होटल में किया काम तो किसी के साथ हुई छेड़छाड़, ऐसा रहा भोजपुरी एक्ट्रेसेस का करियर

भोजपुरी की एक्ट्रैसेस आज अपने उस मुकाम पर है जहां वह पहुंचना चाहती थी. भोजपुरी की कई ऐसी एक्ट्रेसेस है जो अपनी कड़ी मेहनत और स्ट्रगल के साथ यहां तक पहुंची है और एक पौपुलर एक्ट्रेस बनीं है. लेकिन इनका यहां तक पहुंचने का सफर असान नहीं रहा है कई ऐसी एक्ट्रेसेस है जिन्होंने कास्टिंग काउच का भी सामना किया तो, कई एक्ट्रेस ने एक्टिंग से पहली कई तरह की नौकरियां की. जाने भोजपुरी की इन एक्ट्रेस के स्ट्रगल के बारें में जो आज यहां तक पहुंची है.

 

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मोनालिसा ने 120 रुपए के लिए होटल में किया था काम     

एक्ट्रेस मोनालिसा का शरुआती करियर बहुत मुश्किलों से भरा रहा. एक्ट्रेस की कड़ी मेहनत और टैलेंट के चलते आज वे इस मुकाम पर है. लेकिन एक टाइम ऐसा था जब एक्ट्रेस को 120 रुपय की नौकरी के लिए होटल में खड़े होकर काम किया करती थी.

मोनालिसा ने 15 साल की उम्र से ही काम करना शुरु कर दिया था. साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. पढ़ाई के साथ उन्होंने टीवी शोज और म्यूजिक एल्बम में काम करना शुरु किया था. मोनालिसा बंगाली हिंदू परिवार से है. उन्होंने भोजपुरी, हिंदी, बंगाली, उड़िया, तमिल, कन्नड़, और तेलुगु भाषाओं की फिल्मों में काम किया है.

एक बार एक्ट्रेस को सेक्सुअली अब्यूज भी किया गया था, जब वे केवल 11 साल की थी. मोनालिसा कोलकाता में घूमने आई थी. जिस दौरान एक शख्स ने बहाने से उन्हे सेक्सुअली अब्यूज किया था.

सबिया शेख से रानी चटर्जी बनने को मजबूर हुई थी एक्ट्रेस

रानी चटर्जी उन एक्ट्रेसेस में से है जो सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एक्ट्रेस है. रानी चटर्जी का असली नाम सबिया शेख है. वे एक मुस्लिम परिवार से थी, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत केवल 14 साल की उम्र में की थी. वे बौलीवुड और भोजपुरी सिनेमा में अपने एक्टिंग के लिए मशहूर हैं. लेकिन रानी का नाम सबिया शेख क्यों बदल गया. इसके पीछे उनकी दिलचस्प कहानी है.

रानी चटर्जी को फिल्म ससुरा बड़ा पैसे वाला मिली थी. जिसकी शूटिंग गोरखपुर के मंदिर में होनी थी. जिसे लेकर सबको ये चिंता थी कि मंदिर के पंडित को कोई दिक्कत ने की एक्ट्रेस मुस्लिम है जिस वजह से फिल्म के प्रोड्यूसर ने शबिया का नाम रानी रख दिया. जिसके बाद उन्हे रानी के नाम से ही जाना जाने लगा. Bhojpuri

जब रानी के साथ डायरेक्टर ने की थी छेड़-छाड़

रानी को हिंदी फिल्म के लिए एक बड़े बौलीवुड डायरेक्टर ने बुलाया था तो उनके साथ हरासमेंट हुई थीं.रानी डायरेक्टर से मिलने उनके औफिस गई थी जहां रानी के साथ बहुत बद्तमीजी हुई थी.

अंजना सिंह के लिए उड़ाई गई थी अफवाह कि इन्हें एड्स है

अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीतने वाली अंजना आज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में टौप हीरोइन है. भोजपुरी फिल्मों की खूबसूरत एक्ट्रेस अंजना सिंह ने फिल्मों के साथसाथ कई टेलीविजन सीरियल में भी काम किया है, जिसमें महुआ चैनल पर आने वाला सीरियल “भाग ना बचे कोई” भी शामिल है. लेकिन क्या आप जानते हैं एक्ट्रेस बनने से पहले अंजना सिंह कहां जौब किया करती थीं. भोजपुरी सिनेमा में हौट केक के नाम से पहचाने जाने वाली अंजना सिंह एक्टिंग से पहले प्रोडक्शन मैनेजर के तौर पर काम किया करती थीं.

अंजना सिंह की ये जौब डायरेक्टर ने उनके कौन्फिडेंस को देखते हुए दी थी और इस जौब से मिलने वाली सैलरी अंजना के पिता की सैलरी के बराबर थी. अंजना को किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन अंजना अपने टैलेंट के दम पर भोजपुरी हीरोइन है. लेकिन करियर की शुरुआत में अंजना को कंट्रोवर्सी का सामना जरुर करना पड़ा.

भोजपुरी इंडस्ट्री की एक दूसरी हीरोइन ने अंजना सिंह को लेकर एक बड़ी साजिश रची थी और ये जलन के चलते किया गया था. अंजना सिंह के शुरुआती दौर में उनको लेकर इंडस्ट्री में झूठी बातें फैलाई जा रही थीं. किसी ने अंजना सिंह से दूर रहो क्योंकि उसे एड्स हो गया है जैसा खबर फैलाई थी.

न्यूड सीन से एक्ट्रेस तृप्ति डिमरी, राधिका आप्टे के करियर को मिला जंप

तृप्ति डिमरी ये नाम तब सामने आया जब रणबीर कपूर के साथ एक्ट्रेस ने टएनिमल मूवीट में बोल्ड सीन दिए, जिसके बाद एक्ट्रेस रातोंरात नेशनल क्रश बन गई. सोशल मीडिया पर तृप्ति डिमरी की वी

डियो-फोटोज धड़ल्ले से वायरल होने लगी. फिल्म में जोया का किरदार निभा कर एक्ट्रेस सबके दिलों पर छा गई, हालांकि इससे पहले कई फिल्में देकर भी वे पौपुलर नहीं हुई, तो क्या न्यूड सीन ही अब उनकी कामयाबी की सीढ़ी बन चुका है?

 

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नैकेड सीन देकर पौपुलर हुई एक्ट्रेस तृप्ति डिमरी

एक्ट्रेस उत्तराखंड के एक छोटे से गांव की रहने वालीं है जो दिल्ली पहुंच अपना कौलेज पूरा किया. इस दौरान शुरु से ही उन्हें एक्ट्रेस बनने का शौक था और इसका सबूत उनके सोशल वीडियोज है. एक्ट्रेस शुरु से ही एक्टिंग करने का शौक रखती थी. इसलिए दिल्ली आकर पढ़ाई की, फिर एक्टिंग का हूनर दिखाने के लिए यूट्यूब पर वीडियोज बनाएं. एक्ट्रेस ने ‘विपरा डायलौग्स’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर वाइन वीडियो अपलोड करना शुरु किया.

इससे पहले तृप्ति दिल्ली के जनपथ मार्केट पर शौपिंग की थीम पर भी अपना वीडियो बना चुकी है. एक्ट्रेस का ये मजेदार वीडियो 8 साल पहले 2016 में अपलोड किया गया था. जिसमें एक्ट्रेस तब से लेकर आजतक काफी बदल चुकी है. इसके अलावा तृप्ति डिमरी ने मौडलिंग में अपना हाथ अजमाया. सिर्फ इतना ही नहीं, बड़े पर्दे पर हाई लेवल की अदाकारी की छाप छोड़ने के लिए तृप्ति ने एक्टिंग क्लासेज भी लीं. जिसके बाद एक्ट्रेस साल 2017 में फिल्म ‘पोस्टर बौयज’ के साथ अपनी एक्टिंग की शुरुआत की थी. इसके बाद साल 2018 में ‘लैला मजनू’ और 2020 में ‘बुलबुल’ जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग की छाप छोड़ी. tripti

हालांकि, एक्ट्रेस को ये फिल्में देकर कोई पौपुलरेटी नहीं मिली. लेकिन, एनिमल मूवी में अपनी बोल्ड एक्टिंग के चलते तृप्ति डिमरी सबकी नजरों में छा गई. उनका ट्रेंड में आना मूवी में बोल्ड कंटेट ही है. बौलीवुड में स्किन शो का ट्रेंड कई सालों से फेमस हो रहा है. इस पर कई तरह के सवाल भी उठते रहे है. एक्ट्रेस, मूवी में बोल्ड सीन देकर खुद को ऊंचाई की तरफ ले गई है. उनकी बोल्ड सीन की एक्टिंग ने मूवी को भी हिट कर दिया है. इससे पहले भी बौलीवुड एक्ट्रेसेस फिल्म में बोल्ड सीन दे चुकी है. अब तृप्ति डिमरी एक और रोमांटिक मूवी करने जा रही है. जिसमें वे विक्की कौशल के साथ काम करती दिखाई देंगी. इसमें वे दो पुरुषों के बच्चों की मां बनने का रोल प्ले करेंगी. ये फिल्म कौमेडी और रोमांटिक पर बेस्ड मूवी है. मूवी का नाम है Bad Newz.

बौलीवुड एक्ट्रेस जो न्यूड सीन देकर बनीं स्टार

राधिका आप्टे – राधिका ने बदलापुर और हंटर जैसी मूवी में काफी बोल्ड सीन दिए थे. बोल्ड सीन से राधिका भी सुर्खियों में आई थी. वे ज्यादातर फिल्मों में बोल्ड सीन के लिए जानी जाती है.

मल्लिका सहरावत – मल्लिका बोल्ड सीन के लिए एक जानीमानी एक्ट्रेस है जिन्होंने इमरान हाशमी के साथ भी कई बोल्ड फिल्में की है. मल्लिका अपनी पहली फिल्म से ही बोल्ड सीन देने में अव्वल रही है. ख्वाहिश और मर्डर उनकी न्यूड सीन देने वाली फिल्में थी. जिससे वे कामयाबी के शिखर पर पहुंची.

सनी लियोनी – सनी लियोनी पेशे से पहले एक पोर्न स्टार रह चुकी है. जिसके बाद वे बौलीवुड में आई. उन्हे हमेशा ही बोल्ड सीन के लिए फिल्मों में चुना गया है. जिस्म 2 एसी फिल्म है सनी की जिसमें उन्होंने जबरदस्त बोल्ड सीन दिए. इन्ही सीन ने सनी को एक बौलीवुड स्टार बना दिया.

शर्लिन चोपड़ा – शर्लिन भी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नाम है जो न्यूड और बोल्ड सीन के लिए जानी जाती है शर्लिन ने फिल्म ‘कामसूत्र-3 डी’ में बोल्ड सीन दिए थे. इसके अलावा कई और फिल्मों में भी शर्लिन बोल्ड सीन दे चुकी हैं. शर्लिन की पौपुलेरिटी इन्ही फिल्मों के बोल्ड सीन की वजह से है.

बोल्ड सीन देकर डायरेक्टर कराते है फिल्म को हिट   

एनिमल मूवी के डायरेक्टर Sandeep Reddy Vanga ने फिल्म में बोल्ड सीन देकर फिल्म की सक्सेस किया. आज की यंग जनरेशन देखना भी यह चाहती है अगर मूवी रोमांस में बनीं है तो उसमें बोल्ड सीन न देकर डायरेक्टर गलती कर बैठता है. आखिर जो युवा देखना चाहता है वही डायरेक्टर पर्दे पर दिखाएगा. तो फिल्म हिट है. इसलिए आज का निर्देशक फिल्म को हिट करने के लिए न्यूड सीन और बोल्ड एक्ट जरूर डालता है और ये काम सिर्फ बौलीवुड की फिल्में ही नहीं, वेब सीरीज और शोर्ट फिल्म भी कर रही है. फिल्मों के डायरेक्टर अपनी फिल्मों को कामयाब करने के लिए उनमे बोल्ड सीन जरूर एड कर देते है और तृप्ति डिमरी जैसे कई स्टार्स ये एक्ट करने के लिए तैयार भी रहते है जिससे वे सुर्खियों में आ जाते है और लोगों को बीच अपनी एक अलग पहचान बना लेते है.

हिंदी सिनेमा अंग प्रदर्शन का काम आज से नहीं कई सालों से चला रहा है हिन्दी सिनेमा की जानीमानी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में एक्ट्रेस मंदाकिनी ने कई बोल्ड सीन दिए. जिसके डायरेक्टर थे रवीन्द्र जैन. उन्होंने इस फिल्म में बहुत खूबसूरती के साथ न्यूड कंटेंट को परोसा. जो कि दर्शकों के दिल दिमाग में आज भी छाएं हुए है, वही एक्ट्रेस मंदाकिनी भी ऐसे सीन देकर काफी पौपुलर हुई थी. एक्ट्रेस इस फिल्म से मीडिया की लाइमलाइट में आ गई थी.

हालांकि ये काम डायरेक्टर के लिए चैलेंज से भरा होता है. जिसके लिए कई बार अन्य चीजों का सहारा लेना पड़ता है.

कभी यूज करना पड़ता है बौडी डबल या क्रोमा

बहुत सी बार ऐसा होता है कि हीरो या हीरोइन ऐसे सीन करने से मना कर देते हैं तो फिल्म निर्देशक हमेशा ही इन सीन के लिए प्लान बी तैयार रखते हैं. इसके लिए बौडी डबल का इस्तेमाल किया जाता. साथ ही कई बार किसिंग के लिए क्रोमा सेट किया जाता है. जैसे कि अगर एक्टर और एक्ट्रेस को किसिंग सीन से दिक्कत है तो उनके बीच कोई सब्जी जैसे लौकी या कद्दू रखा जाता है. ग्रीन कलर का होने के कारण लौकी क्रोमा का काम करती है और वो दोनों लौकी को किस करते हैं. बाद में पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान सीन से उसे गायब कर दिया जाता है और देखने वाले को वो सीन असली लगता है.

एक फिल्म ने मेरी जिंदगी बदल दी – अभय वर्मा

इम्तिहानों में फेल होने के बाद मायूस हो चुके पानीपत, हरियाणा के अभय वर्मा संजय लीला भंसाली की फिल्म  ‘रामलीला: गोलियों की रासलीला’ देखने पहुंच गए. इस फिल्म को देख कर उन्हें ऐक्टर बनने की प्रेरणा मिली.

 

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इस के बाद अभय वर्मा मुंबई पहुंचे, जद्दोजेहद की और महज 5 साल के अंतराल में उन्होंने अमिताभ बच्चन, आमिर खान व आलिया भट्ट के साथ विज्ञापन फिल्में कीं, तो वहीं मनोज बाजपेयी के साथ वैब सीरीज ‘द फैमिलीमैन’ भी की.

अभय वर्मा वैब सीरीज ‘मरजी’ में भी नजर आ चुके हैं. इतना ही नहीं, वे संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म ‘मन बैरागी’ भी कर चुके हैं. वे फिल्म ‘सफेद’ को ले कर भी चर्चा में रहे हैं. इस फिल्म में उन्होंने किन्नर का किरदार निभाया है.

पेश हैं, अभय वर्मा से हुई बातचीत के खास अंश :

आप ने कब सोचा कि फिल्मों में काम किया जाए?

मेरी तो शुरुआत नाकामी से हुई. मैं 2 इम्तिहान में फेल होने के बाद परेशान था, तब अपना गम भूलने के लिए पानीपत में ही संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘रामलीला : गोलियों की रासलीला’ देखने पहुंच गया था. इस फिल्म को देखते हुए मुझे खुशी और सुकून मिला.

मैं थिएटर के अंदर फेलियर के तौर पर गया था, पर जब वहां से बाहर निकला तो विनर था. मैं 2 घंटे में इतना ऐंटरटेन और खुश हो गया था कि मेरे दिमाग में आया कि मुझे भी यही करना चाहिए और लोगों में खुशियां बांटनी चाहिए.

जब आप ने अपने मातापिता को इस फैसले के बारे में बताया, तब उन्होंने क्या कहा था?

उन्होंने मेरी पीठ थपथपाते हुए कहा था कि तू ने जो राह चुनी है, वह आसान नही है. पर जो काम आप दिल से करना चाहें, वही काम करना चाहिए, क्योंकि उसी में आप खुश रह सकते हैं.

क्या आप को लगता है कि सिनेमा से समाज में बदलाव आता है?

बिलकुल आता है. आप के सामने जो यह 25 साल का पानीपत जैसे छोटे शहर का लड़का बैठा हुआ है, वह सब से बड़ा उदाहरण है कि सिनेमा जिंदगियां बदलता है.

जब आप ने अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई में भागदौड़ शुरू की, तो किस तरह के अनुभव हुए?

जब मैं मुंबई आया, तो मुझे बहुत अच्छे और बहुत बुरे लोग मिले. यहां मुझे ढेर सारे लोग ऐसे मिले, जो मुझे बढ़ावा देने के बजाय मेरा हौसला गिरा रहे थे. कई लोगों ने मुझ से सवाल किया कि मुझे इंगलिश अच्छी क्यों नहीं आती. यहां पर ज्यादातर लोगों ने मेरे सपनों की रोशनी को कम करने की कोशिश की.

पर मैं तो यह मान कर चलता हूं कि दुनिया में अच्छेबुरे हर तरह के लोग होते हैं. लोगों की दुत्कार और रिजैक्शन से मेरे अंदर बहुत बदलाव आया है. यही मेरी सब से बड़ी पूंजी है.

क्या यह मान लिया जाए कि आज के समय में कास्टिंग एजेंसियां कलाकार की क्रिएटिविटी में बाधा बनती हैं?

बाधा तो नहीं कहूंगा, क्योंकि वे लोग भी बेचारे काम करते हैं. उन के पास तो हर दिन हजारों लोग अपने सपने ले कर पहुंचते हैं, जिन में से गिनती के लोगों के सपने पूरे हो पाते हैं.

 

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मैं तो उन लोगों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे आडिशन का मौका दिया, क्योंकि वही हमारा ‘गेटवे औफ इंडिया, होता है. हम गेटवे औफ इंडिया पैदल आते हैं और उस के बाहर समुद्र है, जिस में हम कूद जाते हैं.

यह गेटवे औफ इंडिया ही हमारा कास्टिंग डायरैक्टर है, इसलिए मेरे अंदर दिल से कास्टिंग डायरैक्टर के प्रति इज्जत है.

आप को अपना पहला ब्रेक कब मिला था?

ईमानदारी से कहूं, तो मुंबई आना ही मेरे लिए सब से बड़ा ब्रेक था. लोग हमेशा जद्दोजेहद और कामयाबी को ले कर कन्फ्यूज होते रहते हैं. ये दोनों अलगअलग चीजें होती हैं.

मेरे लिए जद्दोजेहद उस वक्त थी, जब मैं मुंबई में नहीं, बल्कि पानीपत में था और अपने सपने को ले कर एक कदम नहीं चल पा रहा था.

अब तक आप ने क्याक्या काम किया है?

मैं ने अमिताभ बच्चन, आमिर खान, आलिया भट्ट, मनोज बाजपेयी, संजय लीला भंसाली जैसे दिग्गजों के साथ काम किया और इन के साथ काम करते हुए बहुतकुछ सीखा है. मैं ने ‘मरजी’, ‘द फैमिलीमैन’ में काम किया है. मुझे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है. दर्शकों का प्यार ही कलाकार की सब से बड़ी कमाई होती है.

फिल्म ‘सफेद’ से जुड़ने की कोई खास वजह?

कहानी और अपना किरदार पढ़ कर पहले तो मैं डर गया था. मुझे किन्नर का किरदार जो निभाना था. फिर मेरे मन में खयाल आया कि अभय वर्मा ने जिस सपने को देखते हुए पानीपत से मुंबई तक का जो सफर तय किया है, तो क्या वह डरने के लिए आया है? बस, फिर मैं ने इस फिल्म को करने की हामी भर दी.

आप ने संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म ‘मन बैरागी’ की थी. उस के क्या अनुभव रहे?

संजय लीला भंसाली के साथ काम करना हर कलाकार का एक सपना होता है. पहली मुलाकात में उन्होंने मेरे माथे और नाक पर हाथ रख कर कहा था कि अदाकारी सिर्फ आंखों से होती है. उन की यह सीख मैं ने उसी दिन से गांठ बांध रखी है.

आप नया क्या कर रहे हैं?

मैं 2 फिल्में कर रहा हूं. एक फिल्म ‘ऐ वतन मेरे वतन’ है, जिस में आजादी के दौर के सभी नायकों को ले कर कहानी बनी है. दूसरी फिल्म के बारे में अभी कुछ नहीं बता सकता.

‘गदर 2’ की सक्सेस से खुश है अनिल शर्मा, फिल्म ऑस्कर में भेजने के लिए तैयार!

गदर 2 इन दिनों ताबड़तोड़ कमाई कर रही है जहां पहले 400 करोड़ का आकड़ा पार किया था वही, अब ये फिल्म 500 करोड़ की कमाई कर चुकी है हालांकि अब भी फिल्म की टिकटे बिक रही है. ऐसे में अनिल शर्मा जो गदर 2 के डायरेक्टर है काफी खुश है और खुश हो भी क्यो नां. उनकी फिल्म तीसरे आसमान में जो है. ऐसे में उन्हे खुद पर गर्व होगा. अब इसी बीच अनिल शर्मा ने अपडेट जारी किया है और कहा कि हम फिल्म को ऑस्कर में भेजने के लिए तैयार कर है. जिस पर अनिल शर्मा ने काफी कुछ कहा है.

 

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आपको बता दें, कि अनिल शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वह और उनकी टीम एप्लीकेशन को पूरा करने में जुटे हुए है. अकादमी आवार्ड्स के लिए.लोग मुझे बार-बार कह रहे है कि फिल्म को ऑस्कर के लिए भेजों. इस पर अनिल से पूछा गया कि क्या फिल्म ऑस्कर के लिए जाएगी तो उन्होने कहा कि गदर एक प्रेम कथा तो नहीं गई थी, लेकिन इस फिल्म का पता नहीं, लेकिन हम कोशिश कर रहे है. अनिल ने काफी दुख भी जाहिर किया.

 

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अनिश शर्मा आगे कहते है कि इतने सालों से उन्हे किसी भी फिल्म के लिए प्रशंसा नहीं मिली है. उन्हे लगता है कि मैंने इतने सालों में काम ही नहीं किया है. मुझे समझ नहीं आता है कि आवार्ड पैनल में कौन बैठा होता है. कि वो मुझे आवार्ड नहीं देते है. हमे अवार्ड्स नहीं मिले लेकिन लोगों का प्यार बहुत मिला है. अनिल ने आगे कहा कि मैं 40 सालों से फिल्म बना रहा हूं. वो चलती भी है और फ्लॉप भी होती है. लेकिन मैं ऐसी फिल्म बनाता हूं जिसमें दिल की फीलिंग्स होती है. जब लोग मेरी फिल्मों पर प्यार बरसाते है तो मैं खुश होता हूं. जब नहीं दिखाते तो बुरा लगता है.क्योकि मैं लोगों के लिए फिल्म बनाता हूं.

 

 

बार्बी के फैन है सलमान खान, पिंक पैंट में आए नजर -देखे फोटो

इन दिनों सलमान खान अपनी आने वाली फिल्म टाइगर 3 को लेकर चर्चाओं में बने हुए है साथ ही वो बिग बॉस ओटीटी 2 को भी होस्ट कर रहे है जिसे लेकर अक्सर सलमान सुर्खियों में रहते है. लेकिन अब सलमान अपनी पिंक पैंट को लेकर चर्चा में बने हुए है. उनकी पिंक पैंट फैन को खूब पसंद आ रही है.

 

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आपको बता दें, कि बीती रात सलमान खान के भाई अरबाज खान का बर्थडे था, जहां सलमान खान अपनी कार से पहुंचे लेकिन यहा जो खास बात नोटिस करने वाली थी वो थी सलमान खान की पिंक पैंट. जिसपर सबकी नजरे टिकी हुई थी. पिंक पैंट को लेकर सलमान खूब चर्चाएं बटोर रहे है उनकी ये तस्वीर औऱ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है फैंस जमकर कमेंट करते दिख रहे है.

 

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इन तस्वीरों में सलमान खान काफी स्टाइलिश लग रहे है उनके लुक का हर कोई दिवाना हो रहा है और आज भी कहा जा सकता है कि फैशन के मामले में सलमान खान आज भी टॉप पर है.बताते चले कि सलमान खान और कटरीना कैफ की अपकमिंग फिल्म टाइगर 3 इस साल दिसंबर के महीने में रिलीज हो सकती है. इस मूवी में इमरान हाशमी विलेन का रोल निभाने वाले हैं. साथ ही शाहरुख खान टाइगर 3 में कैमियो भी करेंगे.

वश फिल्म : ‘‘प्रतिभा को दबाया नहीं जा सकता..’’ – विवेक जेटली

सोनीपत,हरियाणा निवासी और बैंकर पिता के बेटे विवेक जेटली हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद ही थिएटर से जुड़ गए थे.पर फिर उन्होने मास कम्यूनीकेषन में मास्टर की डिग्री हासिल की.कुछ माह एक टीवी न्यूज चैनल में एंकरिंग भी की. पर अभिनय जगत में कुछ कारनामा करने के मकसद से उन्होेने टीवी न्यूज चैनल को अलविदा कह माॅडलिग से जुड़ गए.इंटरनेषनल माॅडल बनने के बाद कई म्यूजिक वीडियो किए.अब 21 जुलाई को प्रदर्षित फिल्म ‘‘वष’’ में वह हीरो बनकर आए हैं.

प्रस्तुत है विवेक जेटली से हुई बातचीत के अंष..मास कम्यूनीकेषन में मास्टर की डिग्री हासिल करने के बाद अभिनय की तरफ मुड़ने की कोई खास वजह?

– मैं सोनीपत,हरियाणा का रहने वाला हॅॅंू.पर मेरे पिता जी पंजाब नेषनल बैंक में थे.हर तीन वर्ष बाद उनका तबादला होता रहता था तो हम सोनीपत से करनाल, चंडीगढ़ व दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई षहरों में रहे.घर वालों की मर्जी के लिए मैने मास कम्यूनीकेषन में मास्टर की डिग्री हासिल की.जबकि जब मैं ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रहा था,तब अचानक मेरी मुलाकात अभिनेता अनुज षर्मा से हुई थी.जिनसे प्रेरित होकर मैं थिएटर से भी जुड़ गया था.

तो मेरी पढ़ाई और थिएटर साथ साथ चल रहा था.अब अनुज षर्मा मेरे बड़े भाई की तरह हैं.अनुज षर्मा ने ही मेरे अभिनय की षुरूआत करवायी.उन्होने ही सिखाया कि अभिनय क्या है.अनुज जी खुद ही बहुत बड़े कलाकार हैं.उन्होने कई जटिल किरदार निभाए हैं.मैने उनके साथ तकरीबन पचास से अधिक स्ट्ीट प्ले किए.मास कम्यूनीकेषन की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैने जीन्यूज में तीन माह का इंटर्न षिप की.पर वहां मन नही लगा.तब मैं अभिनय की तरफ मुड़ गया.

मुझे अहसास हुआ कि ईष्वर ने मेरे अंदर अभिनय की चीजें दी हैं,पर मुझे उन्हंे पाॅलिष करने की जरुरत है.इस बीच मैंने टीवी चैनल पर एंकर के रूप में काम करना षुरू किया.‘होमषापिंग’ चैनल पर एंकरिंग की.फिर वायस ओवर करने लगा.उसके बाद पिं्रंट माॅडलिंग की.कुछ एड फिल्में की.उसके बाद मुझे लगा कि अब मुंबई जाकर फिल्मी दुनिया’ के समुद्र में गोतेलगाना चाहिए.इसलिए मंुबई आ गया.पर मैने तय कर रखा था कि मुझे टीवी नही करना है.मैने माॅडलिंग में काफी नाम कमाया.

मुंबई पहुॅचने के बाद संघर्ष करना पड़ा या आसानी से काम मिलने लगा?

-अनुज भइया पहले से बाॅलीवुड में सक्रिय हैं,तो मुझे उनके माध्यम से यह बात संभल में आयी कि इस इंडस्ट्ी की कार्यषैली क्या है? यहां काम कैसे होता है? एक कलाकार को काम कहां से मिलेगा? जबकि तमाम लोगों को तो राह पता ही नही होती है.अब तो हाईटेक जमाना है.मैने अनुज भइया से समझकर प्रोडक्षन हाउस के चक्कर लगाए.मैने आॅडीषन दिए.इस तरह अनुज भइया से काफी मदद मिली.मुझे पता था कि इस इंडस्ट्ी में मेरे बाप दादा नही है,तो मुझे सब कुछ अपनी प्रतिभा के बल पर ही पाना है.इसलिए मैने अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए काफी मेंहनत की.

जब आप सुनने की क्षमता रखते हैं तो आप सीखने की भी क्षमता रखते हैं.जो इंसान सीखना चाहता है,उस तो पगडंडी मिलना तय है.उसका बेहतर कलाकार वह बनना तय है.तो मेरा प्रयास खुद को बेहतरीन कलाकार बनाने का ही रहता है. मैने सीखा कि यहां पर पैषन/धैर्य बहुत जरुरी है.मैने संमय रखा और अब ‘वष’ में हीरो बनकर आया हॅूं.

फिल्म ‘‘वष’’ से जुड़ना कैसे हुआ?

-यह फिल्म मेरी तकदीर में लिखी हुई थी.मैं अंतरराष्ट्ीय स्तर का माॅडल हूं.मैने कुछ म्यूजिक वीडियो में भी अभिनय किया है.मैं मालदीव में एक गाने की षूटिंग करके मंुबई वापस आया था और आस्ट्ेलिया जाने की तैयारी कर रहा था.तभी फिल्म के गीतकार अजय गर्ग के कहने पर आॅडीषन देने चला गया.क्योकि मुझे फिल्म में हीरो दिखना था.जब मैं आॅडीषन देने गया तो निर्देषक जगमीत समुद्री ,अजय गर्ग, कैमरामैन मनोज षाॅ से मिला.टभ्म पसंद आयी.मैने महसूस किया कि यह लोग तो ए ग्रेड की बेहतरीन फिल्म बनाने वाले हैं.तो मैं आॅडीषन देकर वापस आ गया.पर सभी को मेरा आॅडीषन इतना पसंद आया कि उन्हेोने मुझे पेरलल लीड की बजाय मेन लीड में लेने की बात सोचकर दूसरे दिन पुनः आॅडीषन के लिए बुलाया.मंैने आॅडीषन दिया और मेरा चयन मेनलीड के तौर पर हो गया.

आपके अनुसार फिल्म ‘‘वष’’ क्या है?

-यॅूं तो आप भी जानते है कि ‘वष’ का षब्दिक अर्थ किसी को अपने वष में कर लेना होता है.इस फिल्म में भी ऐसा ही कुछ है.मैं निजी जीवन में स्प्रिच्युअल इंसान हॅूं.ईष्वर में यकीन करता हॅूं.जब ख्ुादा है,जब रब है,तो स्वाभाविक तौर पर बुरी ताकतंे भी हैं.वष में आज की युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से,अपने कल्चर,अपने ट्ेडीषन से दूर जा चुकी है.जबकि फिल्म ‘वष’ सभी को उनकी अपनी जड़ांे व कल्चर से जोड़ती है.जो कहती है कि ऐसा भी होता है.अन्यथा जब तक हम अनुभव नहीं करते,तब तक यकीन नहीं करते.हम अक्सर सुनते हैं कि रात में बाबा आया और डरा दिया.मैं यकीन से नही कहता कि ऐसा कुछ होता हे या नहीं.लेकिन हमारी जड़ें कहती हंै कि अगर भगवान है,तो षैतान भी है.तो फिल्म ‘वष’में भगवान व षैतान दोनों की बात की गयी है.पर इस फिल्म में किसकी जीत होती है,यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.

आपको नही लगता कि ‘वष’ जैसी फिल्में अंधविष्वास को बढ़ावा देती हैं?

-देखिए,विष्वास व अंधविष्वास के बीच एक बहुत बारीक रेखा है.लेकिन यह कहना गलत होगा कि हमारी फिल्म ‘वष’ में अंधविष्वास को बढ़ावा दिया गया है.इस फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है,उस पर निर्देषक ने बाकायदा रिसर्च किया है.इस फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है,उसे निर्देषक ने स्वयं देखा है और पढ़ा है.फिल्म देखकर आप यह नही कहेंगे कि यह तो कुछ भी दिखा रहे हैं.इस फिल्म में उसे ही दिखाया गया है, जिसे आप हर धर्म की किताब में पढ़ सकते हैं.

अपने किरदार को किस तरह से परिभाषित करेंगें?

-फिल्म ‘वष’ में मेेरे किरदार का नाम रक्षित है.बहुत साधारण व षरीफ लड़का है.लंदन में पढ़ा बढ़ा है और विवाह करने के लिए हिमाचल प्रदेष,भारत आया है.वह अपने प्यार को पाने और परिवार के लिए कुछ भी कर सकता है.मगर षादी से पहले ही उसके साथ कुछ ऐसी चीजें होती हैं,जो कि उसको सोचने पर मजबूर करती हैं.

कहानी में एक पात्र के तौर पर कई सौ वर्ष पेड़ है.उसके बारे में क्या बताना पसंद करेंगें?

-इस बारे में मैं ज्यादा कुछ नही बता सकता.मगर हमारी फिल्म हिमाचल के जिन घने जंगलों में फिल्मायी गयी है,वहां आप षाम को पांच छह बजे के बाद जा नही सकते.वहां पर जंगली जानवर हैं.अजगर हैं.वहीं पर हमने पूरे 12 दिन क्लायमेक्स फिल्माया.आप जिस पेड़ की बात कर रहे हैं,वह हमारी कहानी का अहम हिस्सा है.हमने जंगल में 12 दिन की षूटिंग के दौरान किसी भी पषु को नुकसान नही पहुंचा.

क्या ओटीटी पर जिस तरह की सामग्री आ रही है,उससे समाज को नुकसान है?

-देखिए,ऐसा नही कह सकते.ओटीटी पर काफी अच्छा कंटेंट आ रहा है.मैं मानता हॅूं कि कुछ कंटेंट नही बनना चाहिए.छोटे छोटे बच्चों को भी वह एक्सपोजर मिल रहा है,जो नही मिलना चाहिए.तो यहां पर पैरेंटिंग बहुत मायने रखता है. हर माता पिता को इस बात पर निगाह रखनी चाहिए कि उसके बच्चे क्या देख रहे हैं.हर बच्चे को उसकी उम्र के अनुसार कंटेंट देखने की अनुमति दी जानी चाहिए.मैं मानता हॅंू कि यदि आपके अंदर प्रतिभा है,तो आप अच्छा कंटेंट बनाकर फेषबुक या इंस्टाग्राम पर डालकर फिल्मकार की नजरों में आ सकते हैं.पर ऐसा करते समय यह भी देखना चाहिए कि आप कौन सा कंटेंट बना रहे हो.क्योंकि सोषल मीडिया पर छोटे बच्चे भी देखते हैं.वैसे हर कंटेंट के अपने फायदे व अपने नुकसान है.हर इंसान बड़ा बनना चाहता है.इस प्रोसेस में कुछ चीजें भी आती हैं,जिनसे नुकसान भी होता है.इसी वजह से कुछ लोग आत्महत्या कर लेते हैं.तो कहीं न कहीं क्रिएटर और माता पिता को भी अंकुष रखना चाहिए.

सोषल मीडिया के चलते प्रतिभा को नुकसान हो रहा है.इंस्टाग्राम के फालोवअर्स की संख्या बल पर कलाकार को फिल्मों में काम मिल रहा है?

-षायद ऐसा हो रहा हो.लेकिन हीरा अपनी चमक तो विखेर ही देगा.जिनके फालोवअर्स ज्यादा हैं,उन्हे षायद जल्दी अवसर मिल जाए.पर निर्देषक व दर्षक तो उनकी प्रतिभा ,उनकी काबीलियत का आकलन करेंगे ही.पर देर सबेर जब भी प्रतिभा को अवसर मिलेगा,वह अपना जलवा दिखाकर ही रहेगा.

आपके षौक क्या हैं?

-किताबें पढ़ने का षौक है.मैं स्प्रिच्युअल किताबें ज्यादा पढ़ता हॅूं.मुझे लिखने का षौक है.मैं षायरी भी लिखता हॅूं.मैं तो कहता हॅूं कि मैने इष्क में पीएचडी किया है.मैने इष्क पर बहुत लिखा है.जिंदगी पर काफी लिखा है.यात्राएं करने का षौक है.

मुंबई एक्टर बनने का सपना लेकर आए थे मनीष पॉल, पढ़े इंटरव्यू

मुंबई शहर में कई सारे लोग एक्टर बनने का सपना लेकर आते हैं. जिनमें से कुछ ही लोग होते हैं जो अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं . उन्हीं में से एक एक्टर जो की प्रसिद्ध एंकर भी हैं मनीष पॉल एक ऐसा जाना माना नाम है जिन्हें हर कोई पहचानता है. बस फर्क इतना है कि मनीष पॉल एक्टिंग से ज्यादा लोगों को हंसाने के लिए, कॉमेडी करने के लिए बतौर एंकर जाने जाते हैं. शायद ही कोई रियलिटी शो या अवॉर्ड शो होगा जिसके एंकर मनीष पॉल नहीं होंगे. क्योंकि मनीष पॉल ने अभी तक अनगिनत अवॉर्ड शो म्यूजिकल डांसिंग शोज़ की एंकरिंग करके अच्छा खासा नाम कमाया है. लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि मनीष पॉल का एक्टर बनने का सपना अभी भी अधूरा है जिस को पूरा करने की कोशिश जारी है.. अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए मनीष एंकरिंग के साथ एक्टिंग के लिए भी अग्रसर रहते हैं. जिसके चलते हाल ही में  वह उनकी रिलीज फिल्म जुग जुग जियो में एक महत्वपूर्ण किरदार में नजर आए. अब मनीष पॉल एक बार फिर रफू चक्कर वेब सीरीज के जरिए लोगों को चौंका रहे हैं. क्योंकि इस सीरीज में मनीष पॉल ने पांच अलग किरदार निभाए हैं. जिसके लिए उन्होंने बहुत सारी तैयारी की है .10 से 15 किलो तक  वजन कम कर के और फिर वही वजन फिर से बढ़ाकर. इस सीरीज के लिए कई किरदार अदा किये  है. मनीष पॉल ने कोई कसर नहीं छोड़ी है अपने आप को बेहतर एक्टर प्रस्तुत करने के लिए. इसके अलावा भी मनीष पॉल सोनी चैनल पर प्रसारित कॉमेडी सर्कस, और कुछ फिल्मों में भी नजर आए हैं. पेश है मनीष पॉल जैसे बेहतरीन एक्टर एंकर और कॉमेडियन के साथ दिलचस्प बातचीत के खास अंश. ताजातरीन बातचीत के दौरान.

प्रश्न- आपकी ताजातरीन वेब सीरीज रफू चक्कर के लिए आप की काफी तारीफ हो रही है इसमें आपने कई तरह के किरदार निभाए हैं सुना है उसके लिए आपने मेहनत भी बहुत की है. क्या इस बारे में कुछ बताएंगे?

हा… रफूचक्कर मेरे लिए बहुत ही चैलेंजिंग रहा है. क्योंकि इसके लिए मुझे करीबन 20 किलो वजन बढ़ाना पड़ा. जो मैंने आज तक कभी नहीं किया. इसके बाद मुझे रफूचक्कर का ही दूसरा किरदार निभाने के लिए मुझे फिर से अपना उतना ही वजन कम करना पड़ा . क्योंकि वह मेरा दूसरा गेटअप था. इस वेब सीरीज में मेरा एक नहीं बल्कि पांच अलग-अलग रूप हैं. जो  मुश्किल और चैलेंजिग भी है. खास तौर पर जब मैंने बूढ़े का किरदार निभाया . तो वह मेरे लिए और सबसे ज्यादा मुश्किल था. क्योंकि उसमें मेरा मेकअप बहुत मुश्किल और तकलीफ देह था. लेकिन इन सबके बावजूद जब मुझे दर्शकों का अच्छा रिस्पांस मिला तो मैं अपनी सारी तकलीफ भूल गया .एक एक्टर के तौर पर मुझे रफ़ूचक्कर में अपना किरदार निभाकर अभिनय संतुष्टि मिली. 

प्रश्न – दिल्ली से मुंबई तक का आपका सफर काफी मुश्किल और संघर्ष मय रहा है .इस दौरान क्या कभी आपको निराशा हुई?

निराशा तो नहीं बोल सकते कभी-कभी परेशान जरूर हो जाता था. जब आर्थिक तंगी के चलते संघर्ष के दौरान काफी कुछ झेलना पड़ता था. जैसे कि अब तक के कैरियर में मुझे जो भी काम मिला मैंने वह किया.. शूटिंग स्थल तक पहुंचने के लिए पैसों के अभाव के चलते मैं कई घंटों चलता रहता था ताकि रिक्शा बस का पैसा बचा सकूं. फन रिपब्लिक सिनेमा की सीढ़ियों पर बैठकर लोगों को फोन किया करता था. ताकि मैं ऑडिशन दे सकूं और काम पाने के लिए निर्माताओं से मिल सकूं. मैंने काफी समय यश राज स्टूडियो के बाहर जो सैंडविच वाले होते हैं उनके पास एक सैंडविच खा कर पूरा दिन गुजार कर भी मुश्किल वक्त गुजारा है. लेकिन इस बीच कभी भी मैं पूरी तरह से निराश नहीं हुआ. और ना ही मैंने यह सोचा की अब और नहीं होगा . यानी कि मैंने कभी भी हार नहीं मानी. क्योंकि मेरे साथ मेरी मां पिता का पूरा सपोर्ट था. मेरी पत्नी संयुक्तता जो मेरी बचपन की दोस्त भी है ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया. घरवालों के मेंटल सपोर्ट की वजह से ही मैं जिंदगी में आगे बढ़ पाया. उन्हीं की बदौलत मैंने छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक लंबा सफर आसानी से तय कर लिया. मुझे पहला शो संडे टैगो में एंकरिंग करने का मौका मिला. उसके बाद मैंने रेड़ियो जॉकी औऱ वीडियो जॉकी बन कर कई सारे शोज किए. उसके बाद राधा की बेटियां कुछ कर दिखाएंगी , घोस्ट बना दोस्त, जिंदादिल जैसे सीरियलों में काम किया। सारेगामा लिटिल चैंप्स में बताओ एंकर काम करने का मौका मिला. उसके बाद अक्षय कुमार कैटरीना कैफ की फिल्म तीस मारखा में रोल निभाने का मौका मिला . आखिरकार बतौर हीरो मिकी वायरस फिल्म करने का मौका मिला. जो मेरे लिए बहुत बड़ा मौका था.

प्रश्न – पहली फिल्म मिकी वायरस की असफलता ने क्या आपको आहत किया?

जब हम किसी चीज के लिए मेहनत करते हैं. और हमारी उससे कई सारी उम्मीदें जुड़ी होती हैं. तो दुख तो होता ही है लेकिन फिल्म फ्लॉप होने के बावजूद मैंने हार नहीं मानी. और ना ही मैंने टीवी छोड़ा. जब मैंने मिकी वायरस फिल्म साइन की थी . तो मुझे कई लोगों ने बोला कि मैं टीवी मैं काम करना बंद कर दू . लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. मैंने कभी भी बड़े पर्दे के लिए छोटे पर्दे को नजर अंदाज़ नहीं किया. और मेरी इसी अच्छाई ने बड़े पर्दे की तरफ बढ़ने के लिए मेरा साथ दिया. मिकी वायरस की असफलता के बावजूद जुग जुग जियो में मुझे अच्छा और बड़ा रोड मिला जिसका मुझे फायदा भी हुआ मुझे लोगों ने बतौर एक्टर पसंद किया. और मुझे अच्छे-अच्छे रोल ऑफर होने लगे. जिनमें से एक रफू चक्कर वेब सीरीज है. 

प्रश्न – दिल्ली से मुंबई जब भी कोई लड़का एक्टर बनने आता है तो कोई ना कोई बड़ा हीरो उसका आइडियल होता है. ऐसे में आप सबसे ज्यादा कौन से हीरो से प्रभावित थे?

मैं अमित जी का बहुत बड़ा फैन हूं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे अपने जन्मदिन पर उनका आशीर्वाद  मिल जाता है. अमित जी के साथ मुझे थोड़ा भी स्क्रीन शेयर करने को मिलता है तो मैं गदगद हो जाता हूं. अमित जी के अलावा अनिल कपूर और अक्षय कुमार भी मेरे बहुत फेवरेट है. उनके साथ काम करने में अलग ही मजा आता है.

प्रश्न – बतौर एंकर आप काफी लोकप्रिय है आप की कॉमेडी टाइमिंग बहुत अच्छी है .आप ही की तरह भारती सिंह और कपिल शर्मा भी बहुत अच्छी एंकरिंग करते हैं. ऐसे में क्या आप उनको अपना प्रतिद्वन्दी मानते हैं

नही ..बिल्कुल नहीं. भारती सिंह तो मेरी बहन जैसी है. हम दोनों ने साथ में संघर्ष किया है कई शोज में हम दोनों दर्शकों के बीच फंस जाते थे.  तो हमे वहां से सरपट भागना पड़ता था. संघर्ष के दिनों से लेकर आज तक भारती और मैंने एक दूसरे का हमेशा साथ दिया. हमने कई सारे कॉमेडी एक्ट कॉमेडी सर्कस शो में किए हैं .जो दर्शकों द्वारा काफी पसंद किए गए. कपिल शर्मा भी मेरे भाई जैसा है हमारे बीच में कोई जलन या प्रतिद्वंदिता नहीं है. हम एक दूसरे की इज्जत करते हैं. और हमेशा एक दूसरे के काम भी आते हैं.

प्रश्न -एक कॉमेडियन के लिए गंभीर रोल करना कितना मुश्किल होता है ? जबकि वह अपनी कॉमेडी में टाइप्ड हो चुका हो. जैसे कि आप की पहली फिल्म मिकी वायरस फ्लॉप रही. जबकि जुग जुग जियो में आप की कॉमेडी को पसंद किया गया?

हां आप सही कह रही हैं. लोगों को यह बात बिल्कुल भी हजम नहीं होती की एक कॉमेडियन या हंसाने वाला एंकर गंभीर रोल भी अच्छे से निभा सकता है. अपने आपको अच्छा एक्टर साबित करने के लिए एक कॉमेडियन को एक्टर से भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. मैंने भी ऐसा ही किया. जिसके चलते रफू चक्कर में गंभीर किरदार में भी लोगों ने मुझे पसंद किया. मैं मुंबई एक्टर बनने आया था और मेरी आखिर तक कोशिश रहेगी कि मैं अपने आपको दर्शकों की नजर में अच्छा एक्टर साबित कर सकूं.

प्रश्न -आजकल इंडस्ट्री में गुटबाजी का चलन है. किसी ग्रुप में जुड़े रहने से फिल्मों में काम पाना आसान हो जाता है. क्या आप कभी किसी ग्रुप में शामिल हुए?

नहीं मैं किसी भी गैंग या  ग्रुप का हिस्सा नहीं हूं. मेरे सभी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं. शाहरुख सलमान अक्षय सभी से मुझे प्यार और सम्मान मिला है. एंकरिंग की वजह से मेरे सभी के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं. मेरा मानना है अच्छा काम मुझे तभी मिलेगा जब या तो मेरे नसीब में होगा, या मेरी मेहनत रंग लाएगी. गुटबाजी करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा. इससे बेहतर है मैं अपने काम पर ध्यान दू.

प्रश्न -आपने अपने कैरियर की शुरुआत सन 2002 में की थी आज 2023 में आप अपने आप को कितना संतुष्ट पाते हैं?

मैं अपने अब तक के कैरियर से बहुत खुश हूं. इतने लंबे कैरियर के बाद भी आप लोग मुझे देखना चाहते हैं. मुझे पसंद करते हैं. आज भी मुझे काम मिल रहा है, मेरे काम की सराहना भी हो रही है, पारिवारिक, मानसिक और आर्थिक तौर पर मैं स्थिर और संतुष्ट  हूं. एक समय में खाने के लिए पैसे नहीं थे. आज घर गाड़ी पैसा सब कुछ है. अपनों और दर्शकों का प्यार है. इससे ज्यादा क्या चाहिए.

प्रश्न -आपने एक शो भी किया था अपने नाम से . मूवी मस्ती विद मनीष पॉल, उससे आपको कितना फायदा मिला?

मेरा वह शो बहुत ही मजेदार था. लेकिन उसके लिमिटेड एपिसोड थे इसलिए ज्यादा नहीं आगे बढ़ा पाए. यह गेम शो फिल्मों पर आधारित था, जिसमें आए कलाकार भी जवाब नहीं दे पा रहे थे. क्योंकि मैं खुद फिल्मी कीड़ा हूं. मुझे फिल्मों से प्यार है. इसीलिए मुझे यह शो करने में बहुत मजा आया था.

प्रश्न – आपका परिवार आपकी पत्नी कभी सोशल मीडिया पर नजर नहीं आती. क्या आप नहीं चाहते कि आपकी फैमिली सोशल मीडिया पर नजर आए?

नही ऐसी कोई बात नहीं है. मेरे परिवार शो बिजनेस से दूर रहता है. मैं अपने परिवार को साल में एक बार लंबी छुट्टियों पर घुमाने ले जाता हू.

खतरे में सलमान खान की जान! गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने फिर दी धमकी

बॉलीवुड एक्टर सलमान खान इन दिनों सुर्खियों में है. सलमान खान इन दिनों मुसीबत में घिरते नजर आ रहे है जिन्हे एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिल रही है वैसे तो सलमान खान टाइट सिक्योरिटी के बीच रहते है लेकिन मोस्ट वाटेंड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने उन्हे जान से मारने की धमकी दी है जिसे खुद गोल्डी बराड़ ने एक इंटरव्यू देते बताया है कि उनका टारगेट कौन है.

 

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मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने मीडिया से बात की है. इस दौरान गोल्डी बराड़ ने कहा है कि सलमान खान हमारे टारगेट हैं और मौका मिलने पर उनको जरूर मारेंगे. गोल्डी बराड़ का कहना है कि सलमान खान ने काला हिरण मारकर विश्नोई समाज की बेईज्जती की है. विश्नोई समाज काले हिरण को पूजता है. भाईसाहब (लॉरेंस विश्नोई) के कहने पर भी सलमान खान ने माफी नहीं मांगी इसलिए जब भी मौका मिलेगा उनको मारेगा. गोल्डी बराड़ का कहना है कि उनका गैंग ना तो खलिस्तान का समर्थन करता है ना ही आईएसआई से उनका लेना-देना है. इसके अलावा गोल्डी बराड़ ने सिद्दू मूसेवाला के मर्डर को लेकर भी बात की है.

 

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बता दें, कि सन् 1998 में हम साथ-साथ की शूटिंग के दौरान, जोधपुर में सलमान खान पर काला हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था.जिसके बाद उनका केस भी चला और उन्हे जेल भी हुई. इसके बाद लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ ने सलमान खान को कई बार धमकी दी है. सलमान खान के वर्क फ्रंट की बात करें तो दिवाली पर रिलीज होने वाली अपनी फिल्म ‘टाइगर 3’ में नजर आएंगे। इस फिल्म में उनके साथ कटरीना कैफ और इमरान हाशमी भी हैं. सलमान खान पिछली बार ईद पर रिलीज हुई फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ में दिखाई दिए थे और उनकी इस फिल्म को ठीक रिस्पॉन्स मिला था.

Shehnaaz Gill इटली में मना रही है छुट्टियां, दिए हॉट पोज

शहजान गिल इन दिनों सुर्खियों में बनीं हुई है वजह है उनका इचली की सड़को पर नजर आना. जहां वह एक से बढ़कर एक पोज देती हुई नजर आ रही है. जी हां, इन दिनो शहनाज गिल इटली में अपनी छुट्टियां बिता रही है जहा की तस्वीरें वो सोशल मीडिया पर अपलोड़ करती हुई दिख रही है.

 

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आपको बता दें, कि शहनाज गिल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है जहां वो एक से बढ़कर एक फोटो और वीडियो शेयर करती रहती है जिसपर फैंस भी जमकर कमेंट करते नजर आते है अब हाल ही में उन्होंने इटली की तस्वीरें साझा की है. जिसमें वो बेहद ही हॉट नजर आ रही है.

शहनाज गिल इटली में ब्लैक शॉर्ट्स में दिख रही है जिसके साथ उन्होंने ब्लैक टॉप कैरी किया है. पैरों में भी ब्लैक चप्पल कैरी की हुई है. इस आउटफिट में शहनाज बेहद ही खूबसूरत लग रही है.एक तस्वीर में एक्ट्रेस काला चश्मा लगाती हुई दिख रही है जिसमें वह बेहद ही हॉट दिख रही है.दूसरी तस्वीर में एक्ट्रेस समुंद्र के पास दिख रही है जिसे देख ऐसा लग रहा है कि वह स्विमिंग करने वाली है.

 

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बता दें कि एक्ट्रेस शहनाज गिल की फैन फॉलोइंग काफी लंबी- चौड़ी है. इंस्टाग्राम पर एक्ट्रेस को 15 मिलियन से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. वही बात करें उनके कैरियर की तो शहनाज हाल ही में सलमान खान स्टारर फिल्म किसी का भाई किसी की जान में नजर आई थी, इससे पहले वो टीवी का पॉपुलर शो बिग बॉस में नजर आ चुकी है.

जिम्मी शेरगिल: हर किरदार में फिट

साल 1996 में गुलजार की फिल्म ‘माचिस’ से ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत करने वाले जिम्मी शेरगिल को उस के 4 साल बाद आई फिल्म ‘मोहब्बतें’ से थोड़ी कामयाबी मिली थी. फिर उन्होंने ‘हासिल’, ‘ए वैडनैसडे’, ‘तनु वैड्स मनु’, ‘मुक्काबाज’ समेत कई फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी दिखाई.

इसी बीच जिम्मी शेरगिल ने कई पंजाबी फिल्मों में भी काम किया और साल 2011 से 2013 के बीच उन्होंने खुद 4 पंजाबी फिल्में भी बना डालीं, पर अच्छे अनुभव नहीं हुए, तब वे दोबारा हिंदी फिल्मों में बिजी हो गए.

इन दिनों जिम्मी शेरगिल श्रवण तिवारी की फिल्म ‘आजम’ को ले कर सुर्खियों में हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के अंश : अब तक के अपने फिल्म कैरियर के उतारचढ़ाव पर आप क्या कहना चाहेंगे?

मैं ने अब तक जो भी फिल्में की हैं, वे लोगों को पसंद आई हैं और आज भी दर्शक उन की चर्चा करते हैं. मैं ने कुछ प्रयोगात्मक फिल्में भी कीं, जिन्हें लोगों ने सिरे से नकार दिया. पर आज जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूं तो खुशी होती है कि मैं ने अपने मन के मुताबिक फैसले लिए थे.

क्या आप को ऐसा नहीं लगता कि आप ने अपने कैरियर में जितने प्रयोग किए, उतने प्रयोग करने की हिम्मत कोई कलाकार नहीं दिखाता?

सच कहूं, तो मैं इस तरह से चीजों को नहीं देखता हूं. मैं तो सिर्फ अपने काम पर ही गौर करता हूं. मेरी कोशिश कुछ अलग करने की थी. मैं हमेशा अपनेआप को अलग किरदार में देखना चाहता था. फिर उस से कुछ अलग करना चाहता था.

जब ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ फिल्म आई, तो मैं उस में हीरो नहीं था, पर लोगों की समझ में आया कि मैं संजीदा किरदार भी निभा सकता हूं. फिल्म ‘ए वैडनैसडे’ देख कर लोगों को लगा कि जिम्मी तो गुस्सैल किस्म के किरदार भी अच्छे से निभा लेता है. जब ‘तनु वैड्स मनु’ आई, तो लोगों को अहसास हुआ कि जिम्मी तो गंभीर किरदार में भी कौमेडी ले कर आ जाता है.

जब आप का कैरियर ऊंचाइयों पर था, तब आप हिंदी फिल्मों के साथसाथ पंजाबी फिल्मों में भी बिजी थे, तभी आप ने साल 2011 से 2013 के बीच 4 पंजाबी फिल्में बनाई थीं, मगर उस के बाद आप ने पंजाबी फिल्में बनानी क्यों बंद कर दीं?

फिल्म बनाना फुलटाइम जौब है. उस समय अचानक मेरी सेहत से जुड़ी कुछ समस्याएं पैदा हो गई थीं. हिंदी फिल्मों को ले कर मेरे कुछ कमिटमैंट थे, जिन्हें मुझ को जल्द से जल्द पूरा करना था, तो फिल्म बनाने के लिए मुझे पूरा समय देना चाहिए था, जबकि मैं बतौर निर्माता पंजाबी फिल्मों को पूरा समय नहीं दे पा रहा था, जिस के चलते मेरे अनुभव कुछ खास नहीं थे.

क्या आप को नहीं लगता कि सिर्फ पंजाबी सिनेमा ही नहीं, बल्कि पंजाबी गीतसंगीत भी इस कदर लोकप्रिय है कि हिंदी फिल्मों में भी अब पंजाबी गाने नजर आने लगे हैं?

पंजाबी गीतसंगीत तो एक जमाने से लोकप्रिय रहा है. मुझे लगता है कि हिंदी सिनेमा की शुरुआत से पंजाबी गीतसंगीत का इस्तेमाल होता आया है. आप गौर करेंगे तो पता चलेगा कि तकरीबन हर हिंदी फिल्म में एक पंजाबी गाना हुआ करता था. श्रवण तिवारी की फिल्म ‘आजम’ से जुड़ने की कोई खास वजह?

मुझे इस की पटकथा बहुत पसंद आई. कहानी और पटकथा लिखने के तरीके ने ही मुझे इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए मजबूर कर दिया.

आप गुलजार, अनुराग कश्यप, राम गोपाल वर्मा समेत कई दिग्गज डायरैक्टरों के साथ काम कर चुके हैं. अब श्रवण तिवारी के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा?

श्रवण तिवारी बहुत गजब के निर्देशक हैं. वे गजब के लेखक हैं. मेरा अनुभव तो उन के साथ सिर्फ इस फिल्म में काम करने का रहा है, मगर उन्होंने केके मेनन के साथ एक वैब सीरीज ‘मुर्शीद’ बनाई है, जिस के कुछ सीन मैं ने देखे तो पाया कि वे कमाल के डायरैक्टर हैं.

सोशल मीडिया के आने के बाद फिल्म का प्रचार करना कितना आसान हो गया है और इस का असर कितना फायदेमंद है?

सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस चीज का प्रचार कर रहे हैं. पर सोशल मीडिया और इंटरनैट की वजह से कुछ तो आसानी हो गई है. आप एक बटन दबा कर लाखों लोगों तक अपनी चीज भेज देते हैं. मगर यह जरूरी नहीं कि आप की चीज लाखों लोगों को पसंद ही आए.

फिल्म ‘आजम’ के बाद आप नया क्या कर रहे हैं? मैं ने नीरज पांडे के साथ फिल्म ‘औरों में कहां दम था’ पूरी की है, जिस में अजय देवगन और तब्बू भी हैं. इस के अलावा आनंद एल. राय की फिल्म ‘हसीन दिलरुबा 2’ भी पूरी की है.

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