अंधविश्वास चाहे जैसा भी हो हमारे विवेक शील मनुष्य होने पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है.यह समय और समाज पर प्रश्न चिन्ह है. इसके बावजूद अंधविश्वास की अजब गजब हरकतें देखने को मिलती है जो यह बताती है कि आज 21 वी शताब्दी में भी लोगों के जेहन में किस तरह अशिक्षा और पिछड़ापन समाया हुआ है. जिसे दूर करने की आवश्यकता है.
अंधविश्वास कुछ ऐसे होते हैं कि जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते अब आप ही सोचिए
अगर किसी शख्स की करंट (बिजली) से मौत हो जाये और अगर उसे कीचड़ से लपेट दिया तो उसका जीवन लौट आएगा? डूबने से किसी की मौत के बाद उसे उल्टा लटका दिया जाए और यह माना जाए कि यह जीवित हो जाएगा तो क्या यह मानसिक दिवालियापन और अंधविश्वास की पराकाष्ठा नहीं है.
लोगों में आज भी अंधविश्वास कुछ ऐसा कूट कूट कर भरा हुआ है कि यह देखकर आश्चर्य होता है कि दुनिया जब चांद सितारों तक पहुंच गई है जब रोबोट सब कुछ नियंत्रित करने के लिए बन कर तैयार हैं, आज भी हमारे देश में अंधविश्वास की घटनाएं घटित हो रही है जो यह बता रही हैं कि पिछड़ापन और कमजोर सोच किस तरह हमारे देश के लोगों को घुन की तरह खा रही है.
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करंट से मौत के बाद, कीचड़
मध्यप्रदेश के धार जिले में महू से लगे सागौर के मोतीनगर में दो व्यक्ति करंट की चपेट में आ गए. एक की मौत हो गई गई, जबकि दूसरा झुलस गया. घायल शख्स को लोग अस्पताल ले गए जबकि मृतक को कीचड़ में लपेट दिया गया. परिवार के सदस्यों का मनना था कि शायद ऐसा करने से फिर से सांसें चलने लगेंगी. इसी दौरान बात पुलिस तक पहुंची और वह आ पहुंची. पुलिस ने मृतक के साथ परिजनों का कु कृत्य देखा तो परिजनों को समझाया, कहा- यह अंधविश्वास है। इससे सांसें नहीं लौटेगी.
इस पर परिजनों ने पुलिस की बात मानने से इनकार कर दिया और गिड़गिड़ा कर के कहने लगे कि साहब आप देख लेना यह जिंदा हो जाएगा.
पुलिस के लाख समझाने के बाद भी परिजन अपनी बात पर अड़े रहे मामला मानवीय संवेदना का था इसलिए पुलिस को भी इंतजार करना पड़ा और समय सीमा समाप्त होने के बाद भी मृतक जिंदा नहीं हुआ तो परिजनों के चेहरे लटक गए.
इसके बाद पुलिस ने मृतक को पोस्टमार्टम के लिए हॉस्पिटल भेज दिया.
पुलिस ने हमारे संवाददाता को बताया मोतीनगर में भागीरथ शंकरलाल का मकान बन रहा था उसके मकान के ऊपर से 11 केवी लाइन गुजर रही है.यहां जाकुखेड़ी निवासी मजदूर सलमान (30) पुत्र जब्बार पटेल व इरफान (30) उर्फ गट्टा पुत्र साबिर पटेल टेप से बिजली की लाइन की दूरी की नाप रहे थे. इसी दरमियान करंट की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो गए. करंट से सलमान की मौत हो गई, वहीं इरफान गंभीर घायल हो गया .
और शुरू हो गया अंधविश्वास
करंट से मौत के बाद मृतक के परिजन भी आ पहुंचे, किसी ने उन्हें सलाह दी कि सावन भादो का महीना है ऐसे में अगर किसी करंट या बिजली से मृत व्यक्ति को कीचड़ में कुछ समय के लिए दबा दिया जाए तो वह जिंदा हो जाता है. इस बात को मृतक के परिजनों ने मान लिया और तुरंत मृतक को कीचड़ में ले गए. आनन-फानन में मृतक सलमान को कीचड़ में रखकर उसके ऊपर ढेर सारी कीचड़ डाल दी गई और इंतजार किया जाने लगा कि अब चमत्कार होगा सलमान फिर से जिंदा हो जाएगा.
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बीच सड़क पर अंधविश्वास का नाटक देख कर कुछ लोगों ने प्रशासन के पास इसकी शिकायत की थोड़ी ही देर बाद पुलिस पहुंची और सारा नजारा देखने के बाद भी परिजनों को समझाने का प्रयास किया गया मगर वे नहीं माने और अपनी बात पर टिके हुए थे. मामला चूंकि अनोखा और अजूबे से भरा हुआ था ऐसे में स्थानीय मीडिया भी घटनास्थल पर पहुंची और सब कुछ रिकॉर्ड में आता चला गया.
यहां उल्लेखनीय है कि आसपास के लोगों ने घायल इरफान को इलाज के लिए अस्पताल ले गए, लेकिन सलमान को परिजन ने उसे जीवित करने के नाम पर कीचड़ लपेट अंधविश्वास का परिचय देते रहे. संवाददाता के अनुसार थाना प्रभारी राजेंद्रसिंह भदौरिया जब घटना स्थल पहुंचे और भारी मशक्कत के बीच शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. उन्होंने बताया मृतक सलमान के दो बच्चे हैं.
दूसरी तरफ बिजली कंपनी के जूनियर इंजीनियर इम्तियाज खान के मुताबिक कुछ लोग 11 केवी लाइन के नीचे मकान बना रहे हैं, जो अपने आप में अपराधिक कृत्य है लोगों को यह समझना चाहिए कि हम अपनी जान से न खेलें और अवैध निर्माण ना करें.