना चाहिए. न केवल

बनाबट बल्कि दूसरी सैक्स ऐक्टिविटीज के बारे में भी आप को शादी के पहले जानकारी इकट्ठा कर लेनी चाहिए जैसाकि पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरने की संभावना ज्यादा रहती है और सहवास के बाद वैजाइना में गीलापन कोई बीमारी नहीं होती.

यह बहुत स्वाभाविक बात है जिसे कुछ दिनों के अनुभव के बाद आप सम?ाने लगेंगी. हालांकि युवती खुद को कितना ही बोल्ड और ऐडवांस सम?ो शुरूशुरू में पेनिस को छूना तो दूर की बात है ज्यादा देर तक देखने में भी हिचकती है. और्गेज्म बहुत अहम होता है और यही असल सैक्स सुख होता है लेकिन शुरू के दिनों में इस तक पहुंचना या इसे महसूसना थोड़ा कठिन होता है. ऐसा दोनों के जोश के चलते भी हो सकता है इसलिए इसे सब्र से पाने की कोशिश करें.

सैक्स के शुरुआती दिनों में सैक्स के बाद यूरिन इन्फैक्शन भी बहुत आम बात है जो थोड़ी सी दवाइयों से ठीक हो जाता है. इस से घबराना नहीं चाहिए. ऐसी कई बातें और हैं जो आप को सैक्स के लिए बिना किसी डर के तैयार करती हैं. सैक्स को ले कर मन में कोई वहम या डर मजा खराब कर सकता है. इसलिए सैक्स हमेशा बिना किसी ?ि?ाक के करें और इस पर पति से बातचीत करती रहें.

जानिए महीने में कितनी बार करना चाहिए सैक्स

एक सुखी शादीशुदा जीवन में सेक्स बड़ी भूमिका निभाता है लेकिन सवाल ये है कि क्या इसकी भी कोई सीमा होनी चाहिए? पति-पत्नी के बीच सेक्स संबंधों को लेकर शोध होते रहते हैं. ऐसे ही एक शोध में बताया गया है कि महिलाओं की यौन संतुष्टि से ज्यादा जरूरी है कि सेक्स कितनी बार किया गया.

शोध के अनुसार वही महिला अपने यौन जीवन से संतु्ष्ट रहती है जो एक महीने में करीब 11 बार सेक्स करती है. ये वे महिलाएं हैं जिनकी शादी के कुछ साल बीत चुके हैं. लेकिन एक नवविवाहिता के लिए माह में 11 बार सेक्स नाकाफी होता है. उनकी सेक्स इच्छा इससे तीन से चार गुना अधिक होती है और तब भी वे संतुष्ट नहीं होती.

प्रसिद्ध लेखक, साइकोथेरेपिस्ट और इस शोध के प्रमुख लेखक एम गैरी न्यूमैन ने सुझाव दिया है कि शादी के दो वर्षों के बाद शादीशुदा जोड़ों को अपने प्रेम संबंध की निकटता और उत्तेजना को पहले की तरह बनाए रखना चाहिए. उनका कहना था कि तेज़ भागते जीवन की वजह से जोड़ों के बीच सेक्स कम होता जाता है.

न्यूमैन का कहना है कि उनके शोध का मकसद यह पता करना था कि एक दम्पत्ति को महीने में कितनी बार संबंध बनाने चाहिए.

इस तरह रोमांस में बनी रहेगी ताजगी

आप की शादी के कुछ साल हो गए. अब आप दिन में कितनी बार एकदूसरे का हाथ थामते हैं? आंखों से कितनी बार एकदूसरे को मौन निमंत्रण देते हैं? कितनी बार एकदूसरे को गले लगाते हैं? अगर आप का जवाब नकारात्मक है, तो संभल जाएं क्योंकि यह आप के रिश्तों की मिठास को कड़वाहट में बदलने की शुरुआत है. वैसे घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि रिश्तों की ताजगी कहीं जाती नहीं. बस, भीड़ भरे रास्तों पर गुम हो जाती है. इसे ढूंढ़ने के लिए यहां दी गई बातों पर अमल करेंगे, तो बदलाव खुद ब खुद महसूस करेंगे.

करें कुछ नया

कहा जाता है कि प्यार एक एहसास है, लेकिन सच तो यह है कि शादी के बाद प्यार सिर्फ एक एहसास नहीं होता. बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में जिन बातों को अपनाने से हमारे जीवनसाथी को खुशी, संतुष्टि, नयापन मिलता हो, वही प्यार है. पति को गिफ्ट देना, मदद करना, लैटर लिखना आम बातें हैं. अब यह परिपाटी बहुत पुरानी हो चुकी है.

आप कुछ ऐसा अलग हट कर करें, जिस में नयापन हो. जैसे, विशेष अवसरों पर अपने पति को गिफ्ट तो सभी देते हैं, लेकिन शौपिंग कांपलैक्स में जब आप उन की पसंद की चीज उन्हें रोमांटिक अंदाज में देंगी, तो उपहार का मजा दोगुना हो जाएगा.

बीती बातों को याद करें

रोजरोज की जाने वाली एक जैसी बातों से अकसर बोरियत होने लगती है. ऐसे में कुछ अलग हट कर करें. जैसे, अगर आप की लव मैरिज है तो पति से सवाल करें कि अगर घर वाले आसानी से शादी के लिए न माने होते, तो? अगर हमारी शादी न हुई होती, तब तुम क्या करते? क्या तुम मेरे बिना रह पाते? ऐसे सवाल करने पर वे सोच में पड़ जाएंगे, पर बातों के जवाब अच्छे मिलेंगे, जो आप की बातचीत को एक नयापन देंगे. इसी तरह दोनों एकदूसरे को अपने कुछ अच्छे पलों को याद दिलाएं. यदि आप दोनों कामकाजी हैं, तो दफ्तर में फुरसत पाते ही मौका ढूंढ़ कर एकदूसरे को फोन करें. वह भी उसी शिद्दत के साथ, जैसे शादी के शुरुआती दिनों में आप किया करते थे.

हमेशा की तरह फाइव स्टार होटल में कैंडल लाइट डिनर करने के बजाय किसी छोटे से पुराने रेस्तरां में सरप्राइज डिनर पर जाएं, जहां आप शादी से पहले भी जाया करते थे. आप दोनों कालेज के उन पुराने दोस्तों को बुला कर, जिन्होंने आप का हर पल साथ दिया हो, छोटी सी पार्टी दें. ऐसा करने से आप की पुरानी यादें ताजा होंगी. कभीकभी पति के लिए भी तैयार हो जाएं. यकीन मानिए, वे खुश हो जाएंगे आप का यह रूप देख कर.

छेड़छाड़ का सहारा लें

इस के साथ ही आप छोटीमोटी चुहलबाजी और छेड़खानी करना शुरू कर दें. पति से फ्लर्ट करने पर जो मजा आएगा, वह कभी कालेज में लड़कों को छेड़ने पर भी नहीं आया होगा. पति को कोई अजनबी लड़का समझ छेड़ें और परेशान करें. कभी उन के औफिस बैग में बेनाम लव लैटर और कार्ड रख दें, तो कभी एक दिन में कई बार उन के फोन पर अननोन नंबर से मिस्ड कौल दें. फिर देखिएगा, यह पता लगते ही कि यह शरारत करने वाली आप थीं, वे कैसे आप से मिलने के लिए बेचैन हो उठते हैं.

सजना के लिए सजना

पार्टी या शादी में जाने के लिए तो सभी सजते हैं, लेकिन क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप अपने पति के लिए तैयार हुई हों. इसे बेकार की झंझट मत समझिए. जब आप बिना किसी मौके के उन के मनपसंद रंग में सज कर उन के पास जाएंगी, जो सिर्फ उन के लिए होगा, तो यकीनन उन की नजरें आप पर से हटेंगी नहीं.

इन्हें नजरअंदाज न करें

– वे जोड़े ज्यादा खुश रहते हैं, जो शाम को अपनी शिकायतों का पिटारा नहीं खोलते. शिकायत करने पर पतिपत्नी एकदूसरे से बचने के बहाने ढूंढ़ने लगते हैं.

– वे पतिपत्नी ज्यादा खुश रहते हैं जिन का कम से कम एक शौक आपस में मिलता हो. ऐसी रुचियां उन्हें आपस में बांधे रखती हैं तथा रिश्तों में प्रगाढ़ता लाती हैं.

– कुछ शब्दों को बारबार कहना और सुनना अच्छा लगता है. जैसे, ‘आई लव यू’, ‘आई एम औलवेज विद यू’ आदि. इस से पार्टनर को एहसास होता है कि आप कितने लविंग और केयरिंग हैं.

– कुछ शारीरिक स्पर्श ऐसे होते हैं, जो पार्टनर को आप की भावना समझने में मदद करते हैं. जैसे, जातेजाते कंधा टकराते जाना, पार्टनर का हाथ दबाना या छू लेना और खाना खाते समय टेबल के नीचे से पैरों का स्पर्श या हाथ पकड़ लेना.

सेहत: सैक्स रोगों की अनदेखी न करें

सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.

सैक्स से जुड़े रोग वैवाहिक संबंधों पर सीधा असर डालते हैं. जैसे कोई पार्टनर सैक्स संबंध के लिए मन से तो तैयार होता है, लेकिन उस का शरीर सहयोग करने से इनकार कर देता है. ऐसा अगर बारबार होने लगे तो डिप्रैशन जैसे हालात बन जाते हैं.

मर्दों में सैक्स कमजोरी की कई वजहें होती हैं, जो मानसिक और शारीरिक दोनों हो सकती हैं. पर घबराने की कोई बात नहीं, क्योंकि इन का इलाज सही डाक्टर से हो सकता है. जरूरी यह है कि आप शरमाएं नहीं और माहिर डाक्टर के पास जाएं. वजह, सैक्स रोग ऐसे होते हैं, अगर इन्हें छिपाया गया तो ये अपने साथसाथ पार्टनर की हैल्थ पर भी बुरा असर डाल सकते हैं.

मर्दों में शीघ्रपतन, तनाव, अंग से सफेद पदार्थ गिरना, अंग के आगे दाने होना जैसे सैक्स रोग हो सकते हैं. पर मर्द ज्यादातर उन्हें दबा देते हैं, क्योंकि कई बार उन्हें लगता है कि अगर वे अपने सैक्स रोगों की चर्चा करेंगे, तो यह मर्दाना कमजोरी मानी जाएगी.

इसी डर से वे किसी माहिर डाक्टर की जगह झोलाछाप डाक्टरों या जड़ीबूटी देने वालों के पास चले जाते हैं, जहां उन्हें फायदे की जगह नुकसान हो जाता है. कई बार लोग मैडिकल स्टोर से सीधे ही दवा ले कर खा लेते हैं. इस में भी नुकसान का खतरा होता है.

औरतों के सैक्स रोग

अपने साथी के साथ सैक्स संबंध बनाने के दौरान अगर कम इच्छा, लगातार दर्द का सामना करना पड़ रहा है, तो इस की वजह सैक्स रोग हो सकते हैं. मर्दों के मुकाबले औरतों को ज्यादा सैक्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

औरतों को होने वाली सैक्स समस्याएं किसी भी उम्र में कुछ समय से ले कर उम्रभर तक भी साथ रह सकती हैं. इस वजह से उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

औरतों, इस में लड़कियां भी शामिल हैं, को होने वाले सैक्स रोगों की वजहों को 2 भागों में बांटा जा सकता है, पहला शारीरिक और दूसरा मनोवैज्ञानिक.

अगर कोई औरत पहले किसी शारीरिक या यौन शोषण से जूझ चुकी है, तो उसे सैक्स करने के दौरान डर रहता है. इसी वजह से उसे सैक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

अगर किसी औरत को अपना पार्टनर पसंद नहीं आता है, तो उस की वजह से भी वह सैक्स संबंधित समस्याओं का सामना कर सकती है. उसे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने की इच्छा नहीं होती. इस वजह से उसे मानसिक बीमारियां हो सकती हैं. जब कोई डिप्रैशन से जूझता है, तो उस की सैक्स संबंधों में दिलचस्पी खत्म होने लगती है.

 रोग की शारीरिक वजह

अगर कोई औरत लगातार एंडोमेट्रियोसिस, डिंब ग्रंथि के सिस्ट, गर्भाशय फाइब्रोएड और अंग से बदबूदार पानी निकलने की बीमारियों से जूझ रही है, तो उसे सैक्स करने के दौरान दर्द होगा. इस से सैक्स रोग बढ़ सकते हैं.

औरतों में सब से ज्यादा हार्मोनल बदलाव होता है, जिस की वजह से उन्हें सैक्स संबंधित रोगों का ज्यादा सामना करना पड़ता है. इस में उन्हें अंग में सूखापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

कम एस्ट्रोजन का लैवल भी सैक्स पर गलत असर डालता है. मीनोपौज, सर्जरी और गर्भावस्था हार्मोन के लैवल पर असर डालती हैं.

इस के साथसाथ मधुमेह, गठिया, मल्टीपल स्कैलेरोसिस और दिल की बीमारी भी सैक्स की ताकत पर बुरा असर डालती हैं. नशीली दवाओं की लत या शराब ज्यादा पीने से भी औरतों को सैक्स रोग हो सकते हैं.

अगर कोई औरत अपने अंग में सूखापन महसूस करती है, तो यह भी सैक्स रोग का लक्षण हो सकता है. अंग का सूखापन स्तनपान या मीनोपौज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाब के चलते हो सकता है, जो कुछ समय के लिए होता है. लेकिन अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो यह जिंदगीभर भी रह सकता है.

न छिपाएं, डाक्टर को बताएं

सैक्स रोगों को छिपाएं नहीं, बल्कि उन के बारे में अपने डाक्टर को बताएं. आजकल मर्दाना और जनाना दोनों ही तरह के सैक्स रोगों के जानकार डाक्टर सही सलाह देने के लिए आसानी से मिल जाते हैं.

झोलाछाप डाक्टरों से बचें, क्योंकि वे आप को सही जानकारी देने के बजाय उलझाने का काम करते हैं. मनोवैज्ञानिक वजहों को किसी माहिर डाक्टर से बात कर के सुलझा सकते हैं. अपने साथी को अपनी परेशानी जरूर बताएं. अगर कोई शारीरिक रोग है, तो डाक्टर दवाएं दे कर उन्हें दूर करते हैं.

सैक्स के दौरान दर्द को कम करने के कई उपाय होते हैं. संतुलित आहार भी जरूर लें, ताकि शरीर अंदर से मजबूत बन सके. इस का भी सैक्स लाइफ पर असर पड़ता है.

वर्जिन गर्लफ्रैंड से सेक्स की अनूठी चाह

नेहा और सोहन की दोस्ती को अभी 2 महीने ही हुए थे कि सोहन उसे बातबात में टच करने की कोशिश करता. जब उसे यह बात पता चली कि नेहा वर्जिन है, तो वह उसे बहाने से एकांत में, होटल वगैरा में ले जा कर सैक्स करने को उत्तेजित करता. सोहन की यह बात नेहा को पसंद न आई औैर उस ने साफ कह दिया कि मेरे लिए सैक्स शादी के बाद ही उचित है. यह बात सुन सोहन भड़क उठा, क्योंकि उस के दोस्त भी उस का मजाक बनाते थे कि यार तू कैसा लड़का है जो अपनी गर्लफ्रैंड को इतने समय में भी सैक्स के लिए राजी नहीं कर पाया. ऐसे में उस ने बिना सोचेसमझे नेहा से ब्रेकअप कर लिया.

ऐसा सिर्फ नेहा औैर सोहन के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवकों के साथ होता है, क्योंकि उन के लिए प्यार के माने गर्लफ्रैंड से सैक्स है. ऐसे में जब आप को पता चले कि आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन है तो उस पर जबरदस्ती वर्जिनिटी तोड़ने का दबाव न डालें औैर न ही खुद किसी दबाव में आएं बल्कि संयम बरतते हुए उसे वक्त दें ताकि वह तैयार हो जाए, आपसी सहमति से रिलेशन बनाने के लिए.

जब गर्लफ्रैंड हो वर्जिन

1. रखें खुद पर संयम

गर्लफ्रैंड वर्जिन हो और आप का खुद पर कंट्रोल मुश्किल हो रहा हो तो भी आप को संयम बरतना होगा. ऐसा न हो कि मौका मिलते ही चालू हो जाएं. भले ही आप के लिए यह पहला मौका नहीं है लेकिन आप की गर्लफ्रैंड का यह पहला चांस है. ऐसे में उसे चीजों को समझने में वक्त लगेगा और आप को भी उस की फीलिंग्स की कद्र करनी पडे़गी, तभी यह रिश्ता लंबे समय तक चल पाएगा.

2. बातोंबातों में प्यार दें

अपनी गर्लफ्रैंड को कभी प्यार से हग करें तो कभी उस के गालों पर किस करें, जब वह आप के प्रति करीबी महसूस करने लगे तो उसे समझाएं कि यह भी खूबसूरत एहसास है.

3. वर्जिन गर्लफ्रैंड से न करें सैक्स

वर्जिन गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने में उसे हर्ट हो सकता है, जिस कारण वह दोबारा कभी सैक्स करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी. अत: गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने की जिद न करें.

4. वर्जिन गर्लफ्रैंड को न समझें दब्बू

बातबात पर उसे यह कह कर नीचा दिखाने की कोशिश न करें कि यार तेरे तो कुछ बस का ही नहीं है, तभी तो तू आज तक वर्जिन है. हर समय डरती रहती है. तू तो मुझे खुश करने के लिए कुछ भी नहीं करती जबकि रेखा को देख वह अपने बौयफ्रैंड के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है. तू तो हमेशा ऐसे ही ढीलीढाली बनी रहेगी.

आप की ऐसी बातें सुन कर जहां वह दुखी होगी वहीं आप से दूरी भी बना लेगी.

5. ड्रिंक पिला कर न करें जबरदस्ती

आप की गर्लफ्रैंड अभी रिलेशन बनाने के मूड में नहीं है, लेकिन आप उस पर बारबार दबाव डाल रहे हैं. ऐसे में अपने ऐंजौयमैंट के लिए आप नशीला ड्रिंक पिला कर उस के साथ जबरदस्ती करने लगेंगे तो इस से भले ही आप को कुछ पल का मजा मिल जाए, लेकिन यह मजा आप के लिए हमेशा की सजा भी बन जाएगा. इसलिए भूल कर भी यह गलती न करें.

6. वर्जिनिटी को न बनाएं इश्यू

आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन नहीं है तो इस का अर्थ यह नहीं कि सैक्स के दौरान ब्रेकअप कर बैठें, जो ठीक नहीं है.

वर्जिनिटी की तय दकियानूसी बातें जैसे झिल्ली फटना आज के संदर्भ में महत्त्व नहीं रखतीं. आज युवतियां हर तरह के इवैंट्स में भाग लेती हैं. उन्हें स्वयं ही पता नहीं चलता कि कब उन की झिल्ली फट गई. इसलिए इन बातों को आधार बना कर अपनी प्रेम लाइफ को कष्टकारी न बनाएं.

7. वर्जिनिटी न पड़ जाए भारी

आप किसी पार्टी में गए हुए हैं और वहां आप की मुलाकात किसी ऐसी युवती से हो जाए जो वर्जिन हो. यह बात आप को उस से बात करने के दौरान पता चले औैर यह सुन कर ही आप उस से इंप्रैस हो कर उसे अपनी गर्लफ्रैंड बनाने का औफर दे डालें तो यह आप की सब से बड़ी भूल होगी.

हो सकता है कि वह अपने वर्जिन होने के ढोंग से आप को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रही हो, जबकि इस के पीछे मकसद आप को फंसाना हो.

8. पोर्न वीडियोज देख कर न हों उत्तेजित

भले ही आप को सैक्स के बारे में नौलेज नहीं है, लेकिन बौयफ्रैंड को इंप्रैस करने के चक्कर में यदि आप पोर्न वीडियोज देखने लगें, तो इस का आप पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इस में पार्टनर के साथ दिखाए गए अधिकांश ऐक्शंस वास्तविक नहीं होते, लेकिन अगर आप इन्हें अपनी वास्तविक सैक्स लाइफ में अप्लाई करेंगे तो इन से आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

9. युवतियां वर्जिनिटी को न बनाएं पार्टनर की कमजोरी

बातबात पर पार्टनर को यह कहना कि तुम्हें मुझ जैसी वर्जिन गर्लफ्रैंड कभी नहीं मिलेगी औैर यह कह कर हर बार फरमाइशों की लिस्ट उस के सामने न रख दें. ऐसे में आप का बौयफ्रैंड भले ही थोड़े समय के लिए आप की मांगों को पूरा कर दे लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब वह आप से दूर जाने में ही भलाई समझेगा. इसलिए अगर आप का पार्टनर आप से सच्चे दिल से प्यार करता है तो उस की कद्र करें न कि उसे अपनी वर्जिनिटी से ब्लैकमेल करने की कोशिश करें.

ये 10 टिप्स हनीमून की रात को यादगार बनाएंगे यादगार

सुहागरात पर नए जोड़े के मन में संकोच बना रहता है. यह सच है कि हर दंपती के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है शारीरिक संबंध. लेकिन, इसे लेकर जो तमात आशंकाएं और बातें हमारे अवचेतन में कहीं बैठी हैं, उनके चलते कई लोग इसका भरपूर आनंद उठा नहीं पाते. भारतीय समाज में कामसूत्र जैसा महान ग्रंथ रचा गया, लेकिन बावजूद इसके हमारे यहां इस‍ विषय पर चर्चा करना वर्जनीय माना जाता है. जहां एक तरफ सुहागरात नई जिंदगी की शुरुआत है, वहीं दूसरी तरफ जिस्‍मानी संबंध भी इस रात का अहम हिस्‍सा माना जाता है. शादी की पहली रात को पुरुष शारीरिक संबंध के प्रति बेहद चिंतित रहते हैं. मन में यह चिंता होती है कि वे अपने साथी को खुश कर पाएंगे या नहीं. उन्‍हें इस बात का डर रहता है कि कहीं इस रात की कोई गलती उन्‍हें सारी उम्र के लिए परेशानी में न डाल दे. लेकिन हम आपको कुछ टिप्‍स बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं.

शादी की पहली रात सेक्‍स के 10 टिप्‍स

1 – सुहागरात में शारीरिक संबंध बनाने से पहले रोमांटिक माहौल बनाइए. अपने कमरे में विशेष प्रकार के रंग और खुशबू का प्रयोग कीजिए. ये सेक्‍स हार्मोन को उकसाते हैं. इसके लिए अरोमा कैंडल जलाइए, हल्‍का संगीत बजाइए, हल्‍की रोशनी रखिए.

2 – सेक्‍स क्रिया करने के लिए जल्‍दबाजी न करें. इससे पहले एक-दूसरे को समझने की कोशिश कीजिए. ऐसा करने से दोनों के एक-दूसरे के करीब आएंगे और सेक्‍स करने में ज्‍यादा झिझक नही होगी.

3 – सेक्‍सुअल होने से पहले अपने साथी से अच्‍छी तरह बात कीजिए. अपनी सारी शंकाओं का समाधान बातचीत के जरिए पहले निकाल लीजिए नहीं तो सेक्‍स के दौरान मन में झुंझलाहट बनी रहेगी.

4 – सेक्‍स करने से पहले पार्टनर को सरप्राइज करने की कोशिश कीजिए. इसके लिए आप उसे कोई गिफ्ट दीजिए, हनीमून पैकेज या ज्‍वैलरी देकर आप अपने पार्टनर को खुश कर सकते हैं.

5 – सुहागरात में सेक्‍स से पहले फोरप्‍ले बहुत जरूरी है. फोरप्‍ले करने से सेक्‍स करने का आनंद बढ़ जाता है. इसके लिए उसे किस कीजिए. उसके खास अंगों पर आपकी प्‍यार भरी छुअन सेक्‍स हार्मोन उत्‍तेजित करने में मदद करेंगे.

6 – सेक्‍सुअल फैंटेसीज का भी सहारा ले सकते हैं. सुहागरात में पार्टनर से सेक्‍सी बातें करें, इससे दोनों उत्‍तेजित होंगे और सेक्‍स की इच्‍छा बढ़ेगी. वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के बारे में बात कर सकते हैं.

7 – सुहागरात में एल्‍कोहल और सिगरेट बिलकुल न पियें. क्‍योंकि सेक्स से तुरंत पहले ज्यादा एल्कोहल लेने से पुरुषों में इरेक्टाइल प्रॉब्लम्स और स्त्रियों में वजाइनल ड्राइनेस की समस्या हो सकती हैं. इससे सेक्‍स के दौरान समस्‍या हो सकती है.

8 – सुहागरात में भी सेक्‍स करने से पहले सुरक्षा का ध्‍यान दीजिए. इसके लिए कंडोम का प्रयोग करें. इससे यौन बीमारियों के होने का खतरा कम होता है और बिना प्‍लानिंग के प्रेग्‍नेंसी का डर भी नही होता है.

9 – मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर फिट रहें. अंतरंग पलों से पहले अपने साथी की पसंदीदा ड्रेस पहनें. इससे सेक्स क्रिया रोमांचक बनेगी.

10 – किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से बचें. सुहागरात में सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त ऐसे आसनों को अपनायें जो आसान हों और जिनको करने में कोई दिक्‍कत न हो.

पिल्स या कंडोम ज्यादा सेफ क्या?

अकसर जवां लड़केलड़कियां जवानी के जोश में फिसल जाते हैं और जानेअनजाने ऐसी गलती कर बैठते हैं जिस का हर्जाना उन्हें लंबे समय तक भुगतना पड़ता है. जिस तरह इलाज से बेहतर रोकथाम है उसी तरह पिल्स से बेहतर है कंडोम उपयोग करना.

शादी से पहले सैक्स किसी भी तरह से उचित नहीं होता पर कई बार लड़केलड़कियां बहक जाते हैं. वे शादी से पहले ही शारीरिक संबंध बना लेते हैं. इस से उन के सामने कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं. ऐसे में उन खतरों और उन से बचाव के तरीकों को जानना जरूरी होता है.

नेहा रिलेशनशिप में थी. उस का बौयफ्रैंड विकास कई बार सैक्स करने के लिए दबाव डालता था. नेहा यह कह कर टाल देती थी कि शादी से पहले सैक्स करना ठीक नहीं है. विकास पहले तो उस की बात मान लेता था लेकिन इस बार उस ने जिद पकड़ ली. नेहा को मजबूरी में विकास की बात माननी पड़ी.

विकास ने यूट्यूब पर वीडियो खोल कर दिखाया कि सैक्स से 72 घंटे के अंदर अगर इमरजैंसी पिल्स खा ली जाएं तो प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता है. नेहा ने भी देखा, बात सही थी. प्रैग्नैंसी के खतरे को भूल कर दोनों ने सैक्स का भरपूर मजा लिया. सुबह होते ही विकास मैडिकल स्टोर पर गया और इमरजैंसी पिल्स का पैकेट ले आया.

जिस तरह से पैकेट के ऊपर लिखा था उसी तरह से नेहा ने दवा खा ली. इस के बाद समय गुजरने लगा. नेहा का अगले माह पीरियड नहीं हुआ. दोचार दिन उस ने ध्यान नहीं दिया. कई बार पीरियड्स कई दिन बाद होते थे. जब एक सप्ताह गुजर गया तो उस ने अपनी जानने वाली डाक्टर नीरू मित्तल से पूरी बात बता कर अपनी परेशानी बताई.

डाक्टर नीरू मित्तल ने नेहा को सम?ाते हुए कहा, ‘नेहा, इमरजैंसी पिल्स 100 प्रतिशत सेफ नहीं होतीं. कई बार इस के खाने के बाद भी प्रैग्नैंसी कंसीव हो जाती है. ऐसे में तुम फौरन अपनी प्रैग्नैंसी की जांच कराओ.’

नेहा ने डाक्टर की सलाह मानी और अपना टैस्ट कराया. डाक्टर नीरू मित्तल का अंदाजा सही निकला. नेहा के मामले में इमरजैंसी पिल्स ने काम नहीं किया था. नेहा प्रैग्नैंट हो चुकी थी. उस ने पूरी बात विकास को बताई. दोनों ने यह तय किया कि वे एबौर्शन करा देंगे. नेहा और विकास की रिलेशनशिप का पता उन के घर वालों को था. ऐसे में विकास ने कहा, ‘मैं घर में बात कर के शादी कर लेता हूं. दोनों ने अपने घर वालों से बात की. घर वालों को भी नेहा की प्रैग्नैंसी के बारे में बता दिया. दोनों के ही घर वाले इस बात पर राजी हो गए. एक माह के अंदर ही दोनों की शादी हो गई.

हर किसी की कहानी नेहा जैसी सुखद नहीं होती. दीपा के साथ भी इसी तरह की दिक्कत हो गई. उन दोनों के घर वालों को कुछ पता भी नहीं था और वे शादी के लिए तैयार भी नहीं होते. ऐसे में दीपा ने इंटरनैट में छपी जानकारी के चलते गर्भपात यानी एबौर्शन करने वाली दवा खा ली. इस से एबौर्शन तो हुआ पर इस के बाद भी ब्लीडिंग हो रही थी. दीपा बीमार सी रहने लगी. उस ने अपनी डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड कर के देखा, पता चला कि एबौर्शन की दवा से सही एबौर्शन नहीं हुआ था. भ्रूण के कुछ हिस्से बच्चेदानी में रह गए थे, जिस के कारण यह ब्लीडिंग हो रही थी. दीपा को डाक्टर के यहां भरती होना पड़ा. फिर से सही तरह एबौर्शन किया गया तब उस की परेशानी का समाधान हुआ.

देश में असुरिक्षत गर्भपात बहुत बड़ी समस्या है. सामाजिक दबाव के चलते लोग चोरीचुपके एबौर्शन कराते हैं. जो कई बार जानलेवा हो जाता है. इस का सब से बड़ा कारण अनसेफ सैक्स होता है. गर्भ को रोकने क लिए इमरजैंसी पिल्स का प्रयोग धड़ल्ले से होने लगा है.

यह अनसेफ होने के साथ ही साथ हैल्थ के लिए भी खतरनाक होती है. डाक्टर नीरू मित्तल कहती हैं, ‘ज्यादातर मामलों में इमरजैंसी पिल्स सफल रहती हैं. ऐसे में कई बार लड़कियां इस का नियमित प्रयोग करने लगती हैं. लड़कियों को यह जानकारी रखनी चाहिए कि यह नियमित प्रयोग के लिए नहीं है. यह नियमित गर्भनिरोधक दवाओं की श्रेणी में नहीं आती है. नियमित प्रयोग से यह हैल्थ पर बुरा प्रभाव डालती है.’

इमरजैंसी पिल्स के खतरे

दिनोंदिन इमरजैंसी गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. इस से युवतियों में कई तरह की स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं देखने को मिल रही हैं. एक स्टडी से पता चलता है कि 79 फीसदी दवा विक्रेताओं को इमरजैंसी गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफैक्ट और पीरियड से जुड़े अपेक्षित बदलाव के बारे में पता नहीं था.

85.71 फीसदी विक्रेताओं को यह भी पता नहीं था कि गोलियों के इस्तेमाल से गर्भाधारण से छुटकारा मिलेगा या नहीं. कई मरीज ऐसे थे जिन को अनियमित पीरियड और प्रैग्नैंसी रोक पाने में नाकामी की शिकायत थी. जब उन से पूछा गया तो उन लोगों ने गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की.

असुरक्षित गर्भपात के खतरे

भारत में गर्भपात से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल जितना भी गर्भपात होते हैं उन में से आधे सिर्फ इसलिए होते हैं क्योंकि वे अनचाहे गर्भ थे. लगभग 27 प्रतिशत महिलाएं एबौर्शन करवाने के लिए अस्पताल नहीं जाती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अविवाहित युवतियों को भी 24 हफ्तों तक गर्भपात का अधिकार दे दिया है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में गर्भपात की सब से बड़ी वजह प्रैग्नैंसी का अनचाहा होना है. आंकडों के अनुसार, 47.6 प्रतिशत गर्भपात इसलिए होते हैं क्योंकि वे अनप्लान्ड थे.

भारत में गर्भपात को ले कर मैडिकल स्टैंडर्ड और सुरक्षा की कमी देखने को मिलती है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में जितने गर्भपात होते हैं उस का लगभग 27 फीसदी घरों में होते हैं. यानी, महिलाएं/लड़कियां एबौर्शन के लिए अस्पताल नहीं जाती हैं बल्कि इस मैडिकल प्रक्रिया को खुद ही कर लेती हैं.

शहरों में 21.6 प्रतिशत गर्भपात महिलाएं स्वयं करवा लेती हैं जबकि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 30 फीसदी है. भारत में आधे से अधिक लगभग 54.8 महिलाएं गर्भपात के लिए डाक्टर के पास जाती हैं. भारत में 3.5 प्रतिशत एबौर्शन तो दोस्त और रिश्तेदार करवा देती हैं.

संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड पौपुलेशन रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत में हर दिन असुरक्षित गर्भपात से जुड़े कारणों की वजह से लगभग 8 महिलाएं मौत का शिकार होती हैं. इस के अलावा असुरक्षित गर्भपात भारत में मातृ मृत्युदर की तीसरी बड़ी वजह है.

दिल्ली में गर्भपात का विकल्प चुनने वाली महिलाओं का अनुपात राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से ज्यादा है. राजधानी में गर्भवती हुई 5.7 फीसदी महिलाएं गर्भपात का विकल्प चुनती हैं. जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा 1.5 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 1.3 प्रतिशत है. 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भपात का विकल्प चुनने वाली महिलाओं का अनुपात राष्ट्रीय औसत 2.9 से ज्यादा है.

पिल्स के मुकाबले कंडोम बेहतर

इमरजैंसी पिल्स के मुकाबले कंडोम का प्रयोग सुरक्षित होता है. जरूरत इस बात की होती है कि इस का प्रयोग सही तरह से किया जाए. कई बार इस का पहली बार प्रयोग करने में दिक्कत आती है, जिस की वजह से कंडोम के फटने और उतर जाने का खतरा रहता है.

ऐसे में कंडोम का प्रयोग करने से पहले उस के प्रयोग करने की सही जानकारी कर लेनी चाहिए. सही तरह से प्रयोग होने के बाद यह सब से सुरक्षित गर्भनिरोधक होता है. यह न केवल गर्भ को ठहरने से रोकता है बल्कि यौन संक्रमण से भी बचाता है. ऐसे में सही बात यह है कि यह सब से सुरक्षित गर्भ निरोधक है. इस का सेहत पर किसी तरह से कोई कुप्रभाव भी नहीं पड़ता है. कई पार्टनर्स होते हैं जिन में एसटीआई यानी यौन संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. उन को गर्भनिरोधक के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए, न कि इमरजैंसी गोलियों का.

कंडोम का सही प्रयोग कैसे करें

कंडोम अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रखता है. इस का उपयोग करने से यौन जनित रोगों से भी सुरक्षित रहा जा सकता है. सैक्स के दौरान कंडोम का उपयोग पूरी तरह से तभी सुरक्षित हो सकता है जब इस का सही इस्तेमाल किया जाए. अगर इस के इस्तेमाल में जरा भी चूक की जाए तो यह कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

कंडोम रबड़ का बना हुआ एक कवर होता है जिस का इस्तेमाल पुरुष पेनिस को ढकने के लिए करते हैं. इस से सैक्स के दौरान पुरुष अपने शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोक सकते हैं. इसी तरह, महिलाओं के लिए भी कंडोम बने हुए हैं जिसे योनि के अंदर फिट किया जा सकता है. अगर कंडोम का उपयोग ठीक प्रकार से किया जाए तो यह गर्भधारण के जोखिम को 85 फीसदी से 98 फीसदी तक रोक सकता है. एक कंडोम का इस्तेमाल सिर्फ एक बार के लिए ही किया जा सकता है.

इंटरकोर्स करते समय लगाने के बजाय कुछ समय पहले उसे पहनने की कोशिश करें. अकेले में कुछ बार कंडोम पहनने की कोशिश करें और सीखें कि उसे कैसे और कितने समय में पहना जा सकता है. कंडोम का पैक खोलने से पहले उस के लेबल पर लिखे गए निर्देशों को सावधानी से पढ़ें

नाजायज संबंध : औनलाइन ज्यादा महफूज

ग्ली डेन एक डेटिंग एप है, जिस का इस्तेमाल देशभर के तकरीबन 20 लाख मर्दऔरतें कर रहे हैं. इस एप की पहुंच और पूछपरख बड़े शहरों से होते हुए अब छोटे शहरों और कसबों तक में होने लगी है. हालांकि अभी यह तादाद बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन बहुत जल्द हो जाएगी, क्योंकि कोई भी नई चीज, प्रोडक्ट, सर्विस या टैक्नोलौजी छोटी जगहों पर देर से पहुंचती है, लेकिन इस में नई या दिलचस्प बात क्या है?

इस सवाल का जवाब बेहद साफ है कि लोग जायज सैक्स के बाद नाजायज रिश्तों के लिए भी एप का सहारा लेने लगे हैं, जबकि आमतौर पर माना यह जाता है कि सैक्स संबंध, फिर वे जायज हों या नाजायज, जानपहचान वालों से ही बनते हैं.

ग्लीडेन एप के अलावा टिंडर, बंबल, ट्रूलीमैडली और लड़कियों द्वारा सब से ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाले डेटिंग एप बू के यूजर्स की कुल तादाद तो करोड़ों में है. इन एप के जरीए यूजर्स दोस्ती कर न केवल रोमांटिक और सैक्सी बातें करते हैं, बल्कि हमबिस्तरी करने के लिए भी पार्टनर ढूंढ़ते हैं.

ग्लीडेन ने हाल में ही जो आंकड़े जारी किए हैं, वे दिलचस्प भी हैं और चिंताजनक भी हैं. एक सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की तकरीबन

77 फीसदी औरतें पति के अलावा भी गैरमर्दों से जिस्मानी ताल्लुक बनाती हैं और इस के लिए एप का सहारा लेती हैं.

मुमकिन है कि ये आंकड़े एक हद तक सच हों, क्योंकि औफलाइन भी अखबारों में ऐसी खबरों की भरमार रहती है, जिन में पत्नी ने प्रेमी के संग मिल कर पति की हत्या कर दी या पति ने पत्नी को बेरहमी से मार डाला और इस काम में माशूका ने उस का साथ दिया. ऐसी वारदात की बड़ी वजह नाजायज संबंधों से परदा उठ जाना या पार्टनर को सैक्स करते रंगेहाथ पकड़ लेना ज्यादा रहती है.

सवाल प्राइवेसी और सेफ्टी का डेटिंग एप इस लिहाज से बेहतर होते हैं कि इन में अपराधों की गुंजाइश कम रहती है, क्योंकि नाजायज संबंध ऐसे मर्द या औरत से बनना रहता है, जिस से कोई पहले से जानपहचान नहीं होती और दोनों का खास लेनादेना नहीं होता.

इस के अलावा ये रिश्ते हर समय नहीं बनते. सौदा मरजी का होता है, जिस में फारिग होते ही औरत व मर्द अपनेअपने रास्ते हो लेते हैं. बाद में या दोबारा सैक्स संबंध बनाना कोई मजबूरी और दबाव की बात नहीं होती, इसलिए पहचाने जाने और बदनामी का डर या खतरा नहीं होता.

औनलाइन हों या औफलाइन, नाजायज संबंध सदियों से बनते रहे हैं और ये कभी खत्म होंगे, इस की कोई गारंटी नहीं. इस सच को हजम करना आसान बात कभी नहीं रही, इसलिए आएदिन झगड़ेफसाद भी होते रहते हैं, जिन पर यह थ्योरी लागू होती है कि पकड़े गए तो बंटाधार, नहीं तो एक जुर्म का होना तय बात है.

कोई पति या पत्नी यह बरदाश्त नहीं कर पाते कि उस का जीवनसाथी बेवफाई करे, क्योंकि इस से उन की गैरत को धक्का लगता है और भरोसा भी टूटता है. साथ ही टूटता है घर और उजड़ती है जमीजमाई गृहस्थी, जिस से एक बड़ा नुकसान बच्चे अगर हों तो उन का होता है, क्योंकि मां या बाप में से कोई एक जेल और दूसरा हमेशा के लिए ऊपर जा चुका होता है.

ऐसा ही गाजियाबाद के फजलगढ़ गांव के बाशिंदे दिनेश कुमार के साथ हुआ था, जिस ने बीती 24 जनवरी को अपनी पत्नी अंजू की हत्या कर उस की लाश खेत में गाड़ दी थी और 30 जनवरी को पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी.

लेकिन ठेले पर सब्जी बेच कर गुजारा करने वाला दिनेश कानून के हाथों से बच नहीं सका और 3 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया. अब उस के दोनों बच्चे इधरउधर भटक रहे हैं. दिनेश को शक था कि अंजू के कहीं और नाजायज संबंध हैं.

मध्य प्रदेश के धार जिले के ढोलाना गांव में 13 जनवरी, 2023 को राधेश्याम पाटीदार की हत्या उस की ही पत्नी ने अपने प्रेमी मनसुख के साथ मिल कर कर दी थी.

राधेश्याम और मनसुख रिश्तेदार थे, जिस के संबंध राधेश्याम की बीवी से हो गए थे.

छोटी जगहों में ऐसे ताल्लुक ज्यादा छिपे नहीं रहते. लिहाजा, आसपास के तक में गांवों जल्दी ही यह बात फैल गई. राधेश्याम की भोंहें तिरछी होने लगीं, तो इन दोनों ने उसे रास्ते से हटाने के लिए जुर्म कर डाला.

नाजायज संबंधों की कुछ आम वजहें जगजाहिर हैं. मसलन, मियांबीवी में पटरी न बैठना, सैक्स में असंतुष्टि, पैसों की कमी, घर में कलह, जज्बाती लगाव न होना और मियांबीवी का एकदूसरे का ध्यान न रखना.

कई बार महज मौजमस्ती की

गरज से भी ऐसे संबंध बन जाते हैं, लेकिन वजह कोई भी हो, छोटी जगहों में ऐसा होना मुमकिन नहीं होता कि एकाध बार के बाद मुंह मोड़ा जा सके, क्योंकि मनमाफिक सैक्स की लत अकसर औरत और मर्द दोनों को लग जाती है.

चूंकि दोनों का अकसर ही आमनासामना होता रहता है, इसलिए दोनों की सैक्स की तलब फिर सिर उठाने लगती है और वे न चाहते हुए फिसल ही जाते हैं.

नाजायज संबंधों में अपराध और उस में भी हत्या की 90 फीसदी खबरें गांवदेहात या कसबों से ही आती हैं, क्योंकि वहां ये संबंध औफलाइन बनते हैं. खेत, जंगल या सुनसान इलाके इस

के लिए मुफीद होते हैं, लेकिन यह सिलसिला लंबा नहीं चल पाता, भले ही वहां सीसीटीवी न होते हों, लेकिन कोई न कोई, कभी न कभी देख ही लेता है और फिर दबी आवाज में इन की चर्चा चटकारे लेले कर होती है और एक दिन राज खुल ही जाता है.

उलट इस के बड़े शहरों में सहूलियत रहती है. औरत और मर्द हमबिस्तरी के लिए होटल या रिसोर्ट में ज्यादा जाते हैं, जहां बंद कमरे में अपनीअपनी प्यास बुझा कर दोनों अपनेअपने रास्ते हो लेते हैं. नजदीकी या दूर के रिश्ते का कोई फूफा, जीजा, मौसा या मामा वहां नहीं होता, जो हल्ला मचाए. लिहाजा, सारा प्रोग्राम बड़े सुकून और शांति से पूरा हो जाता है.

डेटिंग एप इसीलिए ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि ये मर्द और औरत दोनों के लिए हिफाजत की गारंटी होते हैं कि बाद में कोई फसाद खड़ा नहीं होगा. संबंध बनाने वालों को इस बात की भी बेफिक्री रहती है कि न तो इस से उन का घर टूटना और न पार्टनर को इस की हवा लगना. हां, खर्च जरूर इस में ज्यादा होता है, लेकिन वह तमाम दुश्वारियों से बचाता भी है, इसलिए कोई इस की परवाह नहीं करता. फिर भी बचें

पकड़े नहीं जाएंगे या अभी तक पकड़े नहीं गए, तो इस का यह मतलब नहीं है कि नाजायज संबंध कोई अच्छी बात है और इन्हें धड़ल्ले से बनाया जाए. यह बहुत बड़ा गुनाह न सही, पर गलती जरूर है. आज नहीं तो कल इस का असर शादीशुदा जिंदगी और गृहस्थी पर पड़ सकता है.

दूसरे, आजकल टैक्नोलौजी के चलते फोटो खींच लेना या वीडियो बना लेना भी आम बात हो गई है, इसलिए ब्लैकमेलिंग का खतरा बना ही रहता है. लोग कितने ही सावधान हो जाएं, सैक्स संबंध बनाते समय लापरवाह हो ही जाते हैं.

अगर पतिपत्नी को एकदूसरे से कोई शिकायत है, तो उन्हें बिना झिझक बताना चाहिए, जिस से वक्त रहते उस का हल निकल सके. मर्दों की नामर्दी और औरत का सैक्स में ठंडापन अब बहुत बड़ी समस्याएं या हौआ नहीं रह गई हैं.

पति और पत्नी एकदूसरे का सहयोग करें, तो इन का इलाज अब मुमकिन है, इसलिए किसी दूसरे से रिश्ता बनाने से पहले एक बार संजीदगी से इस बात पर गौर करना चाहिए कि क्या इस के अलावा अब और कोई रास्ता नहीं.

अगर एक बार कोई रास्ता नजर आ जाएगा, तो न खेतखलिहान में चोरीछिपे जाने की जरूरत रह जाएगी और न ही किसी डेटिंग एप, फेसबुक या ह्वाट्सएप पर चैटिंग की जरूरत रह जाएगी.

इतने समय तक सेक्स करना चाहती हैं महिलाएं

हम सोचते थे कि महिलाएं लंबे समय तक सेक्शुअल गतिविधि चाहती हैं, पर हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों को लगता है कि महिलाएं लंबा सेक्स नहीं चाहतीं.

पीनिस के आकार से लेकर सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन तक-पुरुष होना आसान काम नहीं है. अमेरिका में टार्जन कंडोम द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वे के नतीजों में सामने आया कि 41 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सेक्स लंबे समय तक चले, जबकि ऐसा चाहनेवाली महिलाओं की संख्या 34 फीसदी ही थी.

अक्सर महिलाएं थोड़े समय के सेक्शुअल इंटरकोर्स से ही खुश रहती हैं, वे इसे लंबा नहीं रखना चाहती हैं, जबकि अधिकतर पुरुष इस प्रक्रिया को लंबा ही रखना चाहते हैं.

म्यूजिशियन गैविन फर्नांडिस स्वीकारते हैं कि वे सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन को लेकर दबाव महसूस करते हैं. ‘‘हमें पता है कि महिलाओं को मल्टीपल ऑर्गैज़्म (कई बार चरम) आ सकते हैं. फिर इस तरह की मान्यताएं भी हैं कि महिलाएं ऑर्गैज़्म का झूठा दिखावा भी करती हैं. ये बातें पुरुषों की मानसिकता को प्रभावित करने के लिए काफ़ी हैं,’’

वे कहते हैं. ‘‘कई बार सेक्शुअल संबंध बनाने के बाद मैं समझ ही नहीं पाता कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को संतुष्ट कर भी पाया हूं या नहीं. मैं चाहता हूं कि उसे संतुष्ट करने के लिए मैं और लंबे समय तक उसका साथ दे सकूं.’’

आनंद को लंबा रखने की चाहत

गैविन जैसे कई और पुरुष हैं. वर्ष 2009 में मेन्स हेल्थ मैग्ज़ीन द्वारा कराए गए सर्वे में पाया गया कि सेक्स के दौरान पुरुष 5 से 10 मिनट तक संयम बनाए रख सकते हैं, पर 71 प्रतिशत पुरुष चाहते हैं कि काश वे इससे कहीं अधिक समय तक ऐसा कर पाते.

जरनल औफ सेक्स मेडिसिन द्वारा कराए गए एक अलग अध्ययन के मुताबिक, वह इंटरकोर्स जो 7 से 13 मिनट के भीतर समाप्त हो जाता है, बेहतरीन माना जाता है. ‘‘कई पुरुष इस बात को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं कि वे लंबे समय तक संयम नहीं बनाए रख पाते,’’ कहना है चेन्नई की काउंसलर सुजाता रामकृष्णन का. ‘‘और मैं उन पुरुषों की बात नहीं कर रही हूं, जिन्हें प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या है. सामान्य पुरुष, जिनका सेक्शुअल जीवन अच्छा है, वे भी सेक्स की प्रक्रिया को और लंबा बनाना चाहते हैं. इसकी वजह ये है कि ये पुरुष पौर्न देखते हुए बड़े हुए हैं और सेक्स के बारे में अपनी पिछले पीढ़ी से कहीं ज्यादा बातें करते हैं. ये बातें अब मीडिया में हैं, फिलम्स में हैं, किताबों में भी हैं. आज की महिलाएं भी यह बताने में संकोच महसूस नहीं करतीं कि उन्हें सेक्स के दौरान क्या पसंद है और क्या नापसंद. इस वजह से पुरुषों पर काफी दबाव होता है.’’

फोरप्ले का समय भी तो जोड़िए!

सेक्स एक्सपर्ट डॉ महिंदर वत्स कहते हैं कि यदि कुछ बदलाव किए जाएं तो सेक्स प्रक्रिया को लंबा बनाया जा सकता है. ‘‘हालांकि यूं देखा जाए तो ये बात सिर्फ़ आपकी दिमा़गी सोच पर निर्भर करती है, लेकिन आप सेक्शुअल इंटरकोर्स को थोड़ा लंबा बना सकते हैं,’’ वे कहते हैं. ‘‘क्विकी (झटपट सेक्शुअल संबंध बनाना) अच्छे तो होते हैं, पर हमेशा नहीं. सेक्स को लंबा बनाने के लिए सही समय और अपने शरीर के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि फोरप्ले का महत्व उससे कहीं ज्यादा बढ़ जाता है, जितना कि हम सोचते हैं. यदि सेक्शुल प्रक्रिया को लंबा बनाना चाहते हैं तो फोरप्ले का समय भी लंबा होना चाहिए. और लंबे समय तक चलने वाले फोरप्ले से कभी किसी महिला को शिकायत नहीं होती, बल्कि वे इसका आनंद लेती हैं.’’

ऑर्गैज़्म पर ध्यान देने के बजाए सेक्स के दौरान एक-दूसरे के साथ का आनंद उठाना ज़्यादा महत्वपूर्ण है. आप अलग-अलग सेक्शुअल पोज़ीशन्स अपना सकते हैं. अंतिम, लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि इस दौरान पार्टनर्स एक-दूसरे से बातचीत करते रहें. तो अगली बार यदि वे कुछ ऐसा करें, जिससे आपको सुखद अनुभूति हो तो उनकी तारीफ करना बिल्कुल न भूलें.

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