फिल्म रिव्यू : लोमड़ – औरोशिखा डे व हेमवंत तिवारी का जानदार अभिनय

  • रेटिंग: पांच में से तीन स्टार
  • निर्माता: हेमवंत तिवारी
  • लेखक निर्देशक: हेमवंत तिवारी
  • कलाकार:हेमवंत तिवारी,औरोशिखा डे,परमिल आलोक, नवनीत शर्मा,रोशन सजवान,मेाहित कुलश्रेष्ठ,शिल्पा शभलोक तीर्था मुरबाडकर
  • अवधि: एक घंटा 37 मिनट

 

इन दिनों भारतीय सिनेमा काफी कठिन दौर से गुजर रहा है.फिल्में सिनेमाघरों में सफलता दर्ज नही करा पा रही है.ऐसे ही दौर में  हौलीवुड कलाकार एरिक रॉबर्ट्स और नताशा हेनस्ट्रिज के साथ इंटरनेशनल वेब सीरीज ‘‘मदीनाह’’ में अभिनय कर चुके अभिनेता हेमवंत तिवारी बतौर लेखक व निर्देशक विश्व की पहली ‘‘वन शौट ब्लैक एंड व्हाइट’’ फिल्म ‘‘लोमड़’’ लेकर आए हैं.यानी कि यह फिल्म बिना रूके लगातार शूटिंग करते हुए एक घंटे 37 मिनट में ही फिल्मायी गयी है.इसमें एडीटिंग नही हुई है.रोमांचक क्राइम फिल्म ‘‘लोमड़’’ चार अगस्त को सिनेमाघरों में पहुॅच चुकी है.

 

कहानीः

अभय तिवारी (हेमवंत तिवारी) एक अच्छा युवक है.उसकी अपनी गार्मेंट फैक्टरी है.उसे याद है कि भ्रष्ट,कुख्यात और एक मंत्री  की शह पर किसी की भी हत्याएं करने वाले पुलिसकर्मी (परिमल आलोक) ने ही छह साल पहले उसके पिता की हत्या की थी,जिसके सदमें से उसकी मां पैरलाइज है.अभय की पत्नी नैना, बेटी शताक्षी व बेटा पृथ्वी है.अभय का स्कूल दिनों में रिया  (औरोशिका डे) संग इश्क था.मगर बाद में रिया को मजबूरन अपनी उम्र से दस साल बड़े रोनित से विवाह करना पड़ा.अब दस साल बाद सोशल मीडिया के माध्यम से आकाश व रिया मिले हैं तथा वह दोनों नैना को सरप्राइज देने जा रहे हैं.पर अचानक सुनसान जंगल की सड़क पर उनकी कार खराब हो जाती है.कुछ देर में स्कूटर से उसी सड़क से गुजर रहे राहुल ( मोहित कुलश्रेष्ठ) नामक युवक का एक्सीडेंट हो जाता है.रिया की इच्छा के विपरीत जाकर अभय उस युवक को बचाने की कोशिश करता है.इसके लिए वह रिया के साथ खुद को मुसीबत में डालने के लिए भी तैयार है.इतना ही नही उसी वक्त वहां पहुॅचे भ्रष्ट और कुख्यात पुलिसकर्मी (परिमल आलोक) को भी नुकसान पहुंचाने से इनकार कर देता है.उधर रिया हर स्थिति में खुद को पहले स्थान पर रखती है.रिया, अभय के साथ पकड़े जाने से बचने के लिए किसी मरते हुए आदमी को सड़क के  किनारे छोड़ने या किसी की हत्या करने से नहीं हिचकिचाती. यही बात अभय की पत्नी नैना (तीर्था मुरबादकर) पर भी लागू होती है, जिसका क्षमाप्रार्थी और विनम्र व्यवहार तब गायब हो जाता है,जब वह खुद को दोषी महसूस करती है, भले ही वह गलती हो.वास्तव में राहुल,नैना का प्रेमी है.यानी कि नैना अपने पति अभय को धोखा देते हुए राहुल संग रंगरेलियंा मना रही थी.अभय के अंदर का अजनबी इंसान जागता है.फिर कहानी में कई घटनाक्रम बड़ी तेजी से बदलते हैं.

 

लेखन निर्देशनः

रंगीन फिल्मों के जमाने में फिल्मकार हेमवंत तिवारी श्वेत श्याम फिल्म लेकर आए हैं,पर यह ‘वन शाॅट श्वेत श्याम’ फिल्म है.विश्व में कुछ वन शाॅट फिल्में बनी हैं,पर वह सभी रंगीन बनी हैं.मगर हेमवंत ने श्वेत श्याम बनायी है. अपनी पटकथा के बल पर हेमवंत तिवारी इस बात को रेखांकित करने मंे सफल रहे हें.क हर इंसान के अंदर लोमड़ /लोमड़ी छिपा होता है,जो कि अजनबी जगह पर अनचाहे मोड़ पर बाहर आता है.यॅूं तो यह बेहतरीन रोमांचक कहानी है.मगर पटकथा में कुछ गड़बड़ी है,जिसके चलते कुछ दृश्य असंगत नजर आते हैं.फिल्म में उसी सुनसान जंगल के रास्ते से गुजरती गर्भवती महिला के दृश्य से फिल्म की कहानी में गतिरोध पैदा होता है.इसका कहानी से कोई संबंध नही है.इसे यदि न रखा गया होता तो फिल्म काफी कसी हुई होती.वैसे पूरी फिल्म देखने के बाद यह अहसास नही होता कि इसे पहली बार निर्देशक बने निर्देशक ने निर्देशित किया है और वह भी वन शाॅट फिल्म को.कुछ दृश्यों को बेवजह रबर की तरह खींचा गया है.शायद वन शाॅट फिल्म होने के चलते व ख्ुाद अभिनय भी करने के चलते निर्देशक बीच में कट नही कर सके.और फिल्म की प्रकृति के चलते इसे एडीटिंग टेबल पर ले जाना नहीं था.फिल्मकार ने कहानी को वर्तमान से एक वर्ष बाद मंे ले जाते समय जिस खूबसूरती से इसे चित्रित किया है,उससे उनकी लेखन व निर्देशकीय काबीलियत उभर कर आती है.हर मिनट कहानी में अतीत के खुलने से जो रहस्यमयता व रोमांच बढ़ता है,वह संुदर लेखन का परिचायक है.बीच बीच में दो तीन जगह दृश्य धीमी गति से चलते हैं,जो कि आवश्यक है.इन दृश्यों को ‘48 फ्रेंम प्रति सेकंड’ पर रखा गया है.अन्यथा पूरी फिल्म ‘24 फ्रेम प्रति सेकंड’ पर है.यह तकनीक पहली बार अपनायी गयी है.निर्देशक ने इस बारे में बताया कि यह पहली बार हुआ है,जब किसी फिल्म को नई तकनीक अपनाते हुए ‘24 फ्रेम प्रति सेकंड ’ की बजाय ‘48 फ्रेम प्रति सेकंड’ में फिल्माने के फिल्म के कुछ दृश्यों को छोड़कर पूरी फिल्म को ‘‘24 फ्रेम प्रति सेकंड’ में बदला है.

फिल्मकार हेमवंत तिवारी के साथ ही कैमरामैन सुप्रतिम भोल ने अपनी खास कलात्मक प्रतिभा के प्रदर्शन से फिल्म को रोचक,मनोरंजक व देखने योग्य बनाया है.

 

अभिनयः

एक असहाय व पीड़ित युवक,वफादार पति,दयालु पिता,उसूलो ंपर चलने वाले आकाश,जो रिया के अचानक गुस्से से भ्रमित हो जाता है,के किरदार को हेमवंत तिवारी अपने अभिनय से संवारने में सफल रहे हैं.अपने पति से खुश न होने के बावजूद अपनी शादी को बचाने के लिए फिक्र मंद रिया के किरदार में ‘‘द वाॅरियर क्वीन आफ झांसी’’सहित तीन इंटरनेशनल फिल्मों व कई सीरियलों में अपने अभिनय का परचम लहरा चुकी अभिनेत्री औरोशिखा डे जानदार अभिनय किया है.मंत्री की षह पर खुद को सर्वेसर्वा मानने वाले कुख्यात व भ्रष्ट पुलिस कर्मी के किरदार में परिमल आलोक अपने अभिनय की छाप छोड़ जाते हैं.मोहित कुलश्रेष्ठ, नवनीत शर्मा,रोशन सजवान और शिल्पा शभलोक के हिस्से करने को कुछ आया ही नहीं.अपने पति को धोखा देने वाली अभरय की पत्नी के छोटे किरदार में तीर्था मुरबाडकर अपने अभिनय की छाप छोड़ जाती हैं.

 

वश फिल्म रिव्यू: अंधविश्वास को बढ़ावा देती है ये फिल्म

  • रेटिंग: पांच में से ढाइे स्टार
  • निर्माताः गंगा ममगाई
  • लेखक व निर्देशकः जगमीत सिंह समुद्री
  • कलाकारःविवेक जेटली,गंगा ममगाई, रितुराज सिंह,कावेरी प्रियम,विषाल सुदर्शनवार व अन्य
  • अवधिः एक घंटा 48 मिनट
  • सेंसर प्रमाणपत्रः ‘ए’ वयस्क
  • प्रदर्शन तिथि: 21 जुलाई 2023

बिजनेस ओमन से फिल्म निर्माता व अभिनेत्री बनी गंगा ममगार्इ्र हॉरर फिल्म ‘वशःपॉज्ड बाय आब्सेस्ड’’ लेकर आयी हैं.21 जुलाई को सिनेमाघरों में पहुॅची इस फिल्म में भी भूत प्रेत व आत्मा की बात है.मगर पूरी कहानी का प्रस्तुतिकरण काफी अलग है.पर यह फिल्म भी 21वीं सदी में अंधविश्वास को बढ़ावा देती है.

कहानीः

फिल्म शुरू होती है रॉकी व रिया से.रॉकी अपनी प्रेमिका रिया को साथ लेकर उंचंी पहाड़ी की तरफ रवाना होता है.रास्ते में जंगल से गुजरते हुए उनकी कार बंद पड़ जाती है.दोनों गाड़ी से नीचे उतरते हैं,उसके बाद एक अदृष्य षक्ति उनकी हत्या कर देती है.पुलिस बल अपना काम षुरू करता है.टीवी पत्रकार पूजा(कावेरी प्रियम) अपने कैमरामैन के साथ इस कांड की रिपोर्टिंग करने पहुॅच जाती है.बाद में पता चलता है कि पूजा ने भूत प्रेत के अस्तित्व पर एक किताब लिखी है.

कहानी यहां से रक्षित(विवेक जेटली ) व आंचल(गंगा ममगाई ) की तरफ मुड़ जाती है.दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं.रक्षित लंदन से वापस आने के बाद आंचल से विवाह रचाता है.विवाह की रष्मों के दौरान कुछ अजीब घटनाएं घटित होती हैं.पर षादी हो जाती है.सुहागरात के वक्त कुछ अजीब सी घटनाएं घटित होती हैं.दूसरे दिन रक्षित अपने आफिस चला जाता है.जब आंचल बाथटब में अर्ध नग्न अवस्था में स्नान कर रही थीं,तभी उसे अहसास होता है कि कोई अदृष्य इंसान उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास कर रहा है.वह किसी तरह ख्ुाद को बचाते हुए अपने पति रक्षित को फोन कर बुलाती है.रक्षित,आंचल को डाक्टर के पास ले जाता है.डाक्टर को सब कुछ सही लगता है.फिर भी वह कुछ दवाएं दे देता है.उसके बाद आंचल,पूजा को बुलाकर उसे सारी बात बताती है.

पूजा इसे भूत प्रेत का मसला बताती है.पर रक्षित भूत प्रेत आदि में यकीन नही करता.लेकिन आंचल व रक्षित के घर में अजीब घटनाएं लगतार बढ़ती जाती है.एक दिन रक्षित का दोस्त अनुराग बताता है कि उसने षादी के वक्त की तस्वीरों में कुछ अजीब सा देखा है और वह इसे बताने के लिए रक्षित के घर की तरफ रवाना होता है.पर उसी पेड़ के पास पहुॅचते ही वह भी अदृष्य षक्ति के हाथों मारा जाता है. तब आंचल, पूजा की मदद लेती है.फिर बेहराम( विषाल सुदर्षनवार) के भूत बन जाने की एक नई कहानी भी आती है.कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं.अंततः आंचल को बुरी षक्ति से छुटकारा मिल जाता है.

लेखन व निर्देशनः

पूरी फिल्म देखने के बाद यह स्पष्ट नजर आता है कि फिल्मकार ने वैज्ञानिक तथ्य दिए बगैर महज अंधविश्वास को बढ़ाने वाले दृश्य ही रचे हैं.फिल्म की शुरूआत के बीस मिनट को बेवजह फिल्म में ठॅंूसा गया है.जिनके न होने से फिल्म की कहानी पर कोई असर नही पड़ने वाला था.लेकिन इन्ही बीस मिनट के दृष्य के अंदर फिल्मकार ने जबरदस्त सेक्स व अश्लीलता परोसने का काम किया है.कहानी के स्तर पर रक्षित व आंचल की कहानी षुरू होने के बाद फिल्म बांधकर रखती है.आम तौर पर जिस तरह से हॉरर या भूत प्रेत वाली फिल्मों में भूत नजर आता है,उस तरह से इस फिल्म में नही है.इतना ही नही फिल्मकार ने भूत प्रेत भगाने वाले तांत्रिक को भी आम प्रचिलित अंदाज से अलग पेष किया है.आंचल के प्रति भूत के आब्सेस्ड होने की वजह और पुनर्जन्म की बात कहकर नई रोचकता पैदा करने की कोशिश भी है.लोकेशन बढ़िया है.

अभिनयः

भूत प्रेत में यकीन न रखने वाले से भूत प्रेत में यकीन करने पर मजबूर होने वाले रक्षित के किरदार में विवेक जेटली के अभिनय को देखकर यह कहना मुष्किल है कि यह उनकी पहली फिल्म है.उन्होने रोमांटिक व एक्षन दृष्यों में कमाल किया है.मगर कई इमोषनल दृष्यों में वह मात खा गए हैं.आंचल के किरदार में गंगा ममगाई का अभिनय प्रभावषाली है.उनका सिनेमाई परदे पर यह पहला प्रयास है,ऐसा नही लगता.पर अभी उन्हे अपने अभिनय को निखारने के लिए मेहनत करते रहना चाहिए.तांत्रिक षास्त्री के किरदार में रितुराज सिंह का अभिनय जानदार है.बेहराम के किरदार में विषाल सुदर्षनवार और टीवी रिपोर्टर पूजा के किरदार में कावेरी प्रियम अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही है.

‘प्रोजेक्ट के’ का पोस्टर हुआ रिलीज, लोगों ने प्रभास को कहा- सस्ता आयरमैन

इन दिनों एक से बढ़कर एक फिल्म रिलीज हो रही है जिन्हे लेकर लोग जमकर कमेंट करते नजर आ रहे है अब हाल ही में बुधवार को फिल्म ‘प्रोजक्ट के’ का पोस्टर रिलीज किया गया. जिसमे फिल्म के लीड एक्टर प्रभास का फर्स्ट लुक सामने आया है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया जा रहा है तो वही कुछ लोग पोस्टर की तारीफ करते दिख रहे है.

आपको बता दें, कि प्रोजेक्ट के का पोस्टर सामने आते ही लोगों ने कमेंट की बौछार लगा दी. कोई फर्स्ट लुक देखकर पोस्टर की तारीफ करता दिख रहा है तो कई उसका मजाक बनाते दिख रहे है दरअसल, पोस्टर में प्रभास आयर मैन की तरह पोज देते दिख रहे है इसलिए लोगों ने उन्हे सस्ता आयरन मैन कहना शुरु कर दिया है यहां तक कि लोगों ने कहा कि ये भारतीय सिनेमा का आयरमैन है. ट्विटर पर लोगों ने प्रभास के पोस्टर और रॉबर्ट डाउनी जूनियर के ‘आयरन मैन 3’ पोस्टर के बीच तुलना करना शुरू कर दिया.

नाग अश्विन के डायरेक्शन में बनी साइंस-फिक्शन ‘प्रोजेक्ट के’ फिल्म में दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन, कमल हासन और दिशा पटानी भी हैं. फिल्म के प्रोडक्शन हाउस ने फर्स्ट लुक पोस्टर को कैप्शन दिया, ‘हीरो उठता है. अब से, गेम बदल जाता है. यह प्रोजेक्ट के से रिबेल स्टार प्रभास हैं.’ प्रभास और दीपिका 20 जुलाई को सैन डिएगो कॉमिक-कॉन (एसडीसीसी) के पहले दिन फिल्म के आधिकारिक टाइटल, ट्रेलर और रिलीज की तारीख की घोषणा करेंगे.

Blind Film Review: सोनम कपूर की रोमांच विहीन फिल्म ‘ब्लाइंड’

  • निर्माताःसुज्वौय घोष,अविषेक घोष, ह्यूनवो थाॅमस किम,सचिन नाहर, पिंकी नाहर,ज्योति देशपांडे
  • लेखक: शोम मखीजा और सुदीप निगम
  • निर्देशकः शोम मखीजा
  • कलाकारः सोनम कपूर,पूरब कोहली,विनय पाठक,लिलेट दुबे,शुभम सराफ,लूसी आर्डेन,जावेद खान व अन्य
  • अवधिः दो घंटे चार मिनट

ओटीटी प्लेटफार्म: जियो सिनेमा पर मुफ्त में, सात जुलाई से 2011 में प्रदर्शित क्राइम थ्रिलर प्रधान कोरियन फिल्म ‘‘ब्लाइंड’’ का ही उसी नाम से भारतीय करण कर शोम मखीजा लेकर आए हैं,जिससे अभिनेत्री सोनम कपूर पूरे चार वर्ष बाद अभिनय में वापसी कर रही हैं.

सोनम कपूर पिछली बार निर्देशक अभिषेक शर्मा की फिल्म ‘जोया फैक्टर‘ में साउथ सिनेमा के स्टार दुलकर सलमान के साथ नजर आई थी जो साल 2019 में सिनेमाघरों रिलीज हुई थी.‘ब्लाइंड‘ सिनेमा घरों में रिलीज न होकर सीधे ओटीटी प्लेटफार्म जियो सिनेमा पर रिलीज हुई है.जी हाॅ! ग्लासगो,स्काॅटलैंड में फिल्मायी गयी इस फिल्म को सात जुलाई से ‘जियोसिनेमा’ पर मुफ्त में देखा जा सकता है.मुफ्त में मिली हुई चीज की गुणवत्ता से सभी परिचित है.तो उसी के अनुरूप यह फिल्म भी बेकार ही है.

कहानी:

फिल्म की कहानी के केंद्र में स्कॉटलैंड में रहने वाली पुलिस ऑफिसर जिया सिंह (सोनू कपूर) हैं.अनाथलय में पली बढ़ी जिया सिंह एक रात अनाथालय की मालकिन के बेटे व अपने मंुॅह बोले भाई आंड्यिन परेरा (दानिश रजवी) को पब से अपनी कार से घर ले जाने की कोशिश कर रही होती है,जिससे वह पढ़ाई करे.तभी दुर्घटना हो जाती है.

इस त्रासदी में जिया सिंह की आंखों की रोशनी चली जाती है.भाई की मौत हो जाती है.उसे पुलिस विभाग से इसलिए निकाल दिया जाता है कि उसने अपने भाई के साथ अपनी पुलिस पावर का बेजा इस्तेमाल किया था.

जिया भी अपने भाई की मौत का जिम्मेदार खुद को मानती है.पर एक दृष्टिहीन लड़की के तौर पर वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को सहज बनाने का प्रयास करती है.इसी बीच शहर में लड़कियों के अपहरण और हत्या की घटनाएं बढ़ने लगती हैं.एक रात जिया सिंह जब अपनी मां (लिलेट दुबे ) से मिलकर वापस आ रही होती है,तो वह एक कैब में लिफ्ट लेती है.पर कुछ देर में उसे अहसास होता है कि वह जिस कार में हैं,उसका ड्ाइवर (पूरब कोहली ) ही अपहरण व हत्या का आरोपी है.

वह किसी तरह खुद को उसके चंगुल से बचाकर पुलिस स्टेशन पहुॅचती है.जहां पदोन्नति पाने की लालसा में पुलिस अफसर पृथ्वी खन्ना (विनय पाठक) ,जिया से सारी बातें जानकर जांच शुरू करते हैं.अपराधी का सुराग देने वाले को इनाम के पोस्टर लग जाते हैं.एक युवक निखिल( शुभम सराफ ) पुलिस स्टेशन पहुॅचकर बताता है कि वह वारदात का चश्मदीद गवाह है.

जिस गाड़ी में लड़की का अपहरण हुआ,वह टैक्सी नही कार थी. जिया टैक्सी बता चुकी हैं.इसलिए पृथ्वी खन्ना,निखिल पर यकीन नही करते.पर दूसरी बार जब पुनः निखिल पुलिस इंस्पेक्टर पृथ्वी खन्ना को फोन कर अपनी बात दोहराता है,तो जिया के कहने पर पृथ्वी उसकी बात पर यकीन कर उससे मिलना चाहते हैं,पर तभी अपराधी ड्ायवर निखिल को बुरी तरह से घायल कर देता है.कैब ड्राइवर एक साइकोपैथ है, जो लड़कियों को अगुवा करके उन्हें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देता है.उसके बाद अपराधी व पुलिस के बीच चूहे बिल्ली का खेल शुरू हो जाता है.

लेखन व निर्देशनः

एक बेहतरीन कहानी पर अति घटिया फिल्म कैसे बनायी जा सकती है, यह निर्देशक शोम मखीजा से सीखा जा सकता है.एक साइको किलर जब एक अकेली व अंधी तनहा लड़की को शिकार करने की साजिश रचे, तो खौफ और डर की उम्मीद गलत नहीं है.मगर यहां डरन व रोमांच कुछ भी निर्देशक पैदा नही कर पाए.इंटरवल से पहले कहानी अपनी गति से आगे बढ़ती है,मगर इंटरवल के बाद फिल्म न सिर्फ पटरी से उतरती है बल्कि अति सुस्त पड़ जाती है.

दर्शक को लगता है कि फिल्मसर्जक बेवजह कहानी को रबर की तरह खींच रहा है.लेखन भी अधकचरा ही है.किसी भी किरदार का ठीक से रचा ही नही गया है.जिया अनाथाश्रम में क्यों पली बढ़ी?आरियन परेरा तेरह वर्ष से उसका भाई कैसे है,कुछ भी स्पष्ट नही है.सायकोपाथ ड्ाइवर ऐसा क्यों है,इस पर भी फिल्म कोई बात नही करती.जबकि एक दृश्य में उसे स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर दिखाया गया है,जो अस्पातल में एक महिला का छोटा सा आपरेशन करता है. फिल्म मेें रोमांच के साथ ही इमोशंस का भी घोर अभाव है.

एडीटिंग की अपनी कमजोरियां हैं.फिल्म के क्लायमेक्स में क्या होगा,इसका अंदाजा तो दर्शक बीस मिनट बाद ही लगा लेता है.

अभिनयः

जिया सिंह के किरदार मेें सोनम कपूर निराश करती हैं.सोनम कपूर किरदार की गहराई को नही समझ पायीं.पुलिस इंस्पेंक्टर पृथ्वी खन्ना के किरदार में विनय पाठक अपनी छाप छोड़ते हैं.मनोरोगी हत्यारे की भूमिका में पूरब कोहली ने अभिनय अच्छा किया है.मगर लेखक व निर्देशक ने उनके किरदार को ठीक से गढ़ा ही नहीं.

कार्तिक आर्यन ने आम लोगों के साथ किया प्लेन में ट्रैवल लेकिन बन गए ट्रोलर्स का निशाना

इन दिनों कार्तिक आर्यन अपनी आने वाली फिल्म सत्यप्रेम की कथा का लेकर सुर्खियों में है वो अपनी फिल्म के प्रमोशन में बीजी चल रहे है ऐसे में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसे देख कुछ लोग उनकी तारीफे कर रहे है तो कुछ लोग उन्हे ट्रोल कर रहे है.

आपको बता दें, कि कार्तिक आर्यन की ये फिल्म 29 जून को रीलिज होने जा रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए कार्तिक पूरी कोशिश में लगे हुए है. हाल ही में कार्तिक को इंडिगो एयरलाइन में इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरते देखा गया. लोगों ने जब उन्हें अपने बीच देखा, तो खुशी से गदगद हो उठे. एक्टर का मुंबई में लैंड करने से पहले ही फ्लाइट वाला वीडियो वायरल हो गया.वीडियो शेयर किया गया है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani)

कियारा अडवाणी (Kiara Advani) भी लगभग उसी समय मुंबई एयरपोर्ट पहुंची थीं, लेकिन वीडियो में उनकी झलक नहीं दिख रही. इससे ये साफ है कि उन्होंने इकोनॉमी क्लास में ट्रैवल नहीं किया. विरल भयानी ने कार्तिक का वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया, ‘क्या सच में!!! कार्तिक आर्यन ने आज इंडिगो फ्लाइट के इकोनॉमी सेक्शन में अपनी जर्नी का आनंद लिया, कहना होगा कि पैसेंजर्स लकी रहे होंगे.’

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani)

कार्तिक आर्यन के इकोनॉमी क्लास में ट्रैवल करने को कुछ लोगों ने तारीफे की है, तो कुछ ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया है. वीडियो पर कई तरह के कमेंट्स आए हैं। एक यूजर ने लिखा, “हां ये रियल है क्योंकि नई मूवी रिलीज होने वाली होगी शायद.” एक अन्य ने लिखा, ”प्रमोशन्स के टाइम पर बहुत हंबल नेचर हो जाता है.” इसी तरह एक यूजर ने कमेंट किया, ”मूवी को हिट कराने के लिए अब आम आदमी का दिखावा करेगा.”

वहीं, कुछ लोगों ने कार्तिक के लिए अच्छी बातें भी लिखी हैं. एक यूजर ने लिखा, ”आखिरकार वह भी एक सिटिजन है.” दूसरे पर्सन ने अपना ओपिनियन शेयर किया, ”सेलिब्रिटी इंडिया में नॉर्मल लाइफ जीना चाहते हैं, लेकिन मीडिया उन्हें ऐसा करने नहीं देना चाहती.’

कंगना के बदले तेवर : कड़वा बोलने वाली जबान हुई मीठी

2 ‘नैशनल अवार्ड’ जीतने के अलावा साल 2020 में ‘पद्मश्री’ से नवाजी जा चुकी अदाकारा कंगना राणावत हमेशा अपने बेखौफ बयानों के साथसाथ अपनी बेहतरीन ऐक्टिंग से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाती आई हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से जब से उन्होंने एक खास राजनीतिक दल की तरफ झुक कर विवादास्पद बयान देना शुरू किया है, तब से उन का ऐक्टिंग कैरियर ग्राफ भी लगातार गिरता चला गया है. उन की ‘कट्टीबट्टी’, ‘रंगून’, ‘सिमरन’, ‘मणिकर्णिका : द क्वीन औफ झांसी’, ‘जजमैंटल है क्या’, ‘थलैवी’, ‘धाकड़’ जैसी फिल्मों ने बौक्स औफिस पर पानी तक नहीं मांगा. कंगना ने ऐक्टिंग करने के अलावा फिल्म ‘सिमरन’ की कहानी लिखी थी और ‘मणिकर्णिका : द क्वीन औफ झांसी’ का कोडायरैक्शन भी किया था.

मगर हमेशा विद्रोही स्वभाव की रही कंगना राणावत ने इन फिल्मों की नाकामी या भाजपा के प्रति अपने रवैए के चलते दूसरे राजनीतिक दलों के निशाने पर आने की कोई परवाह नहीं की. जब उन्हें अहसास हुआ कि भाजपा के प्रति उन की नरमी और स्वभाव के चलते अब बौलीवुड में बतौर हीरोइन उन्हें काम मिलने से रहा, तो कंगना राणावत ने ‘मणिकर्णिका फिल्म्स’ नामक अपनी खुद की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी खोल ली और फिल्मों की प्रोडक्शन, डायरैक्शन और उन में ऐक्टिंग करना शुरू कर दिया.

कंगना राणावत ने एक फिल्म ‘इमरजेंसी’ का प्रोडक्शन व डायरैक्शन करने के साथ ही इस में इंदिरा गांधी का किरदार भी निभाया है, जिसे वे दिसंबर, 2023 तक सिनेमाघरों में पहुंचाना चाहती हैं. बौलीवुड का एक तबका मान कर चल रहा है कि इस फिल्म के रिलीज होने के बाद विवाद पैदा होना स्वाभाविक है.

कंगना राणावत ने अपने प्रोडक्शन हाउस के तहत फिल्म ‘टीकू वैड्स शेरू’ भी बनाई है. इस फिल्म के लेखक व डायरैक्टर साईं कबीर हैं और इस में कंगना ने ऐक्टिंग नहीं की है, बल्कि इस में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ ‘चिड़ियाखाना’ फेम हीरोइन अवनीत कौर की जोड़ी है. यह फिल्म सिनेमाघरों के बजाय 23 जून, 2023 से ओटीटी प्लेटफार्म ‘अमेजौन प्राइम’ पर स्ट्रीम होगी.

ट्रेलर लौंच पर कंगना के बदले तेवर

14 जून, 2023 को जब फिल्म ‘टीकू वैड्स शेरू’ का ट्रेलर लौंच हुआ, तो इस मौके पर कंगना राणावत अपनी अब तक की इमेज के उलट नजर आईं. उन की चालढाल में अकड़ नहीं थी और न ही उ नका चिरपरिचित अंदाज वाला मुंहफट स्वभाव ही नजर आया. उन्होंने ‘अमेजौन प्राइम’, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अवनीत कौर की भी जम कर तारीफ की.

तो क्या प्रोड्यूसर बनते ही कंगना राणावत की चालढाल और स्वभाव बदल गया? पत्रकार बिरादरी आज भी फिल्म ‘जजमैंटल है क्या’ के ट्रेलर लौंच के मौके पर कंगना राणावत के तेवरों को भूली नहीं है. उस समय तो उन्होंने कुछ पत्रकारों को ही आड़े हाथ लिया था. लेकिन अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म ‘टीकू वैड्स शेरू’ के ट्रेलर लौंच के समय उन की जबान में मिठास थी.

आमतौर पर ‘नैपोटिजम, बौलीवुड के अंदर चलने वाली राजनीति, ड्रग्स वगैरह के बारे में बिना कुछ पूछे बयान देने वाली कंगना राणावत काफी सधी हुई बातें करती नजर आईं. अपनी मीठी जबान में उन्होंने साफ कर दिया कि इस फिल्म में बौलीवुड के कड़वे सच के बारे में बात की गई है. संघर्ष के दिनों में हर कलाकार को औडिशन के समय जिस रवैए से गुजरना पड़ता है, उस की भी बात की गई है.

इस मौके पर कंगना राणावत ने साफसाफ कहा, “नवाज सर सहित हम सभी उन संघर्षपूर्ण दिनों से गुजरे हैं. मुझे याद है कि लंबा संघर्ष करने के बाद साल 2006 में मुझे फिल्म ‘गैंगस्टर’ में अभिनय करने का अवसर मिला था. आज 17 साल बाद ‘टीकू वैड्स शेरू’ से मेरे कैरियर की नई शुरुआत हो रही है. आज का दिन मेरे लिए बहुत खास दिन है. आज हमारे पास सबकुछ है, स्टारडम है और फैंस हैं और दुनिया हम पर बहुत मेहरबान है, लेकिन हम ने मुंबई का दूसरा पक्ष भी देखा है और बौलीवुड के कड़वे सच से रूबरू हुए हैं.”

शायद दबे शब्दों में कंगना राणावत ‘कास्टिंग काउच’ की तरफ ही इशारा कर रही थीं, पर बाद में उन्होंने मुंबई शहर की तारीफ (याद होगा कि तकरीबन 2 साल पहले कंगना ने मुंबई शहर की जम कर बुराई की थी और शिव सेना के गुस्से का शिकार भी हुई थीं) में कसीदे पढ़ते हुए कहा, “मुंबई की सब से बड़ी खूबी है कि वह हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले लाखों लोगों को न सिर्फ अपने अंदर समाहित करती है, बल्कि उन का पालनपोषण भी करती है. हमारी यह फिल्म उन लोगों के लिए प्यार और प्रेमपत्र है, जो इस शहर में अपने सपने ले कर आते हैं और कहीं उन के सपने खो जाते हैं.”

इतना ही नहीं, कंगना राणावत ने बड़ी विनम्रता के साथ स्वीकार किया कि यह फिल्म पुरानी फिल्म है, जो नए नाम के साथ आ रही है. उन्होंने कहा, “तकरीबन 8 साल पहले एक फिल्म की प्रैस वार्ता हुई थी. उस फिल्म का नाम था ‘डिवाइन लवर्स’, जिस का लेखन व डायरैक्शन साईं कबीर कर रहे थे और इस में मेरे साथ इरफान खान अभिनय करने वाले थे, पर साईं कबीर के बीमार हो जाने से यह फिल्म नहीं बनी. 4 साल तक वे बीमार रहे. इसी बीच इरफान साहब का भी देहांत हो गया. अब हम ने उसी को ‘टीकू वैड्स शेरू’ के नाम से बनाया है.”

‘टीकू वैड्स शेरू’ की कहानी के केंद्र में तसलीम टीकू खान (अवनीत कौर) और शिराज शेरू खान अफगानी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) हैं. दोनों ही सनकी हैं. दोनों की अपनीअपनी दुनिया है और अपनीअपनी इच्छाएं हैं.

शेरू बौलीवुड में जूनियर आर्टिस्ट है, मगर अपने गांव में वह खुद को स्टार ही बताता है. शेरू की उम्र हो गई है, पर शादी नहीं हुई है. उसे शादी करने की जल्दी भी है. उधर टीकू को बौलीवुड में हीरोइन बनना है.

टीकू जो अपने बड़े रूढ़िवादी मुसलिम परिवार के साथ भोपाल में रहती है, वह सोचती है कि शेरू से शादी कर के भोपाल से बौलीवुड पहुंच कर हीरोइन बन जाएगी, इसलिए शादी कर लेती है, जबकि दोनों में असमानताएं ही हैं. बाद में वे दोनों अंडरवर्ल्ड, ड्रग्स और रोमांस की अराजकता के बीच फंस जाते हैं और अपने दुख से निबटने के लिए एक के बाद एक ट्रैजिडी का सामना करते हैं.

हिमांशु मल्होत्रा को मिलेगा ‘मौका या धोखा’

इंसान के जीवन में कई इच्छाएं होती है मगर क्या आपने कभी सोचा है कि आपके द्वारा की गई एक इच्छा का परिणाम जीवन की सबसे बड़ी गलती बन जाए ? एक निर्णय जो आपके जीवन को नर्क से भी बत्तर बना दे. जी हाँ,  हंगामा पर बहुत जल्द प्रसारित होने वाली मर्डर मिस्ट्री ‘मौका या धोखा’ में नजर आने वाले अभिनेता हिमांशु मल्होत्रा ने भी ऐसा ही महसूस किया जब उनके किरदार अमित सहगल को शो में किरदार शालिनी (समीक्षा भटनागर) और सत्यजीत (आभास मेहता) ने धोखा देते है . मल्टीटैलेंटेड अभिनेता हिमांशु मल्होत्रा के चाहनेवालो को लिए इनकी यह नई  सीरीज किसी सौगात से कम नहीं है , जैसे अब तक उन्होंने अपने सभी प्रोजेक्ट से दर्शकों के दिल में जगह बनाये  है ठीक उसी तरह एक फिर सबका दिल जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

अपनी नई भूमिका के बारे में बात करते हुए हिमांशु मल्होत्रा कहते है कि, ”’मौका या धोखा’ एक ऐसी कहानी है जो एक अभिनेता को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करती है. मेरे किरदार का नाम अमित सहगल है , जो अपनी एक ही इच्छा के कारण फंस गया है जो उसके जीवन को नियंत्रण से बाहर कर देता है। मेरा किरदार बहुत अलग है , निजी  जीवन मैं अपने किरदार से बिलकुल भी मेल नहीं करता इस वजह से किरदार में पूरी तरह से उतरना मुश्किल था . मगर यह सब मेरे लिए बहुत नया था इसलिए बहुत अच्छी तरह से मैं अपने किरदार के ढांचे में उतरा क्योकि चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने का मज़ा ही कुछ अलग होता है.  इस भूमिका की तैयारी करने और अपने चाहनेवालो  के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने में मुझे बहुत प्रयास, समय और समर्पण लगा. यह शो वास्तव में एक पेचीदा मर्डर मिस्ट्री है जिसका अनुभव दर्शकों के लिए शानदार होगा . इस सीरीज का हर एक एपिसोड ट्विस्ट और टर्न अन्य किरदारों के विभिन्न रंगों का अनावरण करेंगे , जिसका उतर चढ़ाव दर्शकों के मनोरंजन में चार चाँद लगा देगा.

शाहरुख खान की पठान रिलीज होते ही हुई ऑनलाइन लीक, पढ़ें पूरी खबर

पठान’ के निर्माताओं की एंटी-पायरेसी याचिका के बावजूद फिल्म रिलीज से पहले ही ऑनलाइल लीक होने की खबर सामने आई है. ‘पठान’ रिलीज से एक दिन पहले ऑनलाइन लीक हो गई है. शाहरुख खान (Shahrukh Khan) और दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की फिल्म 100 से अधिक देशों में रिलीज हो रही है. पहले दिन के लिए फिल्म के 5 लाख टिकट्स की एडवांस बुकिंग हो चुकी है.

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक Pathaan रिलीज से एक दिन पहले दो वेबसाइट पर लीक हो गई है. कहा जा रहा है कि Filmyzilla और Filmy4wap पर फिल्म लीक की गई है.

प्रोड्यूसर ने की अपील

‘पठान’ निर्माता यश राज फिल्म्स ने प्रशंसकों से सिनेमाघरों में फिल्म देखने को कहा है और बड़े पर्दे से रिकॉर्ड किए गए फुटेज को लीक करने के प्रति आगाह किया है.

ट्विटर पर निर्माता के ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट किया गया,”सब बड़े एक्शन के लिए तैयार हैं? सभी से विनम्र अनुरोध है कि वे किसी भी वीडियो को रिकॉर्ड करने, उन्हें ऑनलाइन साझा करने और कोई स्पॉइलर देने से परहेज करें. पठान का अनुभव केवल सिनेमाघरों में करें.” इसके अलावा निर्माता ने एक ईमेल आईडी भी दी है, जिसपर पाइरेसी की रिपोर्ट की जा सकती है.आपको बता दें कि फिल्म ‘पठान’ 100 से अधिक देशों में रिलीज होने वाली पहली भारतीय फिल्म है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक ‘पठान’ को 100 से ज्यादा देशों में 2500 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज किया जाएगा. फिल्म की एडवांस बुकिंग ने भी रिकॉर्ड कायम किया है.

गौरतलब है कि यशराज ने इससे पहले इस स्तर पर कोई फिल्म रिलीज नहीं की है. कोरोना काल के बाद बॉलीवुड पर काले बादल छाए हुए हैं. बीते साल कई बिग बजट फिल्में फ्लॉप हुईं. अब इस फिल्म से उम्मीद जताई जा रही है कि ‘पठान’ इंडियन सिनेमा के अच्छे दिन वापस ला सकती है. कहा जा रहा है कि लॉन्ग वीकेंड में यह फिल्म 200 करोड़ का बिजनेस कर सकती है.

फिल्म ‘द रेज’ बनेगी कान्स इंटरनेशनल फिल्म का हिस्सा, पढ़ें खबर

इन दिनों निर्माता मोहम्मद नागमन लतीफ काफी खुश और उत्साहित नजर आ रहे हैं. क्योंकि उनकी नई फिल्म ‘‘द रेज’’ का प्रदर्शन इस वर्ष ‘कान्स इंटरनेशनल फिल्म समारोह’ में होगा. फिल्म ‘‘द रेज’’ में अदनान खान और रोशनी कपूर की मुख्य भूमिकाए हैं.

इस फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में कदम रख रही अभिनेत्री रोशनी कपूर ‘कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में फिल्म और आइकॉनिक प्रोडक्शन, आरआर एंटरटेनमेंट और मार्क स्टूडियो वाली टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी.

खुद मोहम्मद नागमन लतीफ कहते हैं- हम सभी खुश और उत्साहित हैं कि हमारी फिल्म ‘द रेज’ और रोशनी कपूर ‘कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में जा रही हैं. उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को हमारी फिल्म पसंद आएगी. यह हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है. ऐसे प्रतिष्ठित उत्सव में अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर मिलना बहुत मायने रखता है.’’

ये भी पढ़ें- क्या Imlie बनने वाली है आदित्य के बच्चे की मां? आएगा ये ट्विस्ट

मो. नागमन लतीफ इस फिल्म से पहले 7 एलबम सॉन्ग और लव एक्स सोसाइटी और कुछ वेब सीरीज का निर्माण कर चुके हैं. गत वर्ष कोरोना महामारी व लॉकडाउन के चलते मो.नागमन लतीफ निर्मित फिल्म ‘‘लव एक्स सोसायटी’’ की नायिका शिवांगी जोशी कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नही जा सकी थी. इस फिल्म में आदित्य खुराना ने भी अभिनय किया है. इस पर नागमन कहते हैं-‘‘उस वक्त हम काफी दुखी हुए थे, लेकिन वास्तविकता को स्वीकार करना पड़ा. फिल्म को बाद में एमएक्स प्लेयर पर रिलीज किया गया था.’’

bolly

नई फिल्म ‘‘द रेज’’ की चर्चा चलने पर मोहम्मद नागमन लतीफ कहते हैं- ‘‘यह आम फिल्म नही है. इस फिल्म में एक सामाजिक संदेश है. यह महिला सशक्तिकरण के बारे में है और एलजीबीटी समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों पर प्रकाश डालती है. पूरी फिल्म दिलचस्प ट्विस्ट और टर्न से भरी हुई है. इसमें अदनान खान ने एक नकारात्मक किरदार निभाया है. जबकि रोशनी कपूर एक ऐसी लड़की की भूमिका हैं, जो अपने कभी हार न मानने वाले रवैये के साथ जीवन में सभी समस्याओं का सामना करती है.

ये भी पढ़ें- Ghum Hai Kisikey Pyaar Mein की ‘पाखी’ को लगा बड़ा झटका, खोया अपना ये करीबी शख्स

अदनान और रोशनी दोनों ने वास्तव में अच्छा अभिनय किया है.वास्तव में पहले इस फिल्म में निशांत मलकानी अभिनय करने वाले थे,लेकिन बाद में उन्हें अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं को देखते इस फिल्म को छोड़ना पड़ा, तब हमने अदनान खान को इसका हिस्सा बनाया.’’ फिल्म ‘‘द रेज’’को गोवा और कर्नाटक के आसपास बारह दिनों तक तथा पुणे में फिल्माया गया है.इसके कुछ हिस्से उत्तराखंड में भी फिल्माए गए हैं.

भविष्य में इससे भी बेहतरीन फिल्म बनाने की बात करने वाले मो. नागमन लतीफ कहते हैं- ‘‘मैं सदैव एक अच्छे सामाजिक संदेश के साथ अधिकाधिक फिल्में बनाना चाहता हूं. दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ- साथ उन्हें उन चीजों के बारे में भी बताना जरूरी है, जिन पर उन्हें ध्यान देने की जरूरत है.मैं कुछ वेब सीरीज व संगीत बनाने की येाजना पर काम कर रहा हं.’’

ताहिर राज भसीन ने इस फिल्म की शूटिंग को कहा, ‘क्रिसमस के त्यौहार का जश्न’

फिल्म ‘लूप लपेटा’के पहले शिड्यूल की शूटिंग के आखिरी दिन को ताहिर राज भसीन क्रिसमस के त्यौहार का जश्न क्यों बता रहे हैं.

‘कई पोचे’,‘मर्दानी’,‘फोर्स 2’,‘मंटो’और‘छिछोरे’जैसी फिल्मों में अभिनय कर शोहरत बटोर चुके अभिनेता ताहिर राज भसीन इन दिनों अपनी नई फिल्म‘‘लूप लपेटा’’को लेकर काफी उत्साहित हैं.इस फिल्म की शूटिंग अप्रैल माह में शुरू होनी थी,मगर कोरोना महामारी और लाॅक डाउन की वजह से नही हो पायी थी.

अब दिसंबर के पहले सप्ताह में निर्माता अतुल कस्बेकर व निर्देशक आकाश भाटिया ने फिल्म ‘लूप लपेटा’के पहले शिड्यूल की शूटिंग संपन्न की, जिसमें तापसी पन्नू के  संग ताहिर राज भसीन ने भी हिस्सा लिया. ताहिर राज भसीन का दावा है कि तापसी पन्नू के साथ उनकी जोड़ी निश्चित रूप से पर्दे पर धमाल मचाएगी और लोगों को सिनेमा के परदे पर एक नई ताजी केमिस्ट्री नजर आएगी.

ये भी पढ़ें- क्या Hrithik Roshan की एक्स वाइफ सुजैन हुई गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

फिल्म के पहले शिड्यूल की शूटिंग खत्म करने के बाद ताहिर राज भसीन ने कहा कि,‘पहले शिड्यूल के आखिरी दिन सेट पर आने वाले फेस्टिवल क्रिसमस का जोश और उत्साह दिखाई दे रहा था.’’

ताहिर राज भसीन कहते हैं-‘‘शूटिंग के आखिरी दिन सेट पर क्रिसमस का बड़ा ही प्यारा माहौल था.सच कहूं तो हमारे निर्माता (अतुल कस्बेकर और तनुज गर्ग)बेहतरीन इसान हैं.यह दोनों ही खाने-पीने के बड़े ही शौकीन हैं और सेट पर हर दिन दावत होती थी.वह सेट पर हर दिन को हम सभी के लिए वाकई बेहद खास बना देते हैं और हम सभी के लिए क्रिसमस केक लाकर तो उन्होंने त्यौहार के सेलीब्रेशन का माहौल बना दिया.

ताहिर आगे कहते है- पूरी टीम इस बात से बेहद खुश थी कि, महामारी के दौर में शूटिंग के सख्त नियमों का पालन करते हुए हमने इस शिड्यूल को आसानी से पूरा किया.हमारे लिए यह मौका बड़ा ही अमेजिंग था.क्योंकि हम सब एक जगह इकट्ठा हुए, और हमने केक काटकर फिल्म के पहले शेड्यूल की शूटिंग खत्म की.हम महामारी के दौर में शूटिंग कर रहे हैं और मेरे ख्याल से हम सभी अपने आप को खुशकिस्मत मानते हैं, क्योंकि हमारी शूटिंग का शेड्यूल वाकई बेहतरीन था,जिसे हमने अच्छी तरह पूरा किया.लेकिन हम सभी ने मास्क पहनने के साथ ही सैनीटाइजर आदि का भी उपयोग किया.

ये भी पढ़ें- एक्स मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर का हौट अंदाज

एक-दूसरे को आने वाले हौलीडे इसके लिए बधाई और शुभकामनाएं देने का अनुभव अमेजिंग था.हम नए साल में जल्द ही उनसे मिलने के लिए तैयार हूं.‘लूप लपेटा’के सेट पर नजर आने वाली एनर्जी वाकई बेमिसाल थी.अच्छी बात यह है कि हम एक बेहद मजेदार फिल्म बना रहे हैं,जो लोगों का भरपूर मनोरंजन करेगी. ज्ञाातब्य है कि फिल्म ‘लूप लपेटा’ 1998 की चर्चित जर्मन फिल्म ‘रन लोला रन’का भारतीयकरण है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें