जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप चलती है असल में वे गलत सोच से प्रभावित होते हैं. सैक्स एक फन ऐलिमैंट है. लेकिन अंडरस्टैंडिंग रिलेशनशिप का बेस है. सैक्स जवानी में आप को भरपूर सुख देगा लेकिन जवानी के ढलते ही यह आप को असलियत दिखा देगा. उम्र के बढ़ने के साथ व्यक्ति में सैक्स कर ने का स्टैमिना कम होता जाता है.

इस का मतलब यह हुआ कि जो लोग समझते हैं कि सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप चलती है उन के हिसाब से तो बढ़ती उम्र के बाद रिलेशनशिप खत्म हो जानी चाहिए क्योंकि एक उम्र के बाद सैक्स करना मुश्किल हो जाता है. असल में बढ़ती उम्र के साथ रिलेशनशिप स्ट्रौंग होती है न कि खत्म. रिलेशनशिप स्ट्रौंग होने का कारण है अंडरस्टैंडिंग न कि सैक्स...

58 साल की उम्र पार कर चुके दिलीप साहू कहते हैं, ‘‘जवानी के दिनों में सैक्स लाइफ उन की रिलेशन का महत्त्वपूर्ण पार्ट थी, लेकिन अब इस उम्र में ऐसा पौसिबल नहीं है. यह भी सच है कि हमारी रिलेशन पर इस का असर बिलकुल नहीं पड़ा है. सैक्स के बिना भी हम बहुत हैप्पी है. सैक्स लाइफ हमेशा नहीं टिकती पर प्यार बना रहता है.

उम्र कोई भी हो कपल के बीच रिश्ता सिर्फ सैक्स तक ही सीमित हो तो ऐसी रिलेशनशिप का कोई मतलब नहीं है. सैक्स में भले ही कपल  कंपैटबल हों, लेकिन अगर बैडरूम के बाहर उन के बीच बौंडिंग नहीं है तो संबंध ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगा. किसी भी रिलेशन को स्ट्रौंग करने के लिए फिजिकल अट्रैक्शन की जितनी इंपौर्टैंट्स होती है, उस से कहीं ज्यादा उन के बीच इमोशनल बौंडिंग की इंपौर्टैंट्स होती है.

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