Bobby Deol Birthday : एनिमल स्टार बौबी देओल मना रहे बर्थडे, बड़े भाई ने छोटे भाई पर लुटाया प्यार

आज बौलीवुड स्टार और एनिमल फिल्म के विलेन का रोल निभाने वाले बौबी देओल अपना 55वां बर्थडे मना रहे है. ऐसे में बौलीवुड की तमाम हस्तियां उन्हे बर्थडे पर बधाई देते हुए नजर आ रहे है साथ ही उनके फैंस उन्हे शुभकामनाएं दे रहे है. इसी बीच सनी देओल अपने छोटे भाई को गले लगाकर विश करते हुए सोशल मीडिया पर दिखाई दिए है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sunny Deol (@iamsunnydeol)


आपको बता दें, सनी देओल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बॉबी संग कई सारी फोटो शेयर कर उन्हें बर्थडे विश किया है. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए सनी ने कैप्शन में लिखा कि ‘हैप्पी बर्थडे माई लिल लॉर्ड बॉबी…’ वहीं इन फोटोज में दोनों भाईयों के बीच जबरदस्त बौन्डिंग देखने को मिल रही है. दोनों भाई की एक साथ फोटो देख फैंस काफी खुश नजर आ रहे है. दोनों का ऐसा प्यार देख लोगों को अच्छा लग रहा है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Bobby Deol (@iambobbydeol)


सनी के इस पोस्ट पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई है. फैंस लगातार बॉबी को बर्थडे की ढेर सारी शुभकामनाएं दे रहे हैं. वही साल 2023 दोनों भाईयों के लिए काफी शानदार रहा था, एक तरफ जहां सनी देओल ने ‘गदर 2’ से बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया. तो वहीं एनिमल के जरिए बॉबी को अपने करियर की सबसे बड़ी सफलता हासिल कर ली. इसके अलावा धर्मेंद्र की ‘रॉकी और रानी की प्रेमकहानी’ भी सुपरहिट साबित हुई.

Aashram 3: तीन जून से MX Player पर होगी निराला बाबा की वापसी

हमारे देश में हर जगह बाबाओं का ही मायाजाल फैला हुआ है. आम जनता इन बाबाओं द्वारा ठगी जाने पर भी इनका गुणगान करती रहती है. ऐसे ही बाबाओ में आसाराम बापू या राम रहीम भी रहे हैं. कुछ इसी तरह के बाबाओं के सच को लोगों के सामने लाने के लिए करोना काल के दौरान फिल्मकार प्रकाश झा वेब सीरीज ‘‘आश्रम’’ लेकर आए थे,जिसमें विस्तार से इन बाबाओं के कारनामों का चित्रण था.

‘एम एक्स प्लेअर’ पर स्ट्रीम हुई इस सीरीज को काफी पसंद किया गया. फिर इसका दूसरा सीजन भी आया. अब इसका तीसरा सीजन ‘‘एक बदनाम आश्रम..3’’ तीन जून से ‘एम एक्स प्लेअर पर ही आने जा रहा है.

एक बार फिर काशीपुर वाले बाबा का साम्राज्य नजर आएगा. एक बार फिर से बाबा की अंधेर नगरी में जुल्म का हाहाकार मचेएगा. लेकिन इस बार लोग देख सकेंगे कि ‘काशीपुर वाले बाबा’ के आगे किस तरह राज्य का मुख्यमंत्री नतमस्तक होकर जनता को त्रस्त करने पर आमादा हो जाता है.

जी हां! अब राज्य के मुख्यमंत्री हुकुम सिंह ने एक पूर्व राजा की हवेली का अधिग्रहण कर उसे काशीपुर वाले बाबा का आश्रम ‘निराला धाम’ बनाकर 999 वर्ष के लिए लीज पर दे दिया है. जब सरकार आपके इशारे पर नाच रही हो तो स्वाभाविक तौर पर बाबा निराला ज्यादा शक्तिशाली और चतुर बन गए हैं.

इस बार सिर्फ बाबा का चोला ओढ़े नहीं बल्कि कलयुग का भगवान बनकर खुल्लम खुल्ला भक्तों के आस्था से खिलवाड़ करते नजर आएंगे. वैसे भी अब यह ‘एक बदनाम आश्रम’ हो गया है. इसके ट्रेलर को डेढ़ करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं. इस बार दर्शक देखेंगे कि अब यह बदनाम आश्रम किस तरह महापाप का अड्डा बन चुका है. किस तरह बाबा अपने अनुकूल हर नियम को मोड़ते रहते हैं.

ट्रेलर में पिछले सीजन की बात भी है, जहां बाबा निराला ‘निडर बनो’ की बात करते हैं. फिर सत्ता के लिए उसकी लालसा तेज हो गई है, जिससे वह अजेय हो गया. वह विश्वास करता है सब से ऊपर होना और सोचता है कि वही भगवान है.

आश्रम की शक्ति चरम पर है. इस ‘बदनाम‘ आश्रम में महिलाओं का शोषण जारी है, नशीली दवाओं के व्यापार में लिप्त हैं और ये शहर की राजनीति को नियंत्रित करते हैं. बाबा निराला की अपनी सेना के अलावा सरकार का पुलिस तंत्र पम्मी को दबोचने पर आमादा है तो वहीं भगवान निराला से बदला लेने के लिए पम्मी की रातों की नींद उड़ी हुई है. उजागर सिंह, पम्मी को न्याय दिलाकर ‘बदनाम‘ आश्रम का पर्दाफाश करना चाहता है. अब क्या होगा यह तो सीरीज देखने पर ही पता चलेगा.

प्रकाश झा अपने बेखौफ और बेबाक विषयों से समाज को सच्चाई का आइना दिखाते रहे हैं. सत्ता की राजनीति हो या आस्था के नाम पर धर्म गुरुओं की राजनीति, बिना किसी भय के सच्ची कहानियों को बड़े पर्दे पर वह लाते रहे हैं.

जी हां! बेखौफ और निडरता से हर कहानी को बड़ी ही बारीकी से कह देने वाले निर्देशक प्रकाश झा ने हाल ही में ‘आश्रम 3’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया कि उन्हें भी डर लगता हैं.जब उन्हें किसी अनचाही हलचल या विरोध का सामना करना पड़ता है.

इस सीरीज की चर्चा करते हुए निर्देशक प्रकाश झा कहते हैं- ‘‘ फिल्मे बनाना मेरा एक जुनून हैं. मैने ‘अपहरण’ व ‘गंगाजल’ जैसी कई फिल्में बनायी हैं. यह मेरा सौभाग्य हैं कि मुझे उतने ही उत्साही और जोशीले कलाकार और तकनीशियन के साथ काम करने का मौका मिला, जिन्होंने मुझ पर अपना विश्वास जताया और कहानी को हुबहू वैसा ही दिखाया जैसा कि मैं चाहता था.

आश्रम के साथ भी हमने उसी जुनून, भाव और रोमांच को जिया हैं. साथ ही एम एक्स प्लेअर का बेहतरीन साथ मिला, जिसकी वजह से दर्शकों ने भी इसे पसंद किया. ’’

इस प्रेस क्राफ्रेंस में जब प्रकाश झा से सवाल किया गया कि ‘आश्रम’ के पहले सीजन में उनके खिलाफ एफ. आई.आर दर्ज की गई और इस बार के सीजन में उन पर स्याही फेकी गई. ऐसे में लगातार हो रहे हंगामों से उन्हें डर लगता होगा?

तब प्रकाश झा ने कहा- ‘‘आश्रम के बारे में ऐसा हैं कि कही कुछ भी हो सकता हैं. कोई कुछ भी कर सकता हैं. क्योंकि हमने विषय ही ऐसा चुना हैं, जो समाज के हर इंसान से जुड़ा विषय हैं. लोगो से संबंध रखता है. लेकिन यह किसी एक व्यक्ति या कल्पना की कहानी नहीं हैं. यह पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारी को काल्पनिक कहानी के तौर पर पेश करने का प्रयास है.

मैं यह कहूं कि मुझे डर नहीं लगता, तो यह भी गलत बात है. लेकिन डर कर जीना भी अच्छा नहीं लगता, तो उसके साथ जीता हूं. हमेशा से मन करता हैं कि जो कहना है वह तो कहना ही हैं. किसी व्यक्ति को अगर व्यक्तिगत रूप से चोट पहुंचाए बिना कुछ कह सकूं, तो मैं कोशिश करता हूं कि उसे कहा जाए. अब चाहे वह राजनीतिक हो चाहे हो धार्मिक हो या चाहे वह व्यावसायिक हो. बाकी पत्थर फेंके जाते हैं, गालियां पड़ती हैं, एफ आई आर दर्ज होती हैं.. ठीक है.. इससे कुछ लोगों के हाथ मजबूत होंगे. हां! यदि यह लोग सामने आकर बात करते,तो ज्यादा बेहतर होता.‘‘

बाबा निराला का किरदार निभाने वाले अभिनेता बॉबी देओल कहते हैं- ‘‘मैं एक बार फिर से प्रकाश झा और एम एक्स प्लेअर के साथ काम करने के लिए रोमांचित हूं. प्रकाशजी के आश्रम की कहानी ने मुझे इसे करने के लिए प्रेरित किया और मैं हमेशा इसका आभारी रहूंगा. हर अध्याय में बाबा का चरित्र और गहरा दिखाई देगा. सीजन 3 में इसका ऐसा रंग हैं जो दर्शकों को उनकी सीट पर बांधे रखेगा. आश्रम एक शक्तिशाली और मनोरंजक सीरीज है, जिसने मुझे जीवन भर का अनुभव दिया है.‘‘

प्रकाश झा द्वारा निर्मित और निर्देशित, एमएक्स ओरिजिनल सीरीज में बॉबी देओल, अदिति पोहनकर, चंदन रॉय सान्याल, दर्शन कुमार, अनुप्रिया गोयनका, ईशा गुप्ता, सचिन श्रॉफ, अध्ययन सुमन, त्रिधा चैधरी, विक्रम कोचर, अनुरिता के झा, रुशाद राणा, तन्मय रंजन, प्रीति सूद, राजीव सिद्धार्थ और जया सील घोष हैं.

Housefull 4: इस दीवाली ना करें समय और पैसों की बर्बादी, पढ़ें रिव्यू

रेटिंग: एक स्टार

निर्माताः साजिद नाड़ियाडवाला और फौक्स स्टार स्टूडियो

निर्देशकः फरहाद सामजी

कलाकारः अक्षय कुमार, बौबी देओल, रितेश देशमुख, कृति सैनन, कृति खरबंदा,  पूजा हेगड़े, चंकी पांडे, रंजीत, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, जौनी लीवर व अन्य.

अवधिः दो घंटे 26 मिनट

सफलतम फ्रेंचाइजी को बार बार भुनाना गलत नही है, मगर सफल फ्रेंचाइजी के नाम पर दर्शकों को मूर्ख बनाते हुए कुछ भी उल जलूल परोसना शर्मनाक है. हर फिल्म फिर चाहे वह सफल फ्रेंचाइजी ही क्यों न हो, का मकसद दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन करना होता है. मगर सफल फ्रेंचाइजी ‘हाउसफुल’ की नई प्रस्तुति ‘‘हाउसफल 4’’ खरी नही उतरती. इस हास्य फिल्म में वही पुरानी कहानी को अति घटिया संवादों के साथ पेश कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- छठ पर रिलीज होगी भोजपुरी सुपरस्टार ‘खेसारीलाल यादव’ की ये फिल्म, पढ़ें खबर

कहानीः

लंदन में नाई की दुकान चला रहे हैरी (अक्षय कुमार) अपनी भूलने की आदत के चलते खतरनाक माफिया डान माइकल (मनोज पाहवा) के पांच मिलियन डौलर्स को कपड़े समझकर वाशिंग मशीन में धो देते है. बस तभी से माइकल, हैरी और उसके दोस्तों मैक्स (बौबी देओल) और रौय (रितेश देशमुख) की जान के पीछे पड़ जाते हैं. पैसों का जुगाड़ करने के लिए यह तीनों मिलकर अरबपति ठकराल (रंजीत) की तीनों खूबसूरत बेटियों कृति (कृति सेनन),  नेहा (कृति खरबंदा) और पूजा (पूजा हेगड़े) से शादी करने की योजना बनाते हैं.

ठकराल के गले में एक नंगी औरत की तस्वीर है और वह हमेशा तीन अर्धनग्न लड़कियों के कंधे पर अपना हाथ रखे नजर आते हैं. खैर, ठकराल भी इस शादी के लिए रजामंद हो जाते हैं. ठकराल की यह तीनों बेटियां डिस्टीनेशन वेडिंग करना चाहती हैं. इसके लिए ग्लोबल मैप को घुमाकर जगह तय की जाती है और यह जगह आती है भारत में स्थित सितमगढ़. पता चलता है कि 1419 में सितमगढ़ रियासत थी और उसी रियासत का एक किला है, जो कि अब होटल में तब्दील हो चुका है. होटल का मैनेजर( जौनी लीवर) और बेल ब्वाय पास्ता (चंकी पांडे) है.

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 13: इस कंटेस्टेंट ने दी सिद्धार्थ शुक्ला को ‘Me Too’ की धमकी, पढ़ें खबर

शादी की रस्म के लिए जब यह सभी लंदन से भारत के सितमगढ़ पहुंचते हैं, तो हैरी को याद आता है कि वह आज से तकरीबन 600 पहले अर्थात 1419 में सितमगढ़ का राजकुमार बाला देव सिंह था. उसे यह बात उसका विश्वासपात्र नौकर पास्ता (चंकी पांडे) याद दिलाता है. फिर कहानी 600 साल पहले चली जाती है. जब हैरी उर्फ बाला के सिर पर बाल नही थे. और किस तरह शादी के दिन ही दुश्मनों की चाल के चलते वह सब मारे गए थे.

अतीत की कहानी खत्म होते ही हैरी को अहसास होता है कि इस जन्म में वह और उसके दोस्त अपने पूर्व जन्म की प्रेमिकाओं की बजाय अपनी पूर्व जन्म की भाभियों से शादी करने जा रहे हैं, तो वह अपने दोस्तों और उनकी प्रेमिकाओं को याद दिलाता है कि कैसे कृति पिछले जन्म में राजकुमारी मधु, रौय नृत्य के गुरु बांगड़ू,  मैक्स राजकुमारी का अंगरक्षक धरमपुत्र थे और नेहा राजकुमारी मीना, जबकि नेहा राजकुमारी माला थी. अब सभी सितमगढ़ पहुंच गए हैं, तो बाकी किरदार भी पहुंचेंगे ही तो 600 साल पहले के गामा (राणा दुगुबत्ती) अब कव्वाल पप्पू रंगीला और राघवन (शरद केलकर) भी इस जन्म में सितमगढ़ आ पहुंचते हैं. फिर शुरू होती है पिछले जन्म की बदले की कहानी को पूरा करने का खेल पर अंततः प्रेम की ही जीत होती है.

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 13: पारस की इस हरकत पर भड़के फैंस, ट्वीट कर बोला ‘फट्टू’

निर्देशनः

फिल्म का कुछ हिस्सा साजिद खान ने निर्देशित किया था,  मगर ‘‘मी टू’’ में साजिद खान के फंसने के बाद असफल फिल्म ‘‘इंटरटेनमेंट’’ के निर्देशक फरहाद सामजी ने इसका निर्देशन किया. फिल्म में वही किरदारों की अदला बदली का अति पुराना फार्मुला उपयोग कर लोगों को जबरन हंसाने का प्रयास किया गया है, पर दर्शकों को हंसी बजाय रोना आता है. इसमें ‘माइंडलेस कौमेडी’ के साथ कई घटिया, अति सतही व बचकाने पंच भी डाले पिरोए गए हैं. फिल्म का क्लायमेक्स भी बचकाना है. फिल्म के संवाद तो बहुत ही ज्यादा वाहियात हैं. अफसोस की बात यह है कि इसे छह लेखकों की फौज ने मिलकर लिखा है.

‘‘माइंडलेस कौमेडी” की कल्पना की पराकास्ठा यह है कि क्लायमेक्स में अक्षय कुमार के पिछवाड़े चार चार चाकू लगे हैं, पर खून नहीं निकलता और वह आगे बढ़ते रहते हैं. मगर कुछ देर बाद वह चाकू गायब भी हो जाते हैं. इतना ही नही हर कलाकार अष्लील हाव भाव करते हुए दर्शकों को हंसाने का असफल प्रयास करते हैं.

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 13: स्वीमिंग पूल में उतरी घर की हसीनाएं, लड़कों का हुआ ये हाल

600 साल पुराना सितमगढ़ का किला 600 साल बाद भी उसी स्थिति में है. वाह..फिल्मकार की क्या कल्पना है. दर्शक सिनेमाघर से निकलते समय ही कहता रहता है कि ‘कहां फंसायो नाथ.’ कुछ दर्शक तो यह भी कहते सुने गए कि इस तरह की फिल्म बनाते समय निर्माता व कलाकारों का शर्म नहीं आयी.

अभिनयः

फिल्म देखकर अहसास होता है, जैसे कि हर कलाकार के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन सबसे घटिया/वाहियात अभिनय कर सकते है. हीरोईनों के हिस्से करने के लिए कुछ खास रहा ही नहीं. छोटे से किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दिकी और जौनी लीवर जरुर अपनी छाप छोड़ जाते हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें